< Yaratiliş 7 >
1 RAB Nuh'a, “Bütün ailenle birlikte gemiye bin” dedi, “Çünkü bu kuşak içinde yalnız seni doğru buldum.
और ख़ुदावन्द ने नूह से कहा कि तू अपने पूरे ख़ान्दान के साथ कश्ती में आ; क्यूँकि मैंने तुझी को अपने सामने इस ज़माना में रास्तबाज़ देखा है।
2 Yeryüzünde soyları tükenmesin diye, yanına temiz sayılan hayvanlardan erkek ve dişi olmak üzere yedişer çift, kirli sayılan hayvanlardan birer çift, kuşlardan yedişer çift al.
सब पाक जानवरों में से सात — सात, नर और उनकी मादा; और उनमें से जो पाक नहीं हैं दो — दो, नर और उनकी मादा अपने साथ ले लेना।
और हवा के परिन्दों में से भी सात — सात, नर और मादा, लेना ताकि ज़मीन पर उनकी नसल बाक़ी रहे।
4 Çünkü yedi gün sonra yeryüzüne kırk gün kırk gece yağmur yağdıracağım. Yarattığım her canlıyı yeryüzünden silip atacağım.”
क्यूँकि सात दिन के बाद मैं ज़मीन पर चालीस दिन और चालीस रात पानी बरसाऊंगा, और हर जानदार शय को जिसे मैंने बनाया ज़मीन पर से मिटा डालूँगा।
5 Nuh RAB'bin bütün buyruklarını yerine getirdi.
और नूह ने वह सब जैसा ख़ुदावन्द ने उसे हुक्म दिया था किया।
6 Yeryüzünde tufan koptuğunda Nuh altı yüz yaşındaydı.
और नूह छ: सौ साल का था, जब पानी का तूफ़ान ज़मीन पर आया।
7 Nuh, oğulları, karısı, gelinleri tufandan kurtulmak için hep birlikte gemiye bindiler.
तब नूह और उसके बेटे और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ, उसके साथ तूफ़ान के पानी से बचने के लिए कश्ती में गए।
8 Tanrı'nın Nuh'a buyurduğu gibi temiz ve kirli sayılan her tür hayvan, kuş ve sürüngenden erkek ve dişi olmak üzere birer çift Nuh'a gelip gemiye bindiler.
और पाक जानवरों में से और उन जानवरों में से जो पाक नहीं, और परिन्दों में से और ज़मीन पर के हर रेंगनेवाले जानदार में से
दो — दो, नर और मादा, कश्ती में नूह के पास गए, जैसा ख़ुदा ने नूह को हुक्म दिया था।
10 Yedi gün sonra tufan koptu.
और सात दिन के बाद ऐसा हुआ कि तूफ़ान का पानी ज़मीन पर आ गया।
11 Nuh altı yüz yaşındayken, o yılın ikinci ayının on yedinci günü enginlerin bütün kaynakları fışkırdı, göklerin kapakları açıldı.
नूह की उम्र का छ: सौवां साल था, कि उसके दूसरे महीने के ठीक सत्रहवीं तारीख़ को बड़े समुन्दर के सब सोते फूट निकले और आसमान की खिड़कियाँ खुल गई।
12 Yeryüzüne kırk gün kırk gece yağmur yağdı.
और चालीस दिन और चालीस रात ज़मीन पर बारिश होती रही।
13 Nuh, oğulları Sam, Ham, Yafet, Nuh'un karısıyla üç gelini tam o gün gemiye bindiler.
उसी दिन नूह और नूह के बेटे सिम और हाम और याफ़त, और
14 Onlarla birlikte her tür hayvan –evcil hayvanların, sürüngenlerin, kuşların, uçan yaratıkların her türü– gemiye bindi.
और हर क़िस्म का जानवर और हर क़िस्म का चौपाया और हर क़िस्म का ज़मीन पर का रेंगने वाला जानदार और हर क़िस्म का परिन्दा और हर क़िस्म की चिड़िया, यह सब कश्ती में दाख़िल हुए।
15 Soluk alan her tür canlı çifter çifter Nuh'un yanına gelip gemiye bindi.
और जो ज़िन्दगी का दम रखते हैं उनमें से दो — दो कश्ती में नूह के पास आए।
16 Gemiye giren hayvanlar Tanrı'nın Nuh'a buyurduğu gibi erkek ve dişiydi. RAB Nuh'un ardından kapıyı kapadı.
और जो अन्दर आए वो, जैसा ख़ुदा ने उसे हुक्म दिया था, सब जानवरों के नर — ओ — मादा थे। तब ख़ुदावन्द ने उसको बाहर से बन्द कर दिया।
17 Tufan kırk gün sürdü. Çoğalan sular gemiyi yerden yukarı kaldırdı.
और चालीस दिन तक ज़मीन पर तूफ़ान रहा, और पानी बढ़ा और उसने कश्ती को ऊपर उठा दिया; तब कश्ती ज़मीन पर से उठ गई।
18 Sular yükseldi, çoğaldıkça çoğaldı; gemi suyun üzerinde yüzmeye başladı.
और पानी ज़मीन पर चढ़ता ही गया और बहुत बढ़ा और कश्ती पानी के ऊपर तैरती रही।
19 Sular öyle yükseldi ki, yeryüzündeki bütün yüksek dağlar su altında kaldı.
और पानी ज़मीन पर बहुत ही ज़्यादा चढ़ा और सब ऊँचे पहाड़ जो दुनिया में हैं छिप गए।
20 Yükselen sular dağları on beş arşın aştı.
पानी उनसे पंद्रह हाथ और ऊपर चढ़ा और पहाड़ डूब गए।
21 Yeryüzünde yaşayan bütün canlılar yok oldu; kuşlar, evcil ve yabanıl hayvanlar, sürüngenler, insanlar, soluk alan bütün canlılar öldü.
और सब जानवर जो ज़मीन पर चलते थे, परिन्दे और चौपाए और जंगली जानवर और ज़मीन पर के सब रेंगनेवाले जानदार, और सब आदमी मर गए।
और ख़ुश्की के सब जानदार जिनके नथनों में ज़िन्दगी का दम था मर गए।
23 RAB insanlardan evcil hayvanlara, sürüngenlerden kuşlara dek bütün canlıları yok etti, yeryüzündeki her şey silinip gitti. Yalnız Nuh'la gemidekiler kaldı.
बल्कि हर जानदार शय जो इस ज़मीन पर थी मर मिटी — क्या इंसान क्या हैवान क्या रेंगने वाले जानदार क्या हवा का परिन्दा, यह सब के सब ज़मीन पर से मर मिटे। सिर्फ़ एक नूह बाक़ी बचा, या वह जो उसके साथ कश्ती में थे।
24 Sular yüz elli gün boyunca yeryüzünü kapladı.
और पानी ज़मीन पर एक सौ पचास दिन तक बढ़ता रहा।