< Marcos 3 >

1 Y volvió a la sinagoga; y había allí un hombre cuya mano estaba tullida.
यीशु प्रार्थना रे कअरो रे फेर गए, तेबे तेती एक मांणू था, जेसरा आथ सूकेया रा था।
2 Y lo estaban espiando para ver si lo sanaría en el día de reposo, para que pudieran tener algo contra él.
तेबे कुछ फरीसी यीशुए पाँदे दोष लगाणे खे और तिना खे काणे रे चक्रो रे थे कि देखूँए कि आरामो रे दिने तेसखे ये ठीक करोआ की नयी।
3 Entonces le dijo al hombre con la mano tullida: ponte en medio,
तिने सूके रे आथो वाल़े मांणूए खे बोलेया, “बीचे जे खड़ा ऊई जा।”
4 Y les dijo: ¿Es correcto hacer el bien en sábado o hacer el mal? para dar la vida o para dar muerte? Pero no dijeron nada.
तेबे यीशुए फरीसिया खे बोलेया, “आरामो रे दिने बिधानो रे मुताबिक खरा करना ठीक ए या बुरा करना, प्राण बचाणा या मारना।” पर सेयो चुप रए।
5 Y mirándolos alrededor, con enojo, entristecido por sus corazones duros; y él dijo al hombre: Extiende tu mano. Y él la extendió, y su mano quedó sana.
तेबे यीशुए तिना रे मनो रे जिद्दी सबाओ ते उदास ऊई की तिना खे रोषो रे चऊँ कनारो खे देखेया और तेस मांणूए खे बोलेया, “आपणा आथ आगे कर” तिने आगे कित्तेया और तेसरा आथ ठीक ऊईगा।
6 Y los fariseos salieron, y de inmediato hicieron planes con los herodianos acerca de cómo podrían matarlo.
तेबे फरीसी बारे गए और हेरोदेसो खे समर्थन देणे वाल़े यहूदिया साथे मिली की तिना रे खलाफ योजना बणाई कि तिना खे किंयाँ नाश करिए?
7 Y Jesús se fue con sus discípulos al mar y gran número de Galilea lo siguió, y de Judea,
यीशु आपणे चेलेया साथे समुद्रो रे कनारे चली गे और गलील प्रदेश ते एक बड़ी पीड़ तिना पीछे आईगी।
8 Y de Jerusalén, y de Idumea, y del otro lado del Jordán, y de la región de Tiro y de Sidón, vino a él un gran número, al escuchar las grandes cosas que hizo.
तेबे तिना रे अचम्बे रे काम सुणी की यरूशलेम नगरो, यहूदिया प्रदेश, इदुमिया प्रदेश और यरदन नदिया रे पारो ते सूर और सैदा नगरो रे नेड़े ते एक बड़ी पीड़ तिना गे आई।
9 E hizo una petición a sus discípulos para que tuvieran un bote preparado para él, para que la multitud no lo apretujara;
तेबे यीशुए आपणे चेलेया खे बोलेया, “पीड़ मुखती ए, एड़ा नि ओ केथी आऊँ दबी जाऊँ, तो तुसे माखे एक किस्ती त्यार करी दो।”
10 Porque él había sanado a tantos que todos los que estaban enfermos caían delante de él con el propósito de tocarlo.
कऊँकि तिने बऊत ठीक कित्ते थे, तेबे जितणे लोका खे बमारिया थिया, सेयो तिना खे छूणे री खातर तिना पाँदे टूटी पड़ो थे।
11 Y los espíritus inmundos, cada vez que lo veían, se arrodillaban delante de él, gritando y diciendo: Tú eres el Hijo de Dios.
दुष्टात्मा बी, जेबे यीशुए खे देखो थिया, तो सेयो तिना रे सामणे रूड़ी जाओ थिया; और चींगी की बोलो थिया, “तूँ परमेशरो रा पुत्र ए।”
12 Y les dio órdenes especiales de no decir quién era.
यीशुए दुष्टात्मा बऊत सावधान कित्तिया कि केसी गे मेरे बारे रे नि बताणा, “आँऊ परमेशरो रा पुत्र ए।”
13 Y subió al monte, y envió en busca de los que le complacía tener a su lado; y fueron a él.
इजी ते बाद यीशु पाह्ड़ो पाँदे चली गे, और जिना खे से चाओ थे, सेयो आपू गे बुलाए और सेयो तिना गे चली गे।
14 Y tomó doce para que estuviesen con él, para enviarlos como predicadores,
तेबे यीशुए बारा मर्दा खे प्रेरिता री पदवी दित्ती ताकि सेयो तिना साथे-साथे रओ और तिना खे प्रचार करने खे पेजो।
15 Y darles el poder de expulsar a los espíritus malignos:
और तिना खे दुष्टात्मा खे निकयाल़ने रा अक्क ओ।
16 A Simón le dio el segundo nombre de Pedro;
और सेयो यो ए, शमौन जेसरा नाओं यीशुए पतरस राखेया।
17 Y a Santiago, hijo de Zebedeo, y Juan, hermano de Jacobo, le dio el segundo nombre de Boanerges, que es: Hijos del trueno:
जब्दिए रे पाऊ याकूब और तेसरा पाई यूहन्ना, जिना रा नाओं तिने बूअनरगिस, मतलब, गर्जणो रे पाऊ राखेया।
18 Y Andrés, y Felipe, y Bartolomé, y Mateo, y Tomás, y Santiago, hijo de Alfeo, Tadeo, Simón el Zelote;
और अन्द्रियास, फिलिप्पुस, बरतुल्मै, मत्ती, थोमा, हलफईसो रा पाऊ याकूब, तद्दै और दूजा शमौन कनानी, देशभक्त तेते समूह रा सदस्य था जो रोमी सरकारा रे खलाफ थे।
19 Y Judas Iscariote, que después traicionó a Jesús.
और यहूदा इस्करियोती, जिने यीशु बादो ते तोखे ते पकड़वाए बी थे।
20 Y él entró en una casa. Y la gente volvió a reunirse, de modo que ni siquiera pudieron comer.
तेबे यीशु और तिना रे चेले कअरे आए और तिना गे फेर इतणी पीड़ कट्ठी ऊईगी कि सेयो रोटी पनि खाई सके।
21 Y cuando sus parientes tuvieron noticias de esto, salieron a buscarlo, diciendo: Está fuera de sí.
जेबे तिना रे टब्बरो वाल़ेया ये सुणेया, तो सेयो तिना खे पकड़ने खे निकल़े, कऊँकि तिना रा मानणा था कि एसरा दमाक ठकाणे निए।
22 Y los escribas que habían llegado de Jerusalén, decían: Tenía a Beelzebú, y por el gobernador de los espíritus malos, él expulsaba espíritus malos de los hombres.
जो शास्त्री यरूशलेम नगरो ते आए थे सेयो बोलो थे, “एसरे शैतान ए,” और “ये दुष्टात्मा रे सरदारो री मतादा साथे दुष्टात्मा खे निकयाल़ोआ।”
23 Y volviéndose a ellos, les dijo en forma de historia: ¿Cómo es posible que Satanás expulse a Satanás?
तेबे यीशु तिना खे नेड़े बुलाई की तिना ते उदारणो रे बोलणे लगे, “शैतान आपणे आपू खे और आपणी दुष्टात्मा खे किंयाँ निकयाल़ी सकोआ?
24 Si hay división en un reino, ese reino vendrá a la destrucción;
और जे केसी राज्य रे फूट पड़ी जाओ तो, से राज्य किंयाँ खड़ा रई सकोआ?
25 Y si hay división en una casa, esa casa vendrá a la destrucción;
और केसी रे कअरे फूट पड़ी जाओ तो, से कअर किंयाँ बणेया रा रई सकोआ?
26 Y si Satanás está en guerra consigo mismo, y hay división en él, no guardará su lugar, sino que llegará a su fin.
और जे शैतान आपणेया रा ई बैरी बणी जाओगा, तो, से किंयाँ बणेया रा रई सकोआ? तेसरा तो अन्त ई ऊई जाणा।
27 Pero nadie puede entrar en la casa del hombre fuerte y tomar sus bienes, sin antes poner cuerdas alrededor del hombre fuerte, y entonces él tomará sus bienes.
“पर कोई मांणू केसी तागतबरो रे कअरे कूसी की, तेसरा माल किंयाँ लूटी सकोआ? जदुओ तक से तेसखे बानी नि लओगा और तिजी ते बाद ई से तेसरा माल लूटी सकोआ।
28 En verdad, les digo, los hijos de los hombres tendrán el perdón por todos sus pecados y por todas las malas palabras que dicen:
“आऊँ तुसा खे सच लगी रा बोलणे कि मांणूए रे सारे पाप और निन्दा जो से करोआ, माफ ऊई जाणे।
29 Pero el que dice cosas malas contra el Espíritu Santo nunca tendrá el perdón, pero el mal que ha hecho lo hará estar con él para siempre: (aiōn g165, aiōnios g166)
पर जो पवित्र आत्मा री निन्दा करोआ, तेसखे कदी बी माफी नि मिलणी, और से अनन्त पापो रा अपराधी ऊई जाओ आ।” (aiōn g165, aiōnios g166)
30 Porque dijeron: Él tiene un espíritu inmundo.
यीशुए ये तेबे बोलेया कऊँकि सेयो ईंयां बोलो थे, “एसरे दुष्टात्मा ए।”
31 Y vinieron su madre y sus hermanos, y estaban afuera, y enviaron a buscarle, pidiéndole que los viera.
तेबे यीशुए री आम्मा और तेसरे पाई आए और तेबे तिने बारे खड़ी की तिना खे सन्देशा पेजेया।
32 Y un gran número estaban sentados a su alrededor; y le dijeron: Mira, tu madre y tus hermanos están afuera buscándote.
यीशुए रे नेड़े पीड़ थी बैठी री, तेबे तिने यीशुए खे बोलेया, “देख, तुसा री आम्मा और पाई और बईण तुसा ते मिलणा चाओए।”
33 Y él respondió: ¿Quiénes son mi madre y mis hermanos?
यीशुए तिना खे बोलेया, “मेरी आम्मा और पाई कूणे?”
34 Y mirando a los que estaban sentados a su alrededor, dijo: Mira, mi madre y mis hermanos.
तेबे तिने, जो तिना रे नेड़े थे बैठे रे, तिना खे देखेया और बोलेया, “देखो, मेरी आम्मा और पाई यो ईए।
35 El que hace la voluntad de Dios, ese es mi hermano, mi hermana y mi madre.
कऊँकि जो परमेशरो री इच्छा पाँदे चलोआ, सेई मेरे पाई, बईण और आम्मा ए।”

< Marcos 3 >