< 1 तवा 16 >
1 तब वह ख़दा के सन्दूक़ को ले आए और उसे उस ख़ेमा के बीच में जो दाऊद ने उसके लिए खड़ा किया था रखा, और सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ और सलामती की क़ुर्बानियाँ ख़ुदा के सामने पेश कीं।
Trajeron el arca de Dios y la pusieron en medio de la tienda que David había levantado para ella; y ofrecieron holocaustos y ofrendas de paz ante Dios.
2 जब दाऊद सोख़्तनी क़ुर्बानी और सलामती की क़ुर्बानियाँ पेश कर चुका तो उसने ख़ुदावन्द के नाम से लोगों को बरकत दी।
Cuando David terminó de ofrecer el holocausto y las ofrendas de paz, bendijo al pueblo en nombre de Yahvé.
3 और उसने सब इस्राईली लोगों को, क्या आदमी क्या 'औरत, एक एक रोटी और एक एक टुकड़ा गोश्त और किशमिश की एक एक टिकिया दी।
Dio a todos los israelíes, hombres y mujeres, a cada uno una hogaza de pan, una porción de carne y una torta de pasas.
4 और उसने लावियों में से कुछ को मुक़र्रर किया कि ख़ुदावन्द के सन्दूक़ के आगे ख़िदमत करें, और ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा का ज़िक्र और शुक्र और उसकी हम्द करें।
Nombró a algunos de los levitas para que sirvieran ante el arca de Yahvé, y para que conmemoraran, dieran gracias y alabaran a Yahvé, el Dios de Israel:
5 अव्वल आसफ़ और उसके बाद ज़करियाह और य'ईएल और सिमीरामोत और यहिएल और मतितियाह और इलियाब और बिनायाह और 'ओबेदअदोम और य'ईएल, सितार और बरबत के साथ, और आसफ़ झाँझों को ज़ोर से बजाता हुआ;
Asaf, el principal, y tras él Zacarías, luego Jeiel, Semiramot, Jehiel, Mattithiah, Eliab, Benaiah, Obed-Edom y Jeiel, con instrumentos de cuerda y con arpas; y Asaf con címbalos, tocando en voz alta;
6 और बिनायाह और यहज़िएल काहिन हमेशा तुरहियों के साथ ख़ुदा के 'अहद के सन्दूक़ के आगे रहा करें।
con Benaiah y Jahaziel, los sacerdotes, con trompetas continuamente, ante el arca de la alianza de Dios.
7 पहले उसी दिन दाऊद ने यह ठहराया कि ख़ुदावन्द का शुक्र आसफ़ और उसके भाई बजा लाया करें।
Aquel día, David ordenó por primera vez dar gracias a Yahvé de la mano de Asaf y sus hermanos.
8 ख़ुदावन्द की शुक्रगुज़ारी करो। उससे दुआ करो; क़ौमों के बीच उसके कामों का इश्तिहार दो।
Dad gracias a Yahvé. Invoca su nombre. Haz que lo que ha hecho se conozca entre los pueblos.
9 उसके सामने हम्द करो, उसकी बड़ाई करो, उसके सब 'अजीब कामों का ज़िक्र करो।
Cántale. Cántale alabanzas. Cuenta todas sus maravillosas obras.
10 उसके पाक नाम पर फ़ख़्र करो; जो ख़ुदावन्द के तालिब हैं, उनका दिल खु़श रहे।
Gloria a su santo nombre. Que se alegre el corazón de los que buscan a Yahvé.
11 तुम ख़ुदावन्द और उसकी ताक़त के तालिब हो; तुम हमेश उसके दीदार के तालिब रहो।
Busca a Yahvé y su fuerza. Busca su rostro para siempre.
12 तुम उसके 'अजीब कामों को जो उसने किए, और उसके मो'जिज़ों और मुँह के क़ानून को याद रखो
Acuérdate de las maravillas que ha hecho, sus maravillas, y los juicios de su boca,
13 ऐ उसके बन्दे इस्राईल की नसल, ऐ बनी या'क़ूब, जो उसके चुने हुए हो।
tú, descendiente de Israel, su siervo, vosotros, hijos de Jacob, sus elegidos.
14 वह ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा है, तमाम रू — ए — ज़मीन पर उसके क़ानून हैं।
Él es Yahvé, nuestro Dios. Sus juicios están en toda la tierra.
15 हमेशा उसके 'अहद को याद रखो, और हज़ार नसलों तक उसके कलाम को जो उसने फ़रमाया।
Recuerda su pacto para siempre, la palabra que ordenó a mil generaciones,
16 उसी 'अहद को जो उसने अब्रहाम से बाँधा, और उस क़सम को जो उसने इस्हाक़ से खाई,
el pacto que hizo con Abraham, su juramento a Isaac.
17 जिसे उसने या'क़ूब के लिए क़ानून के तौर पर और इस्राईल के लिए हमेशा 'अहद के तौर पर क़ाईम किया,
Se lo confirmó a Jacob por un estatuto, y a Israel por un pacto eterno,
18 यह कहकर, “मैं कन'आन का मुल्क तुझको दूँगा, वह तुम्हारा मौरुसी हिस्सा होगा।”
diciendo: “Te daré la tierra de Canaán, El lote de tu herencia”.
19 उस वक़्त तुम शुमार में थोड़े थे बल्कि बहुत ही थोड़े और मुल्क में परदेसी थे।
cuando no erais más que unos pocos hombres, sí, muy pocos, y extranjeros en ella.
20 वह एक क़ौम से दूसरी क़ौम में और एक मुल्क से दूसरी मुल्क में फिरते रहे।
Iban de nación en nación, de un reino a otro pueblo.
21 उसने किसी शख़्स को उनपर ज़ुल्म करने न दिया; बल्कि उनकी ख़ातिर बादशाहों को तम्बीह की,
No permitió que nadie les hiciera mal. Sí, reprendió a los reyes por su bien,
22 कि तुम मेरे मम्सूहों को न छुओ और मेरे नबियों को न सताओ।
“¡No toquen a mis ungidos! No hagas daño a mis profetas”.
23 ऐ सब अहल — ए ज़मीन, ख़ुदावन्द के सामने हम्द करो। रोज़ — ब — रोज़ उसकी नजात की बशारत दो।
¡Cantad a Yahvé, toda la tierra! Mostrar su salvación de día en día.
24 क़ौमों में उसके जलाल का, सब लोगों में उसके 'अजायब का बयान करो।
Anuncia su gloria entre las naciones, y sus obras maravillosas entre todos los pueblos.
25 क्यूँकि ख़ुदावन्द बूज़ुर्ग और बहुत ही ता'रीफ़ के लायक़ है, वह सब मा'बूदों से ज़्यादा बड़ा है।
Porque grande es Yahvé, y muy digno de alabanza. También debe ser temido por encima de todos los dioses.
26 इसलिए कि और क़ौमों के सब मा'बूद महज़ बुत हैं; लेकिन ख़ुदावन्द ने आसमानों को बनाया।
Porque todos los dioses de los pueblos son ídolos, pero Yahvé hizo los cielos.
27 'अज़मत और जलाल उसके सामने में हैं, और उसके यहाँ क़ुदरत और शादमानी हैं।
El honor y la majestad están ante él. La fuerza y la alegría están en su lugar.
28 ऐ क़ौमों के क़बीलो! ख़ुदावन्द की, ख़ुदावन्द ही की तम्जीद — ओ — ताज़ीम करो।
Atribuid a Yahvé, familias de los pueblos, ¡atribuir a Yahvé la gloria y la fuerza!
29 ख़ुदावन्द की ऐसी बड़ाई करो जो उसके नाम के शायाँ है। हदिया लाओ, और उसके सामने आओ, पाक आराइश के साथ ख़ुदावन्द को सिज्दा करो।
Atribuid a Yahvé la gloria debida a su nombre. Trae una ofrenda y preséntate ante él. Adoren a Yahvé en forma sagrada.
30 ऐ सब अहल — ए — ज़मीन! उसके सामने काँपते रहो। जहान क़ाईम है, और उसे हिलता नहीं।
Temblad ante él, toda la tierra. El mundo también está establecido que no se puede mover.
31 आसमान ख़ुशी मनाए और ज़मीन ख़ुश हो, वह क़ौमों में ऐलान करें कि ख़ुदावन्द हुकूमत करता है।
Que se alegren los cielos, ¡y que la tierra se alegre! Que digan entre las naciones: “¡Yahvé reina!”
32 समन्दर और उसकी मामूरी शोर मचाए, मैदान और जो कुछ उसमें है बाग़ बाग़ हो।
¡Que ruja el mar y su plenitud! ¡Que el campo se regocije, y todo lo que hay en él!
33 तब जंगल के दरख़्त ख़ुशी से ख़ुदावन्द के सामने हम्द करने लगेंगे, क्यूँकि वह ज़मीन का इन्साफ़ करने को आ रहा है।
Entonces los árboles del bosque cantarán de alegría ante Yahvé, porque viene a juzgar la tierra.
34 ख़ुदावन्द का शुक्र करो, इसलिए कि वह नेक है; क्यूँकि उसकी शफ़क़त हमेशा है।
Dad gracias a Yahvé, porque es bueno, porque su bondad es eterna.
35 तुम कहो, “ऐ हमारी नजात के ख़ुदा, हम को बचा ले, और क़ौमों में से हम को जमा' कर और उनसे हम को रिहाई दे, ताकि हम तेरे कुहूस नाम का शुक्र करें, और ललकारते हुए तेरी ता'रीफ़ करें।
Di: “¡Sálvanos, Dios de nuestra salvación! Reúnenos y líbranos de las naciones, para dar gracias a tu santo nombre, para triunfar en tu alabanza”.
36 ख़ुदादावन्द इस्राईल का ख़ुदा, अज़ल से 'हमेश तक मुबारक हो!” और सब लोग बोल उठे “आमीन!” उन्होंने ख़ुदावन्द की ता'रीफ़ की।
Bendito sea Yahvé, el Dios de Israel, desde la eternidad hasta la eternidad. Todo el pueblo dijo: “Amén”, y alabó a Yahvé.
37 उसने वहाँ ख़ुदावन्द के 'अहद के सन्दूक़ के आगे आसफ़ और उसके भाइयों को, हर रोज़ के ज़रूरी काम के मुताबिक़ हमेशा सन्दूक़ के आगे ख़िदमत करने को छोड़ा;
Dejó allí a Asaf y a sus hermanos, delante del arca de la alianza de Yahvé, para que sirvieran continuamente delante del arca, según el trabajo de cada día;
38 और 'ओबेदअदोम और उसके अठासठ भाइयों को, और 'ओबेदअदोम बिन यदूतून और हूसाह को ताकि दरबान हों।
y a Obed-Edom con sus sesenta y ocho parientes; a Obed-Edom también, hijo de Jedutún, y a Hosa para que fueran porteros;
39 और सदूक़ काहिन और उसके काहिन भाइयों को ख़ुदावन्द के घर के आगे, जिबा'ऊन के ऊँचे मक़ाम पर, इसलिए
y el sacerdote Sadoc y sus hermanos sacerdotes, ante el tabernáculo de Yahvé en el lugar alto que estaba en Gabaón,
40 कि वह ख़ुदावन्द की शरी'अत की सब लिखी हुई बातों के मुताबिक़ जो उसने इस्राईल को फ़रमाई, हर सुबह और शाम सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह पर ख़ुदावन्द के लिए सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ पेश कीं।
para ofrecer holocaustos a Yahvé en el altar de los holocaustos continuamente por la mañana y por la tarde, conforme a todo lo que está escrito en la ley de Yahvé, que él ordenó a Israel;
41 उनके साथ हैमान और यदूतून और बाक़ी चुने हुए आदमियों को जो नाम — ब — नाम मज़कूर हुए थे, ताकि ख़ुदावन्द का शुक्र करें क्यूँकि उसकी शफ़क़त हमेशा है।
y con ellos Hemán y Jedutún y los demás elegidos, mencionados por su nombre, para dar gracias a Yahvé, porque es eterna su misericordia;
42 उन ही के साथ हैमान और यदूतून थे, जो बजाने वालों के लिए तुरहियाँ और झाँझें और ख़ुदा के हम्द के लिए बाजे लिए हुए थे, और बनी यदूतून दरबान थे।
y con ellos Hemán y Jedutún con trompetas y címbalos para los que debían tocar en voz alta, y con instrumentos para los cánticos de Dios, y los hijos de Jedutún para estar en la puerta.
43 तब सब लोग अपने अपने घर गए, और दाऊद लौटा कि अपने घराने को बरकत दे।
Todo el pueblo se fue, cada uno a su casa; y David volvió a bendecir su casa.