< 1 समु 25 >

1 और समुएल मर गया और सब इस्राईली जमा' हुए और उन्होंने उस पर नौहा किया और उसे रामा में उसी के घर में दफ़न किया और दाऊद उठ कर फ़ारान के जंगल को चला गया।
וַיָּמׇת שְׁמוּאֵל וַיִּקָּבְצוּ כׇל־יִשְׂרָאֵל וַיִּסְפְּדוּ־לוֹ וַיִּקְבְּרֻהוּ בְּבֵיתוֹ בָּרָמָה וַיָּקׇם דָּוִד וַיֵּרֶד אֶל־מִדְבַּר פָּארָֽן׃
2 और म'ऊन में एक शख़्स रहता था जिसकी जायदाद करमिल में थी यह शख़्स बहुत बड़ा था और उस के पास तीन हज़ार भेड़ें और एक हज़ार बकरियाँ थीं और यह कर्मिल में अपनी भेड़ों के बाल कतर रहा था।
וְאִישׁ בְּמָעוֹן וּמַֽעֲשֵׂהוּ בַכַּרְמֶל וְהָאִישׁ גָּדוֹל מְאֹד וְלוֹ צֹאן שְׁלֹשֶׁת־אֲלָפִים וְאֶלֶף עִזִּים וַיְהִי בִּגְזֹז אֶת־צֹאנוֹ בַּכַּרְמֶֽל׃
3 इस शख़्स का नाम नाबाल और उसकी बीवी का नाम अबीजेल था, यह 'औरत बड़ी समझदार और ख़ूबसूरत थी लेकिन वह आदमी बड़ा बे अदब और बदकार था और वह कालिब के ख़ानदान से था।
וְשֵׁם הָאִישׁ נָבָל וְשֵׁם אִשְׁתּוֹ אֲבִגָיִל וְהָאִשָּׁה טֽוֹבַת־שֶׂכֶל וִיפַת תֹּאַר וְהָאִישׁ קָשֶׁה וְרַע מַעֲלָלִים וְהוּא (כלבו) [כָֽלִבִּֽי]׃
4 और दाऊद ने वीराने में सुना कि नाबाल अपनी भेड़ों के बाल कतर रहा, है।
וַיִּשְׁמַע דָּוִד בַּמִּדְבָּר כִּי־גֹזֵז נָבָל אֶת־צֹאנֽוֹ׃
5 इसलिए दाऊद ने दस जवान रवाना किए और उसने उन जवानों से कहा, “कि तुम कर्मिल पर चढ़कर नाबाल के पास जाओ, और मेरा नाम लेकर उसे सलाम कहो।
וַיִּשְׁלַח דָּוִד עֲשָׂרָה נְעָרִים וַיֹּאמֶר דָּוִד לַנְּעָרִים עֲלוּ כַרְמֶלָה וּבָאתֶם אֶל־נָבָל וּשְׁאֶלְתֶּם־לוֹ בִשְׁמִי לְשָׁלֽוֹם׃
6 और उस ख़ुश हाल आदमी से यूँ कहो कि तेरी और तेरे घर कि और तेरे माल असबाब की सलामती हो।
וַאֲמַרְתֶּם כֹּה לֶחָי וְאַתָּה שָׁלוֹם וּבֵיתְךָ שָׁלוֹם וְכֹל אֲשֶׁר־לְךָ שָׁלֽוֹם׃
7 मैंने अब सुना है कि तेरे यहाँ बाल कतरने वाले हैं और तेरे चरवाहे हमारे साथ रहे और हमने उनको नुक़्सान नहीं पहूँचाया और जब तक वह कर्मिल में हमारे साथ रहे उनकी कोई चीज़ खोई न गई।
וְעַתָּה שָׁמַעְתִּי כִּי גֹזְזִים לָךְ עַתָּה הָרֹעִים אֲשֶׁר־לְךָ הָיוּ עִמָּנוּ לֹא הֶכְלַמְנוּם וְלֹֽא־נִפְקַד לָהֶם מְאוּמָה כׇּל־יְמֵי הֱיוֹתָם בַּכַּרְמֶֽל׃
8 तू अपने जवानों से पूछ और वह तुझे बताएँगे, तब इन जवानों पर तेरे करम की नज़र हो इसलिए कि हम अच्छे दिन आए हैं, मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि जो कुछ तेरे क़ब्ज़े में आए अपने ख़ादिमों को और अपने बेटे दाऊद को 'अता कर।”
שְׁאַל אֶת־נְעָרֶיךָ וְיַגִּידוּ לָךְ וְיִמְצְאוּ הַנְּעָרִים חֵן בְּעֵינֶיךָ כִּֽי־עַל־יוֹם טוֹב בָּנוּ תְּנָה־נָּא אֵת אֲשֶׁר תִּמְצָא יָֽדְךָ לַעֲבָדֶיךָ וּלְבִנְךָ לְדָוִֽד׃
9 इसलिए दाऊद के जवानों ने जाकर नाबाल से दाऊद का नाम लेकर यह बातें कहीं और चुप हो रहे।
וַיָּבֹאוּ נַעֲרֵי דָוִד וַיְדַבְּרוּ אֶל־נָבָל כְּכׇל־הַדְּבָרִים הָאֵלֶּה בְּשֵׁם דָּוִד וַיָּנֽוּחוּ׃
10 नाबाल ने दाऊद के ख़ादिमों को जवाब दिया “कि दाऊद कौन है? और यस्सी का बेटा कौन है? इन दिनों बहुत से नौकर ऐसे हैं जो अपने आक़ा के पास से भाग जातें हैं।
וַיַּעַן נָבָל אֶת־עַבְדֵי דָוִד וַיֹּאמֶר מִי דָוִד וּמִי בֶן־יִשָׁי הַיּוֹם רַבּוּ עֲבָדִים הַמִּתְפָּרְצִים אִישׁ מִפְּנֵי אֲדֹנָֽיו׃
11 क्या मैं अपनी रोटी और पानी और ज़बीहे जो मैंनें अपने कतरने वालों के लिए ज़बह किए हैं, लेकर उन लोगों को दूँ जिनको मैं नहीं जानता कि वह कहाँ के हैं?”
וְלָקַחְתִּי אֶת־לַחְמִי וְאֶת־מֵימַי וְאֵת טִבְחָתִי אֲשֶׁר טָבַחְתִּי לְגֹזְזָי וְנָֽתַתִּי לַאֲנָשִׁים אֲשֶׁר לֹא יָדַעְתִּי אֵי מִזֶּה הֵֽמָּה׃
12 इसलिए दाऊद के जवान उलटे पाँव फिरे और लौट गए और आकर यह सब बातें उसे बताईं।
וַיַּהַפְכוּ נַעֲרֵֽי־דָוִד לְדַרְכָּם וַיָּשֻׁבוּ וַיָּבֹאוּ וַיַּגִּדוּ לוֹ כְּכֹל הַדְּבָרִים הָאֵֽלֶּה׃
13 तब दाऊद ने अपने लोगों से कहा, अपनी अपनी तलवार बाँध लो, इसलिए हर एक ने अपनी तलवार बाँधी और दाऊद ने भी अपनी तलवार लटकाई, तब क़रीबन चार सौ जवान दाऊद के पीछे चले और दो सौ सामान के पास रहे।
וַיֹּאמֶר דָּוִד לַאֲנָשָׁיו חִגְרוּ ׀ אִישׁ אֶת־חַרְבּוֹ וַֽיַּחְגְּרוּ אִישׁ אֶת־חַרְבּוֹ וַיַּחְגֹּר גַּם־דָּוִד אֶת־חַרְבּוֹ וַֽיַּעֲלוּ ׀ אַחֲרֵי דָוִד כְּאַרְבַּע מֵאוֹת אִישׁ וּמָאתַיִם יָשְׁבוּ עַל־הַכֵּלִֽים׃
14 और जवानों में से एक ने नाबाल की बीवी अबीजेल से कहा, “कि देख, दाऊद ने वीराने से हमारे आक़ा को मुबारकबाद देने को क़ासिद भेजे लेकिन वह उन पर झुंझलाया।
וְלַאֲבִיגַיִל אֵשֶׁת נָבָל הִגִּיד נַֽעַר־אֶחָד מֵהַנְּעָרִים לֵאמֹר הִנֵּה שָׁלַח דָּוִד מַלְאָכִים ׀ מֵהַמִּדְבָּר לְבָרֵךְ אֶת־אֲדֹנֵינוּ וַיָּעַט בָּהֶֽם׃
15 लेकिन इन लोगों ने हम से बड़ी नेकी की और हमारा नुक़्सान नहीं हुआ, और मैदानों में जब तक हम उनके साथ रहे हमारी कोई चीज़ गुम न हुई।
וְהָאֲנָשִׁים טֹבִים לָנוּ מְאֹד וְלֹא הׇכְלַמְנוּ וְלֹֽא־פָקַדְנֽוּ מְאוּמָה כׇּל־יְמֵי הִתְהַלַּכְנוּ אִתָּם בִּֽהְיוֹתֵנוּ בַּשָּׂדֶֽה׃
16 बल्कि जब तक हम उनके साथ भेड़ बकरी चराते रहे वह रात दिन हमारे लिए गोया दीवार थे।
חוֹמָה הָיוּ עָלֵינוּ גַּם־לַיְלָה גַּם־יוֹמָם כׇּל־יְמֵי הֱיוֹתֵנוּ עִמָּם רֹעִים הַצֹּֽאן׃
17 इसलिए अब सोच समझ ले कि तू क्या करेगी क्यूँकि हमारे आक़ा और उसके सब घराने के ख़िलाफ़ बदी का मंसूबा बाँधा गया है, क्यूँकि यह ऐसा ख़बीस आदमी है कि कोई इस से बात नहीं कर सकता।”
וְעַתָּה דְּעִי וּרְאִי מַֽה־תַּעֲשִׂי כִּֽי־כָלְתָה הָרָעָה אֶל־אֲדֹנֵינוּ וְעַל כׇּל־בֵּיתוֹ וְהוּא בֶּן־בְּלִיַּעַל מִדַּבֵּר אֵלָֽיו׃
18 तब अबीजेल ने जल्दी की और दो सौ रोटियाँ और मय के दो मश्कीज़े और पाँच पकी पकाई भेंडें और भुने हुए अनाज के पाँच पैमाने और किशमिश के एक सौ ख़ोशे और इन्जीर की दो सौ टिकियाँ साथ लीं और उनको गधों पर लाद लिया।
וַתְּמַהֵר (אבוגיל) [אֲבִיגַיִל] וַתִּקַּח מָאתַיִם לֶחֶם וּשְׁנַיִם נִבְלֵי־יַיִן וְחָמֵשׁ צֹאן (עשוות) [עֲשׂוּיוֹת] וְחָמֵשׁ סְאִים קָלִי וּמֵאָה צִמֻּקִים וּמָאתַיִם דְּבֵלִים וַתָּשֶׂם עַל־הַחֲמֹרִֽים׃
19 और अपने चाकरों से कहा, “तुम मुझ से आगे जाओ, देखो मैं तुम्हारे पीछे पीछे आती हूँ” और उसने अपने शोहर नाबाल को ख़बर न की।
וַתֹּאמֶר לִנְעָרֶיהָ עִבְרוּ לְפָנַי הִנְנִי אַחֲרֵיכֶם בָּאָה וּלְאִישָׁהּ נָבָל לֹא הִגִּֽידָה׃
20 और ऐसा हुआ, कि जैसे ही वह गधे पर चढ़ कर पहाड़ की आड़ से उतरी दाऊद अपने लोगों के साथ उतरते हुए उसके सामने आया और वह उनको मिली।
וְהָיָה הִיא ׀ רֹכֶבֶת עַֽל־הַחֲמוֹר וְיֹרֶדֶת בְּסֵתֶר הָהָר וְהִנֵּה דָוִד וַאֲנָשָׁיו יֹרְדִים לִקְרָאתָהּ וַתִּפְגֹשׁ אֹתָֽם׃
21 और दाऊद ने कहा, था “कि मैं इस पाजी के सब माल की जो वीराने में था बे फ़ाइदा इस तरह निगहबानी की कि उसकी चीज़ों में से कोई चीज़ गुम न हुई क्यूँकि उसने नेकी के बदले मुझ से बदी की।
וְדָוִד אָמַר אַךְ לַשֶּׁקֶר שָׁמַרְתִּי אֶֽת־כׇּל־אֲשֶׁר לָזֶה בַּמִּדְבָּר וְלֹא־נִפְקַד מִכׇּל־אֲשֶׁר־לוֹ מְאוּמָה וַיָּשֶׁב־לִי רָעָה תַּחַת טוֹבָֽה׃
22 इसलिए अगर मैं सुबह की रोशनी होने तक उसके लोगों में से एक लड़का भी बाक़ी छोडूँ तो ख़ुदावन्द दाऊद के दुशमनों से ऐसा ही बल्कि इससे ज़्यादा ही करे।”
כֹּה־יַעֲשֶׂה אֱלֹהִים לְאֹיְבֵי דָוִד וְכֹה יֹסִיף אִם־אַשְׁאִיר מִכׇּל־אֲשֶׁר־לוֹ עַד־הַבֹּקֶר מַשְׁתִּין בְּקִֽיר׃
23 और अबीजेल ने जो दाऊद को देखा, तो जल्दी की और गधे से उतरी और दाऊद के आगे औंधी गिरीं और ज़मीन पर सरनगूँ हो गई।
וַתֵּרֶא אֲבִיגַיִל אֶת־דָּוִד וַתְּמַהֵר וַתֵּרֶד מֵעַל הַחֲמוֹר וַתִּפֹּל לְאַפֵּי דָוִד עַל־פָּנֶיהָ וַתִּשְׁתַּחוּ אָֽרֶץ׃
24 और वह उसके पाँव पर गिर कर कहने लगी, “मुझ पर ऐ मेरे मालिक मुझी पर यह गुनाह हो और ज़रा अपनी लौंडी को इजाज़त दे कि तेरे कान में कुछ कहे और तू अपनी लौंडी की दरख़्वास्त सुन।
וַתִּפֹּל עַל־רַגְלָיו וַתֹּאמֶר בִּֽי־אֲנִי אֲדֹנִי הֶעָוֺן וּֽתְדַבֶּר־נָא אֲמָֽתְךָ בְּאׇזְנֶיךָ וּשְׁמַע אֵת דִּבְרֵי אֲמָתֶֽךָ׃
25 मैं तेरी मिन्नत करती हूँ कि मेरा मालिक उस ख़बीस आदमी नाबाल का कुछ ख़याल न करे क्यूँकि जैसा उसका नाम है वैसा ही वह है उसका नाम नाबाल है और हिमाक़त उसके साथ है लेकिन मैंनें जो तेरी लौंडी हूँ अपने मालिक के जवानों को जिनको तूने भेजा था नहीं देखा।
אַל־נָא יָשִׂים אֲדֹנִי ׀ אֶת־לִבּוֹ אֶל־אִישׁ הַבְּלִיַּעַל הַזֶּה עַל־נָבָל כִּי כִשְׁמוֹ כֶּן־הוּא נָבָל שְׁמוֹ וּנְבָלָה עִמּוֹ וַֽאֲנִי אֲמָתְךָ לֹא רָאִיתִי אֶת־נַעֲרֵי אֲדֹנִי אֲשֶׁר שָׁלָֽחְתָּ׃
26 और अब ऐ मेरे मालिक! ख़ुदावन्द की हयात की क़सम और तेरी जान ही की क़सम कि ख़ुदावन्द ने जो तुझे ख़ूँरेज़ी से और अपने ही हाथो अपना इन्तक़ाम लेने से बाज़ रख्खा है इसलिए तेरे दुश्मन और मेरे मालिक के बुराई चाहने वाले नाबाल की तरह ठहरें।
וְעַתָּה אֲדֹנִי חַי־יְהֹוָה וְחֵֽי־נַפְשְׁךָ אֲשֶׁר מְנָעֲךָ יְהֹוָה מִבּוֹא בְדָמִים וְהוֹשֵׁעַ יָדְךָ לָךְ וְעַתָּה יִֽהְיוּ כְנָבָל אֹֽיְבֶיךָ וְהַֽמְבַקְשִׁים אֶל־אֲדֹנִי רָעָֽה׃
27 अब यह हदिया जो तेरी लौंडी अपने मालिक के सामने लाई है, उन जवानों को जो मेरे ख़ुदावन्द की पैरवी करतें हैं दिया जाए।
וְעַתָּה הַבְּרָכָה הַזֹּאת אֲשֶׁר־הֵבִיא שִׁפְחָתְךָ לַֽאדֹנִי וְנִתְּנָה לַנְּעָרִים הַמִּֽתְהַלְּכִים בְּרַגְלֵי אֲדֹנִֽי׃
28 तू अपनी लौंडी का गुनाह मु'आफ़ करदे क्यूँकि ख़ुदावन्द यक़ीनन मेरे मालिक का घर क़ाईम रख्खेगा इसलिए कि मेरे मालिक ख़ुदावन्द की लड़ाईयाँ लड़ता है और तुझ में तमाम उम्र बुराई नहीं पाई जाएगी।
שָׂא נָא לְפֶשַׁע אֲמָתֶךָ כִּי עָשֹֽׂה־יַעֲשֶׂה יְהֹוָה לַאדֹנִי בַּיִת נֶאֱמָן כִּֽי־מִלְחֲמוֹת יְהֹוָה אֲדֹנִי נִלְחָם וְרָעָה לֹא־תִמָּצֵא בְךָ מִיָּמֶֽיךָ׃
29 और जो इंसान तेरा पीछा करने और तेरी जान लेने को उठे तोभी मेरे मालिक की जान ज़िन्दगी के बूक़चे में ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा के साथ बंधी रहेगी लेकिन तेरे दुशमनों की जानें वह गोया गोफ़न में रखकर फेंक देगा।
וַיָּקׇם אָדָם לִרְדׇפְךָ וּלְבַקֵּשׁ אֶת־נַפְשֶׁךָ וְֽהָיְתָה נֶפֶשׁ אֲדֹנִי צְרוּרָה ׀ בִּצְרוֹר הַחַיִּים אֵת יְהֹוָה אֱלֹהֶיךָ וְאֵת נֶפֶשׁ אֹיְבֶיךָ יְקַלְּעֶנָּה בְּתוֹךְ כַּף הַקָּֽלַע׃
30 और जब ख़ुदावन्द मेरे मालिक से वह सब नेकियाँ जो उसने तेरे हक़ में फ़रमाई हैं कर चुकेगा और तुझ को इस्राईल का सरदार बना देगा।
וְהָיָה כִּֽי־יַעֲשֶׂה יְהֹוָה לַֽאדֹנִי כְּכֹל אֲשֶׁר־דִּבֶּר אֶת־הַטּוֹבָה עָלֶיךָ וְצִוְּךָ לְנָגִיד עַל־יִשְׂרָאֵֽל׃
31 तो तुझे इसका ग़म और मेरे मालिक को यह दिली सदमा न होगा कि तूने बे वजह ख़ून बहाया या मेरे मालिक ने अपना बदला लिया और जब ख़ुदावन्द मेरे मालिक से भलाई करे तो तू अपनी लौंडी को याद करना।”
וְלֹא תִהְיֶה זֹאת ׀ לְךָ לְפוּקָה וּלְמִכְשׁוֹל לֵב לַאדֹנִי וְלִשְׁפׇּךְ־דָּם חִנָּם וּלְהוֹשִׁיעַ אֲדֹנִי לוֹ וְהֵיטִב יְהֹוָה לַֽאדֹנִי וְזָכַרְתָּ אֶת־אֲמָתֶֽךָ׃
32 दाऊद ने अबीजेल से कहा, “कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा मुबारक हो जिसने तुझे आज के दिन मुझ से मिलने को भेजा।
וַיֹּאמֶר דָּוִד לַאֲבִיגַל בָּרוּךְ יְהֹוָה אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר שְׁלָחֵךְ הַיּוֹם הַזֶּה לִקְרָאתִֽי׃
33 और तेरी 'अक़ल्मंदी मुबारक तू ख़ुद भी मुबारक हो जिसने मुझको आज के दिन ख़ूँरेज़ीऔर अपने हाथों अपना बदला लेने से बाज़ रख्खा।
וּבָרוּךְ טַעְמֵךְ וּבְרוּכָה אָתְּ אֲשֶׁר כְּלִתִנִי הַיּוֹם הַזֶּה מִבּוֹא בְדָמִים וְהֹשֵׁעַ יָדִי לִֽי׃
34 क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की हयात की क़सम जिसने मुझे तुझको नुक़्सान पहुचाने से रोका कि अगर तू जल्दी न करती और मुझ से मिलने को न आती तो सुबह की रोशनी तक नाबाल के लिए एक लड़का भी न रहता।”
וְאוּלָם חַי־יְהֹוָה אֱלֹהֵי יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר מְנָעַנִי מֵהָרַע אֹתָךְ כִּי ׀ לוּלֵי מִהַרְתְּ (ותבאתי) [וַתָּבֹאת] לִקְרָאתִי כִּי אִם־נוֹתַר לְנָבָל עַד־אוֹר הַבֹּקֶר מַשְׁתִּין בְּקִֽיר׃
35 और दाऊद ने उसके हाथ से जो कुछ वह उसके लिए लाई थी क़ुबूल किया और उससे कहा, “अपने घर सलामत जा, देख मैंने तेरी बात मानी और तेरा लिहाज़ किया।”
וַיִּקַּח דָּוִד מִיָּדָהּ אֵת אֲשֶׁר־הֵבִיאָה לוֹ וְלָהּ אָמַר עֲלִי לְשָׁלוֹם לְבֵיתֵךְ רְאִי שָׁמַעְתִּי בְקוֹלֵךְ וָאֶשָּׂא פָּנָֽיִךְ׃
36 और अबीजेल नाबाल के पास आई और देखा कि उसने अपने घर में शाहाना ज़ियाफ़त की तरह दावत कर रख्खी है और नाबाल का दिल उसके पहलू में ख़ुश है इसलिए कि वह नशे में चूर था, इसलिए उसने उससे सुबह की रोशनी तक न थोड़ा न बहुत कुछ न कहा,
וַתָּבֹא אֲבִיגַיִל ׀ אֶל־נָבָל וְהִנֵּה־לוֹ מִשְׁתֶּה בְּבֵיתוֹ כְּמִשְׁתֵּה הַמֶּלֶךְ וְלֵב נָבָל טוֹב עָלָיו וְהוּא שִׁכֹּר עַד־מְאֹד וְלֹא־הִגִּידָה לּוֹ דָּבָר קָטֹן וְגָדוֹל עַד־אוֹר הַבֹּֽקֶר׃
37 सुबह को जब नाबाल का नशा उतर गया तो उसकी बीवी ने यह बातें उसे बताईं तब उसका दिल उसके पहलू में मुर्दा हो गया और वह पत्थर की तरह सुन पड़ गया।
וַיְהִי בַבֹּקֶר בְּצֵאת הַיַּיִן מִנָּבָל וַתַּגֶּד־לוֹ אִשְׁתּוֹ אֶת־הַדְּבָרִים הָאֵלֶּה וַיָּמׇת לִבּוֹ בְּקִרְבּוֹ וְהוּא הָיָה לְאָֽבֶן׃
38 और दस दिन के बाद ऐसा हुआ कि ख़ुदावन्द ने नाबाल को मारा और वह मर गया।
וַיְהִי כַּעֲשֶׂרֶת הַיָּמִים וַיִּגֹּף יְהֹוָה אֶת־נָבָל וַיָּמֹֽת׃
39 जब दाऊद ने सुना कि नाबाल मर गया तो वह कहने लगा, “कि ख़ुदावन्द मुबारक हो जो नाबाल से मेरी रुसवाई का मुक़द्दमा लड़ा और अपने बन्दे को बुराई से बाज़ रख्खा और ख़ुदावन्द ने नाबाल की शरारत को उसी के सिर पर लादा।” और दाऊद ने अबीजेल के बारे में पैग़ाम भेजा ताकि उससे शादी करे।
וַיִּשְׁמַע דָּוִד כִּי מֵת נָבָל וַיֹּאמֶר בָּרוּךְ יְהֹוָה אֲשֶׁר רָב אֶת־רִיב חֶרְפָּתִי מִיַּד נָבָל וְאֶת־עַבְדּוֹ חָשַׂךְ מֵרָעָה וְאֵת רָעַת נָבָל הֵשִׁיב יְהֹוָה בְּרֹאשׁוֹ וַיִּשְׁלַח דָּוִד וַיְדַבֵּר בַּאֲבִיגַיִל לְקַחְתָּהּ לוֹ לְאִשָּֽׁה׃
40 और जब दाऊद के ख़ादिम करमिल में अबीजेल के पास आए तो उन्होंने उससे कहा, “कि दाऊद ने हमको तेरे पास भेजा है ताकि हम तुझे उससे शादी करने को लें जाएँ।”
וַיָּבֹאוּ עַבְדֵי דָוִד אֶל־אֲבִיגַיִל הַכַּרְמֶלָה וַיְדַבְּרוּ אֵלֶיהָ לֵאמֹר דָּוִד שְׁלָחָנוּ אֵלַיִךְ לְקַחְתֵּךְ לוֹ לְאִשָּֽׁה׃
41 इसलिए वह उठी, और ज़मीन पर ओंधे मुँह गिरी और कहने लगी “कि देख, तेरी लौंडी तो नौकर है ताकि अपने मालिक के ख़ादिमों के पाँव धोए।”
וַתָּקׇם וַתִּשְׁתַּחוּ אַפַּיִם אָרְצָה וַתֹּאמֶר הִנֵּה אֲמָֽתְךָ לְשִׁפְחָה לִרְחֹץ רַגְלֵי עַבְדֵי אֲדֹנִֽי׃
42 और अबीजेल ने जल्दी की और उठकर गधे पर सवार हुई और अपनी पाँच लौंडियाँ जो उसके जिलौ में थीं साथ लेलीं और वह दाऊद के क़ासिदों के पीछे पीछे गईं और उसकी बीवी बनी।
וַתְּמַהֵר וַתָּקׇם אֲבִיגַיִל וַתִּרְכַּב עַֽל־הַחֲמוֹר וְחָמֵשׁ נַעֲרֹתֶיהָ הַהֹלְכוֹת לְרַגְלָהּ וַתֵּלֶךְ אַֽחֲרֵי מַלְאֲכֵי דָוִד וַתְּהִי־לוֹ לְאִשָּֽׁה׃
43 और दाऊद ने यज़रएल की अख़नूअम को भी ब्याह लिया, इसलिए वह दोनों उसकी बीवियाँ बनीं।
וְאֶת־אֲחִינֹעַם לָקַח דָּוִד מִֽיִּזְרְעֶאל וַתִּהְיֶיןָ גַּֽם־שְׁתֵּיהֶן לוֹ לְנָשִֽׁים׃
44 और साऊल ने अपनी बेटी मीकल को जो दाऊद की बीवी थी लैस के बेटे जिल्लीमी फिल्ती को दे दिया था।
וְשָׁאוּל נָתַן אֶת־מִיכַל בִּתּוֹ אֵשֶׁת דָּוִד לְפַלְטִי בֶן־לַיִשׁ אֲשֶׁר מִגַּלִּֽים׃

< 1 समु 25 >