< 1 पतरस 5 >

1 तुम में जो बुज़ुर्ग हैं, मैं उनकी तरह बुज़ुर्ग और मसीह के दुखों का गवाह और ज़ाहिर होने वाले जलाल में शरीक होकर उनको ये नसीहत करता हूँ।
The elders which are among you I exhort, who am also an elder, and a witness of the sufferings of Christ, and also a partaker of the glory that shall be revealed:
2 कि ख़ुदा के उस गल्ले की गल्लेबानी करो जो तुम में है; लाचारी से निगहबानी न करो, बल्कि ख़ुदा की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ ख़ुशी से और नाजायज़ नफ़े' के लिए नहीं बल्कि दिली शौक़ से।
Feed the flock of God which is among you, taking the oversight [thereof], not by constraint, but willingly; not for filthy lucre, but of a ready mind;
3 और जो लोग तुम्हारे सुपुर्द हैं उन पर हुकूमत न जताओ, बल्कि गल्ले के लिए नमूना बनो।
Neither as being lords over [God’s] heritage, but being ensamples to the flock.
4 और जब सरदार गल्लेबान ज़ाहिर होगा, तो तुम को जलाल का ऐसा सहारा मिलेगा जो मुरझाने का नहीं।
And when the chief Shepherd shall appear, ye shall receive a crown of glory that fadeth not away.
5 ऐ जवानो! तुम भी बुज़ुर्गों के ताबे' रहो, बल्कि सब के सब एक दूसरे की ख़िदमत के लिए फ़रोतनी से कमर बस्ता रहो, इसलिए कि “ख़ुदा मग़रुरों का मुक़ाबिला करता है, मगर फ़रोतनों को तौफ़ीक़ बख्शता है।”
Likewise, ye younger, submit yourselves unto the elder. Yea, all [of you] be subject one to another, and be clothed with humility: for God resisteth the proud, and giveth grace to the humble.
6 पस ख़ुदा के मज़बूत हाथ के नीचे फ़रोतनी से रहो, ताकि वो तुम्हें वक़्त पर सरबलन्द करे।
Humble yourselves therefore under the mighty hand of God, that he may exalt you in due time:
7 अपनी सारी फ़िक्र उसी पर डाल दो, क्यूँकि उसको तुम्हारी फ़िक्र है।
Casting all your care upon him; for he careth for you.
8 तुम होशियार और बेदार रहो; तुम्हारा मुख़ालिफ़ इब्लीस गरजने वाले शेर — ए — बबर की तरह ढूँडता फिरता है कि किसको फाड़ खाए।
Be sober, be vigilant; because your adversary the devil, as a roaring lion, walketh about, seeking whom he may devour:
9 तुम ईमान में मज़बूत होकर और ये जानकर उसका मुक़ाबिला करो कि तुम्हारे भाई जो दुनिया में हैं ऐसे ही दुःख उठा रहे हैं
Whom resist stedfast in the faith, knowing that the same afflictions are accomplished in your brethren that are in the world.
10 अब ख़ुदा जो हर तरह के फ़ज़ल का चश्मा है, जिसने तुम को मसीह ईसा में अपने अबदी जलाल के लिए बुलाया, तुम्हारे थोड़ी मुद्दत तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें कामिल और क़ाईम और मज़बूत करेगा। (aiōnios g166)
But the God of all grace, who hath called us unto his eternal glory by Christ Jesus, after that ye have suffered a while, make you perfect, stablish, strengthen, settle [you]. (aiōnios g166)
11 हमेशा से हमेशा तक उसी की सल्तनत रहे। आमीन। (aiōn g165)
To him [be] glory and dominion for ever and ever. Amen. (aiōn g165)
12 मैंने सिलवानुस के ज़रिए, जो मेरी दानिस्त में दियानतदार भाई है, मुख़्तसर तौर पर लिख कर तुम्हें नसीहत की और ये गवाही दी कि ख़ुदा का सच्चा फ़ज़ल यही है, इसी पर क़ाईम रहो।
By Silvanus, a faithful brother unto you, as I suppose, I have written briefly, exhorting, and testifying that this is the true grace of God wherein ye stand.
13 जो बाबुल में तुम्हारी तरह बरगुज़ीदा है, वो और मेरा मरकुस तुम्हें सलाम कहते हैं।
The [church that is] at Babylon, elected together with [you], saluteth you; and [so doth] Marcus my son.
14 मुहब्बत से बोसा ले लेकर आपस में सलाम करो। तुम सबको जो मसीह में हो, इत्मीनान हासिल होता रहे।
Greet ye one another with a kiss of charity. Peace [be] with you all that are in Christ Jesus. Amen.

< 1 पतरस 5 >