< 1 समु 17 >
1 फिर फ़िलिस्तियों ने जंग के लिए अपनी फ़ौजें जमा' कीं, और यहूदाह के शहर शोको में इकट्ठे हुए और शोक़े और 'अजीक़ा के बीच अफ़सदम्मीम में ख़ैमाज़न हुए।
यति बेला पलिश्तीहरूले युद्धको निम्ति आफ्ना फौजहरू भेला गरे । तिनीहरू सोकोमा भेला भए जुन यहूदाको क्षेत्र हो । तिनीहरूले सोको र आजेकाको बिचमा एपेस-दम्मीममा छाउनी हाले ।
2 और साऊल और इस्राईल के लोगों ने जमा' होकर एला की वादी में डेरे डाले और लड़ाई के लिए फ़िलिस्तियों के मुक़ाबिल सफ़ आराई की।
शाऊल र इस्राएलका मानिसहरू भेला भए र एलाहको मैदानमा छाउनी हाले र पलिश्तीहरूसँग युद्ध गर्न पङ्तीबद्ध भए ।
3 और एक तरफ़ के पहाड़ पर फ़िलिस्ती और दूसरी तरफ़ के पहाड़ पर बनी इस्राईल खड़े हुए और इन दोनों के बीच वादी थी।
पलिश्तीहरू पहाडको एकापट्टि र इस्राएल पहाडको अर्कोपट्टि मैदानलाई तिनीहरूका बिचमा पारेर खडा भए ।
4 और फ़िलिस्तियों के लश्कर से एक पहलवान निकला जिसका नाम जाती जूलियत था, उसका क़द छ हाथ और एक बालिश्त था।
गातको गोल्यत नाउँ गरेको एक जना बलियो मानिस पलिश्तीहरूको छाउनीबाट आयो, जसको उचाइ तिन मिटर थियो ।
5 और उसके सर पर पीतल का टोपा था, और वह पीतल ही की ज़िरह पहने हुए था जो तोल में पाँच हज़ार पीतल की मिस्क़ाल के बराबर थी।
उसले आफ्नो शिरमा काँसाको टोप लगाएको थियो, त्यो झिलमले सुसज्जित थियो । उसको काँसाको झिलमको तौल साठी किलो थियो ।
6 और उसकी टाँगों पर पीतल के दो साकपोश थे और उसके दोनों शानों के बीच पीतल की बरछी थी।
उसको खुट्टामा काँसाको झिलम थियो र त्यसको कुमहरूको बिचमा भाला थियो ।
7 और उसके भाले की छड़ ऐसी थी जैसे जुलाहे का शहतीर और उसके नेज़े का फ़ल छ: सौ मिस्क़ाल लोहे का था और एक शख़्स ढाल लिए हुए उसके आगे आगे चलता था।
उसको भालाको डण्डा कपडा बुन्ने जुलाहको थुरीजस्तै ठुलो थियो । उसको भालाको टुप्पो सात किलो फलामको थियो । उसको ढाल बोक्ने त्यसको अगि-अगि गयो ।
8 वह खड़ा हुआ, और इस्राईल के लश्करों को पुकार कर उन से कहने लगा कि तुमने आकर जंग के लिए क्यूँ सफ आराई की? क्या मैं फ़िलिस्ती नहीं और तुम साऊल के ख़ादिम नहीं? इसलिए अपने लिए किसी शख़्स को चुनो जो मेरे पास उतर आए।
ऊ खडा भयो र इस्राएलको फौजतिर चिच्याए, “तिमीहरू लडाइँको निम्ति पङ्तीबद्ध हुन किन आएका छौ? के म एक जना पलिश्ती होइन र तिमीहरू शाऊलको सेवकहरू होइनौ र? आफ्नो निम्ति एक जना मानिसलाई चुन र ऊ मकहाँ तल आओस् ।
9 अगर वह मुझे से लड़ सके और मुझे क़त्ल कर डाले तो हम तुम्हारे ख़ादिम हो जाएँगे लेकिन अगर मैं उस पर ग़ालिब आऊँ और उसे क़त्ल कर डालूँ तो तुम हमारे ख़ादिम हो जाना और हमारी ख़िदमत करना।
मसँग लडेर उसले मलाई जित्यो भने, हामी तिमीहरूका सेवकहरू हुनेछौं । तर मैले त्यसलाई हराएँ भने, तिमीहरू हाम्रो सेवकहरू हुनेछौ र हाम्रो सेवा गर्नेछौ ।”
10 फिर उस फ़िलिस्ती ने कहा कि मैं आज के दिन इस्राईली फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती करता हूँ कोई जवान निकालो ताकि हम लड़ें।
त्यो पलिश्तीले फेरि भन्यो, “म इस्राएलको फौजलाई आज चुनौती दिन्छु । मलाई एउटा मानिस देओ, ताकि हामीसँगै लड्न सकौं ।”
11 जब साऊल और सब इस्राईलियों ने उस फ़िलिस्ती की बातें सुनीं, तो परेशान हुए और बहुत डर गए।
जब शाऊल र सारा इस्राएलले त्यो पलिश्तीले भनेको कुरा सुने, तिनीहरू निरुत्साहित भए र साह्रै डराए ।
12 और दाऊद बैतल हम यहूदाह के उस इफ़्राती आदमी का बेटा था जिसका नाम यस्सी था, उसके आठ बेटे थे और वह ख़ुद साऊल के ज़माना के लोगों के बीच बुड्ढा और उम्र दराज़ था।
दाऊदचाहिं यहूदाका बेथलेहेमको एप्रातीका छोरा थिए जसको नाम यिशै थियो । तिनका आठ भाइ छोरा थिए । शाऊलको समयमा यिशै बृद्ध मानिस, मानिसहरू माझ धेरै वृद्ध थिए ।
13 और यस्सी के तीन बड़े बेटे साऊल के पीछे पीछे जंग में गए थे और उसके तीनों बेटों के नाम जो जंग में गए थे यह थे इलियाब जो पहलौठा था, और दूसरा अबीनदाब और तीसरा सम्मा।
यिशैका तिन जना ठुला छोराहरू युद्धमा शाऊलको पछि लागेका थिए । तिन छोराहरूका नाउँहरू जेठा एलीआब, माहिला अबीनादाब र साहिंला शम्मा थिए ।
14 और दाऊद सबसे छोटा था और तीनों बड़े बेटे साऊल के पीछे पीछे थे।
दाऊदचाहिं कान्छा थिए । तिन जना दाजुहरू शाऊलको पछि लागे ।
15 और दाऊद बैतलहम में अपने बाप की भेड़ बकरयाँ चराने को साऊल के पास से आया जाया करता था।
अहिले दाऊद बेथलेहेममा भएका भेडाहरूलाई चराउनको निम्ति र शाऊलका फौज बिच आउने र जाने गर्थे ।
16 और वह फ़िलिस्ती सुबह और शाम नज़दीक आता और चालिस दिन तक निकल कर आता रहा।
चालिस दिनसम्म त्यो बलियो पलिश्ती बिहान र साँझ आफूलाई युद्धको निम्ति प्रस्तुत गर्न देखा परे ।
17 और यस्सी ने अपने बेटे दाऊद से कहा कि “इस भुने अनाज में से एक ऐफ़ा और यह दस रोटियाँ अपने भाइयों के लिए लेकर इनको जल्द लश्कर गाह, में अपने भाइयों के पास पहुचा दे।
तब यिशैले तिनका छोरा दाऊदलाई भने, “यो भुटेको अन्न र दस वटा रोटी लेऊ र तिनीहरूलाई तिम्रा दाजुहरूका निम्ति छाउनीमा चाँडो बोकेर लैजाऊ ।
18 और उनके हज़ारी सरदार के पास पनीर की यह दस टिकियाँ लेजा और देख कि तेरे भाइयों का क्या हाल है, और उनकी कुछ निशानी ले आ।”
साथै यी दस वटा पनीर हजार जनाको कप्तानको निम्ति लैजाऊ । तिम्रा दाजुहरू कस्ता छन्, तिनीहरू राम्रै छन् भन्ने केही प्रमाण लेऊ ।
19 और साऊल और वह भाई और सब इस्राईली जवान एला की वादी में फ़िलिस्तियों से लड़ रहे थे।
तिम्रा दाजुहरू शाऊलसँग र इस्राएलका सबै मानिसहरू एलाहको मैदानमा पलिश्तीहरूसँग लडिरहेका छन् ।”
20 और दाऊद सुबह को सवेरे उठा, और भेड़ बकरियों को एक रखवाले के पास छोड़ कर यस्सी के हुक्म के मुताबिक़ सब कुछ लेकर रवाना हुआ, और जब वह लश्कर जो लड़ने जा रहा था, जंग के लिए ललकार रहा था, उस वक़्त वह छकड़ों के पड़ाव में पहुँचा।
दाऊद बिहान सबेरै उठे र भेडाहरू गोठालाहरूको हातमा हेरचाहमा छोडे । तिनले खाद्यन्नहरू लिए र यिशैले तिनलाई आज्ञा गरेझैं गए । तिनी फौजहरू युद्ध-ध्वनिका साथ युद्ध मैदानमा जाँदै गर्दा छाउनीमा आए ।
21 और इस्राईलियों और फ़िलिस्तियों ने अपने — अपने लश्कर को आमने सामने करके सफ़ आराई की।
इस्राएल र पलिश्तीहरू युद्धको निम्ति फौजको विरुद्ध फौज पङ्तिबद्ध भए ।
22 और दाऊद अपना सामान असबाब के निगहबान के हाथ में छोड़ कर आप लश्कर में दौड़ गया और जाकर अपने भाइयों से ख़ैर — ओ — 'आफ़ियत पूछी।
सामानहरू राख्नेको जिम्मामा दाऊदले आफ्ना सामानहरू छोडे, फौजहरूतिर दौडे, र आफ्ना दाजुहरूलाई ढोग गरे ।
23 और वह उनसे बातें करता ही था कि देखो वह पहलवान जात का फ़िलिस्ती जिसका नाम जूलियत था फ़िलिस्ती सफ़ों में से निकला और उसने फिर वैसी ही बातें कहीं और दाऊद ने उनको सुना।
तिनी उनीहरूसँग कुरा गरिरहँदा, गोल्यत नाउँ गरेको त्यो बलियो पलिश्ती पलिश्तीहरूको फौजबाट आयो र पहिलेको जस्तै शब्दहरू भन्यो र दाऊदले त्यो सुने ।
24 और सब इस्राईली जवान उस शख़्स को देख कर उसके सामने से भागे और बहुत डर गए।
जब इस्राएलका सबै मानिसहरूले त्यो मानिसलाई देखे, तिनीहरू त्यसदेखि भागे र साह्रै भयभीत भए ।
25 तब इस्राईली जवान ऐसा कहने लगे, “तुम इस आदमी को जो निकला है देखते हो? यक़ीनन यह इस्राईल की बे'इज़्ज़ती करने को आया है, इसलिए जो कोई उसको मार डाले उसे बादशाह बड़ी दौलत से माला माल करेगा और अपनी बेटी उसे ब्याह देगा, और उसके बाप के घराने को इस्राईल के बीच आज़ाद कर देगा।”
इस्राएलका मानिसहरूले भने, “के माथि आएको यो मानिसलाई तपाईंले देख्नुभएको छ? ऊ इस्राएललाई चुनौती दिन आएको छ । उसलाई मार्नेलाई राजाले धेरै सम्पत्ति दिनेछन्, तिनले तिनलाई आफ्नो छोरी विवाह गर्न दिनेछन् र इस्राएलमा तिनको बुबाको घरानालाई करबाट मुक्त गर्नेछन् ।”
26 और दाऊद ने उन लोगों से जो उसके पास खड़े थे पूछा कि जो शख़्स इस फ़िलिस्ती को मार कर यह नंग इस्राईल से दूर करे उस से क्या सुलूक किया जाएगा? क्यूँकि यह ना मख्तून फ़िलिस्ती होता कौन है कि वह जिंदा ख़ुदा की फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती करे?
दाऊदले आफ्नो छेउमा उभिएका मानिसहरूलाई सोधे, “यो पलिश्तीलाई मार्ने र इस्राएलबाट निन्दा दुर गर्नेलाई के गरिनेछ? जीवित परमेश्वरको फौजलाई धम्की दिने यो बेखतनाको पलिश्ती को हो?”
27 और लोगों ने उसे यही जवाब दिया कि उस शख़्स से जो उसे मार डाले यह सुलूक किया जाएगा।
अनि मानिसहरूले भनिरहेका कुरालाई नै दोहोर्याए र तिनलाई भने, “उसलाई मार्नेलाई यसै गरिनेछ ।”
28 और उसके सब से बड़े भाई इलियाब ने उसकी बातों को जो वह लोगों से करता था सुना और इलयाब का ग़ुस्सा दाऊद पर भड़का और वह कहने लगा, “तू यहाँ क्यूँ आया है? और वह थोड़ी सी भेड़ बकरियाँ तूने जंगल में किस के पास छोड़ीं? मैं तेरे घमंड और तेरे दिल की शरारत से वाक़िफ़ हूँ, तु लड़ाई देखने आया है।”
तिनले मानिसहरूसँग कुरा गर्दा तिनका जेठा दाजु एलीआबले सुने । एलीआबको रिस दाऊदमाथि दन्कियो, र तिनले भने, “तँ यहाँ किन आइस्? उजाड-स्थानमा भएका ती थोरै भेडाहरूलाई कसको साथमा छोडिस्? तेरो घमण्ड र तेरो हृदयको कुटिलता मलाई थाहा छ । किनकि युद्ध हेर्न भनेर तँ यहाँ तल आएको होस् ।”
29 दाऊद ने कहा, “मैंने अब क्या किया? क्या बात ही नहीं हो रही है?”
दाऊदले भने, “मैले अहिले के गरेको छु? के यो एउटा प्रश्न मात्र थिएन?”
30 और वह उसके पास से फिर कर दूसरे की तरफ़ गया और वैसी ही बातें करने लगा और लोगों ने उसे फिर पहले की तरह जवाब दिया।
ऊबाट तिनी अर्कोतिर नै तर्किए र त्यसरी नै कुरा गरे । मानिसहरूले पहिलेको जस्तै गरी उही जवाफ दिए ।
31 और जब वह बातें जो दाऊद ने कहीं सुनने में आईं तो उन्होंने साऊल के आगे उनका ज़िक्र किया और उसने उसे बुला भेजा।
जब सिपाहीहरूले दाऊदले भनेका कुराहरू सुने, तब तिनीहरूले त्यो कुरा शाऊललाई बताए र तिनले दाऊदलाई लिन पठाए ।
32 और दाऊद ने साऊल से कहा कि उस शख़्स की वजह से किसी का दिल न घबराए, तेरा ख़ादिम जाकर उस फ़िलिस्ती से लड़ेगा।
तब दाऊदले शाऊललाई भने, “त्यो पलिश्तीको कारणले कसैको हृदय हतास नहोस् । तपाईंको दास जानेछ र यो पलिश्तीसँग लड्नेछ ।”
33 साऊल ने दाऊद से कहा कि तू इस क़ाबिल नहीं कि उस फ़िलिस्ती से लड़ने को उसके सामने जाए; क्यूँकि तू महज़ लड़का है और वह अपने बचपन से जंगी जवान है।
शाऊलले दाऊदलाई भने, “तिमी यो पलिश्तीको विरुद्धमा लाड्न जान सक्षम छैनौ । किनभने तिमी भर्खरको केटा मात्र हौ र ऊ आफ्नो जवानीदेखि नै युद्धमा छ ।”
34 तब दाऊद ने साऊल को जवाब दिया कि तेरा ख़ादिम अपने बाप की भेड़ बकरियाँ चराता था और जब कभी कोई शेर या रीछ आकर झुंड में से कोई बर्रा उठा ले जाता।
तर दाऊदले शाऊललाई भने, “तपाईंको दासले आफ्ना बुबाका भेडाहरूको हेरचाह गर्ने गर्थ्यो । जब सिंह वा भालु आएर भेडालाई बगालबाट लान्थ्यो,
35 तो मैं उसके पीछे पीछे जाकर उसे मारता और उसे उसके मुँह से छुड़ाता था और जब वह मुझ पर झपटता तो मैं उसकी दाढ़ी पकड़ कर उसे मारता और हलाक कर देता था।
म त्यसलाई लखेट्थें र त्यसलाई आक्रमण गर्थें र त्यसको मुखबाट यसलाई छुटकारा दिन्थें । जब त्यो मेरो विरुद्ध आइलाग्थ्यो, मैले त्यसको दाह्रीमा समातेर त्यसलाई प्रहार गर्थें र मार्थें ।
36 तेरे ख़ादिम ने शेर और रीछ दोनों को जान से मारा इसलिए यह नामख़तून फ़िलिस्ती उन में से एक की तरह होगा, इसलिए कि उसने ज़िन्दा ख़ुदा की फ़ौजों की बे'इज़्ज़ती की है।
तपाईंको दासले सिंह र भालु दुवै मारेको छ । यो पलिश्ती पनि तिनीहरूमध्ये एउटाझैं हुनेछ, किनभने यसले जीवित परमेश्वरको फौजलाई चुनौती दिएको छ ।”
37 फिर दाऊद ने कहा, “ख़ुदावन्द ने मुझे शेर और रीछ के पंजे से बचाया, वही मुझको इस फ़िलिस्ती के हाथ से बचाएगा।” साऊल ने दाऊद से कहा, “जा ख़ुदावन्द तेरे साथ रहे।”
दाऊदले भने, “परमप्रभुले मलाई सिंह र भालुको पञ्जाबाट बचाउनुभएको छ । उहाँले नै यो पलिश्तीको हातबाट पनि मलाई बचाउनुहुने छ ।” त्यसपछि शाऊलले दाऊदलाई भने, “जाऊ, र परमप्रभु तिमीसँग हुनुभएको होस् ।”
38 तब साऊल ने अपने कपड़े दाऊद को पहनाए, और पीतल का टोप उसके सर पर रख्खा और उसे ज़िरह भी पहनाई।
शाऊलले दाऊदलाई आफ्नो पोशाक लगाइदिए । तिनले उनको शिरमा काँसाको टोप लगाइदिए । तिनले उनलाई झिलम पहिर्याइदिए ।
39 और दाऊद ने उसकी तलवार अपने कपड़ों पर कस ली और चलने की कोशिश की क्यूँकि उसने इनको आजमाया नहीं था, तब दाऊद ने साऊल से कहा, “मैं इनको पहन कर चल नहीं सकता क्यूँकि मैंने इनको आजमाया नहीं है।” इसलिए दाऊद ने उन सबको उतार दिया।
दाऊदले तिनको तरवार तिनको झिलममाथि भिरे । तर उनी हिंड्न सकेनन्, किनभने ती लगाएर हिंड्ने तालिम तिनलाई थिएन । अनि दाऊदले शाऊललाई भने, “यि लगाएर म लड्न जान सक्दिनँ, किनभने यी लगाएर हिंड्ने तालिम मैले लिएको छैन ।” त्यसैले दाऊदले ती फुकाले ।
40 और उसने अपनी लाठी अपने हाथ में ली, और उस नाला से पाँच चिकने — चिकने पत्थर अपने वास्ते चुन कर उनको चरवाहे के थैले में जो उसके पास था, या'नी झोले में डाल लिया, और उसका गोफ़न उसके हाथ में था फिर वह फ़िलिस्ती के नज़दीक चला।
तिनले आफ्नो लट्ठी हातमा लिए र खोलाबाट पाँच वटा चिल्लो ढुङ्गा छाने । तिनले ती आफ्नो गोठालोको झोलामा हाले । त्यो पलिश्तीसँग भिड्न जाँदा तिनको हातमा घुयेंत्रो थियो ।
41 और वह फ़िलिस्ती बढ़ा, और दाऊद के नज़दीक़ आया और उसके आगे — आगे उसका सिपर बरदार था।
त्यो पलिश्ति आयो र दाऊदको नजिक गयो । उसको हतियार बोक्ने उसको अगि थियो ।
42 और जब उस फ़िलिस्ती ने इधर उधर निगाह की और दाऊद को देखा तो उसे नाचीज़ जाना क्यूँकि वह महज़ लड़का था, और सुर्ख़रु और नाज़ुक चेहरे का था।
जब त्यो पलिश्तीले अघि हेर्यो र दाऊदलाई देख्यो, तब उसले तिनलाई तुच्छ ठान्यो, किनकि तिनी राता गाला भएका सुन्दर स्वरूपका एउटा सानो केटा मात्र थिए ।
43 तब फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ, जो तू लाठी लेकर मेरे पास आता है?” और उस फ़िलिस्ती ने अपने मा'बूदों का नाम लेकर दाऊद पर ला'नत की।
तब त्यो पलिश्तीले दाऊदलाई भन्यो, “के म कुकुर हो र तँ लट्टी लिएर आइस्?,” र पलिश्तीले आफ्नो देवताहरूको नाउँमा सराप्यो ।
44 और उस फ़िलिस्ती ने दाऊद से कहा, “तू मेरे पास आ, और मैं तेरा गोश्त हवाई परिंदों और जंगली जानवरों को दूँगा।”
त्यो पलिश्तीले दाऊदलाई भन्यो, “मकहाँ आइज, र म तेरो मासु आकाशका चराहरू र जमिनका पशुहरूलाई दिनेछु ।”
45 और दाऊद ने उस फ़िलिस्ती से कहा कि “तू तलवार भाला और बरछी लिए हुए मेरे पास आता है, लेकिन मैं रब्ब — उल — अफ़वाज के नाम से जो इस्राईल के लश्करों का ख़ुदा है, जिसकी तूने बे'इज़्ज़ती की है तेरे पास आता हूँ।
दाऊदले त्यो पलिश्तिलाई जवाफ दिए, “तँ त तरवार, भाला र बर्छासित मकहाँ आइस् । तर म त सर्वशक्तिमान् परमप्रभु, इस्राएलको फौजका परमेश्वरको नाउँमा तँकहाँ आउँछु, जसको तैंले विरोध गरेको छस् ।
46 और आज ही के दिन ख़ुदावन्द तुझको मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझको मार कर तेरा सर तुझ पर से उतार लूँगा और मैं आज के दिन फ़िलिस्तियों के लश्कर की लाशें हवाई परिंदों और ज़मीन के जंगली जानवरों को दूँगा ताकि दुनिया जान ले कि इस्राईल में एक ख़ुदा है।
आज परमप्रभुले मलाई तँमाथि विजय दिनुहुनेछ र म तँलाई मार्नेछु र तेरो शिरलाई तेरो शरीरबाट अलग गर्नेछु । आज म पलिश्ती फौजको मृत शरीरहरूलाई आकाशको चराहरू र पृथ्वीका जङ्गली जनावरहरूलाई दिनेछु, ताकि इस्राएलमा परमेश्वर हुनुहुन्छ भनी सारा पृथ्वीले जान्न सकोस्,
47 और यह सारी जमा'अत जान ले कि ख़ुदावन्द तलवार और भाले के ज़रिए' से नहीं बचाता इसलिए कि जंग तो ख़ुदावन्द की है, और वही तुमको हमारे हाथ में कर देगा।”
साथै भेला भएका यी सबैले जानून् कि परमप्रभुले तरवार वा भालाले विजन दिनुहुन्न । किनकि युद्ध परमप्रभुको हो र उहाँले नै तँलाई मेरो हातमा दिनुहुनेछ ।
48 और ऐसा हुआ, कि जब वह फ़िलिस्ती उठा, और बढ़ कर दाऊद के मुक़ाबिला के लिए नज़दीक आया, तो दाऊद ने जल्दी की और लश्कर की तरफ़ उस फ़िलिस्ती से मुक़ाबिला करने को दौड़ा।
जब त्यो पलिश्ती उठ्यो र दाऊदको नजिक जान लाग्यो, तब उसलाई भेट्न दाऊद छिटो दौडेर शत्रुका फौजतिर गए ।
49 और दाऊद ने अपने थैले में अपना हाथ डाला और उस में से एक पत्थर लिया और गोफ़न में रख कर उस फ़िलिस्ती के माथे पर मारा और वह पत्थर उसके माथे के अंदर घुस गया और वह ज़मीन पर मुँह के बल गिर पड़ा।
दाऊदले आफ्नो झोलामा आफ्नो हात हाले, त्यसबाट एउटा ढुङ्गा लिए, त्यसलाई घुयेंत्रोमा घुमाए र पलिश्तीको निधारमा हिर्काए । त्यो ढुङ्गा उक्त पलिश्तीको निधारमै गाडियो र ऊ घोप्टो परेर जमिनमा ढल्यो ।
50 इसलिए दाऊद उस गोफ़न और एक पत्थर से उस फ़िलिस्ती पर ग़ालिब आया और उस फ़िलिस्ती को मारा और क़त्ल किया और दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
त्यो पलिश्तीलाई एउटा घुयेंत्र र एउटा ढुङ्गाले दाउदले हराए । तिनले त्यो पलिस्तीलाई हिर्काए र उसलाई मारे । दाऊदको हातमा कुनै तरवार थिएन ।
51 और दाऊद दौड़ कर उस फ़िलिस्ती के ऊपर खड़ा हो गया, और उसकी तलवार पकड़ कर मियाँन से खींची और उसे क़त्ल किया और उसी से उसका सर काट डाला और फ़िलिस्तियों ने जो देखा कि उनका पहलवान मारा गया तो वह भागे।
अनि दाऊद दौडेर गए र त्यो पलिश्तीमाथि खडा भए, उसको तरवारलाई त्यसको म्यानबाट झिके, उसलाई मारे र त्यसले उसको शिर काटे । जब पलिश्तीहरूले आफ्नो वीर मानिस मरेको देखे, तब तिनीहरू भागे ।
52 और इस्राईल और यहूदाह के लोग उठे और ललकार कर फ़िलिस्तियों को गई और 'अक़रून के फाटकों तक दौड़ाया और फ़िलिस्तियों में से जो ज़ख़्मी हुए थे वह शा'रीम के रास्ते में और जात और 'अक्रू़न तक गिरते गए।
त्यसपछि इस्राएलका र यहूदका मानिसहरू चिच्याहटसँगै उठे पलिश्तीहरूलाई मैदान र एक्रोनको ढोकासम्म लखेटे । पलिश्तीहरूका मृत शरीर शारैम जाने बाटोदेखि गात र एक्रोन जाने बाटोभरि छरिएको थियो ।
53 तब बनी इस्राईल फ़िलिस्तियों के पीछे से उलटे फिरे और उनके ख़ेमों को लूटा।
इस्राएलका मानिसहरू पलिश्तीहरूलाई खेदेर फर्के र तिनीहरूले उनीहरूको छाउनी लूटे ।
54 और दाऊद उस फ़िलिस्ती का सर लेकर उसे येरूशलेम में लाया और उसके हथियारों को उसने अपने डेरे में रख दिया।
दाऊदले त्यो पलिश्तीको शिर लिए र त्यो यरूशलेममा ल्याए, तर उसको हतियारचाहिं तिनले आफ्नो पालमा राखे ।
55 जब साऊल ने दाऊद को उस फ़िलिस्ती का मुक़ाबिला करने के लिए जाते देखा तो उसने लश्कर के सरदार अबनेर से पूछा अबनेर यह लड़का किसका बेटा है? अबनेर ने कहा, ऐ बादशाह तेरी जान की क़सम में नहीं जानता।
जब दाऊद त्यो पलिश्तीको विरुद्धमा निस्केको शाऊलले देखे, तब तिनले फौजको कप्तान अबनेरलाई भने, “अबनेर, यो जवान केटा कसको छोरा हो?” अबनेरले भने, “हे महाराजा, तपाईं जीवित हुनुभएझैं, मलाई थाहा छैन ।”
56 तब बादशाह ने कहा, तू मा'लूम कर कि यह नौजवान किस का बेटा है।
राजाले भने, “त्यो केटा कसका छोरा हुन् चिन्नेहरूलाई सोध ।”
57 और जब दाऊद उस फ़िलिस्ती को क़त्ल कर के फ़िरा तो अबनेर उसे लेकर साऊल के पास लाया और फ़िलिस्ती का सर उसके हाथ में था।
जब त्यो पलिश्तीलाई मारेर दाऊद फर्के, अबनेरले तिनलाई लगे, र तिनको हातमा त्यो पलिश्तीको शिरसँगै तिनलाई शाऊलको सामु ल्याए ।
58 तब साऊल ने उससे कहा, “ऐ जवान तू किसका बेटा है?” दाऊद ने जवाब दिया, “मैं तेरे ख़ादिम बैतलहमी यस्सी का बेटा हूँ।”
शाऊलले तिनलाई सोधे, “हे जवान मानिस, तिमी कसका छोरा हौ?” दाऊदले जवाफ दिए, “म तपाईंको दास बेथलेहेमी यिशैको छोरा हुँ ।”