< 1 सला 8 >

1 तब सुलेमान ने इस्राईल के बुज़ुगों और क़बीलों के सब सरदारों को, जो बनी इस्राईल के आबाई ख़ान्दानों के रईस थे, अपने पास येरूशलेम में जमा' किया ताकि वह दाऊद के शहर से, जो सिय्यून है, ख़ुदावन्द के 'अहद के सन्दूक़ को ले आएँ।
Тада сабра Соломун старешине Израиљеве и све главаре племенске, кнезове домова отачких синова Израиљевих, к себи у Јерусалим да се пренесе ковчег завета Господњег из града Давидовог, а то је Сион.
2 इसलिए उस 'ईद में इस्राईल के सब लोग माह — ए — ऐतानीम में, जो सातवाँ महीना है, सुलेमान बादशाह के पास जमा' हुए।
И скупише се к цару Соломуну сви људи Израиљеви месеца Етанима на празника, а то је месец седми.
3 और इस्राईल के सब बुज़ुर्ग आए, और काहिनों ने सन्दूक़ उठाया।
И кад дођоше све старешине Израиљеве, подигоше свештеници ковчег;
4 और वह ख़ुदावन्द के सन्दूक़ को, और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ को, और उन सब मुक़द्दस बर्तनों को जो ख़ेमे के अन्दर थे ले आए; उनको काहिन और लावी लाए थे।
И пренесоше ковчег Господњи и шатор од састанка и све суде свете што беху у шатору; пренесоше их свештеници и Левити.
5 और सुलेमान बादशाह ने और उसके साथ इस्राईल की सारी जमा'अत ने, जो उसके पास जमा' थी, सन्दूक़ के सामने खड़े होकर इतनी भेड़ — बकरियाँ और बैल ज़बह किए कि उनको कसरत की वजह से उनकी गिनती या हिसाब न हो सका।
А цар Соломун и сав збор Израиљев, који се сабра к њему, принесоше с њим пред ковчегом оваца и говеда толико да се не могаше ни избројати ни прорачунати од мноштва.
6 और काहिन ख़ुदावन्द के 'अहद के सन्दूक़ को उसकी जगह पर, उस घर की इल्हामगाह में, या'नी पाकतरीन मकान में 'ऐन करूबियों के बाज़ुओं के नीचे ले आए।
И унесоше свештеници ковчег завета Господњег на његово место, у унутрашњи дом, у светињу над светињама, под крила херувимима.
7 क्यूँकि करूबी अपने बाज़ुओं को सन्दूक़ की जगह के ऊपर फैलाए हुए थे, और वह करूबी सन्दूक़ को और उसकी चोबों को ऊपर से ढाँके हुए थे।
Јер херувимима беху раширена крила над местом где ће стајати ковчег, и заклањаху херувими ковчег и полуге његове одозго.
8 और वह चोबें ऐसी लम्बी थीं के उन चोंबों के सिरे पाक मकान से इल्हामगाह के सामने दिखाई देते थे, लेकिन बाहर से नहीं दिखाई देते थे। और वह आज तक वहीं हैं।
И повукоше му полуге тако да се крајеви виђаху на предњој страни светиње над светињама, али се напоље не виђаху; и онде осташе до данашњег дана.
9 उस सन्दूक़ में कुछ न था सिवा पत्थर की उन दो लौहों के जिनको वहाँ मूसा ने होरिब में रख दिया था, जिस वक़्त के ख़ुदावन्द ने बनी इस्राईल से जब वह मुल्क — ए — मिस्र से निकल आए, 'अहद बाँधा था।
У ковчегу не беше ништа осим две плоче камене, које метну у њ Мојсије на Хориву, кад Господ учини завет са синовима Израиљевим пошто изиђоше из земље мисирске.
10 फिर ऐसा हुआ कि जब काहिन पाक मकान से बाहर निकल आए, तो ख़ुदावन्द का घर अब्र से भर गया:
А кад свештеници изиђоше из светиње, облак напуни дом Господњи,
11 इसलिए काहिन उस अब्र की वजह से ख़िदमत के लिए खड़े न हो सके, इसलिए कि ख़ुदावन्द का घर उसके जलाल से भर गया था।
Те не могаху свештеници стајати да служе од облака; јер се славе Господње напуни дом Господњи.
12 तब सुलेमान ने कहा कि “ख़ुदावन्द ने फ़रमाया था कि वह गहरी तारीकी में रहेगा।
Тада рече Соломун: Господ је рекао да ће наставати у мраку.
13 मैंने हक़ीक़त में एक घर तेरे रहने के लिए, बल्कि तेरी हमेशा की सुकूनत के वास्ते एक जगह बनाई है।”
Сазидах дом Теби за стан, место, да у њему наставаш до века.
14 और बादशाह ने अपना मुँह फेरा और इस्राईल की सारी जमा'अत को बरकत दी, और इस्राईल की सारी जमा'अत खड़ी रही;
И окренувши се лицем својим цар благослови сав збор Израиљев, а сав збор Израиљев стајаше.
15 और उसने कहा कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा मुबारक हो! जिसने अपने मुँह से मेरे बाप दाऊद से कलाम किया, और उसे अपने हाथ से यह कह कर पूरा किया कि।
И рече: Благословен да је Господ Бог Израиљев, који је говорио својим устима Давиду оцу мом и испунио руком својом говорећи:
16 “जिस दिन से मैं अपनी क़ौम इस्राईल को मिस्र से निकाल लाया, मैंने इस्राईल के सब क़बीलों में से भी किसी शहर को नहीं चुना कि एक घर बनाया जाए, ताकि मेरा नाम वहाँ हो; लेकिन मैंने दाऊद को चुन लिया कि वह मेरी क़ौम इस्राईल पर हाकिम हो।
Од оног дана кад изведох из Мисира народ свој Израиља не изабрах ни једног града међу свим племенима Израиљевим да се сазида дом где би било име моје, него изабрах Давида да буде над народом мојим Израиљем.
17 और मेरे बाप दाऊद के दिल में था कि ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा के नाम के लिए एक घर बनाए।
И науми Давид, отац мој, да сазида дом имену Господа Бога Израиљевог.
18 लेकिन ख़ुदावन्द ने मेरे बाप दाऊद से कहा, 'चूँकि मेरे नाम के लिए एक घर बनाने का ख़्याल तेरे दिल में था, तब तू ने अच्छा किया कि अपने दिल में ऐसा ठाना;
Али Господ рече Давиду, оцу мом: Што си наумио сазидати дом имену мом, добро си учинио што си то наумио;
19 तोभी तू उस घर को न बनाना, बल्कि तेरा बेटा जो तेरे सुल्ब से निकलेगा वह मेरे नाम के लिए घर बनाएगा।
Али нећеш ти сазидати тај дом, него син твој, који ће изаћи из бедара твојих, он ће сазидати дом имену мом.
20 और ख़ुदावन्द ने अपनी बात, जो उसने कही थी, क़ाईम की है; क्यूँकि मैं अपने बाप दाऊद की जगह उठा हूँ, और जैसा ख़ुदावन्द ने वा'दा किया था, मैं इस्राईल के तख़्त पर बैठा हूँ और मैंने ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा के नाम के लिए उस घर को बनाया है।
И тако испуни Господ реч своју коју рече; јер устах на место оца свог Давида, и седох на престо Израиљев, као што рече Господ, и сазидах овај дом имену Господа Бога Израиљевог.
21 और मैंने वहाँ एक जगह उस सन्दूक़ के लिए मुक़र्रर कर दी है, जिसमें ख़ुदावन्द का वह 'अहद है जो उसने हमारे बाप — दादा से, जब वह उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, बाँधा था।”
И одредих овде место ковчегу у коме је завет Господњи што је учинио с оцима нашим кад их је извео из земље мисирске.
22 और सुलेमान ने इस्राईल की सारी जमा'अत के सामने ख़ुदावन्द के मज़बह के आगे खड़े होकर अपने हाथ आसमान की तरफ़ फ़ैलाए
Потом стаде Соломун пред олтар Господњи пред свим збором Израиљевим, и подиже руке своје к небу,
23 और कहा, ऐ ख़ुदावन्द, इस्राईल के ख़ुदा! तेरी तरह न तो ऊपर आसमान में, न नीचे ज़मीन पर कोई ख़ुदा है; तू अपने उन बन्दों के लिए जो तेरे सामने अपने सारे दिल से चलते हैं, 'अहद और रहमत को निगाह रखता है।
И рече: Господе Боже Израиљев! Нема Бога таквог какав си Ти горе на небу ни доле на земљи, који чуваш завет и милост слугама својим, које ходе пред Тобом свим срцем својим;
24 तू ने अपने बन्दा मेरे बाप दाऊद के हक़ में वह बात क़ाईम रख्खी, जिसका तू ने उससे वा'दा किया था; तू ने अपने मुँह से फ़रमाया और अपने हाथ से उसे पूरा किया, जैसा आज के दिन है।
Који си испунио слузи свом Давиду, оцу мом, шта си му рекао; шта си устима својим рекао то си руком својом испунио, као што се види данас.
25 इसलिए अब ऐ ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा! तू अपने बन्दा मेरे बाप दाऊद के साथ उस क़ौल को भी पूरा कर जो तूने उससे किया था कि 'तेरे आदमियों से मेरे सामने इस्राईल के तख़्त पर बैठने वाले की कमी न होगी; बशर्ते कि तेरी औलाद, जैसे तू मेरे सामने चलता रहा वैसे ही मेरे सामने चलने के लिए, अपने रास्ते की एहतियात रखखे।
Сада дакле, Господе Боже Израиљев, држи слузи свом Давиду оцу мом шта си му рекао говорећи: Неће ти нестати човека испред мене који би седео на престолу Израиљевом, само ако синови твоји ушчувају пут свој ходећи преда мном, као што си ти ходио преда мном.
26 इसलिए अब ऐ इस्राईल के खुदा, तेरा वह क़ौल सच्चा साबित किया जाए, जो तू ने अपने बन्दे मेरे बाप दाऊद से किया।
Сада дакле, Боже Израиљев, нека се потврди реч Твоја коју си рекао слузи свом Давиду, оцу мом.
27 लेकिन क्या ख़ुदा हक़ीक़त में ज़मीन पर सुकूनत करेगा? देख, आसमान बल्कि आसमानों के आसमान में भी तू समा नहीं सकता, तो यह घर तो कुछ भी नहीं जिसे मैंने बनाया।
Али хоће ли доиста Бог становати на земљи? Ето, небо и небеса над небесима не могу Те обухватити, а камоли овај дом што га сазидах?
28 तोभी, ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, अपने बन्दा की दुआ और मुनाजात का लिहाज़ करके, उस फ़रियाद और दुआ को सुन ले जो तेरा बन्दा आज के दिन तेरे सामने करता है,
Али погледај на молитву слуге свог и на молбу његову, Господе Боже мој, чуј вику и молитву, којим Ти се моли данас слуга Твој;
29 ताकि तेरी आँखें इस घर की तरफ़, या'नी उसी जगह की तरफ़ जिसकी ज़रिए' तू ने फ़रमाया कि 'मैं अपना नाम वहाँ रखूँगा,' दिन और रात खुली रहें; ताकि तू उस दुआ को सुने जो तेरा बन्दा इस मक़ाम की तरफ़ रुख़ करके तुझ से करेगा।
Да буду очи Твоје отворене над домом овим дан и ноћ, над овим местом, за које си рекао: Ту ће бити име моје; да чујеш молитву којом ће се молити слуга Твој на овом месту.
30 और तू अपने बन्दा और अपनी क़ौम इस्राईल की मुनाजात को, जब वह इस जगह की तरफ रुख करके करें सुन लेना, बल्कि तू आसमान पर से जो तेरी सुकूनत गाह है सुन लेना, और सुनकर मु'आफ़ कर देना।
Чуј молбу слуге свог и народа свог Израиља, којом ће се молити на овом месту; чуј с места где станујеш, с неба, чуј, и смилуј се.
31 “अगर कोई शख़्स अपने पड़ौसी का गुनाह करे, और उसे क़सम खिलाने के लिए उसको हल्फ़ दिया जाए, और वह आकर इस घर में तेरे मज़बह के आगे क़सम खाए:
Кад ко згреши ближњему свом те му се да заклетва да се закуне, и заклетва дође пред Твој олтар у овом дому,
32 तो तू आसमान पर से सुनकर 'अमल करना और अपने बन्दों का इन्साफ़ करना, और बदकार पर फ़तवा लगाकर उसके 'आमाल को उसी के सिर डालना, और सादिक़ को सच्चा ठहराकर उसकी सदाक़त के मुताबिक उसे बदला देना।
Ти чуј с неба, и учини и суди слугама својим, осуђујући кривца и дела његова обраћајући на његову главу, а правог правдајући и плаћајући му по правди његовој.
33 जब तेरी क़ौम इस्राईल तेरा गुनाह करने के ज़रिए' अपने दुश्मनों से शिकस्त खाए और फिर तेरी तरफ़ रुजू' लाये और तेरे नाम का इकरार करके इस घर में तुझ से दुआ और मुनाजात करे;
Кад разбију непријатељи Твоји народ Твој Израиља зато што Ти згреше, па се обрате к Теби и даду славу имену Твом, и помоле Ти се и замоле Те у овом дому,
34 तो तू आसमान पर से सुनकर अपनी क़ौम इस्राईल का गुनाह मु'आफ़ करना, और उनको इस मुल्क में जो तूने उनके बाप दादा को दिया फिर ले आना।
Ти чуј с неба, и опрости грех народу свом Израиљу, и доведи их опет у земљу коју си дао оцима њиховим.
35 “जब इस वजह से कि उन्होंने तेरा गुनाह किया हो, आसमान बन्द हो जाए और बारिश न हो, और वह इस मक़ाम की तरफ़ रुख़ करके दुआ करें और तेरे नाम का इक़रार करें, और अपने गुनाह से बाज़ आएँ जब तू उनको दुख दे;
Кад се затвори небо, те не буде дажда зато што згреше Теби, па Ти се замоле на овом месту и даду славу имену Твом, и од греха се свог обрате, кад их намучиш,
36 तो तू आसमान पर से सुन कर अपने बन्दों और अपनी क़ौम इस्राईल का गुनाह मु'आफ़ कर देना, क्यूँकि तू उनको उस अच्छी रास्ते की ता'लीम देता है जिस पर उनको चलना फ़र्ज़ है, और अपने मुल्क पर जिसे तू ने अपनी क़ौम को मीरास के लिए दिया है, पानी बरसाना।
Ти чуј с неба, и опрости грех слугама својим и народу свом Израиљу показавши им пут добри којим ће ходити, и пусти дажд на земљу своју, коју си дао народу свом у наследство.
37 “अगर मुल्क में काल हो, अगर वबा हो, अगर बाद — ऐ — समूम या गेरूई या टिड्डी या कमला हो, अगर उनके दुश्मन उनके शहरों के मुल्क में उनको घेर लें, ग़रज़ कैसी ही बला कैसा ही रोग हो;
Кад буде глад у земљи, кад буде помор, суша, медљика, скакавци, гусенице, или кад га притесни непријатељ његов у земљи његовој властитој, или какво год зло, каква год болест,
38 तो जो दुआ और मुनाजात किसी एक शख़्स या तेरी क़ौम इस्राईल की तरफ़ से ही, जिनमें से हर शख़्स अपने दिल का दुख जानकर अपने हाथ इस घर की तरफ़ फैलाए;
Сваку молбу и сваку молитву, која буде од кога год човека или од свега Твог народа Израиља, ко позна муку срца свог и подигне руке своје у овом дому,
39 तो तू आसमान पर से जो तेरी सुकुनतगाह है सुनकर मु'आफ़ कर देना, और ऐसा करना कि हर आदमी को, जिसके दिल को तू जानता है, उसी की सारे चाल चलन के मुताबिक़ बदला देना; क्यूँकि सिर्फ़ तू ही सब बनी — आदम के दिलों को जानता है;
Ти чуј с неба, из стана свог, и смилуј се и учини и подај свакоме по свим путевима његовим, које знаш у срцу његовом; јер Ти сам знаш срца свих синова човечијих;
40 ताकि जितनी मुद्दत तक वह उस मुल्क में जिसे तू ने हमारे बाप — दादा को दिया ज़िन्दा रहें, तेरा ख़ौफ़ माने।
Да Те се боје докле су год живи на земљи коју си дао оцима нашим.
41 'अब रहा वह परदेसी जो तेरी क़ौम इस्राईल में से नहीं है, वह जब दूर मुल्क से तेरे नाम की ख़ातिर आए,
И странац, који није од Твог народа Израиља, него дође из далеке земље имена Твог ради,
42 क्यूँकि वह तेरे बुज़ुर्ग नाम और क़वी हाथ और बुलन्द बाज़ू का हाल सुनेंगे इसलिए जब वह आए और इस घर की तरफ़ रुख़ करके दुआ करे,
(Јер ће се чути за име Твоје велико и за руку Твоју крепку и мишицу Твоју подигнуту) кад дође и помоли се у овом дому,
43 तो तू आसमान पर से जो तेरी सुकूनत गाह है सुन लेना, और जिस — जिस बात के लिए वह परदेसी तुझ से फ़रयाद करे तू उसके मुताबिक़ करना, ताकि ज़मीन की सब क़ौमें बनी इस्राईल की मानिन्द तेरे नाम को पहचाने मानें, और जान लें कि यह घर जिसे मैंने बनाया है तेरे नाम का कहलाता है।
Ти чуј с неба, из стана свог, и учини све за шта повиче к Теби онај странац, да би познали име Твоје сви народи на земљи и бојали се Тебе као народ Твој Израиљ, и да би знали да је име Твоје призвано над овим домом, који сазидах.
44 'अगर तेरे लोग चाहे किसी रास्ते से तू उनको भेजे, अपने दुश्मनों से लड़ने को निकलें, और वह ख़ुदावन्द से उस शहर की तरफ़ जिसे तू ने चुना है, और उस घर की तरफ़ जिसे मैंने तेरे नाम के लिए बनाया है, रुख़ करके दुआ करें,
Кад народ Твој изиђе на војску на непријатеља свог путем којим Га пошаљеш, и помоле се Господу обративши се ка граду, који си изабрао, и к дому, који сам сазидао имену Твом,
45 तो तू आसमान पर से उनकी दुआ और मुनाजात सुनकर उनकी हिमायत करना।
Чуј с неба молбу њихову, и подај им правицу.
46 'अगर वह तेरा गुनाह करें क्यूँकि कोई ऐसा आदमी नहीं जो गुनाह न करता हो और तू उनसे नाराज़ होकर उनको दुश्मन के हवाले कर दे, ऐसा कि वह दुश्मन उनको ग़ुलाम करके अपने मुल्क में ले जाए, ख़्वाह वह दूर हो या नज़दीक,
Кад Ти згреше, јер нема човека који не греши, и разгневивши се на њих даш их непријатељима њиховим, те их заробе и одведу у земљу непријатељску далеко или близу,
47 तोभी अगर वह उस मुल्क में जहाँ वह ग़ुलाम होकर पहुँचाए गए, होश में आयें और रुजू' लायें और अपने ग़ुलाम करने वालों के मुल्क में तुझसे मुनाजात करें और कहें कि हम ने गुनाह किया, हम टेढ़ी चाल चले, और हम ने शरारत की;
Ако се дозову у земљи у коју буду одведени у ропство, и обрате се и стану Ти се молити у земљи оних који их заробише, и кажу: Сагрешисмо и зло учинисмо, скривисмо,
48 इसलिए अगर वह अपने दुश्मनों के मुल्क में जो उनको क़ैद करके ले गए, अपने सारे दिल और अपनी सारी जान से तेरी तरफ़ फिरें और अपने मुल्क की तरफ़, जो तू ने उनके बाप — दादा को दिया, और इस शहर की तरफ़, जिसे तू ने चुन लिया, और इस घर की तरफ़, जो मैंने तेरे नाम के लिए बनाया है, रुख़ करके तुझ से दुआ करें,
И тако се обрате к Теби свим срцем својим и свом душом својом у земљи непријатеља својих, који их заробе, и помоле Ти се окренувши се к земљи својој, коју си дао оцима њиховим, ка граду, који си изабрао, и к дому, који сам сазидао имену Твом,
49 तो तू आसमान पर से, जो तेरी सुकूनत गाह है, उनकी दुआ और मुनाजात सुनकर उनकी हिमायत करना,
Тада чуј с неба, из стана свог, молбу њихову и молитву њихову, и подај им правицу,
50 और अपनी क़ौम को, जिसने तेरा गुनाह किया, और उनकी सब ख़ताओं को, जो उनसे तेरे ख़िलाफ़ सरज़द हों, मु'आफ़ कर देना, और उनके ग़ुलाम करने वालों के आगे उन पर रहम करना ताकि वह उन पर रहम करें।
И опрости народу свом шта Ти буду згрешили, и све преступе којима Ти буду преступили, и умилостиви им оне који их заробе да се смилују на њих.
51 क्यूँकि वह तेरी क़ौम और तेरी मीरास हैं, जिसे तू मिस्र से लोहे के भट्टे के बीच में से निकाल लाया।
Јер су Твој народ и Твоје наследство, које си извео из Мисира, исред пећи гвоздене.
52 सो तेरी आँखें तेरे बन्दा की मुनाजात और तेरी क़ौम इस्राईल की मुनाजात की तरफ़ खुली रहें, ताकि जब कभी वह तुझ से फ़रियाद करें, तू उनकी सुने;
Нека буду очи Твоје отворене на молбу слуге Твог и на молбу народа Твог Израиља, и чуј их кад Те год призову.
53 क्यूँकि तू ने ज़मीन की सब क़ौमों में से उनको अलग किया कि वह तेरी मीरास हों, जैसा ऐ मालिक ख़ुदावन्द, तू ने अपने बन्दे मूसा की ज़रिए' फ़रमाया, जिस वक़्त तू हमारे बाप — दादा को मिस्र से निकाल लाया।”
Јер си их Ти одвојио себи за наследство од свих народа на земљи, као што си рекао преко Мојсија слуге свог, кад си извео оце наше из Мисира, Господе, Господе!
54 और ऐसा हुआ कि जब सुलेमान ख़ुदावन्द से यह सब मुनाजात कर चुका, तो वह ख़ुदावन्द के मज़बह के सामने से, जहाँ वह अपने हाथ आसमान की तरफ़ फैलाए हुए घुटने टेके था, उठा।
А кад Соломун молећи се Господу сврши сву ову молбу и молитву, уста испред олтара Господњег, где беше клекао и руке своје подигао к небу;
55 और खड़े होकर इस्राईल की सारी जमा'अत को ऊँची आवाज़ से बरकत दी और कहा,
И стојећи благослови сав збор Израиљев, гласом великим говорећи:
56 “ख़ुदावन्द, जिसने अपने सब वा'दों के मुताबिक़ अपनी क़ौम इस्राईल को आराम बख़्शा मुबारक हो; क्यूँकि जो सारा अच्छा वा'दा उसने अपने बन्दे मूसा की ज़रिए' किया, उसमें से एक बात भी ख़ाली न गई।
Благословен да је Господ који је смирио народ свој Израиља, као што је говорио; није изостала ни једна реч од свих добрих речи Његових, које је говорио преко Мојсија, слуге свог.
57 ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा हमारे साथ रहे जैसे वह हमारे बाप — दादा के साथ रहा, और न हम को तर्क करे न छोड़े।
Да Господ Бог наш буде с нама као што је био с оцима нашим, да нас не остави и не напусти.
58 ताकि वह हमारे दिलों को अपनी तरफ़ माइल करे कि हम उसकी सब रास्तों पर चलें, और उसके फ़रमानों और क़ानून और अहकाम को, जो उसने हमारे बाप — दादा को दिए मानें।
Него нека пригне срце наше к себи да бисмо ходили свим путевима Његовим и држали заповести Његове и уредбе Његове и законе Његове, што је заповедио оцима нашим.
59 और यह मेरी बातें जिनको मैंने ख़ुदावन्द के सामने मुनाजात में पेश किया है, दिन और रात ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा के नज़दीक रहें, ताकि वह अपने बन्दा की दाद और अपनी क़ौम इस्राईल की दाद हर दिन की ज़रूरत के मुताबिक़ दे;
И нека буду ове речи моје, којима се молих Господу, близу Господа Бога нашег дан и ноћ да би давао правицу слузи свом и народу свом Израиљу у свако доба;
60 जिससे ज़मीन की सब क़ौमें जान लें कि ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है और उसके सिवा और कोई नहीं।
Да би познали сви народи на земљи да је Господ сам Бог и да нема другог.
61 इसलिए तुम्हारा दिल आज की तरह ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा के साथ उसके क़ानून पर चलने, और उसके हुक्मों को मानने के लिए कामिल रहे।”
И нека срце ваше буде цело према Господу Богу нашем, да ходите по уредбама Његовим и држите заповести Његове као данас.
62 और बादशाह ने और उसके साथ सारे इस्राईल ने ख़ुदावन्द के सामने क़ुर्बानी पेश की।
Тада цар и сав Израиљ с њим принесоше жртве пред Господом.
63 सुलेमान ने जो सलामती के ज़बीहों की क़ुर्बानी ख़ुदावन्द के सामने पेशकीं उसमें उसने बाईस हज़ार बैल और एक लाख बीस हज़ार भेड़ें पेश कीं। ऐसे बादशाह ने और सब बनी — इस्राईल ने ख़ुदावन्द का घर मख़्सूस किया।
И Соломун принесе на жртву захвалну, коју принесе Господу, двадесет и две хиљаде волова и сто и двадесет хиљада оваца. Тако посветише дом Господњи цар и сви синови Израиљеви.
64 उसी दिन बादशाह ने सहन के दर्मियानी हिस्से को जो ख़ुदावन्द के घर के सामने था मुक़द्दस किया, क्यूँकि उसने वहीं सोख़्तनी क़ुर्बानी और नज़र की क़ुर्बानी और सलामती के ज़बीहों की चर्बी पेश की, इसलिए कि पीतल का मज़बह जो ख़ुदावन्द के सामने था, इतना छोटा था कि उस पर सोख़्तनी क़ुर्बानी और नज़र की क़ुर्बानी और सलामती के ज़बोहों की चर्बी के लिए गुन्जाइश न थी।
У тај дан посвети цар средину трема који је пред домом Господњим, јер онде принесе жртве паљенице и даре и претилину од жртава захвалних; јер бронзани олтар који беше пред Господом беше мален и не могаше на њ стати жртве паљенице и дари и претилина од жртава захвалних.
65 इसलिए सुलेमान ने और उसके साथ सारे इस्राईल, या'नी एक बड़ी जमा'अत, ने जो हमात के मदख़ल से लेकर मिस्र की नहर तक की हुदूद से आई थी, ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा के सामने सात दिन और फिर सात दिन और, या'नी चौदह दिन, 'ईद मनाई।
И у то време празнова Соломун празник и сав Израиљ с њим, сабор велик од уласка у Емат до потока мисирског, пред Господом Богом нашим, седам дана и опет седам дана, то је четрнаест дана.
66 और आठवें दिन उसने उन लोगों को रुख़सत कर दिया। तब उन्होंने बादशाह को मुबारकबाद दी, और उस सारी नेकी के ज़रिए' जो ख़ुदावन्द ने अपने बन्दा दाऊद और अपनी क़ौम इस्राईल से की थी, अपने डेरों को दिल में ख़ुश और ख़ुश होकर लौट गए।
А у осми дан отпусти народ; и благословише цара и отидоше к шаторима својим радујући се и веселећи се у срцу за све добро што учини Господ Давиду, слузи свом и Израиљу, народу свом.

< 1 सला 8 >