< Ezequiel 16 >
1 Y vino a mí la palabra deL Señor, diciendo:
फिर ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
2 Hijo del hombre, deja en claro a Jerusalén sus caminos asquerosos.
कि ऐ आदमज़ाद! येरूशलेम को उसके नफ़रती कामों से आगाह कर,
3 Y di: Esto es lo que el Señor Dios ha dicho a Jerusalén: Tu comienzo y tu nacimiento fue en la tierra de los cananeos; un amorreo era tu padre y tu madre una hitita.
और कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा येरूशलेम से यूँ फ़रमाता है: तेरी विलादत और तेरी पैदाइश कनान की सरज़मीन की है; तेरा बाप अमूरी था और तेरी माँ हित्ती थी।
4 En cuanto a tu nacimiento, el día de tu nacimiento no se cortó el cordón ni se lavó con agua para limpiarlo; ni te frotaron con sal, ni te fajaron.
और तेरी पैदाइश का हाल यूँ है कि जिस दिन तू पैदा हुई तेरी नाफ़ काटी न गई, और न सफ़ाई के लिए तुझे पानी से गु़स्ल मिला, और न तुझ पर नमक मला गया, और तू कपड़ों में लपेटी न गई।
5 Ningún ojo tuvo piedad de ti por hacerte ninguna de estas cosas o por ser amable contigo; pero fuiste expulsada al campo abierto, porque tu vida fue odiada en el momento de tu nacimiento.
किसी की आँख ने तुझ पर रहम न किया कि तेरे लिए यह काम करे और तुझ पर मेहरबानी दिखाए बल्कि तू अपनी विलादत के दिन बाहर मैदान में फेंकी गई, क्यूँकि तुझ से नफ़रत रखते थे।
6 Y cuando pasé junto a ti y te vi tirada en tu sangre, te dije: Aunque estés en tu sangre, Vive; Dije! Si, ¡ Aunque estés en tu sangre: Vive!
तब मैंने तुझ पर गुज़र किया और तुझे तेरे ही ख़ून में लोटती देखा, और मैंने तुझे जब तू अपने खू़न में आग़िश्ता थी कहा, 'जीती रह! हाँ, मैंने तुझ खू़न आलूदा से कहा, 'जीती रह!
7 Y aumentará en número como los brotes del campo; y aumentaste y te hiciste grande, y llegaste a la época del amor: tus pechos se formaron y tu cabello era largo; pero fuiste desnuda y sin ropa.
मैंने तुझे चमन के शगूफ़ों की तरह हज़ार चन्द बढ़ाया, इसलिए तू बढ़ीं, और कमाल और जमाल को पहुँची तेरी छातियाँ उठीं और तेरी ज़ुल्फें बढ़ीं लेकिन तू नंगी और बरहना थी।
8 Ahora, cuando pasé junto a ti, mirándote, vi que tu tiempo era el tiempo del amor; y puse mis faldas sobre ti, cubriendo tu cuerpo desnudo, y te hice mi juramento e hice un acuerdo contigo, dice el Señor Dios, y te hiciste mía.
फिर मैंने तेरी तरफ़ गुज़र किया और तुझ पर नज़र की, और क्या देखता हूँ कि तू 'इश्क़ अंगेज़ उम्र को पहुँच गई है; फिर मैंने अपना दामन तुझ पर फैलाया और तेरी बरहनगी को छिपाया, और क़सम खाकर तुझ से 'अहद बाँधा ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है और तू मेरी हो गई।
9 Luego te hice lavar con agua, lavando toda tu sangre y te ungí con aceite.
फिर मैंने तुझे पानी से गु़स्ल दिया, और तेरा खू़न बिल्कुल धो डाला और तुझ पर 'इत्र मला।
10 Y te hice vestir con bordados, y te puse zapatos de cuero, te ceñí de lino fino y te vestí de seda.
और मैंने तुझे ज़र — दोज़ लिबास से मुलब्बस किया, और तुख़स की खाल की जूती पहनाई, नफ़ीस कतान से तेरा कमरबन्द बनाया और तुझे सरासर रेशम से मुलब्बस किया।
11 Y te hice hermosa con adornos, y te puse joyas en las manos y una cadena en el cuello.
मैंने तुझे ज़ेवर से आरास्ता किया, तेरे हाथों में कंगन पहनाए और तेरे गले में तौक़ डाला।
12 Y puse un anillo en tu nariz y aretes en tus oídos y una hermosa corona en tu cabeza.
और मैंने तेरी नाक में नथ और तेरे कानों में बालियाँ पहनाई, और एक खू़बसूरत ताज तेरे सिर पर रख्खा।
13 Así te hiciste hermosa con oro y plata; y tu ropa era de la mejor ropa de lino y seda y bordados; Tu comida fue la mejor comida y miel y aceite, y eras muy hermosa, prosperaste extremadamente hasta reinar.
और तू सोने — चाँदी से आरास्ता हुई, और तेरी पोशाक कतानी और रेशमी और चिकन — दोज़ी की थी; और तू मैदा और शहद और चिकनाई खाती थी, और तू बहुत खू़बसूरत और इक़बालमन्द मलिका हो गई।
14 Eras tan hermosa que tu historia se extendió a todas las naciones; Eras completamente hermosa por mi gloria que te había puesto, dice el Señor.
और क़ौम — ए — 'आलम में तेरी खू़बसूरती की शोहरत फैल गई, क्यूँकि, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि तू मेरे उस जलाल से जो मैंने तुझे बख़्शा कामिल हो गई थी।
15 Pero confías en el hecho de que eras hermosa, actuando como una mujer prostituta, a causa de tu fama y ofreciendo tu amor barato a todos los que pasaron, sin importar quién fuera.
लेकिन तूने अपनी खू़बसूरती पर भरोसा किया और अपनी शोहरत के वसीले से बदकारी करने लगी, और हर एक के साथ जिसका तेरी तरफ़ गुज़र हुआ ख़ूब फ़ाहिशा बनी और उसी की हो गई।
16 Y tomaste tus ropas y te colocaste en lugares altos adornados con todos los colores, actuando como una prostituta sobre ellos, sin vergüenza ni miedo.
तूने अपनी पोशाक से अपने ऊँचे मक़ाम मुनक़्क़श और आरास्ता किए, और उन पर ऐसी बदकारी की, कि न कभी हुई और न होगी।
17 Y tomaste las bellas joyas, mi plata y oro que te había dado, y te hiciste imágenes masculinas, actuando como una prostituta con ellas;
और तूने अपने सोने — चाँदी के नफ़ीस ज़ेवरों से जो मैंने तुझे दिए थे, अपने लिए मर्दों की मूरतें बनाई और उनसे बदकारी की।
18 Y tomaste tu túnica de bordados para su ropa, y pones mi aceite y mi perfume delante de ellos.
और अपनी ज़र — दोज़ पोशाकों से उनको मुलब्बस किया, और मेरा 'इत्र और ख़ुशबू उनके सामने रख्खा।
19 Y mi pan que te di, la mejor comida, el aceite y la miel que te di para tu comida, lo pones delante de ellos para un dulce olor, dice el Señor.
और मेरा खाना जो मैंने तुझे दिया, या'नी मैदा और चिकनाई और शहद जो मैं तुझे खिलाता था, तूने उनके सामने ख़ुशबू के लिए रख्खा: ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि यूँ ही हुआ।
20 Y tomaste a tus hijos y a tus hijas que tuve contigo, ofreciéndoles incluso esto para que sean su alimento. ¿Eran tus fornicaciones poca cosa?
और तूने अपने बेटों और अपनी बेटियों को, जिनको तूने मेरे लिए पैदा किया लेकर उनके आगे कु़र्बान किया, ताकि वह उनको खा जाएँ, क्या तेरी बदकारी कोई छोटी बात थी,
21 ¿Que mataste a mis hijos y los entregaste para que pasaran por el fuego?
कि तूने मेरे बच्चों को भी ज़बह किया और उनको बुतों के लिए आग के हवाले किया?
22 Y en toda tu asquerosa y falsa conducta no recordaste tus primeros días, cuando estabas desnuda y sin ropa, tirada en tu sangre.
और तूने अपनी तमाम मकरूहात और बदकारी में अपने बचपन के दिनों को, जब कि तू नंगी और बरहना अपने खू़न में लोटती थी, कभी याद न किया।
23 Y sucedió que, después de todo tu maldad, Hay! Hay! De ti dice el Señor Dios:
'और ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि अपनी इस सारी बदकारी के 'अलावा अफ़सोस! तुझ पर अफ़सोस!
24 Que te hiciste un santuario y un altar cada plaza.
तूने अपने लिए गुम्बद बनाया और हर एक बाज़ार में ऊँचा मक़ाम तैयार किया।
25 Colocaste tus lugares altos en la parte superior de cada calle, e hiciste de la gracia de tu forma algo asqueroso, abriendo tus pies a todos los que pasaban, aumentando tu prostitución.
तूने रास्ते के हर कोने पर अपना ऊँचा मक़ाम ता'मीर किया, और अपनी खू़बसूरती को नफ़रत अंगेज़ किया, और हर एक राह गुज़र के लिए अपने पाँव पसारे और बदकारी में तरक़्क़ी की।
26 Y fuiste con los egipcios, tus vecinos, de cuerpos robustos; Incrementando tus fornicaciones, moviéndome a la ira.
तूने अहल — ए — मिस्र और अपने पड़ोसियों से जो बड़े क़दआवर हैं बदकारी की और अपनी बदकारी की ज़्यादती से मुझे ग़ज़बनाक किया।
27 Ahora, entonces, mi mano se extiende contra ti, reduciendo tu provisión, y te he entregado al deseo de tus enemigos, las hijas de los filisteos que se avergüenzan de tus fornicaciones.
फिर देख, मैंने अपना हाथ तुझ पर चलाया और तेरे वज़ीफ़े को कम कर दिया, और तुझे तेरी बदख़्वाह फ़िलिस्तियों की बेटियों के क़ाबू में कर दिया जो तेरी ख़राब चाल चलन से शर्मिन्दा होती थीं।
28 Y fuiste con los asirios, debido a tu deseo que no tenía medida; Estabas actuando como una prostituta con ellos, y aún así no tenías suficiente.
फिर तूने अहल — ए — असूर से बदकारी की, क्यूँकि तू सेर न हो सकती थी; हाँ, तूने उन से भी बदकारी की लेकिन तोभी तू आसूदा न हुई।
29 Y seguiste con tus fornicaciones hasta la tierra de Caldea, y aún no tenías suficiente.
और तूने मुल्क — ए — कन'आन से कसदियों के मुल्क तक अपनी बदकारी को फैलाया, लेकिन इस से भी सेर न हुई।
30 Qué enfermo es tu corazón, dice el Señor, al ver que haces todas estas cosas, el trabajo de una prostituta autoritaria;
ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, तेरा दिल कैसा बे — इख़्तियार है कि तू यह सब कुछ करती है, जो बेलगाम फ़ाहिशा 'औरत का काम है,
31 Porque has hecho tu santuario en la parte superior de cada calle, y tu altar en cada plaza; al despreciar la paga, no eras como la prostituta.
इसलिए कि तू हर एक सड़क के सिरे पर अपना गुम्बद बनाती है, और हर एक बाज़ार में अपना ऊँचा मक़ाम तैयार करती है, और तू कस्बी की तरह नहीं क्यूँकि तू उजरत लेना बेकार जानती है।
32 ¡Sino como la mujer adúltera, que toma extraños amantes en lugar de su esposo!
बल्कि बदकार बीवी की तरह है, जो अपने शौहर के बदले गै़रों को कु़बूल करती है।
33 Se paga a todas las prostitutas, pero tú das recompensas a tus amantes, ofreciéndoles un pago para que puedan llegar a ti de todas partes por tus prostituciones.
लोग सब कस्बियों को हदिए देते हैं; लेकिन तू अपने यारों को हदिए और तोहफ़े देती है, ताकि वह चारों तरफ़ से तेरे पास आएँ और तेरे साथ बदकारी करें।
34 Y en tu prostitución eres diferente de otras mujeres, porque nadie te persigue para hacerte el amor; porque les pagas a ellos, ellos no te pagan a ti, en esto eres diferente de ellas.
और तू बदकारी में और 'औरतों की तरह नहीं, क्यूँकि बदकारी के लिए तेरे पीछे कोई नहीं आता। तू उजरत नहीं लेती बल्कि ख़ुद उजरत देती है, इसलिए तू अनोखी है।
35 Por esta causa, oh mujer ramera, oye la voz del Señor:
इसलिए ऐ बदकार, तू ख़ुदावन्द का कलाम सुन,
36 Esto es lo que el Señor Dios ha dicho: Porque tu comportamiento inmundo se desató y tu cuerpo se descubrió en tu prostitución con tus amantes y con tus repugnantes imágenes, y por la sangre de tus hijos que les diste en sacrificio;
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि तेरी नापाकी बह निकली और तेरी बरहनगी तेरी बदकारी के ज़रिए' जो तूने अपने यारों से की, और तेरे सब नफ़रती बुतों की वजह से और तेरे बच्चों के खू़न की वजह से जो तूने उनके आगे पेश किया, ज़ाहिर हो गई।
37 Por esta causa reuniré a todos tus amantes con quienes te has complacido, y a todos aquellos a quienes les has dado tu amor, con todos los que fueron odiados por ti; incluso haré que se junten contra ti por todos lados, y te haré descubrir ante ellos para que puedan ver tu vergüenza.
इसलिए देख, मैं तेरे सब यारों को तू लज़ीज़ थी, और उन सब को जिनको तू चाहती थी और उन सबको जिनसे तू कीना रखती है जमा' करूँगा; मैं उनको चारों तरफ़ से तेरी मुख़ालिफ़त पर जमा' करूँगा और उनके आगे तेरी बरहनगी खोल दूँगा ताकि वह तेरी तमाम बरहनगी देखें।
38 Y serás juzgada por mí como las mujeres que son juzgadas como adúlteras, y las mujeres que derraman sangre; Y voy a soltar contra ti sangre y furor de celo.
और मैं तेरी ऐसी 'अदालत करूँगा जैसी बेवफ़ा और ख़ूनी बीवी की और मैं ग़ज़ब और ग़ैरत की मौत तुझ पर लाऊँगा।
39 Te entregaré en sus manos, y tu santuario será derribado y tus lugares altos destruidos; te quitarán la ropa y te quitarán tus bellas joyas; y cuando hayan terminado, serás descubierta y desnuda.
और मैं तुझे उनके हवाले कर दूँगा, और वह तेरे गुम्बद और ऊँचे मक़ामों को मिस्मार करेंगे और तेरे कपड़े उतारेंगे और तेरे ख़ुशनुमा ज़ेवर छीन लेंगे, और तुझे नंगी और बरहना छोड़ जाएँगे।
40 Y se reunirán contra ti una multitud, te apedrearán y te herirán con sus espadas.
वह तुझ पर एक हुजूम चढ़ा लाएँगे, और तुझे संगसार करेंगे और अपनी तलवारों से तुझे छेद डालेंगे।
41 Y te quemarán tus casas, y te castigarán ante los ojos de gran número de mujeres; y pondré fin a tus prostituciones, y ya no pagarás a tus amantes.
और वह तेरे घर आग से जलाएँगे और बहुत सी 'औरतों के सामने तुझे सज़ा देंगे, और मैं तुझे बदकारी से रोक दूँगा और तू फिर उजरत न देगी।
42 Y el furor de mi ira contra ti tendrá fin, y mi celo se alejará de ti, y estaré callado y no estaré enojado más.
तब मेरा क़हर तुझ पर धीमा हो जाएगा, और मेरी गै़रत तुझ से जाती रहेगी; और मैं तस्कीन पाऊँगा और फिर ग़ज़बनाक न हूँगा।
43 Porque no has tenido en cuenta los días en que eras joven, pero me has estado perturbando con todas estas cosas; por esta razón haré que el castigo de tus acciones llegue a tu cabeza, dice el Señor Dios, porque has hecho esto malo además de todos tus actos repugnantes.
चूँकि तूने अपने बचपन के दिनों को याद न किया, और इन सब बातों से मुझ को फ़रोख़्त किया, इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, देख, मैं तेरी बदराही का नतीजा तेरे सिर पर लाऊँगा और तू आगे को अपने सब घिनौने कामों के 'अलावा ऐसी बदज़ाती नहीं कर सकेगी।
44 Mira, en cada dicho común sobre ti se dirá: Como la madre es, también lo es su hija.
देख, सब मिसाल कहने वाले तेरे बारे में यह मिसाल कहेंगे, कि 'जैसी माँ, वैसी बेटी।
45 Eres la hija de tu madre, cuya alma aborreció a su marido y a sus hijos; y tú eres la hermana de tus hermanas que aborrecieron sus esposos y sus hijos; tu madre era hitita y tu padre amorreo.
तू अपनी उस माँ की बेटी है जो अपने शौहर और अपने बच्चों से घिन खाती थी, और तू अपनी उन बहनों की बहन है जो अपने शौहरों और अपने बच्चों से नफ़रत रखती थीं; तेरी माँ हित्ती और तेरा बाप अमूरी था।
46 Tu hermana mayor es Samaria, que vive a tu izquierda, ella y sus hijas: y tu hermana menor, que vive a tu derecha, es Sodoma y sus hijas.
और तेरी बड़ी बहन सामरिया है जो तेरी बाईं तरफ़ रहती है, वह और उसकी बेटियाँ, और तेरी छोटी बहन जो तेरी दहनी तरफ़ रहती हैं, सदूम और उसकी बेटियाँ हैं।
47 Aún no has andado en sus caminos o has hecho las cosas repugnantes que han hecho; pero, como si eso fuera solo una pequeña cosa, has profundizado más en el mal que ellos en todos tus caminos.
लेकिन तू सिर्फ उनकी राह पर नहीं चली और सिर्फ़ उन ही के जैसे घिनौने काम नहीं किए, क्यूँकि यह तो अगरचे छोटी बात थी, बल्कि तू अपनी तमाम चाल चलन में उनसे बदतर हो गई।
48 Por mi vida, dice el Señor, Sodoma que tu hermana nunca hizo, ella o sus hijas, lo que tú y tus hijas han hecho.
ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम कि तेरी बहन सदूम ने ऐसा नहीं किया, न उसने न उसकी बेटियों ने जैसा तूने और तेरी बेटियों ने किया है।
49 En verdad, este fue el pecado de tu hermana Sodoma: el orgullo, una gran cantidad de comida y abundancia de ociosidad, se vieron en ella y sus hijas, y ella no brindó ayuda a los pobres ni a los demás en necesidad.
देख, तेरी बहन सदूम की तक़्सीर यह थी, गु़रूर और रोटी की सेरी और राहत की कसरत उसमें और उसकी बेटियों में थी; उसने ग़रीब और मोहताज की दस्तगीरी न की।
50 Estaban llenos de orgullo e hicieron lo que me repugnaba; y cuando lo vi, las aparte.
वह मग़रूर थीं और उन्होंने मेरे सामने घिनौने काम किए, इसलिए जब मैंने देखा तो उनको उखाड़ फेंका।
51 Y Samaria no ha cometido la mitad de tus pecados; pero has hecho que el número de tus actos repugnantes sea mayor que el de ellas, haciendo que tus hermanas parezcan más rectas que tú por todas las cosas repugnantes que has hecho.
और सामरिया ने तेरे गुनाहों के आधे भी नहीं किए, तूने उनके बदले अपनी मकरूहात को फ़िरावान किया है, और तूने अपनी इन मकरूहात से अपनी बहनों को बेक़ुसूर ठहराया है।
52 Tú también, lleva tu vergüenza en tus pecados, juzgado a tus hermanas; a través de tus pecados que hiciste; son más asquerosos que los de ellas, son más rectas que tú; en verdad, serás avergonzada y abatida, porque has hecho que tus hermanas parezcan más justas.
फिर तू ख़ुद जो अपनी बहनों को मुजरिम ठहराती है, इन गुनाहों की वजह से जो तूने किए जो उनके गुनाहों से ज़्यादा नफ़रतअंगेज़ हैं, मलामत उठा; वह तुझ से ज़्यादा बेकु़सूर हैं। इसलिए तू भी रूस्वा हो और शर्म खा, क्यूँकि तूने अपनी बहनों को बेकु़सूर ठहराया है।
53 Y dejaré que se vuelvan los cautivos, los cautivos de Sodoma y sus hijas, los cautivos de Samaria y sus hijas, y haré volver los cautivos de cautiverio entre ellas.
'और मैं उनकी ग़ुलामी को बदल दूँगा, या'नी सदूम और उसकी बेटियों की ग़ुलामी को और सामरिया और उसकी बेटियों की ग़ुलामी की, और उनके बीच तेरे ग़ुलामों की ग़ुलामी को,
54 Para que lleves tu confusión y te avergüences por todo lo que has hecho, siendo tú motivo de consuelo.
ताकि तू अपनी रूस्वाई उठाए और अपने सब कामों से शर्मिंदा हो, क्यूँकि तू उनके लिए तसल्ली के ज़रिए' है।
55 Y sus hermanas, Sodoma y sus hijas, volverán a su primera condición, y Samaria y sus hijas volverán a su primera condición, y tu y tus hijas volverán a su primera condición.
तेरी बहनें सदूम और सामरिया, अपनी अपनी बेटियों के साथ अपनी पहली हालत पर बहाल हो जाएँगी, और तू और तेरी बेटियाँ अपनी पहली हालत पर बहाल हो जाओगी।
56 ¿No fue tu hermana Sodoma un juramento en tu boca en el día de tu orgullo,
तू अपने ग़ुरूर के दिनों में, अपनी बहन सदूम का नाम तक ज़बान पर न लाती थी।
57 ¿Antes de que tu vergüenza fuera descubierta? Ahora te has vuelto como ella, una palabra de vergüenza para las hijas de Edom y todos los que te rodean, las hijas de los filisteos que te desprecian.
उससे पहले कि तेरी शरारत फ़ाश हुई, जब अराम की बेटियों ने और उन सब ने जो उनके आस — पास थीं तुझे मलामत की, और फ़िलिस्तियों की बेटियों ने चारों तरफ़ से तेरी हिकारत की।
58 La recompensa de tus malvados propósitos y tus asquerosos caminos ha llegado a ti, dice el Señor.
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, तूने अपनी बदज़ाती और घिनौने कामों की सज़ा पाई।
59 Porque esto es lo que el Señor ha dicho: te haré como tú lo has hecho, tú que, haciendo el juramento a un lado, has dejado que se rompa el pacto.
“क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं तुझ से जैसा तूने किया वैसा ही सुलूक करूँगा, इसलिए कि तूने क़सम को बेकार जाना और 'अहद शिकनी की।
60 Pero aún así tendré en mente el acuerdo hecho contigo en los días en que eras joven, y haré contigo un pacto eterno.
लेकिन मैं अपने उस 'अहद को जो मैंने तेरी जवानी के दिनों में तेरे साथ बाँधा, याद रख्खूँगा और हमेशा का 'अहद तेरे साथ क़ायम करूँगा।
61 Entonces, al recordar tus caminos, te verás superado por la vergüenza, cuando recibas a tus hermanas, las mayores y las más jóvenes, y te las entregue por hijas, pero no por tu pacto.
और जब तू अपनी बड़ी और छोटी बहनों को कु़बूल करेगी, तब तू अपनी राहों को याद करके शर्मिंदा होगी और मैं उनको तुझे दूँगा कि तेरी बेटियाँ हों, लेकिन यह तेरे 'अहद के मुताबिक़ नहीं।
62 Y haré mi pacto contigo; y sabrás que yo soy el Señor Dios.
और मैं अपना 'अहद तेरे साथ क़ायम करूँगा, और तू जानेगी कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
63 Para que, en el recuerdo de estas cosas, te avergüences, nunca abras la boca por tu vergüenza; Cuando tengas mi perdón por todo lo que has hecho, dice el Señor Dios.
ताकि तू याद करे और शर्मिंदा हो और शर्म के मारे फिर कभी मुँह न खोले, जब कि मैं सब कुछ जो तूने किया मु'आफ़ कर दूँ, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।”