< Ezequiel 28 >
1 Volvió a mí la palabra del Señor, diciendo:
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
2 Hijo del hombre, dile al gobernante de Tiro: Esto es lo que el Señor ha dicho: Porque tu corazón de ha enorgullecido, y has dicho: Soy un dios, estoy sentado en el asiento de Dios en el corazón de los mares; pero tú eres hombre y no Dios, aunque hayas igualado tu corazón como el corazón del Dios Supremo.
“हे मनुष्य के पुत्र, सोर के शासक से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘अपने मन में फूलकर तुम कहते हो, “मैं एक ईश्वर हूं; मैं समुद्र के बीच एक ईश्वर के सिंहासन पर बैठता हूं.” परंतु तुम सिर्फ एक मरणशील प्राणी हो, ईश्वर नहीं, यद्यपि तुम सोचते हो कि तुम ईश्वर के समान बुद्धिमान हो.
3 Mira, eres más sabio que Daniel; No hay secreto que te sea oculto.
क्या तुम दानिएल से ज्यादा बुद्धिमान हो? क्या तुमसे कोई भी गुप्त बात छिपी नहीं है?
4 Por tu sabiduría y profundo conocimiento, tienes poder para ti mismo, y pones plata y oro en tus almacenes:
अपनी बुद्धि और समझ से तुमने अपने लिये संपत्ति कमा लिया है और अपने खजाने में सोना और चांदी का ढेर लगा लिया है.
5 Por tu gran sabiduría y por tu comercio, tu poder aumenta y tu corazón se enorgullece debido a tu poder:
व्यापार में अपनी निपुणता के द्वारा, तुमने अपनी संपत्ति बढ़ा ली है, और तुम्हारे धन के कारण तुम्हारा मन घमंडी हो गया है.
6 Por esto ha dicho el Señor Dios: Porque has igualado tu corazón como el corazón del Dios supremo,
“‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘क्योंकि तुम सोचते हो कि तुम एक ईश्वर के समान बुद्धिमान हो,
7 Mira, estoy enviando contra ti hombres extranjeros, temidos entre las naciones; sacarán sus espadas contra la hermosura de tu sabiduría y profanaran tu esplendor.
इसलिये मैं तुम पर विदेशियों से चढ़ाई कराऊंगा, जो जातियों में सबसे अधिक क्रूर हैं; वे तुम्हारी सुंदरता और बुद्धिमानी पर अपनी तलवार चलाएंगे और तुम्हारी चमकती शोभा को नष्ट कर देंगे.
8 Te enviarán al inframundo, y tu muerte será la muerte de los que son llevados a la espada en el corazón de los mares.
वे तुम्हें नीचे गड्ढे में ले आएंगे, और समुद्र के बीच तुम्हारी एक हिंसात्मक मृत्यु होगी.
9 ¿Dirás, ante los que te quitan la vida, yo soy un Dios? pero tú eres hombre y no Dios en manos de los que te hieren.
जो तुम्हें मार डालते हैं, उनके सामने क्या तब तुम कहोगे, “मैं एक ईश्वर हूं?” जो तुम्हारी हत्या करते हैं, उनके हाथों में तुम एक मरणशील मनुष्य हो, ईश्वर नहीं.
10 Tu muerte será la muerte de los que están sin circuncisión, a manos de hombres de extranjeros; porque lo he dicho, dice el Señor Dios.
तुम विदेशियों के हाथ ख़तनाहीन व्यक्तियों के समान मारे जाओगे. मैंने कहा है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
11 Entonces vino a mí la palabra del Señor, diciendo:
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
12 Hijo del hombre, canta un canto de luto al rey de Tiro, y dile: Esto es lo que el Señor ha dicho: Tú eres sabio y completamente hermoso;
“हे मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा के बारे में एक विलापगीत लो और उससे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘तुम बुद्धि से भरे हुए और सुंदरता में उत्तम, निर्दोषता के मुहर थे.
13 Estuviste en el Edén, el jardín de Dios; Cada piedra de gran precio era tu vestimenta, el sardio, el topacio y el diamante, el berilo, el ónice y el jaspe, la esmeralda y el carbunclo, y el oro; la obra de tus tamboriles fueron preparados para ti en él día que fuiste creado.
तुम परमेश्वर के बगीचा, एदेन में थे; हर बहुमूल्य रत्न तुम्हें सजाता था: माणिक्य, हीरा और पन्ना, पुखराज, गोमेदक और मणि, नीलम, फ़िरोजा और मरकत. तुम्हारे बैठने की जगह और सवारी की वस्तु सोने के बने हुए थे; जिस दिन तुम्हारी सृष्टि की गई, उसी दिन ये तैयार किए गये.
14 Te di tu lugar de querubín protector; Te puse en el monte de Dios; Ivas y venías entre las piedras de fuego.
एक अभिभावक करूब के रूप में तुम्हारा राजतिलक हुआ था, इसी काम हेतु मैंने तुम्हें नियुक्त किया था. तुम परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर थे; तुम प्रज्वलित पत्थरों के बीच चलते फिरते थे.
15 No hubo maldad en tus caminos desde el día en que fuiste hecho, hasta que el pecado fue visto en ti.
अपनी सृष्टि के दिन से ही तुम अपने आचार व्यवहार में निर्दोष थे, जब तक कि तुममें दुष्टता न पायी गई.
16 Por la abundancia de todos tus comercios te has llenado de violencia, y has hecho el mal; así te expulsé avergonzado de la montaña de Dios; querubín protector, de en medio de las piedras de fuego.
अपने व्यापार के फैले होने के कारण तुम हिंसा से भर गये थे, और तुमने पाप किया. इसलिये मैंने तुम्हें कलंक के साथ परमेश्वर के पर्वत से भगा दिया, और हे अविभावक करूब, मैं ने तुम्हें प्रज्वलित पत्थरों के बीच से निकाल दिया.
17 Tu corazón se enalteció a causa de tu hermosura, corrompiste tu sabiduría con tu resplandor; te he enviado hasta la tierra; Te he rebajado ante los reyes, para que te vean.
अपनी सुंदरता के कारण तुम्हारा मन घमंडी हो गया, और अपने वैभव के कारण तुमने अपनी बुद्धि को भ्रष्ट कर लिया. इसलिये मैंने तुम्हें भूमि पर फेंक दिया; मैंने तुम्हें राजाओं के सामने एक तमाशा बना दिया.
18 Por todos tus pecados, aun por tu malvado comercio, has contaminado tus lugares sagrados; así que haré que salga fuego de ti, que te devorará, y te haré polvo en la tierra ante los ojos de todos los que te vean.
अपने बहुत पाप और बेईमानी के व्यापार से तुमने अपने पवित्र स्थानों को अपवित्र कर दिया. इसलिये मैंने तुमसे ही एक आग उत्पन्न की, और उसने तुम्हें जलाकर नष्ट कर दिया, और जो देख रहे थे, उन सबके सामने, मैंने तुम्हें भूमि पर राख बना दिया.
19 Todos los que tienen conocimiento de ti entre los pueblos se asombrarán de ti; te has convertido en una cosa de espanto, y nunca volverás a ser visto.
सब जाति के लोग जो तुम्हें जानते थे, तुम्हारी स्थिति से भयभीत हो गये; तुम्हारा एक भयानक अंत हुआ है, और तुम्हारा अस्तित्व अब न रहेगा.’”
20 Y vino a mí la palabra del Señor, diciendo:
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
21 Hijo de hombre, vuelve tu rostro hacia Sidón, y profetiza contra ella, y di:
“हे मनुष्य के पुत्र, सीदोन की ओर अपना मुंह करके उसके विरुद्ध भविष्यवाणी करो
22 Estas son las palabras del Señor: Mira, estoy contra ti, oh Sidón; y seré glorificado en medio de ti, y sabrán que yo soy el Señor Dios, cuando le envíe mis castigos, y seré santificado en ella.
और कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘हे सीदोन, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, और तुम्हारे बीच मैं अपनी महिमा प्रकट करूंगा. जब मैं तुम्हें दंड दूंगा तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, और तुम्हारे ही बीच मैं पवित्र ठहरूंगा.
23 Y enviaré su enfermedad y sangre a sus calles; y los heridos caerán en medio de ella, y la espada estará contra ella por todos lados; y sabrán que yo soy el Señor.
मैं तुम्हारे बीच महामारी फैलाऊंगा और तुम्हारी गलियों में खून बहाऊंगा. चारों तरफ से तुम्हारे विरुद्ध तलवार चलेगी, और मारे गये लोग तुम्हारे ही बीच गिरेंगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
24 Ya no habrá espinas que hieran a los hijos de Israel, ni espino que le de dolor entre los que están alrededor de ellos, que los avergüenzan; y sabrán de que yo soy el Señor Dios.
“‘तब इस्राएली लोगों के ऐसे पड़ोसी देश नहीं होंगे, जो पीड़ादायक कंटीली झाड़ी और तेज चुभनेवाले कांटे जैसे हों. तब वे जानेंगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.
25 Esto es lo que ha dicho el Señor Dios: Reuniré a los hijos de Israel de los pueblos entre los cuales están esparcidos, y seré santificado en ellos ante los ojos de las naciones, entonces tendrán descanso en la tierra de ellos, que le di a mi siervo Jacob.
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब मैं इस्राएल के लोगों को उन जाति के लोगों में से इकट्ठा करूंगा, जिनके बीच वे बिखर गये हैं, तो मैं उनके द्वारा उन जाति के लोगों की दृष्टि में पवित्र ठहरूंगा. तब वे अपने स्वयं के देश में रहेंगे, जिसे मैंने अपने सेवक याकोब को दिया था.
26 Y ellos estarán seguros allí, construyendo casas y plantando vides y viviendo sin miedo; cuando haya enviado mis castigos a todos los que los desprecian alrededor de ellos; y estarán seguros de que yo soy el Señor, su Dios supremo.
वे वहां सुरक्षित रहेंगे और घर बनाएंगे और अंगूर की बारी लगाएंगे; वे सुरक्षित रहेंगे जब मैं उनके उन सब पड़ोसी देशों को दंड दूंगा, जो उनसे शत्रुता रखते थे. तब वे जानेंगे कि मैं उनका परमेश्वर, याहवेह हूं.’”