< Isaías 60 >
1 Levántate! resplandezca tu rostro, porque ha venido tu luz, y la gloria del Señor ha amanecido sobre ti.
१उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है।
2 Porque verdaderamente, la tierra será oscura, y los pueblos serán velados en la noche más negra; pero el Señor resplandecerá sobre ti, y su gloria se verá entre ustedes.
२देख, पृथ्वी पर तो अंधियारा और राज्य-राज्य के लोगों पर घोर अंधकार छाया हुआ है; परन्तु तेरे ऊपर यहोवा उदय होगा, और उसका तेज तुझ पर प्रगट होगा।
3 Y las naciones vendrán a tu luz, y los reyes a tu brillante aurora.
३जाति-जाति तेरे पास प्रकाश के लिये और राजा तेरे आरोहण के प्रताप की ओर आएँगे।
4 Levanten sus ojos y vean, todos se acercan a ustedes; sus hijos vendrán de lejos, y sus hijas serán tomadas con amoroso cuidado.
४अपनी आँखें चारों ओर उठाकर देख; वे सब के सब इकट्ठे होकर तेरे पास आ रहे हैं; तेरे पुत्र दूर से आ रहे हैं, और तेरी पुत्रियाँ हाथों-हाथ पहुँचाई जा रही हैं।
5 Entonces verás, y resplandecerás de alegría, y tu corazón se estremecerá con deleite; porque el producto del mar lo traerán a ti, la riqueza de las naciones vendrá a ti.
५तब तू इसे देखेगी और तेरा मुख चमकेगा, तेरा हृदय थरथराएगा और आनन्द से भर जाएगा; क्योंकि समुद्र का सारा धन और जाति-जाति की धन-सम्पत्ति तुझको मिलेगी।
6 Multitud de caravanas de camellos te cubrirán, incluso los camellos jóvenes de Madián y de Efa; vendrán todos de Saba, con oro y especias, dando la palabra de los grandes hechos del Señor.
६तेरे देश में ऊँटों के झुण्ड और मिद्यान और एपा देशों की साँड़नियाँ इकट्ठी होंगी; शेबा के सब लोग आकर सोना और लोबान भेंट लाएँगे और यहोवा का गुणानुवाद आनन्द से सुनाएँगे।
7 Todos los rebaños de Cedar se unirán a ustedes, las ovejas de Nebaiot estarán listas para su necesidad; serán agradables ofrendas en mi altar, y mi casa de oración será hermosa.
७केदार की सब भेड़-बकरियाँ इकट्ठी होकर तेरी हो जाएँगी, नबायोत के मेढ़े तेरी सेवा टहल के काम में आएँगे; मेरी वेदी पर वे ग्रहण किए जाएँगे और मैं अपने शोभायमान भवन को और भी प्रतापी कर दूँगा।
8 ¿Quiénes son estos que vienen como una nube, como un vuelo de palomas a sus palomares?
८ये कौन हैं जो बादल के समान और अपने दरबों की ओर उड़ते हुए कबूतरों के समान चले आते हैं?
9 Me esperan los buques en las costas, y las naves de Tarsis, para que vengan de lejos tus hijos, y su plata y oro con ellos, al lugar del nombre del Señor tu Dios, Santo de Israel, porque te ha glorificado.
९निश्चय द्वीप मेरी ही बाट देखेंगे, पहले तो तर्शीश के जहाज आएँगे, कि तेरे पुत्रों को सोने- चाँदी समेत तेरे परमेश्वर यहोवा अर्थात् इस्राएल के पवित्र के नाम के निमित्त दूर से पहुँचाए, क्योंकि उसने तुझे शोभायमान किया है।
10 Y hombres de países extraños edificarán tus muros, y sus reyes serán tus siervos; porque en mi ira envié un castigo contra ti, pero en mi gracia he tenido misericordia de ti.
१०परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएँगे, और उनके राजा तेरी सेवा टहल करेंगे; क्योंकि मैंने क्रोध में आकर तुझे दुःख दिया था, परन्तु अब तुझ से प्रसन्न होकर तुझ पर दया की है।
11 Tus puertas estarán abiertas todo el tiempo; no cerrarán ni de día ni de noche; para que los hombres puedan entrar en ti con la riqueza de las naciones, con sus reyes a la cabeza.
११तेरे फाटक सदैव खुले रहेंगे; दिन और रात वे बन्द न किए जाएँगे जिससे जाति-जाति की धन-सम्पत्ति और उनके राजा बन्दी होकर तेरे पास पहुँचाए जाएँ।
12 Porque la nación o reino que no sea tu siervo será destruido; Tales naciones serán completamente destruidas.
१२क्योंकि जो जाति और राज्य के लोग तेरी सेवा न करें वे नष्ट हो जाएँगे; हाँ ऐसी जातियाँ पूरी रीति से सत्यानाश हो जाएँगी।
13 La gloria del Líbano vendrá a ti, el ciprés, pinos, el abeto juntos, para hacer hermoso mi lugar santo; y el lugar de descanso de mis pies estará lleno de gloria.
१३लबानोन का वैभव अर्थात् सनोवर और देवदार और चीड़ के पेड़ एक साथ तेरे पास आएँगे कि मेरे पवित्रस्थान को सुशोभित करें; और मैं अपने चरणों के स्थान को महिमा दूँगा।
14 Y los hijos de los que fueron crueles contigo vendrán delante de ti con la cabeza inclinada; y los que se burlaban caerán sobre sus rostros a tus pies; y serás nombrado, El Pueblo del Señor, La Sión del Santo de Israel.
१४तेरे दुःख देनेवालों की सन्तान तेरे पास सिर झुकाए हुए आएँगी; और जिन्होंने तेरा तिरस्कार किया सब तेरे पाँवों पर गिरकर दण्डवत् करेंगे; वे तेरा नाम यहोवा का नगर, इस्राएल के पवित्र का सिय्योन रखेंगे।
15 Y aunque fuiste rechazada, odiada y no tuviste ayuda, te haré un orgullo para siempre, una alegría de generación en generación.
१५तू जो त्यागी गई और घृणित ठहरी, यहाँ तक कि कोई तुझ में से होकर नहीं जाता था, इसके बदले मैं तुझे सदा के घमण्ड का और पीढ़ी-पीढ़ी के हर्ष का कारण ठहराऊँगा।
16 Y tomarás la leche de las naciones, que brotará del pecho de los reyes; y verás que yo, el Señor, soy tu salvador, tu libertador, el Fuerte de Jacob.
१६तू जाति-जाति का दूध पी लेगी, तू राजाओं की छातियाँ चूसेगी; और तू जान लेगी कि मैं यहोवा तेरा उद्धारकर्ता और तेरा छुड़ानेवाला, याकूब का सर्वशक्तिमान हूँ।
17 En lugar de bronce, daré oro; y plata en vez de hierro; en vez de madera; , bronce; en vez de piedras, hierro; y haré de tus administradores la paz, y tus gobernantes la justicia.
१७मैं पीतल के बदले सोना, लोहे के बदले चाँदी, लकड़ी के बदले पीतल और पत्थर के बदले लोहा लाऊँगा। मैं तेरे हाकिमों को मेल-मिलाप और तेरे चौधरियों को धार्मिकता ठहराऊँगा।
18 Los actos violentos ya no se verán en tu tierra, desolación o destrucción en tus limites; más tus muros serán nombrados, Salvación, y tus puertas Alabanza.
१८तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरी सीमाओं के भीतर उत्पात या अंधेर की चर्चा न सुनाई पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी।
19 El sol no será tu luz durante el día, y la luna ya no será brillante para ti durante la noche; pero el Señor será para ti una luz eterna, y tu Dios será tu gloria.
१९फिर दिन को सूर्य तेरा उजियाला न होगा, न चाँदनी के लिये चन्द्रमा परन्तु यहोवा तेरे लिये सदा का उजियाला और तेरा परमेश्वर तेरी शोभा ठहरेगा।
20 Tu sol nunca volverá a bajar, o tu luna retendrá su luz; porque el Señor será tu luz eterna, y los días de tu dolor terminarán.
२०तेरा सूर्य फिर कभी अस्त न होगा और न तेरे चन्द्रमा की ज्योति मलिन होगी; क्योंकि यहोवा तेरी सदैव की ज्योति होगा और तेरे विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे।
21 Tu pueblo será recto, la tierra será su herencia para siempre; La rama de mi plantación, el trabajo de mis manos, para glorificarme.
२१तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रगट हो।
22 El más pequeño de sus familias se convertirá en mil, y el pequeño en una nación fuerte: Yo, el Señor, lo haré llegar rápidamente en su tiempo.
२२छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सबसे दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा। मैं यहोवा हूँ; ठीक समय पर यह सब कुछ शीघ्रता से पूरा करूँगा।