< 1 समु 29 >
1 और फ़िलिस्ती अपने सारे लश्कर को अफ़ीक़ में जमा' करने लगे और इस्राईली उस चश्मा के नज़दीक जो यज़र'एल में है ख़ेमा ज़न हुए।
Therfor alle the cumpenyes of Filisteis weren gaderid in Aphec, but also Israel settide tentis aboue the welle that was in Jezrael.
2 और फ़िलिस्तियों के उमरा सैकड़ों और हज़ारों के साथ आगे — आगे चल रहे थे और दाऊद अपने लोगों के साथ अकीस के साथ पीछे — पीछे जा रहा था।
And sotheli the princis of Filisteis yeden in cumpenyes of an hundrid, and in thousyndis; forsothe Dauid and hise men weren in the laste cumpenye with Achis.
3 तब फ़िलिस्ती अमीरों ने कहा, “इन 'इब्रानियों का यहाँ क्या काम है?” अकीस ने फ़िलिस्ती अमीरों से कहा “क्या यह इस्राईल के बादशाह साऊल का ख़ादिम दाऊद नहीं जो इतने दिनों बल्कि इतने बरसों से मेरे साथ है और मैंने जब से वह मेरे पास भाग आया है आज के दिन तक उस में कुछ बुराई नहीं पाई?”
And the princes of Filisteis seiden to Achis, What wolen these Ebreis to hem silf? And Achis seide to the princes of Filisteis, Whether ye knowen not Dauid, that was the seruaunt of Saul, kyng of Israel? and he was with me in many daies, `ether yeeris, and Y foond not in hym ony thing, fro the dai, in which he fledde to me `til to this dai.
4 लेकिन फ़िलिस्ती हाकिम उससे नाराज़ हुए और फ़िलिस्ती ने उससे कहा, इस शख़्स को लौटा दे कि वह अपनी जगह को जो तूने उसके लिए ठहराई है वापस जाए, उसे हमारे साथ जंग पर न जाने दे ऐसा न हो कि जंग में वह हमारा मुख़ालिफ़ हो क्यूँकि वह अपने आक़ा से कैसे मेल करेगा? क्या इन ही लोगों के सिरों से नहीं?
Sotheli the princes of Filisteis weren wrooth ayens hym, and seiden to hym, The man turne ayen, and sitte in his place, in which thou hast ordened hym, and come he not down with vs in to batel, lest he be maad aduersarie to vs, whanne we han bigunne to fiyte; for hou mai he plese his lord in other maner, no but in oure heedis?
5 क्या यह वही दाऊद नहीं जिसके बारे में उन्होंने नाचते वक़्त गा — गा कर एक दूसरे से कहा कि “साऊल ने तो हज़ारों को पर दाऊद ने लाखों को मारा?”
Whether this is not Dauid, to whom thei sungen in daunsis, and seiden, Saul smoot in thousyndis, and Dauid smoot in hise ten thousyndis?
6 तब अकीस ने दाऊद को बुला कर उससे कहा, “ख़ुदावन्द की हयात की क़सम कि तू सच्चा है और मेरी नज़र में तेरा आना जाना मेरे साथ लश्कर में अच्छा है क्यूँकि मैंने जिस दिन से तू मेरे पास आया आज के दिन तक तुझ में कुछ बुराई नहीं पाई तोभी यह हाकिम तुझे नहीं चाहते।
Therfor Achis clepide Dauid, and seide to hym, The Lord lyueth; for thou art riytful, and good in my siyt, and thi goyng out and `thin entryng is with me in castels, and Y `foond not in thee ony thing of yuel, fro the day in which thou camest to me til to this dai; but thou plesist not the princis.
7 इसलिए तू अब लौट कर सलामत चला जा ताकि फ़िलिस्ती हाकिम तुझ से नाराज़ न हों।”
Therfor turne thou ayen, and go in pees, and offende thou not the iyen of princis of Filisteis.
8 दाऊद ने अकीस से कहा, “लेकिन मैंने क्या किया है? और जब से मैं तेरे सामने हूँ तब से आज के दिन तक मुझ में तूने क्या बात पाई जो मैं अपने मालिक बादशाह के दुश्मनों से जंग करने को न जाऊँ।”
And Dauid seide to Achis, Forsothe what `dide Y, and what hast thou founde in me thi seruaunt, fro the dai in which Y was in thi siyt til in to this dai, that Y come not, and fiyte ayens the enemyes of my lord the kyng?
9 अकीस ने दाऊद को जवाब दिया “मैं जानता हूँ कि तू मेरी नज़र में ख़ुदा के फ़रिश्ता की तरह नेक है तोभी फ़िलिस्ती हाकिम ने कहा है कि वह हमारे साथ जंग के लिए न जाए।
Forsothe Achis answeride, and spak to Dauid, Y woot that thou art good, and as the aungel of God in my iyen; but the princes of Filisteis seyden, He schal not stie with vs in to batel.
10 इसलिए अब तू सुबह सवेरे अपने आक़ा के ख़ादिमों को लेकर जो तेरे साथ यहाँ आए हैं उठना और जैसे ही तुम सुबह सवेरे उठो रोशनी होते होते रवाना हो जाना।”
Therfor rise thou eerli, thou, and thi seruauntis that camen with thee; and whanne ye han ryse bi nyyt, and it bigynneth to be cleer, go ye.
11 इसलिए दाऊद अपने लोगों के साथ तड़के उठा ताकि सुबह को रवाना होकर फ़िलिस्तियों के मुल्क को लौट जाए और फ़िलिस्ती यज़र'एल को चले गए।
Therfor Dauid roos bi nyyt, he and hise men, that thei schulden go forth eerli, and turne ayen to the lond of Fylisteis; sotheli Filisteis stieden in to Jezrael.