< 1 सला 7 >
1 और सुलेमान तेरह साल अपने महल की ता'मीर में लगा रहा, और अपने महल को ख़त्म किया;
১শলোমন নিজের রাজবাড়ীটা তৈরী করতে তেরো বছর নিয়েছিলেন এবং তিনি তার বাড়ি তৈরী করা শেষ করলেন।
2 क्यूँकि उसने अपना महल लुबनान के बन की लकड़ी का बनाया, उसकी लम्बाई सौ हाथ और चौड़ाई पचास हाथ और ऊँचाई तीस हाथ थी, और वह देवदार के सुतूनों की चार क़तारों पर बना था; और सुतूनों पर देवदार के शहतीर थे।
২তিনি লেবাননের বনের রাজবাড়িটি তৈরী করেছিলেন। এই ঘরটা একশো হাত লম্বা, পঞ্চাশ হাত চওড়া ও ত্রিশ হাত উঁচু ছিল। এরস কাঠের চার সারি থামের উপর এরস কাঠের ছেঁটে নেওয়া কড়িকাঠগুলি বসানো ছিল।
3 और वह पैंतालीस शहतीरों के ऊपर जो सुतूनों पर टिके थे, पाट दिया गया था। हर क़तार में पन्द्रह शहतीर थे।
৩থামের উপর বসানো কড়িকাঠগুলির উপরে এরস কাঠ দিয়ে ছাদ দেওয়া হল; এক এক সারিতে পনেরোটা করে পঁয়তাল্লিশটা কড়িকাঠ ছিল।
4 और खिड़कियों की तीन क़तारें थी, और तीनों क़तारों में हर एक रोशनदान दूसरे रोशनदान के सामने था।
৪ঘরের চারপাশের দেয়ালে মুখোমুখি তিন সারি জানলা দেওয়া হল।
5 और सब दरवाज़े और चौखटें मुरब्बा' शक्ल की थीं, और तीनों क़तारों में हर एक रोशनदान दूसरे रोशनदान के सामने था।
৫সমস্ত দরজা ও থামগুলো ছিল চার কোণা কড়িকাঠের; জানলাগুলো তিন সারিতে মুখোমুখি করে তৈরী করা হয়েছিল।
6 और उसने सुतूनों का बरआमदा बनाया; उसकी लम्बाई पचास हाथ और चौड़ाई तीस हाथ, और इनके सामने एक डयोढ़ी थी, और इनके आगे सुतून और मोटे — मोटे शहतीर थे।
৬সেখানে একটি স্তম্ভশ্রেণী ছিল যেটি লম্বায় পঞ্চাশ হাত আর চওড়ায় ত্রিশ হাত। তার সামনে ছিল একটা ছাদ দেওয়া বারান্দা, আর সেই ছাদ কতগুলো থামের উপর বসানো ছিল।
7 और उसने तख़्त के लिए एक बरआमदा, या'नी 'अदालत का बरआमदा बनाया जहाँ वह 'अदालत कर सके; और फ़र्श — से — फ़र्श तक उसे देवदार से पाट दिया।
৭সিংহাসনের বড় ঘরে তিনি বিচার করবেন, বিচার করবার জন্য এই ঘরটা তৈরী করা হল। ঘরের দেয়াল নীচ থেকে উপর পর্যন্ত তিনি এরস কাঠ দিয়ে ঢেকে দিলেন।
8 और उसके रहने का महल जो उसी बरआमदे के अन्दर दूसरे सहन में था, ऐसे ही काम का बना हुआ था। और सुलेमान ने फ़िर'औन की बेटी के लिए, जिसे उसने ब्याहा था, उसी बरआमदे के तरह का एक महल बनाया
৮যে ঘরে তিনি বাস করবেন সেটা বিচারের ঘরের পিছনে একই রকম তৈরী করলেন। ফরৌণের যে মেয়েকে তিনি বিয়ে করেছিলেন তাঁর জন্য সেই রকম করেই আর একটা ঘর তৈরী করলেন।
9 यह सब अन्दर और बाहर बुनियाद से मुन्डेर तक बेशक़ीमत पत्थरों, या'नी तराशे हुए पत्थरों के बने हुए थे, जो नाप के मुताबिक़ आरों से चीरे गए थे, और ऐसा ही बाहर बाहर बड़े सहन तक था।
৯রাজবাড়ীর বড় উঠান এবং সমস্ত দালানগুলোর ভিত্তি থেকে ওপর পর্যন্ত সবই ঠিক মাপে কাটা দামী পাথর দিয়ে তৈরী করা হয়েছিল। সেই পাথরগুলো করাত দিয়ে সমান করে কেটে নেওয়া হয়েছিল।
10 और बुनियाद बेशक़ीमत पत्थरों, या'नी बड़े — बड़े पत्थरों की थी; यह पत्थर दस — दस हाथ और आठ — आठ हाथ के थे।
১০দালানগুলোর ভিত্তি গাঁথা হয়েছিল বড় বড় দামী পাথর দিয়ে। সেগুলোর কোনো কোনোটা ছিল দশ হাত আবার কোনো কোনোটা আট হাত।
11 और ऊपर नाप के मुताबिक़ बेशक़ीमत पत्थर, या'नी घड़े हुए पत्थर और देवदार की लकड़ी लगी हुई थी।
১১ভিত্তির পাথরগুলোর উপর ছিল ঠিক মাপে কাটা দামী পাথর ও এরস কাঠ।
12 और बड़े सहन में चारों तरफ़ घड़े हुए पत्थरों की तीन क़तारें और देवदार के शहतीरों की एक क़तार, वैसी ही थी जैसी ख़ुदावन्द के घर के अन्दरूनी सहन और उस घर के बरआमदे में थी।
১২বারান্দা সুদ্ধ সদাপ্রভুর ঘরের ভিতরের উঠানের মতই রাজবাড়ীর বড় উঠানের চারপাশের দেয়াল সুন্দর করে কাটা তিন সারি পাথর ও এরস গাছের এক সারি মোটা কাঠ দিয়ে তৈরী করা হয়েছিল।
13 फिर सुलेमान बादशाह ने सूर से हीराम को बुलवा लिया।
১৩রাজা শলোমন সোরে লোক পাঠিয়ে হীরমকে আনালেন।
14 वह नफ़्ताली के क़बीले की एक बेवा 'औरत का बेटा था, और उसका बाप सूर का बाशिन्दा था और ठठेरा था; और वह पीतल के सब काम की कारीगरी में हिकमत और समझ और महारत रखता था। इसलिए उसने सुलेमान बादशाह के पास आकर उसका सब काम बनाया।
১৪তিনি নপ্তালি গোষ্ঠীর বিধবার পুত্র এবং তাঁর বাবা ছিলেন সোরের লোক। হীরম ব্রোঞ্জের কারিগর ছিলেন। হীরম ব্রোঞ্জের সমস্ত রকম কাজ জানতেন এবং সেই কাজে তিনি খুব পাকা ছিলেন। তিনি রাজা শলোমনের কাছে আসলেন এবং তাঁকে যে সব কাজ দেওয়া হল তা করলেন।
15 क्यूँकि उसने अठारह — अठारह हाथ ऊँचे पीतल के दो सुतून बनाए, और एक — एक का घेर बारह हाथ के सूत के बराबर था यह अन्दर से खोखले और इसके पीतल की मोटाई चार उंगल थी।
১৫হীরম ব্রোঞ্জের দুটি থাম তৈরী করলেন। তার প্রত্যেকটি লম্বায় ছিল আঠারো হাত আর পরিধিতে বারো হাত।
16 और उसने सुतूनों की चोटियों पर रखने के लिए पीतल ढाल कर दो ताज बनाये एक ताज की ऊँचाई पाँच और दूसरे ताज की ऊँचाई भी पाँच हाथ थी।
১৬সেই দুটি থামের উপরে দেবার জন্য তিনি ব্রোঞ্জ ছাঁচে ফেলে দুটি মাথা তৈরী করলেন। মাথা দুটির প্রত্যেকটি পাঁচ হাত করে উঁচু ছিল।
17 और उन ताजों के लिए जो सुतूनों की चोटियों पर थे, चारखाने की जालियाँ और जंजीरनुमा हार थे, सात एक ताज के लिए और सात दूसरे ताज के लिए।
১৭স্তম্ভের উপরে অবস্থিত সে মাথার জন্য জালি কাজের জাল ও শিকলের কাজের পাকান দড়ি ছিল; এক মাথার জন্য সাতটা, অন্য মাথার জন্যও সাতটা।
18 तब उसने वह सुतून बनाए, और सुतूनों' की चोटी के ऊपर के ताजों को ढाँकने के लिए एक जाली के काम पर चारों तरफ़ दो क़तारें थीं, और दूसरे ताज के लिए भी उसने ऐसा ही किया।
১৮তাই হীরম পাকানো সাতটা শিকল আর দুই সারি ব্রোঞ্জের ডালিম ফল তৈরী করলেন।
19 और उन चार — चार हाथ के ताजों पर जो बरआमदे के सुतूनों की चोटी पर थे सोसन का काम था;
১৯থামের উপরকার মাথা দুটির উপরের চার হাত ছিল লিলি ফুলের আকারের।
20 और उन दोनों सुतूनों पर, ऊपर की तरफ़ भी जाली के बराबर की गोलाई के पास ताज बने थे; और उस दूसरे ताज पर क़तार दर क़तार चारों तरफ़ दो सौ अनार थे।
২০মাথার নীচের অংশটা গোলাকার ছিল। সেই গোলাকার অংশের চারপাশে শিকলগুলো লাগানো ছিল। প্রত্যেকটি মাথার চারপাশে শিকলের সঙ্গে সারি সারি করে দুশো ডালিম ফল লাগানো ছিল।
21 और उसने हैकल के बरआमदे में वह सुतून खड़े किए; और उसने दहने सुतून को खड़ा करके उसका नाम याकिन रखा, और बाएँ सुतून को खड़ा करके उसका नाम बो'एलियाज़र रखा।
২১হীরম সেই দুইটি ব্রোঞ্জের থাম উপাসনা ঘরের বারান্দায় স্থাপন করলেন। ডান দিকে যেটা রাখলেন তার নাম দেওয়া হল যাখীন যার মানে “যিনি স্থাপন করেন” এবং বাম দিকে যেটা রাখলেন তার নাম দেওয়া হল বোয়স যার মানে “তাঁর মধ্যেই শক্তি”।
22 और सुतूनों की चोटी पर सोसन का काम था; ऐसे सुतूनों का काम ख़त्म हुआ।
২২লিলি ফুলের আকারের ব্রোঞ্জের মাথা দুটি সেই থাম দুটির উপরে বসানো ছিল। এই ভাবে সেই থাম তৈরীর কাজ শেষ করা হল।
23 फिर उसने ढाला हुआ एक बड़ा हौज़ बनाया, वह एक किनारे से दूसरे किनारे तक दस हाथ था; वह गोल था, और ऊँचाई उसकी पाँच हाथ थी, और उसका घेर चारों तरफ़ तीस हाथ के सूत के बराबर था।
২৩তারপর হীরম ব্রোঞ্জের ছাঁচে ঢেলে জল রাখবার জন্য একটা গোল বিরাট পাত্র তৈরী করলেন। পাত্রটার এক দিক থেকে সোজাসুজি অন্য দিকের মাপ ছিল দশ হাত, গভীরতা পাঁচ হাত এবং বেড়ের চারপাশের মাপ ত্রিশ হাত।
24 और उसके किनारे के नीचे चारों तरफ़ दसों हाथ तक लट्टू थे, जो उसे या'नी बड़े हौज़ को घेरे हुए थे; यह लट्टू दो क़तारों में थे, और जब वह ढाला गया तब ही यह भी ढाले गए थे।
২৪পাত্রটার মুখের বাইরের কিনারার নীচে প্রতি হাত জায়গায় দশটা করে দুই সারি পিতলের হাতল লাগানো ছিল। বিরাটাকায় পাত্রটি তৈরী করার দিন ই এগুলি লাগানো হয়।
25 और वह बारह बैलों पर रखा गया; तीन के मुँह शिमाल की तरफ़, और तीन के मुँह मग़रिब की तरफ़, और तीन के मुँह जुनूब की तरफ़, और तीन के मुँह मशरिक़ की तरफ़ थे; और वह बड़ा हौज़ उन ही पर ऊपर की तरफ़ था, और उन सभों का पिछला धड़ अन्दर के रुख़ था।
২৫পাত্রটা বারোটা ব্রোঞ্জের গরুর পিঠের উপর বসানো ছিল। সেগুলোর তিনটা উত্তরমুখী, তিনটা পশ্চিমমুখী, তিনটা দক্ষিণমুখী ও তিনটা পূর্বমূখী ছিল এবং তাদের পিছনগুলো ছিল ভিতরের দিকে।
26 और दिल उसका चार उंगल था, और उसका किनारा प्याले के किनारे की तरह गुल — ए — सोसन की तरह था, और उसमें दो हज़ार बत की समाई थी।
২৬পাত্রটা ছিল চার আঙ্গুল পুরু। তার মুখটা একটা বাটির মুখের মত ছিল এবং লিলি ফুলের পাপড়ির মত ছিল। তাতে 2,000 বালতি জল ধরত।
27 और उसने पीतल की दस कुर्सियाँ बनाई, एक एक कुर्सी की लम्बाई चार हाथ और चौड़ाई चार हाथ और उँचाई तीन हाथ थी।
২৭হীরম ব্রোঞ্জের দশটা বেদির মত জিনিস তৈরী করলেন। সেগুলোর প্রত্যেকটি চার হাত লম্বা, চার হাত চওড়া ও তিন হাত উঁচু ছিল।
28 और उन कुर्सियों की कारीगरी इस तरह की थीं; इनके हाशिये थे, और पटरों के दर्मियान भी हाशिये थे;
২৮বেদির চারপাশের ব্রোঞ্জের পাত কাঠামোর মধ্যে বসানো ছিল।
29 और उन हाशियों पर जो पटरों के दर्मियान थे, शेर और बैल और करूबी बने थे; और उन पटरों पर भी एक कुर्सी ऊपर की तरफ़ थी, और शेरों और बैलों के नीचे लटकते काम के हार थे।
২৯সেই পাতগুলোর উপরে সিংহ, গরু ও করূবের মূর্ত্তি ছিল এবং উপরের কাঠামোর সঙ্গে লাগানো একটা গামলা বসাবার আসন ছিল, সিংহ ও গরুর নীচে ফুলের মত নক্শা করা ছিল।
30 और हर कुर्सी के लिए चार चार पीतल के पहिये और पीतल ही के धुरे थे, और उसके चारों पायों में टेकें लगी थीं; यह ढली हुई टेकें हौज़ के नीचे थीं, और हर एक के पहलू में हार बने थे।
৩০প্রত্যেকটি বেদিতে ব্রোঞ্জের চক্র সুদ্ধ ব্রোঞ্জের চারটা চাকা ছিল। গামলা বসাবার জন্য চার কোণায় ব্রোঞ্জের চারটা অবলম্বন ছিল। সেগুলোতেও ফুলের মত নকশা করা ছিল।
31 और उसका मुँह ताज के अन्दर और बाहर एक हाथ था, और वह मुँह डेढ़ हाथ था और उसका काम कुर्सी के काम की तरह गोल था; और उसी मुँह पर नक़्क़ाशी का काम था और उनके हाशिये गोल नहीं बल्कि चौकोर थे।
৩১গামলা বসাবার আসনের মধ্যে একটা গোলাকার ফাঁকা জায়গা ছিল। সেই ফাঁকা জায়গাটার এক দিক থেকে সোজাসুজি অন্য দিকের মাপ হল দেড় হাত। সেই ফাঁকা জায়গার চারদিকে খোদাই করা কারুকাজ ছিল। গামলাটা সেই ফাঁকা জায়গার মধ্যে বসানো হলে পর আসন থেকে গামলাটার উচ্চতা হল এক হাত। বাক্সের পাতগুলো গোল ছিল না, চৌকো ছিল।
32 और वह चारों पहिये हाशियों के नीचे थे, और पहियों के धुरे कुर्सी में लगे थे; और हर पहिये की उँचाई डेढ़ हाथ थी।
৩২পাতগুলোর নীচে চারটা চাকা ছিল আর চাকার অক্ষদন্ডগুলো বাক্সের সঙ্গে লাগানো ছিল। প্রত্যেকটি চাকা দেড় হাত উঁচু ছিল।
33 और पहियों का काम रथ के पहिये के जैसा था, और उनके धुरे और उनकी पुठियाँ और उनके आरे और उनकी नाभें सब के सब ढाले हुए थे।
৩৩চাকাগুলো রথের চাকার মত ছিল; অক্ষদন্ড, চাকার বেড়, শিক ও মধ্যের নাভি সবই ছাঁচে ঢালাই করা ধাতু ছিল।
34 और हर कुर्सी के चारों कोनों पर चार टेकें थीं, और टेकें और कुर्सी एक ही टुकड़े की थीं।
৩৪প্রত্যেকটি বাক্সের চার কোণায় চারটা অবলম্বন লাগানো ছিল।
35 और हर कुर्सी के सिरे पर आध हाथ ऊँची चारों तरफ़ गोलाई थी, और कुर्सी के सिरे की कंगनियाँ और हाशिये उसी के टुकड़े के थे।
৩৫বেদির উপরে পিতল দিয়ে তৈরী আধ হাত উঁচু একটা গোলাকার জিনিস ছিল। এই গোলাকার জিনিসটা বেদির সঙ্গেই তৈরী করা হয়েছিল।
36 और उसकी कंगनियों के पाटों पर और उसके हाशियों पर उसने करूबियों और शेरों और खजूर के दरख़्तों को, हर एक की जगह के मुताबिक़ कन्दा किया, और चारों तरफ़ हार थे।
৩৬সেই গোলাকার জিনিসের বাইরের দিকে ভাগে ভাগে করূব, সিংহ ও খেজুর গাছ খোদাই করা হয়েছিল। প্রতিটি ভাগের ফাঁকে অবলম্বন ছিল, আর সেই অবলম্বনের উপরে তৈরী করা ছিল ফুলের মত নক্শা।
37 दसों कुर्सियों को उसने इस तरह बनाया, और उन सबका एक ही साँचा और एक ही नाप और एक ही सूरत थी।
৩৭এইভাবেই তিনি দশটা বেদি তৈরী করলেন। সেগুলো একই ছাঁচে ঢালা হয়েছিল এবং আয়তন ও আকারে একই রকম ছিল।
38 और उसने पीतल के दस हौज़ बनाए, हर एक हौज़ में चालीस बत की समाई थी; और हर एक हौज़ चार हाथ का था; और उन दसों कुर्सियों में से हर एक पर एक हौज़ था।
৩৮তিনি প্রত্যেকটি বেদির জন্য একটা করে ব্রোঞ্জের দশটা গামলা তৈরী করলেন। প্রত্যেকটি গামলার বেড় ছিল চার হাত এবং তাতে চল্লিশ বাৎ আনুমাণিক আটশো আশি বালতি জল ধরত। ঐ দশটি বেদির মধ্যে এক একটি বেদির ওপরে এক একটি গামলা থাকত।
39 उसने पाँच कुर्सियाँ घर की दहनी तरफ़, और पाँच घर की बाई तरफ़ रखीं, और बड़े हौज़ को घर के दहने मशरिक़ की तरफ़ जुनूब के रुख़ पर रख्खा।
৩৯তিনি উপাসনা ঘরের দক্ষিণ দিকে পাঁচটা এবং উত্তর দিকে পাঁচটা বাক্স রাখলেন; আর দক্ষিণ পূর্ব কোণায় রাখলেন সেই বিরাট পাত্রটা।
40 हीराम ने हौज़ों और बेलचों और कटोरों को भी बनाया। इसलिए हीराम ने वह सब काम जिसे वह सुलेमान बादशाह की ख़ातिर ख़ुदावन्द के घर में बना रहा था पूरा किया;
৪০এছাড়া তিনি অন্যান্য পাত্র, বড় হাতা ও বাটি তৈরী করলেন। এই ভাবে রাজা শলোমনের জন্য হীরম সদাপ্রভুর ঘরের যে যে কাজ আরম্ভ করেছিলেন তা শেষ করলেন। সেগুলো হল:
41 या'नी दोनों सुतून और सुतूनों की चोटी पर ताजों के दोनों प्याले, और सुतूनों की चोटी पर के ताजों के दोनों प्यालों की ढाँकने की दोनों जालियाँ;
৪১দুটো থাম, থামের উপরকার গোলাকার দুটো বাটির মতো জিনিস ছিল, সেই বাটির উপরটা সাজাবার জন্য দুই সারি কারুকাজ করা জালির ঢাকনা ছিল;
42 और दोनों जालियों के लिए चार सौ अनार, या'नी सुतूनों पर के ताजों के दोनों प्यालों के ढाँकने की हर जाली के लिए अनारों की दो दो क़तारें;
৪২সেই জালিকার্য্যের জন্য চারশো ডালিম থামের উপরকার বাটির গোলাকার অংশটা সাজাবার জন্য প্রত্যেক সারি জালিকার্য্যের জন্য দুই সারি ডালিম;
43 और दसों कुर्सियाँ और दसों कुर्सियों पर के दसों हौज़;
৪৩দশটা বেদি ও বেদির ওপরে দশটা গামলা;
44 और वह बड़ा हौज़ और बड़े हौज़ के नीचे के बारह बैल;
৪৪বিরাট পাত্র ও তার নীচের বারোটা গরু তৈরী করছিলেন;
45 और वह देगें और बेल्चे और कटोरे। यह सब बर्तन जो हीराम ने सुलेमान बादशाह की ख़ातिर ख़ुदावन्द के घर में बनाए, झलकते हुए पीतल के थे।
৪৫পাত্র, বড় হাতা ও বাটি। হীরম যে সব জিনিস রাজা শলোমনের নির্দেশে সদাপ্রভুর ঘরের জন্য তৈরী করেছিলেন সেগুলো ছিল চক্চকে পিতলের।
46 बादशाह ने उन सबको यरदन के मैदान में सुक्कात और ज़रतान के बीच की चिकनी मिट्टी वाली ज़मीन में ढाला।
৪৬যর্দ্দনের সমভূমিতে সুক্কোৎ ও সর্ত্তনের মাঝামাঝি এক জায়গায় রাজা এই সব জিনিস মাটির ছাঁচে ফেলে তৈরী করিয়েছিলেন।
47 और सुलेमान ने उन सब बर्तन को बगै़र तोले छोड़ दिया, क्यूँकि वह बहुत से थे; इसलिए उस पीतल का वज़न मा'लूम न हो सका।
৪৭জিনিসগুলোর সংখ্যা এত বেশী ছিল যে, শলোমন সেগুলো ওজন করেননি কারণ তার ওজন বেশি ভারী ছিল; সেইজন্য পিতলের পরিমাণ জানা যায় নি।
48 और सुलेमान ने वह सब बर्तन बनाए जो ख़ुदावन्द के घर में थे, या'नी वह सोने का मज़बह, और सोने की मेज़ जिस पर नज़र की रोटी रहती थी,
৪৮সদাপ্রভুর ঘরের যে সব জিনিসপত্র শলোমন তৈরী করিয়েছিলেন সেগুলো হল: সোনার বেদী, দর্শন রুটি রাখবার টেবিল;
49 और ख़ालिस सोने के वह शमा'दान जो इल्हामगाह के आगे पाँच दहने और पाँच बाएँ थे, और सोने के फूल और चिराग, और चिमटे;
৪৯খাঁটি সোনার বাতিদান সেগুলো ছিল মহাপবিত্র স্থানের সামনে, ডানে পাঁচটা ও বাঁয়ে পাঁচটা; সোনার ফুল, বাতি এবং চিম্টা;
50 और ख़ालिस सोने के प्याले और गुलतराश और कटोरे और चमचे और ऊदसोज़; और अन्दरूनी घर, या'नी पाकतरीन मकान के दरवाज़े के लिए और घर के या'नी हैकल के दरवाज़े के लिए सोने के क़ब्ज़े।
৫০খাঁটি সোনার পেয়ালা, সলতে পরিষ্কার করবার চিমটা, বাটি, চামচ ও আগুন রাখবার পাত্র; ভিতরের কামরার, অর্থাৎ মহাপবিত্র স্থানের দরজার জন্য এবং উপাসনা ঘরের প্রধান কামরার দরজার জন্য সোনার কবজা।
51 ऐसे वह सब काम जो सुलेमान बादशाह ने ख़ुदावन्द के घर में बनाया ख़त्म हुआ; और सुलेमान अपने बाप दाऊद की मख़्सूस की हुई चीज़ो, या'नी सोने और चाँदी और बर्तनों को अन्दर लाया, और उनको ख़ुदावन्द के घर के खज़ानों में रखा।
৫১এই ভাবে রাজা শলোমন সদাপ্রভুর ঘরের সমস্ত কাজ শেষ করলেন। তারপর তিনি তাঁর বাবা দায়ূদ যে সব জিনিস সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে আলাদা করে রেখেছিলেন সেগুলো নিয়ে আসলেন। সেগুলো ছিল সোনা, রূপা এবং বিভিন্ন পাত্র। সেগুলো তিনি সদাপ্রভুর ঘরের ধনভান্ডারে রেখে দিলেন।