< 1 समु 2 >

1 और हन्ना ने दुआ की और कहा, मेरा दिल ख़ुदावन्द मैं ख़ुश है: मेरा सींग ख़ुदावन्द के तुफ़ैल से ऊँचा हुआ। मेरा मुँह मेरे दुश्मनों पर खुल गया है क्यूँकि मैं तेरी नजात से ख़ुश हूँ।
পরে হান্না প্রার্থনা করে বললেন: “মম অন্তর সদাপ্রভুতে আনন্দিত রয়; মম শৃঙ্গ সদাপ্রভুতে উন্নত হয়। মম মুখ শত্রুদের পরে গর্বিত হয়, তব উদ্ধারে আমি আনন্দিত হই।
2 “ख़ुदावन्द की तरह कोई पाक नहीं क्यूँकि तेरे सिवा और कोई है ही नहीं और न कोई चटटान है जो हमारे ख़ुदा की तरह हो
“সদাপ্রভুর মতো পবিত্র কেউ যে আর নেই; মোদের ঈশ্বরের মতো শৈল যে আর নেই।
3 इस क़दर ग़ुरूर से और बातें न करो और बड़ा बोल तुम्हारे मुहँ से न निकले; क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा — ए — 'अलीम है, और 'आमाल का तोलने वाला है।
“এত গর্বভরে তোমরা কথা বোলো না তব মুখ এত অহংকারে ভরা কথা না বলুক কারণ সদাপ্রভু এমন ঈশ্বর যিনি সব জানেন, আর তিনি কাজের হিসেব ওজন করে রাখেন।
4 ताक़तवरों की कमाने टूट गईं और जो लड़खड़ाते थे वह ताक़त से कमर बस्ता हुए।
“যোদ্ধাদলের ধনুসকল ভগ্ন হয়েছে, কিন্তু যারা ঠোকর খেয়েছে তারা সুসংলগ্ন হয়েছে।
5 वह जो आसूदा थे रोटी की ख़ातिर मज़दूर बनें और जो भूके थे ऐसे न रहे, बल्कि जो बाँझ थी उस के साथ हुए, और जिसके पास बहुत बच्चे हैं वह घुलती जाती है।
ক্ষুধার জ্বালায় পূর্ণ-উদর বেতনজীবী হয়েছে, কিন্তু যাদের ক্ষুধা ছিল তারা আজ তৃপ্ত হয়েছে। যিনি বন্ধ্যা ছিলেন তিনি সপ্ত সন্তান জন্ম দিলেন, কিন্তু যে বহু পুত্রের জননী সে আজ দুর্বলভারলব্ধা।
6 ख़ुदावन्द मारता है और जिलाता है; वही क़ब्र मैं उतारता और उससे निकालता है। (Sheol h7585)
“সদাপ্রভু মৃত্যু আনেন ও তিনি জীবনও দেন তিনি কবরস্থানে পাঠান ও বাঁচিয়ে তোলেন। (Sheol h7585)
7 ख़ुदावन्द ग़रीब कर देता और दौलतमंद बनाता है, वही पस्त करता और बुलंद भी करता है।
সদাপ্রভু দারিদ্র ও সম্পদ পাঠিয়ে দেন; তিনিই নত করেন আবার উন্নতও করেন।
8 वह ग़रीब को ख़ाक पर से उठाता, और कंगाल को घूरे में से निकाल खड़ा करता है ताकि इनको शहज़ादों के साथ बिठाए, और जलाल के तख़्त का वारिस बनाए; क्यूँकि ज़मीन के सुतून ख़ुदावन्द के हैं उसने दुनिया को उन ही पर क़ाईम किया है।
তিনি ধুলো থেকে দরিদ্রকে উত্তোলন করেন আর ভস্মস্তূপের মধ্য থেকে অভাবীকে তোলেন; তাদের তিনি রাজাধিরাজদের সাথে বসিয়ে দেন আর তাদের সম্মানের রাজাসনে বসিয়ে দেন। “কেননা ধরাধামের বনেদগুলি সদাপ্রভুরই অধিকার; তিনি সেগুলির উপরে এই চরাচর ধরে রেখেছেন।
9 वह अपने मुक़द्दसों के पाँव को संभाले रहेगा, लेकिन शरीर अँधेरे मैं ख़ामोश किए जायेंगे क्यूँकि ताक़त ही से कोई फ़तह नहीं पाएगा।
তিনি তাঁর ভক্তজনের চরণগুলি রক্ষা করবেন, কিন্তু দুরাচারী আঁধারে ঘেরা স্থানে নির্বাক হবে। “বলবীর্যে কেউ যুদ্ধে বিজয়শ্রী হয় না;
10 जो ख़ुदावन्द से झगड़ते हैं वह टुकड़े टुकड़े कर दिए जाएँगे; वह उन के ख़िलाफ़ आस्मान में गरजेगा ख़ुदावन्द ज़मीन के किनारों का इंसाफ करेगा, वह अपने बादशाह को ताक़त बख़्शेगा, और अपने मम्सूह के सींग को बुलंद करेगा।”
যারা সদাপ্রভুর বিরোধিতা করে তারা চুরমার হবে। স্বর্গ হতে পরাৎপর বজ্রাঘাত করবেন; সদাপ্রভু সমগ্র মর্ত্যলোকের বিচার করবেন। “তিনিই তাঁর রাজাকে শক্তি সামর্থ্য দেবেন আর অভিষিক্ত-জনের শৃঙ্গ উন্নত করবেন।”
11 तब इल्क़ाना रामा को अपने घर चला गया; और एली काहिन के सामने वह लड़का ख़ुदावन्द की ख़िदमत करने लगा।
পরে ইল্‌কানা রামায় তাঁর ঘরে ফিরে গেলেন, কিন্তু ছেলেটি যাজক এলির অধীনে থেকে সদাপ্রভুর পরিচর্যা করতে থাকলো।
12 और एली के बेटे बहुत शरीर थे; उन्होंने ख़ुदावन्द को न पहचाना।
এলির ছেলেরা ছিল একেবারে অমানুষ; সদাপ্রভুকে তারা আদৌ শ্রদ্ধা করত না।
13 और काहिनों का दस्तूर लोगों के साथ यह था, कि जब कोई शख़्स क़ुर्बानी करता था तो काहिन का नोंकर गोश्त उबालने के वक़त एक सहशाखा काँटा अपने हाथ मैं लिए हुए आता था;
সেখানে যাজকদের এই প্রথা প্রচলিত ছিল যে, যখনই কেউ উপহার বলি উৎসর্গ করতে আসত, বলির মাংস সিদ্ধ হওয়ার সময় যাজকের দাস হাতে ত্রিফলাযুক্ত এক কাঁটাচামচ নিয়ে চলে আসত
14 और उसको कढ़ाह या दिग्चे या हांडे या हांड़ी में डालता और जितना गोश्त उस काँटे में लग जाता उसे काहिन अपने आप लेता था। यूँ ही वह शीलोह में सब इस्राईलियों से किया करते थे जो वहाँ आते थे
এবং সেই কাঁটাচামচটি চাটু বা কেটলি বা কড়াই বা রান্নার পাত্রে সজোরে নিক্ষেপ করত। কাঁটাচামচের সঙ্গে যা উঠে আসত যাজক তা নিজের জন্য রেখে দিত। শীলোতে যেসব ইস্রায়েলী আসত, তাদের প্রতি তারা এরকমই আচরণ করত।
15 बल्कि चर्बी जलाने से पहले काहिन का नोकर आ मौजूद होता, और उस शख़्स से जो क़ुर्बानी पेश करता यह कहने लगता था, “काहिन के लिए कबाब के वास्ते गोश्त दे, क्यूँकि वह तुझ से उबला हुआ गोश्त नहीं बल्कि कच्चा लेगा।”
কিন্তু মেদ দহনের আগেই, যাজকের দাস এসে বলি উৎসর্গকারী ব্যক্তিকে বলত, “ঝলসানোর জন্য যাজককে কিছুটা মাংস দাও; তিনি তোমার কাছ থেকে সিদ্ধ মাংস নেবেন না, কিন্তু শুধু কাঁচা মাংসই নেবেন।”
16 और अगर वह शख़्स यह कहता कि अभी वह चर्बी को ज़रूर जलायेंगे तब जितना तेरा जी चाहे ले लेना “तो वह उसे जवाब देता नहीं तू मुझे अभी दे नही तो मैं छीन कर ले जाऊँगा।”
যদি সেই লোকটি তাকে বলত, “আগে মেদ দহন হয়ে যাক, পরে তোমার যা ইচ্ছা তা নিও,” তখন দাসটি উত্তর দিত, “তা হবে না, এখনই সেটি আমার হাতে তুলে দাও; যদি না দাও, আমি তবে জোর করে তা কেড়ে নেব।”
17 इसलिए उन जवानों का गुनाह ख़ुदावन्द के सामने बहुत बड़ा था क्यूँकि लोग ख़ुदावन्द की क़ुर्बानी से नफ़रत करने लगे थे।
সদাপ্রভুর দৃষ্টিগোচরে যুবকদের এই পাপটি অত্যন্ত ভয়াবহ বলে গণ্য হল, কারণ তারা সদাপ্রভুর উপহার বলিকে তুচ্ছজ্ঞান করে যাচ্ছিল।
18 लेकिन समुएल जो लड़का था, कतान का अफ़ूद पहने हुए ख़ुदावन्द के सामने ख़िदमत करता था।
কিন্তু কিশোর শমূয়েল মসিনার এফোদ গায়ে দিয়ে সদাপ্রভুর সামনে থেকে পরিচর্যা করে যাচ্ছিল।
19 और उस की माँ उस के लिए एक छोटा सा जुब्बा बनाकर साल ब साल लाती जब वह अपने शौहर के साथ सालाना क़ुर्बानी पेश करने आती थी।
প্রতি বছর তার মা তার জন্য একটি করে আকারে ছোটো, লম্বা ঢিলেঢালা বর্হিবাস তৈরি করে যখন তিনি তাঁর স্বামীর সঙ্গে বাৎসরিক বলিদান সম্পন্ন করতে আসতেন, তখন সেটি তার কাছে নিয়ে আসতেন।
20 और एली ने इल्क़ाना और उस की बीवी को दुआ दी और कहा, “ख़ुदावन्द तुझको इस 'औरत से उस क़र्ज़ के बदले में जो ख़ुदावन्द को दिया गया नसल दे।” फिर वह अपने घर गये।
এলি ইল্‌কানা ও তাঁর স্ত্রীকে আশীর্বাদ করে বলতেন, “এই স্ত্রীলোকটি প্রার্থনা করে সন্তান পেয়েও যাকে সদাপ্রভুর হাতে তুলে দিয়েছিল, তার স্থান নেওয়ার জন্য সদাপ্রভু তোমাকে তার মাধ্যমে আরও সন্তান দান করুন।” পরে তাঁরা ঘরে ফিরে যেতেন।
21 और ख़ुदावन्द ने हन्ना पर नज़र की और वह हामिला हुई, और उसके तीन बेटे और दो बेटियाँ हुईं, और वह लड़का समुएल ख़ुदावन्द के सामने बढ़ता गया।
সদাপ্রভু হান্নার প্রতি অনুগ্রহ দেখিয়েছিলেন; হান্না তিন ছেলে ও দুই মেয়ের জন্ম দিলেন। এদিকে, কিশোর শমূয়েল সদাপ্রভুর উপস্থিতিতে বেড়ে উঠছিল।
22 एली बहुत बुड्ढा हो गया था, और उसने सब कुछ सुना कि उसके बेटे सारे इस्राईल से क्या किया करते हैं और उन 'औरतों से जो ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर ख़िदमत करती थी हम आग़ोशी करते हैं।
ইতিমধ্যে এলি অত্যন্ত বৃদ্ধ হয়ে গেলেন, ও তাঁর ছেলেরা সব ইস্রায়েলী মানুষজনের প্রতি যা যা করত ও যেসব স্ত্রীলোক সমাগম তাঁবুর প্রবেশদ্বারে সেবাকাজে লিপ্ত থাকত, কীভাবে তারা তাদের সঙ্গে যৌন মিলনে মিলিত হত, সেসব কথা তিনি শুনতে পেয়েছিলেন।
23 और उस ने उन से कहा, तुम ऐसा क्यूँ करते हो? क्यूँकि मैं तुम्हारी बदज़ातियाँ पूरी क़ौम से सुनता हूँ?
অতএব তিনি তাদের বললেন, “তোমরা কেন এরকম কাজ করছ? আমি সব মানুষজনের কাছ থেকে তোমাদের এইসব কুকর্মের কথা শুনতে পাচ্ছি।
24 नहीं मेरे बेटों ये अच्छी बात नहीं जो मैं सुनता हूँ; तुम ख़ुदावन्द के लोगों से नाफ़रमानी कराते हो।
না না, বাছা; সদাপ্রভুর প্রজাদের মধ্যে ছড়িয়ে পড়া যে খবর আমি শুনতে পাচ্ছি, তা ভালো নয়।
25 अगर एक आदमी दूसरे का गुनाह करे तो ख़ुदा उसका इंसाफ करेगा लेकिन अगर आदमी ख़ुदावन्द का गुनाह करे तो उस की शफ़ा'अत क़ौन करेगा? बावजूद इसके उन्होंने अपने बाप का कहना न माना; क्यूँकि ख़ुदावन्द उनको मार डालना चाहता था।
একজন ব্যক্তি যদি অন্যজনের বিরুদ্ধে পাপ করে, তবে ঈশ্বর হয়তো অপরাধীর হয়ে মধ্যস্থতা করবেন; কিন্তু কেউ যদি সদাপ্রভুর বিরুদ্ধেই পাপ করে বসে, কে তার হয়ে মধ্যস্থতা করবে?” যাই হোক না কেন, তাঁর ছেলেরা তাদের বাবার তিরস্কারে কান দেয়নি, কারণ সদাপ্রভুই তাদের মেরে ফেলতে চেয়েছিলেন।
26 और वह लड़का समुएल बढ़ता गया और ख़ुदावन्द और इंसान दोनों का मक़बूल था।
কিশোর শমূয়েল ক্রমাগত দৈহিক উচ্চতায় এবং সদাপ্রভুর ও মানুষজনের অনুগ্রহে বৃদ্ধি পেয়ে যাচ্ছিল।
27 तब एक नबी एली के पास आया और उससे कहने लगा, ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है क्या मैं तेरे आबाई ख़ानदान पर जब वह मिस्र में फ़िर'औन के ख़ानदान की ग़ुलामी में था ज़ाहिर नहीं हुआ?
ইত্যবসরে, ঈশ্বরের একজন লোক এলির কাছে এসে তাঁকে বললেন, “সদাপ্রভু একথা বলছেন: ‘তোমার পূর্বপুরুষের পরিবার যখন মিশরে ফরৌণের অধীনে ছিল, তখন কি আমি নিজেকে স্পষ্টভাবে তাদের কাছে প্রকাশ করিনি?
28 और क्या मैंने उसे बनी इस्राईल के सब क़बीलों में से चुन न लिया, ताकि वह मेरा काहिन हो और मेरे मज़बह के पास जाकर ख़ुशबू जलाये और मेरे सामने अफ़ूद पहने और क्या मैंने सब क़ुर्बानियाँ जो बनी इस्राईल आग से अदा करते है तेरे बाप को न दी?
ইস্রায়েলের সব গোষ্ঠীর মধ্যে থেকে আমি তোমার পূর্বপুরুষকে বেছে নিয়ে তাকে আমার যাজক করেছিলাম, আমার বেদিতে যাওয়ার, ধূপদাহ করার, ও আমার উপস্থিতিতে এফোদ গায়ে দেওয়ার অধিকারও দিয়েছিলাম। ইস্রায়েলীদের উপহার দেওয়া সব ভক্ষ্য-নৈবেদ্যও আমি তোমার পূর্বপুরুষের পরিবারকে দিয়েছিলাম।
29 तब तुम क्यूँ मेरे उस क़ुर्बानी और हदिये को जिनका हुक्म मैंने अपने घर में दिया लात मारते हो? और क्यूँ तू अपने बेटों की मुझ से ज़्यादा 'इज़्ज़त करता है, ताकि तुम मेरी क़ौम इस्राईल के अच्छे से अच्छे हदियों को खाकर मोटे बनो।
তোমরা কেন তবে আমার সেই নৈবেদ্য ও উপহার অশ্রদ্ধেয় জ্ঞান করছ, যা আমি আমার বাসস্থানের জন্য নির্দিষ্ট করে রেখেছি? আমার প্রজা ইস্রায়েলের দেওয়া প্রত্যেকটি উপহারের বাছাই করা অংশগুলি দিয়ে নিজেদের পুষ্ট করার দ্বারা কেন তুমি আমার তুলনায় তোমার ছেলেদের বেশি সম্মান জানাচ্ছ?’
30 इसलिए ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि मैंने तो कहा, था कि तेरा घराना और तेरे बाप का घराना हमेशा मेरे सामने चलेगा लेकिन अब ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि यह बात अब मुझ से दूर हो, क्यूँकि वह जो मेरी 'इज़्ज़त करते है मैं उन की 'इज़्ज़त करूँगा लेकिन वह जो मेरी हिक़ारत करते है बेक़द्र होंगे
“অতএব, সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর এই কথা বলেন: ‘আমি প্রতিজ্ঞা করেছিলাম যে তোমার পরিবারের সদস্যরা আমার সামনে চিরকাল পরিচর্যা করে যাবে।’ কিন্তু এখন সদাপ্রভু একথা বলেন: ‘আর তা হবে না! যারা আমাকে সম্মান করে আমি তাদের সম্মানিত করব, কিন্তু যারা আমাকে তুচ্ছতাচ্ছিল্য করে তারা উপেক্ষিত হবে।
31 देख वह दिन आते हैं कि मैं तेरा बाज़ू और तेरे बाप के घराने का बाज़ू काट डालूँगा, कि तेरे घर में कोई बुड्ढा होने न पाएगा।
সময় আসছে যখন আমি তোমার শক্তি ও তোমার যাজকীয় পরিবারের শক্তি এভাবে খর্ব করব, যেন এই পরিবারের কেউ বৃদ্ধাবস্থায় পৌঁছাতে না পারে,
32 और तू मेरे घर की मुसीबत देखेगा बावजूद उस सारी दौलत के जो ख़ुदा इस्राईल को देगा और तेरे घर में कभी कोई बुड्ढा होने न पाएगा
এবং তুমি আমার বাসস্থানে চরম দুর্দশা দেখবে। যদিও ইস্রায়েলের প্রতি মঙ্গল বর্ষিত হবে, তোমার বংশে কেউ কখনও বৃদ্ধাবস্থায় পৌঁছাবে না।
33 और तेरे जिस आदमी को मैं अपने मज़बह से काट नहीं डालूँगा वह तेरी आँखों को घुलाने और तेरे दिल को दुख देने के लिए रहेगा और तेरे घर की सब बढ़ती अपनी भरी जवानी में मर मिटेगी।
তোমাদের মধ্যে যাকে আমি আমার বেদিতে সেবাকাজ করার জন্য না মেরে বাঁচিয়ে রাখব, সে শুধু তোমার দৃষ্টিশক্তি নষ্ট করার ও তোমার শক্তি নিঃশেষ করে দেওয়ার জন্যই বেঁচে থাকবে, এবং তোমার সব বংশধর যুবাবস্থাতেই মারা যাবে।
34 और जो कुछ तेरे दोनों बेटों हुफ़्नी फ़ीन्हास पर नाज़िल होगा वही तेरे लिए निशान ठहरेगा; वह दोनों एक ही दिन मर जाएँगे।
“‘তোমার দুই ছেলে, হফনি ও পীনহসের প্রতি যা ঘটবে, তা তোমার পক্ষে এক চিহ্নস্বরূপ হবে: তারা দুজন একই দিনে মরবে।
35 और मैं अपने लिए एक वफ़ादार काहिन पैदा करूँगा जो सब कुछ मेरी मर्ज़ी और मंशा के मुताबिक़ करेगा, और मैं उस के लिए एक पायदार घर बनाऊँगा और वह हमेशा मेरे मम्सूह के आगे आगे चलेगा
আমার জন্য আমি এক বিশ্বস্ত যাজক গড়ে তুলব, যে আমার অন্তর ও মনের বাসনানুসারে কাজ করবে। আমি তার যাজকীয় পরিবারকে সুদৃঢ়ভাবে প্রতিষ্ঠিত করব, এবং তারা অভিষিক্ত ব্যক্তিরূপে চিরকাল আমার সামনে পরিচর্যা করবে।
36 और ऐसा होगा की हर एक शख्स़ जो तेरे घर में बच रहेगा, एक टुकड़े चाँदी और रोटी के एक टुकड़े के लिए उस के सामने आकर सिज्दा करेगा और कहेगा, कि कहानत का कोई काम मुझे दीजिए ताकि मैं रोटी का निवाला खा सकूँ।
তখন তোমার পরিবারের বাদবাকি প্রত্যেকে তাঁর সামনে এসে একখণ্ড রুপো ও এক টুকরো রুটির জন্য নতজানু হয়ে অনুরোধ জানিয়ে বলবে, “আমাকে কোনও যাজকীয় কাজে নিযুক্ত করুন যেন আমি কিছু খেতে পাই।”’”

< 1 समु 2 >