< 1 कुरिन्थियों 15 >
1 ऐ भाइयों! मैं तुम्हें वही ख़ुशख़बरी बताए देता हूँ जो पहले दे चुका हूँ जिसे तुम ने क़बूल भी कर लिया था और जिस पर क़ाईम भी हो।
ᎠᎴᏬ ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᎬᏂᎨᏒ ᏂᏨᏴᏁᎭ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ, ᎾᏍᎩ ᏥᏨᏯᎵᏥᏙᏁᎸᎩ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᏥᏕᏣᏓᏂᎸᏨ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᏥᏕᏥᏂᏴᎭ;
2 उसी के वसीले से तुम को नजात भी मिली है बशर्ते कि वो ख़ुशख़बरी जो मैंने तुम्हें दी थी याद रखते हो वर्ना तुम्हारा ईमान लाना बेफ़ाइदा हुआ।
ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᏥᏣᎵᏍᏕᎸᏙᏗ, ᎢᏳᏃ ᎠᏍᏓᏯ ᏱᏗᏥᏂᏴ ᎾᏍᎩ ᏥᏨᏯᎵᏥᏙᏁᎸᎩ, ᎢᏳᏍᎩᏂᏃᏅ ᎠᏎᏉᏉ ᏱᎩ ᎢᏦᎯᏳᏒᎢ.
3 चुनाँचे मैंने सब से पहले तुम को वही बात पहुँचा दी जो मुझे पहुँची थी; कि मसीह किताब — ए — 'मुक़द्दस के मुताबिक़ हमारे गुनाहों के लिए मरा।
ᎢᎬᏱᏱᏰᏃ ᎨᏒ ᏕᏣᏲᎯᏎᎸᎩ ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᎠᏴ ᏨᎩᏲᎯᏎᎸᎩ, ᎾᏍᎩ ᎦᎶᏁᏛ ᎠᏴ ᎢᎩᏍᎦᏅᏨ ᎢᎩᏲᎱᎯᏎᎸᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᏂᎬᏅ ᎪᏪᎵᎯ;
4 और दफ़्न हुआ और तीसरे दिन किताब ऐ'मुक़द्दस के मुताबिक़ जी उठा।
ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᏥᏂᏌᏅᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏦᎢᏁ ᎢᎦ ᏙᎤᎴᎯᏌᏅ ᎾᏍᎩᏯ ᏂᎬᏅᎪᏪᎵᎯ;
5 और कैफ़ा और उस के बाद उन बारह को दिखाई दिया।
ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏏᏆᏏ ᎤᎪᎲᎢ, ᎿᎭᏉᏃ ᏔᎳᏚ ᎢᏯᏂᏛ.
6 फिर पाँच सौ से ज़्यादा भाइयों को एक साथ दिखाई दिया जिन में अक्सर अब तक मौजूद हैं और कुछ सो गए।
ᎣᏂᏃ ᎯᏍᎩᏧᏈ ᎤᎶᏒᏍᏗ ᎢᏯᏂᏛ ᎠᎾᎵᏅᏟ ᎢᏧᎳᎭ ᎬᏩᎪᎮᎢ; ᎾᏍᎩᏃ [ ᎬᏩᎪᎲᎯ ] ᎤᏟ ᎢᏯᏂᏛ ᎠᎾᎴᏂᏙ ᎠᏏ ᎪᎯ ᎨᏒᎢ, ᎢᎦᏛᏍᎩᏂᏃᏅ ᏚᏂᎵᏅᏨ.
7 फिर या'क़ूब को दिखाई दिया फिर सब रसूलों को।
ᎣᏂᏃ ᏥᎻ ᎤᎪᎮᎢ; ᎿᎭᏉᏃ ᏂᎦᏛ ᎨᏥᏅᏏᏛ [ ᎢᎬᏩᎪᎮᎢ.]
8 और सब से पीछे मुझ को जो गोया अधूरे दिनों की पैदाइश हूँ दिखाई दिया।
ᎣᏂᏱᏃ ᎾᏍᏉ ᎠᏴ ᎥᏥᎪᎥᎩ, ᎾᏍᎩᏯ ᎩᎶ ᎤᏕᏗᏱ ᏄᏍᏆᎸᎲᎾᏉ ᏣᏕᎲᏍᎪ ᏣᏓᎪᏩᏘᏍᎪᎢ.
9 क्यूँकि मैं रसूलों में सब से छोटा हूँ, बल्कि रसूल कहलाने के लायक़ नहीं इसलिए कि मैने ख़ुदा की कलीसिया को सताया था।
ᎠᏴᏰᏃ ᎠᏆᏍᏗᎧᏂ ᎣᎩᏅᏏᏛ ᎨᏒᎢ, ᎾᏍᎩ ᎥᏝ ᏰᎵ ᎠᏥᏅᏏᏛ ᎦᏴᏉᏎᏗ ᏱᎩ, ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᎤᏲ ᏂᎦᏥᏴᏁᎸ ᏧᎾᏁᎶᏗ ᎤᎾᏓᏡᎬ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎦ.
10 लेकिन जो कुछ हूँ ख़ुदा के फ़ज़ल से हूँ और उसका फ़ज़ल जो मुझ पर हुआ वो बेफ़ाइदा नहीं हुआ बल्कि मैंने उन सब से ज़्यादा मेहनत की और ये मेरी तरफ़ से नहीं हुई बल्कि ख़ुदा के फ़ज़ल से जो मुझ पर था।
ᎠᏎᏃ ᎬᏩᎦᏘᏯ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎢᏳᏩᏂᏌᏛ ᎠᏴ ᎾᏆᏍᏛ ᎾᏆᏍᏗ; ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎬᏩᎦᏘᏯ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎥᎩᏁᎸᎯ ᏥᎩ, ᎥᏝ ᎠᏎᏉᏉ ᏱᏄᎵᏍᏔᏅ; ᎤᏟᏰᏃ ᎢᎦᎢ ᏓᎩᎸᏫᏍᏓᏁᎲ ᎡᏍᎦᏉ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎾᏂᎥᎢ; ᎥᏝᏍᎩᏂᏃᏅ ᎠᏴ, ᎤᏁᎳᏅᎯᏍᎩᏂ ᎬᏩᎦᏘᏯ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᏗᎩᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎸᎯ.
11 पस चाहे मैं हूँ चाहे वो हों हम यही ऐलान करते हैं और इसी पर तुम ईमान भी लाए।
ᎠᏗᎾ ᎢᏳᏃ ᎠᏴ ᏱᎩ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏱᎩ, ᎾᏍᎩ ᏃᏥᏪᎭ ᎣᏣᎵᏥᏙᎲᏍᎦ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏄᏍᏗ ᎢᏦᎯᏳᏅ.
12 पस जब मसीह की ये मनादी की जाती है कि वो मुर्दों में से जी उठा तो तुम में से कुछ इस तरह कहते हैं कि मुर्दों की क़यामत है ही नहीं।
ᎾᏍᎩᏃ ᎢᏳ ᎦᎶᏁᏛ ᎤᏲᎱᏒᎯ ᏕᎤᎴᎯᏌᏅ ᏯᎦᎵᏥᏙᎲᏍᎦ, ᎦᏙᏃ ᎢᎦᏛ ᎨᏣᏓᏑᏴ ᎯᎠ ᏂᎠᏂᏪᎭ, ᎥᏝ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᏱᎩ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ?
13 अगर मुर्दों की क़यामत नहीं तो मसीह भी नहीं जी उठा है।
ᎢᏳᏃ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏱᎩ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ, ᎿᎭᏉ ᎦᎶᏁᏛ ᎥᏝ ᏧᎴᎯᏌᏅᎯ ᏱᎩ.
14 और अगर मसीह नहीं जी उठा तो हमारी मनादी भी बेफ़ाइदा है और तुम्हारा ईमान भी बेफ़ाइदा है।
ᎢᏳ ᎠᎴ ᎦᎶᏁᏛ ᏧᎴᎯᏌᏅᎯ ᏂᎨᏒᎾ ᏱᎩ, ᎿᎭᏉ ᎣᏣᎵᏥᏙᎲᏍᎬ ᎠᏎᏉᏉ ᏂᎦᎵᏍᏗᎭ, ᎠᎴ ᎢᏦᎯᏳᏒ ᎾᏍᏉ ᎠᏎᏉᏉ ᏂᎦᎵᏍᏗᎭ.
15 बल्कि हम ख़ुदा के झूठे गवाह ठहरे क्यूँकि हम ने ख़ुदा के बारे में ये गवाही दी कि उसने मसीह को जिला दिया हालाँकि नहीं जिलाया अगर बिलफ़र्ज़ मुर्दे नहीं जी उठते।
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎬᏂᎨᏒ ᏂᎦᎵᏍᏗᎭ ᎦᏰᎪᎩ ᎣᏥᏃᎮᏍᎩ ᎨᏒ ᎤᏁᎳᏅᎯ; ᎣᏥᏃᎮᎸᏰᏃ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎾᏍᎩ ᎤᏲᎱᏒ ᏕᎤᎴᏔᏅ ᎦᎶᏁᏛ; ᏧᎴᎳᏅᎯ ᏂᎨᏒᎾ ᏥᎩ, ᎢᏳᏃ ᎰᏩ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏱᎩ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ.
16 और अगर मुर्दे नहीं जी उठते तो मसीह भी नहीं जी उठा।
ᏧᏂᏲᎱᏒᎯᏰᏃ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏱᎩ, ᎿᎭᏉ ᎦᎶᏁᏛ ᎥᏝ ᏧᎴᎯᏌᏅᎯ ᏱᎩ.
17 और अगर मसीह नहीं जी उठा तो तुम्हारा ईमान बे'फ़ाइदा है तुम अब तक अपने गुनाहों में गिरफ़्तार हो।
ᎢᏳ ᎠᎴ ᎦᎶᏁᏛ ᏧᎴᎯᏌᏅᎯ ᏂᎬᏒᎾ ᏱᎩ, ᎢᏦᎯᏳᏒ ᎠᏎᏉᏉ ᏂᎦᎵᏍᏗᎭ; ᎠᏏᏉ ᎢᏥᏍᎦᏅᏨ ᎢᏣᏚᏓᎳ.
18 बल्कि जो मसीह में सो गए हैं वो भी हलाक हुए।
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ Ꮎ ᎦᎶᏁᏛ ᎤᏃᎯᏳᎯ ᎤᏂᎵᏅᏨᎯ ᏥᎩ ᎬᏩᏂᏲᏥᏙᎸᏉ.
19 अगर हम सिर्फ़ इसी ज़िन्दगी में मसीह में उम्मीद रखते हैं तो सब आदमियों से ज़्यादा बदनसीब हैं।
ᎢᏳᏃ ᎠᏂᏉ ᎢᏕᎲ ᎤᏩᏒ ᎤᏚᎩ ᏱᎬᎭ ᎦᎶᏁᏛ ᎢᎩᏍᏕᎸᏗᏱ, ᎾᏂᎥ ᏴᏫ ᏕᏗᎪᎾᏛᏗ ᎤᏲ ᏂᎦᏛᏅᎢ.
20 लेकिन फ़िलवक़्त मसीह मुर्दों में से जी उठा है और जो सो गए हैं उन में पहला फल हुआ।
ᎠᏎᏃ ᎦᎶᏁᏛ ᏕᎤᎴᎯᏌᏅ ᎤᏲᎱᏒᎢ, ᎠᎴ ᏧᏓᎴᏅᏔᏅᎯ ᏄᎵᏍᏔᏅ ᎾᏍᎩ ᎤᏂᎵᏅᏨᎯ ᏥᎨᏒᎩ.
21 क्यूँकि अब आदमी की वजह से मौत आई तो आदमी की वजह से मुर्दों की क़यामत भी आई।
ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏴᏫ ᎢᏳᏩᏂᏌᏛ ᏥᎩ ᎠᎰᎱᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᏤᎭ, ᏴᏫ ᎾᏍᏉ ᎢᏳᏩᏂᏌᏛ ᎠᏲᎱᏒ ᏗᎴᎯᏐᏗ ᏥᎩ.
22 और जैसे आदम में सब मरते हैं वैसे ही मसीह में सब ज़िन्दा किए जाएँगे।
ᎠᏓᏫᏰᏃ ᎢᏳᏩᏂᏌᏛ ᏂᎦᏗᏳ ᏥᏓᏂᏲᎱᏍᎦ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᎦᎶᏁᏛ ᎢᏳᏩᏂᏌᏛ ᏂᎦᏗᏳ ᏗᏅᏃᏛ ᏅᏛᎨᎬᏁᎵ.
23 लेकिन हर एक अपनी अपनी बारी से; पहला फल मसीह फिर मसीह के आने पर उसके लोग।
ᎠᏎᏃ ᎾᏂᎥ ᎤᎾᏤᎵᏛᎭ; ᎦᎶᏁᏛ ᏧᏓᎴᏅᏔᏅᎯ; ᎣᏂᏃ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎦᎶᏁᏛ ᏧᏤᎵ ᎨᏒ ᎾᎯᏳ ᎦᎷᏨᎭ.
24 इसके बाद आख़िरत होगी; उस वक़्त वो सारी हुकूमत और सारा इख़्तियार और क़ुदरत नेस्त करके बादशाही को ख़ुदा या'नी बाप के हवाले कर देगा।
ᎿᎭᏉ ᏛᎵᏍᏆᏗ, ᎾᎯᏳ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᏧᏲᎯᏎᎸᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᏁᎳᏅᎯ, ᎾᏍᎩ ᎠᎦᏴᎵᎨᎢ; ᎾᎯᏳ ᎠᏛᏔᏃᏅᎭ ᏂᎦᏗᏳ ᎤᏂᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᎨᏒ ᎠᎴ ᏂᎦᏗᏳ ᏗᎨᎦᏁᎶᏗ ᎨᏒ, ᎠᎴ ᏚᎾᎵᏂᎬᎬᎢ.
25 क्यूँकि जब तक कि वो सब दुश्मनों को अपने पाँव तले न ले आए उस को बादशाही करना ज़रूरी है।
ᎠᏎᏰᏃ ᏅᏩᏍᏕᏍᏗᏉ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒᎢ, ᎬᏂ ᏂᎦᏛ ᎬᏩᏍᎦᎩ ᏚᎳᏍᎬ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᏂᏕᎬᏁᎸᎭ.
26 सब से पिछला दुश्मन जो नेस्त किया जाएगा वो मौत है।
ᎠᏲᎱᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᎤᎵᏍᏆᎸᏗ ᎤᏍᎦᎩ ᎠᏥᏛᏙᏗ ᎨᏒᎢ.
27 क्यूँकि ख़ुदा ने सब कुछ उसके पाँव तले कर दिया है; मगर जब वो फ़रमाता है कि सब कुछ उसके ताबे' कर दिया गया तो ज़ाहिर है कि जिसने सब कुछ उसके ताबे कर दिया; वो अलग रहा।
ᏂᎦᏗᏳᏰᏃ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏚᎳᏍᎬ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᎢᎬᏁᎸᎯ. ᎠᏎᏃ, ᏂᎦᏗᏳ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᎢᏯᎬᏁᎸᎯ ᏣᏗᎭ, ᎬᏂᎨᏒ ᏂᎦᎵᏍᏗᎭ ᎾᎦᏠᏯᏍᏛᎾ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏂᎦᏛ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᎢᏳᏩᏁᎸᎯ.
28 और जब सब कुछ उसके ताबे' कर दिया जाएगा तो बेटा ख़ुद उसके ताबे' हो जाएगा जिसने सब चीज़ें उसके ताबे' कर दीं ताकि सब में ख़ुदा ही सब कुछ है।
ᎾᎯᏳᏃ ᏂᎦᏗᏳ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᎢᏯᎬᏁᎸᎯ ᎨᏎᏍᏗ, ᎿᎭᏉ ᎾᏍᏉ ᎤᏪᏥ ᎤᏩᏒ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᏅᏛᏛᏁᎵ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏂᎦᏛ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᎭᏫᏂᏗᏢ ᎢᏳᏩᏁᎸᎯ, ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏂᎦᎥ ᎢᎬᏂᏏᏍᎩ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ ᎾᏂᎥ ᎠᏁᎲᎢ.
29 वर्ना जो लोग मुर्दों के लिए बपतिस्मा लेते हैं; वो क्या करेंगे? अगर मुर्दे जी उठते ही नहीं तो फिर क्यूँ उन के लिए बपतिस्मा लेते हो?
ᎢᏳᏃ ᎾᏍᎩ ᏄᏍᏛᎾ ᏱᎩ, ᎦᏙ ᏛᎾᏛᏁᎵ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ ᏥᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎪ ᏥᏕᎨᎦᏬᏍᎪᎢ? ᎢᏳᏃ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ ᎠᏎ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᎨᏎᏍᏗ, ᎦᏙᏃ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎪ ᏙᎨᎦᏬᏍᎪᎢ?
30 और हम क्यूँ हर वक़्त ख़तरे में पड़े रहते हैं?
ᎠᎴ ᎦᏙᏃ ᎤᎾᏰᎯᏍᏗ ᏂᎦᏛᎿᎭᏕᎦ ᏂᎪᎯᎸᎢ?
31 ऐ भाइयों! उस फ़ख़्र की क़सम जो हमारे ईसा मसीह में तुम पर है में हर रोज़ मरता हूँ।
ᏥᏁᎢᏍᏗᎭ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎤᎵᎮᎵᏍᏗ ᏣᎩᎭ ᏂᎯ ᏥᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ, ᎾᏍᎩ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎣᎦᏤᎵ ᏨᏗᏓᎴᎲᏍᎦ, ᏥᏲᎱᏍᎪ ᏂᏚᎩᏨᏂᏒᎢ.
32 जैसा कि कलाम में लिखा है कि अगर मैं इंसान की तरह इफ़िसुस में दरिन्दों से लड़ा तो मुझे क्या फ़ाइदा? अगर मुर्दे न जिलाए जाएँगे “तो आओ खाएँ पीएँ क्यूँकि कल तो मर ही जाएँगे।”
ᎢᏳᏃ ᏴᏫ ᎢᏳᎾᏛᏁᏗ ᎢᏯᏆᏛᏁᎸᎯ ᏱᎩ, ᏅᎩ ᏗᏂᏅᏌᏗ ᎤᏂᏍᎦᏎᏗ ᎣᎦᎵᎸᎯ ᏱᎩ ᎡᏈᏌ ᎦᏚᎲᎢ, ᎦᏙ ᎬᎩᏁᏉᏤᏗ ᎣᏍᏛ ᎨᏒ, ᎢᏳᏃ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏱᎩ? ᎢᏓᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎨᏍᏗ, ᎠᎴ ᎢᏓᏗᏔᏍᎨᏍᏗ; ᏑᎾᎴᏉᏰᏃ ᏙᏓᏗᏲᎱᏏ.
33 धोखा न खाओ “बुरी सोहबतें अच्छी आदतों को बिगाड़ देती हैं।”
ᏞᏍᏗ ᎡᏥᎵᏓᏍᏔᏅᎩ; ᎾᏲ ᏗᎵᏃᎮᎵᏓᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᏲᏍᏗᏍᎪ ᎣᏍᏛ ᏗᎦᎸᏫᏍᏓᏁᏗ ᎨᏒᎢ.
34 रास्तबाज़ होने के लिए होश में आओ और गुनाह न करो, क्यूँकि कुछ ख़ुदा से नावाक़िफ़ हैं; मैं तुम्हें शर्म दिलाने को ये कहता हूँ।
ᎢᏥᏰᎩ ᏚᏳᎪᏛ ᎢᏣᏛᏁᏗᏱ, ᎠᎴ ᏞᏍᏗ ᏱᏥᏍᎦᏅᎨᏍᏗ; ᎢᎦᏛᏰᏃ ᎥᏝ ᏯᏂᎦᏔᎭ ᎤᏁᎳᏅᎯ; ᎤᏕᎰᎯᏍᏗᏳ ᎢᏨᏃᎮᎭ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏂᏥᏪᎭ.
35 अब कोई ये कहेगा, “मुर्दे किस तरह जी उठते हैं? और कैसे जिस्म के साथ आते हैं?”
ᎠᏎᏃ ᎩᎶ ᎯᎠ ᏱᏅᎦᏫ, ᎦᏙ ᏓᎨᎬᏁᎵ ᏙᏓᎨᎦᎴᏔᏂ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ? ᎠᎴ ᎦᏙ ᎤᏍᏕᏍᏗ ᎤᏙᏢᏒ ᏗᏂᏰᎸ ᎠᏂᎷᏨᎭ?
36 ऐ, नादान! तू ख़ुद जो कुछ बोता है जब तक वो न मरे ज़िन्दा नहीं किया जाता।
ᏣᏁᎫ! ᎾᏍᎩ ᏥᏫᏍᎪᎢ ᎥᏝ ᏴᎬᎵᏰᎲᎦ ᎬᏂ ᎤᎪᎯ;
37 और जो तू बोता है, ये वो जिस्म नहीं जो पैदा होने वाला है बल्कि सिर्फ़ दाना है; चाहे गेहूँ का चाहे किसी और चीज़ का।
ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏥᏫᏍᎪᎢ, ᎥᏝ ᎾᏍᎩ ᎠᏰᎸ ᎤᏙᏢᏗ ᎨᏒ ᏱᏫᏍᎪᎢ, ᎤᎦᏔᎭᏉᏍᎩᏂ, ᎤᏣᎴᏍᏗᏉ ᏱᎩ, ᎠᎴ ᎪᎱᏍᏗᏉ ᎤᏍᏗ ᏅᏩᏓᎴ ᏱᎩ;
38 मगर ख़ुदा ने जैसा इरादा कर लिया वैसा ही उसको जिस्म देता है और हर एक बीज को उसका ख़ास जिस्म।
ᎤᏁᎳᏅᎯᏍᎩᏂ ᎠᏁᎰ ᎠᏰᎸ ᎾᏍᎩᏯ ᎣᏏ ᎤᏰᎸᏅᎢ, ᎠᎴ ᏄᏓᎴᏒ ᎤᎦᏔ ᎤᏤᎵᎦᏯ ᎠᏰᎸᎢ.
39 सब गोश्त एक जैसा गोश्त नहीं; बल्कि आदमियों का गोश्त और है, चौपायों का गोश्त और; परिन्दों का गोश्त और है मछलियों का गोश्त और।
ᏂᎦᏛ ᎤᏇᏓᎵ ᎨᏒ ᎥᏝ ᎤᏠᏱᎭ ᏱᎩ; ᏴᏫᏰᏃ ᎤᏂᏇᏓᎸ ᏑᏓᎴᎩ; ᏅᏩᏓᎴᏃ ᏅᎩ ᏗᏂᏅᏌᏗ ᎤᏂᏇᏓᎸᎢ, ᏅᏩᏓᎴᏃ ᎠᏣᏗ, ᏅᏩᏓᎴᏃ ᏥᏍᏆ.
40 आसमानी भी जिस्म हैं, और ज़मीनी भी मगर आसमानियों का जलाल और है, और ज़मीनियों का और।
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎦᎸᎳᏗ ᎠᏁᎭ ᏗᎪᏢᏅᎯ, ᎠᎴ ᎡᎶᎯ ᎠᏁᎭ ᏗᎪᏢᏅᎯ; ᎠᏎᏃ ᏧᏬᏚᎯᏳ ᎨᏒ ᎦᎸᎳᏗ ᎠᏁᎯ ᏅᏩᏓᎴᎢ, ᎠᎴ ᏧᏬᏚᎯᏳ ᎨᏒ ᎡᎶᎯ ᎠᏁᎯ ᏅᏩᏓᎴᎢ.
41 आफ़ताब का जलाल और है, माहताब का जलाल और, सितारों का जलाल और, क्यूँकि सितारे सितारे के जलाल में फ़र्क़ है।
ᏅᏙ ᎢᎦ ᎡᎯ ᎤᏤᎵᏛ ᎤᏬᏚᎯᏳ ᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᎤᏬᏚᎯᏳ ᎨᏒ ᏅᏙ ᏒᏃᏱ ᎡᎯ ᏅᏩᏓᎴᎢ, ᎠᎴ ᏧᏃᏚᎯᏳ ᎨᏒ ᏃᏈᏏ ᏅᏩᏓᎴᎢ; ᎠᎴ ᏃᏈᏏ ᎧᎸ ᎤᏬᏚᎯᏳ ᎨᏒ ᏅᏩᏓᎴ ᏄᏍᏙ ᏃᏈᏏ ᏄᏍᏛ ᎤᏬᏚᎯᏳ ᎨᏒᎢ.
42 मुर्दों की क़यामत भी ऐसी ही है; जिस्म फ़ना की हालत में बोया जाता है, और हमेशा की हालत में जी उठता है।
ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏄᏍᏗ ᏧᎾᎴᎯᏐᏗ ᎨᏒ ᏧᏂᏲᎱᏒᎯ. ᎠᏲᎩ ᎠᏫᏒᎯ ᎨᏐᎢ; ᎠᏲᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᏗᎴᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
43 बेहुरमती की हालत में बोया जाता है, और जलाल की हालत में जी उठता है, कमज़ोरी की हालत में बोया जाता है और क़ुव्वत की हालत में जी उठता है।
ᎦᎸᏉᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎠᏫᏒᎯ ᎨᏐᎢ, ᎦᎸᏉᏗᏳ ᏗᎴᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ; ᎠᏩᎾᎦᎳ ᎠᏫᏒᎯ ᎨᏐᎢ, ᎤᎵᏂᎩᏛ ᏗᎴᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ;
44 नफ़्सानी जिस्म बोया जाता है, और रूहानी जिस्म जी उठता है जब नफ़्सानी जिस्म है तो रूहानी जिस्म भी है।
ᎢᏗᏫᏍᎪ ᎤᏇᏓᎵ ᎠᏰᎸ ᎠᏫᏒᎯ ᎨᏐᎢ, ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏙᏢᏒ ᏗᎴᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ. ᎤᏇᏓᎵ ᎠᏰᎸ ᎡᎭ, ᎠᎴ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏙᏢᏒ ᎡᎭ.
45 चुनाँचे कलाम लिखा भी है, “पहला आदमी या'नी आदम ज़िन्दा नफ़्स बना पिछला आदम ज़िन्दगी बख़्शने वाली रूह बना।”
ᎾᏍᎩᏯᏃ ᎯᎠ ᏂᎬᏅ ᎦᏪᎳ, ᎢᎬᏱᏱ ᏴᏫ ᎠᏓᏫ ᎬᏃᏛ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ; ᎣᏂᏱᏃ ᎠᏓᏫ ᎠᏓᏅᏙ ᎬᏂᏛ ᏗᏁᎯ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ.
46 लेकिन रूहानी पहले न था बल्कि नफ़्सानी था इसके बाद रूहानी हुआ।
ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎢᎬᏱ ᏱᎨᏎ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᏓᏅᏙ ᏥᎩ, ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ Ꮎ ᎠᏇᏓᎵ ᏥᎩ; ᎣᏂᏃ ᎢᏴᏛ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᏓᏅᏙ ᏥᎩ.
47 पहला आदमी ज़मीन से या'नी ख़ाकी था दूसरा आदमी आसमानी है।
ᎢᎬᏱᏱ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᏙᎯ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ, ᎦᏓᏉ ᎨᏎᎢ; ᏔᎵᏁ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎦᎸᎳᏗ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ.
48 जैसा वो ख़ाकी था वैसे ही और ख़ाकी भी हैं और जैसा वो आसमानी है वैसे ही और आसमानी भी हैं।
ᏄᏍᏛ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎦᏓᏉ ᎠᎪᏢᏔᏅᎯ ᏥᎩ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏄᎾᏍᏗ ᎦᏓᏉ ᎨᎪᏢᏔᏅᎯ; ᎠᎴ ᏄᏍᏛ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏄᎾᏍᏗ ᎦᎸᎳᏗ ᎠᏁᎯ.
49 और जिस तरह हम इस ख़ाकी की सूरत पर हुए उसी तरह उस आसमानी की सूरत पर भी होंगे।
ᎠᎴ ᎦᏓ ᎠᎪᏢᏔᏅᎯ ᏄᏍᏛ ᎾᏍᎩᏯ ᏥᏂᎦᏍᏗ, ᎾᏍᎩᏯ ᎾᏍᏉ ᏂᎦᏍᏕᏍᏗ ᏄᏍᏛ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ.
50 ऐ भाइयों! मेरा मतलब ये है कि गोश्त और ख़ून ख़ुदा की बादशाही के वारिस नहीं हो सकते और न फ़ना बक़ा की वारिस हो सकती है।
ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᏂᏥᏪᎭ ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᎾᏍᎩ ᎤᏇᏓᎵ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎩᎬ ᎥᏝ ᎤᎾᏤᎵ ᎢᎬᏩᎵᏍᏙᏗ ᏱᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎪᎯ; ᎥᏝ ᎠᎴ ᎠᏲᎩ ᎨᏒ ᎤᏤᎵ ᎢᎬᏩᎵᏍᏙᏗ ᏱᎩ ᎠᏲᎯ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ.
51 देखो मैं तुम से राज़ की बात कहता हूँ हम सब तो नहीं सोएँगे मगर सब बदल जाएँगे।
ᎬᏂᏳᏉ, ᎢᏨᎾᏄᎪᏫᏎ ᎤᏕᎵᏛ ᎨᏒᎢ; ᎥᏝ ᏂᎦᏛ ᏴᏓᏗᎵᏅᏥ, ᏂᎦᏗᏳᏍᎩᏂ ᎡᎩᏁᏟᏴᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ
52 और ये एक दम में, एक पल में पिछला नरसिंगा फूँकते ही होगा क्यूँकि नरसिंगा फूँका जाएगा और मुर्दे ग़ैर फ़ानी हालत में उठेंगे और हम बदल जाएँगे।
ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ, ᏥᏛᎦᏔᎾᏫᏍᏗᏉ ᎢᎪᎯᏛ, ᎤᎵᏍᏆᎸᏗ ᎠᏤᎷᎩ ᏂᎦᎵᏍᏔᏅᎭ; ᎠᏤᎷᎩᏰᏃ ᏓᏳᏃᏴᎳᏏ, ᏧᏂᏲᎱᏒᎯᏃ ᏙᏓᎨᎦᎴᏔᏂ ᎠᏂᏲᎩ ᏁᎨᏒᎾ, ᎠᏴᏃ ᏓᏰᎩᏁᏟᏴᏏ.
53 क्यूँकि ज़रूरी है कि ये फ़ानी जिस्म बक़ा का जामा पहने और ये मरने वाला जिस्म हमेशा की ज़िन्दगी का जामा पहने।
ᎯᎠᏰᏃ ᎠᏲᎩ ᎨᏒ ᎠᏲᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᏛᏄᏬᏍᏔᏂ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎠᏲᎱᏍᎩ ᎨᏒ ᎠᏲᎱᏍᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᏛᏄᏬᏍᏔᏂ.
54 जब ये फ़ानी जिस्म बक़ा का जामा पहन चुकेगा और ये मरने वाला जिस्म हमेशा हमेशा का जामा पहन चुकेगा तो वो क़ौल पूरा होगा जो कलाम लिखा है “मौत फ़तह का लुक़्मा हो जाएगी।
ᎾᏍᎩᏃ ᎿᎭᏉ ᎯᎠ ᎠᏲᎩ ᎨᏒ ᎠᏲᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒ ᎤᏄᏬᏍᏔᏁᏍᏗ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎠᏲᎱᏍᎩ ᎠᏲᎱᏍᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒ ᎤᏄᏬᏍᏔᏁᏍᏗ, ᎿᎭᏉ ᏄᎵᏍᏔᏁᏍᏗ ᎯᎠ ᎢᎦᏪᏛ ᎨᏒ ᏥᎪᏪᎳ, ᎠᏓᎵᏁᎯᏗᏍᎩ ᎨᏒ ᎤᎩᏐᏅ ᎠᏲᎱᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ.
55 ऐ मौत तेरी फ़तह कहाँ रही? ऐ मौत तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs )
ᏂᎯ ᎠᏲᎱᎯᏍᏗ ᎨᏒᎢ, ᎭᏢ ᏣᏓᏨᏯᏍᏗᎨᏒᎢ? ᏂᎯ ᏗᏓᏂᏐᏗᏱ ᎨᏒᎢ, ᎭᏢ ᏣᏓᏎᎪᎩᏍᏗ ᎨᏒᎢ? (Hadēs )
56 मौत का डंक गुनाह है और गुनाह का ज़ोर शरी'अत है।
ᎠᏲᎱᏍᏗ ᎤᏓᏨᏯᏍᏗ ᎨᏒ, ᎾᏍᎩ ᎠᏍᎦᏂ; ᎠᏍᎦᏂᏃ ᎤᎵᏂᎪᎯᏍᏗᏍᎩ ᎾᏍᎩ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ.
57 मगर ख़ुदा का शुक्र है, जो हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वसीले से हम को फ़तह बख्शता है।
ᎠᏎᏃ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎵᎮᎵᏤᏗ ᎨᏎᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᏥᎩᏁᎭ ᎢᎦᏓᏎᎪᎩᏍᏗᏱ, ᏨᏗᏓᎴᎲᏍᎦ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎢᎦᏤᎵ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ.
58 पस ऐ मेरे अज़ीज़ भाइयों! साबित क़दम और क़ाईम रहो और ख़ुदावन्द के काम में हमेशा बढ़ते रहो क्यूँकि ये जानते हो कि तुम्हारी मेहनत ख़ुदावन्द में बेफ़ाइदा नहीं है।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ, ᎢᏨᎨᏳᎢ ᎢᏓᎵᏅᏟ, ᏗᏣᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏎᏍᏗ, ᎦᏰᏥᏖᎸᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏎᏍᏗ, ᏂᎪᎯᎸ ᎤᏣᏘ ᏕᏥᎸᏫᏍᏓᏁᎮᏍᏗ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎤᏤᎵ ᏗᎦᎸᏫᏍᏓᏁᏗ ᎨᏒᎢ, ᎢᏥᎦᏔᎭᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᎢᏣᎵᏂᎬᏁᎲ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎤᏤᎵ ᏕᏥᎸᏫᏍᏓᏁᎲ ᎠᏎᏉᏉ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ.