< Números 7 >

1 Y aconteció, que cuando Moisés hubo acabado de levantar el tabernáculo, y lo hubo ungido y santificado, con todos sus vasos; y asimismo ungido y santificado el altar, con todos sus vasos;
और जिस दिन मूसा घर को खड़ा करने से फ़ारिग़ हुआ और उसको और उसके सब सामान को मसह और पाक किया, और मज़बह और उसके सब मसह को भी मसह और पाक किया;
2 entonces los príncipes de Israel, las cabezas de las casas de sus padres, los cuales eran los príncipes de las tribus, que estaban sobre los contados, ofrecieron;
तो इस्राईली रईस जो अपने आबाई ख़ान्दानों के सरदार और क़बीलों के रईस और शुमार किए हुओं के ऊपर मुक़र्रर थे नज़राना लाए।
3 y trajeron sus ofrendas delante del SEÑOR: seis carros cubiertos, y doce bueyes; por cada dos príncipes un carro, y cada uno un buey; lo cual ofrecieron delante del tabernáculo.
वह अपना हदिया छ: पर्देदार गाड़ियाँ और बारह बैल ख़ुदावन्द के सामने लाये दो — दो रईसों की तरफ़ से एक — एक गाड़ी और हर रईस की तरफ़ से एक बैल था, इनको उन्होंने घर के सामने हाज़िर किया।
4 Y el SEÑOR habló a Moisés, diciendo:
तब ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
5 Tómalo de ellos, y será para el servicio del tabernáculo del testimonio; y lo darás a los levitas, a cada uno conforme a su ministerio.
“तू इनको उनसे ले ताकि वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के काम में आएँ, और तू लावियों में हर शख़्स की ख़िदमत के मुताबिक़ उनको तक़सीम कर दे।”
6 Entonces Moisés recibió los carros y los bueyes, y los dio a los levitas.
तब मूसा ने वह गाड़ियाँ और बैल लेकर उनको लावियों को दे दिया।
7 Dos carros y cuatro bueyes, dio a los hijos de Gersón, conforme a su ministerio;
बनी जैरसोन को उसने उनकी ख़िदमत के लिहाज़ से दो गाड़ियाँ और चार बैल दिए।
8 y a los hijos de Merari dio los cuatro carros y ocho bueyes, conforme a su ministerio, a gobierno de Itamar, hijo de Aarón el sacerdote.
और चार गाड़ियाँ और आठ बैल उसने बनी मिरारी को उनकी ख़िदमत के लिहाज़ से हारून काहिन के बेटे ऐतामर के माताहत करके दिए।
9 Y a los hijos de Coat no les dio nada; porque llevaban sobre sí en los hombros el servicio del santuario.
लेकिन बनी क़िहात को उसने कोई गाड़ी नहीं दी, क्यूँकि उनके ज़िम्में हैकल की ख़िदमत थी; वह उसे अपने कन्धों पर उठाते थे,
10 Y ofrecieron los príncipes a la dedicación del altar el día que fue ungido, ofrecieron los príncipes su ofrenda delante del altar.
और जिस दिन मज़बह मसह किया गया उस दिन वह रईस उसकी तक़दीस के लिए हदिये लाए, और अपने हदियों को वह रईस मज़बह के आगे ले जाने लगे।
11 Y el SEÑOR dijo a Moisés: Ofrecerán su ofrenda, un príncipe un día, y otro príncipe otro día, a la dedicación del altar.
तब ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मज़बह की तक़दीस के लिए एक — एक रईस एक — एक दिन अपना हदिया पेश करे।”
12 Y el que ofreció su ofrenda el primer día fue Naasón hijo de Aminadab, de la tribu de Judá.
इसलिए पहले दिन यहूदाह के क़बीले में से 'अम्मीनदाब के बेटे नहसोन ने अपना हदिया पेश करा।
13 Y fue su ofrenda un plato de plata de peso de ciento treinta siclos, y un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
14 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
15 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा,
16 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
17 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Naasón, hijo de Aminadab.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह 'अमीनदाब के बेटे नहसोन का हदिया था।
18 El segundo día ofreció Natanael hijo de Zuar, príncipe de Isacar.
दूसरे दिन ज़ुग़र के बेटे नतनीएल ने जो इश्कार के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
19 Ofreció por su ofrenda un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
20 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
21 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
22 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
23 y para el sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Natanael, hijo de Zuar.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह ज़ुग़र के बेटे नतनीएल का हदिया था।
24 El tercer día, el príncipe de los hijos de Zabulón, Eliab hijo de Helón.
और तीसरे दिन हेलोन के बेटे इलियाब ने जो ज़बूलून के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
25 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
26 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
27 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
28 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
29 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Eliab, hijo de Helón.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह हेलोन के बेटे इलियाब का हदिया था।
30 El cuarto día, el príncipe de los hijos de Rubén, Elisur hijo de Sedeur.
चौथे दिन शदियूर के बेटे इलीसूर ने जो रूबिन के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
31 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario, ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
32 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
33 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
34 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
35 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Elisur, hijo de Sedeur.
और सलामती की क़ुर्बानी लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह शदियूर के बेटे इलीसूर का हदिया था।
36 El quinto día, el príncipe de los hijos de Simeón, Selumiel hijo de Zurisadai.
और पाँचवे दिन सूरीशद्दी के बेटे सलूमीएल ने जो शमौन के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
37 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़ और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
38 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
39 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
40 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
41 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Selumiel, hijo de Zurisadai.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल पाँच मेंढे पाँच बकरे पाँच नर यक — साला बर्रे। यह सूरीशद्दी के बेटे सलूमीएल का हदिया था।
42 El sexto día, el príncipe de los hijos de Gad, Eliasaf hijo de Deuel.
और छटे दिन द'ऊएल के बेटे इलियासफ़ ने जो जद्द के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
43 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
44 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
45 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
46 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
47 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año, Esta fue la ofrenda de Eliasaf, hijo de Deuel.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह द'ऊएल के बेटे इलियासफ़ का हदिया था।
48 El séptimo día, el príncipe de los hijos de Efraín, Elisama hijo de Amiud.
और सातवें दिन 'अम्मीहूद के बेटे इलीसमा' ने जो इफ़्राईम के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
49 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
50 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
51 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
52 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
53 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Elisama, hijo de Amiud.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह 'अम्मीहूद के बेटे इलीसमा' का हदिया था।
54 El octavo día, el príncipe de los hijos de Manasés, Gamaliel hijo de Pedasur.
और आठवें दिन फ़दाहसूर के बेटे जमलीएल ने जो मनस्सी के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
55 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
56 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
57 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा,
58 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
59 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Gamaliel, hijo de Pedasur.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह फ़दाहसूर के बेटे जमलीएल का हदिया था।
60 El noveno día, el príncipe de los hijos de Benjamín, Abidán hijo de Gedeóni.
और नवें दिन जिद'औनी के बेटे अबिदान ने जो बिनयमीन के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
61 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
62 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच जो ख़ुशबू से भरा था;
63 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
64 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
65 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Abidán, hijo de Gedeoni.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह जिद'औनी के बेटे अबिदान का हदिया था।
66 El décimo día, el príncipe de los hijos de Dan, Ahiezer hijo de Amisadai.
और दसवें दिन 'अम्मीशद्दी के बेटे अख़ी'अज़र ने जो दान के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
67 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
68 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
69 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
70 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
71 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Ahiezer, hijo de Amisadai.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह 'अम्मीशद्दी के बेटे अख़ी'अज़र का हदिया था।
72 El undécimo día, el príncipe de los hijos de Aser, Pagiel hijo de Ocrán.
और ग्यारहवें दिन 'अकरान के बेटे फ़ज'ईएल ने जो आशर के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
73 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
74 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल चाँदी का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
75 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
76 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
77 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Pagiel, hijo de Ocrán.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यक — साला बर्रे। यह 'अकरान के बेटे फ़ज'ईएल का हदिया था।
78 El duodécimo día, el príncipe de los hijos de Neftalí, Ahira hijo de Enán.
और बारहवें दिन 'एनान के बेटे अख़ीरा' ने जो बनी नफ़्ताली के क़बीले का सरदार था, अपना हदिया पेश करा।
79 Y su ofrenda, un plato de plata de ciento treinta siclos de peso, un jarro de plata de setenta siclos, al siclo del santuario; ambos llenos de flor de harina amasada con aceite para presente;
और उसका हदिया यह था: हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से एक सौ तीस मिस्क़ाल चाँदी का एक तबाक़, और सत्तर मिस्क़ाल चाँदी का एक कटोरा, उन दोनों में नज़्र की क़ुर्बानी के लिए तेल मिला हुआ मैदा भरा था;
80 un cucharro de oro de diez siclos, lleno de incienso;
दस मिस्क़ाल सोने का एक चम्मच, जो ख़ुशबू से भरा था;
81 un becerro, un carnero, un cordero de un año para holocausto;
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए एक बछड़ा, एक मेंढा, एक नर यक — साला बर्रा;
82 un macho cabrío para expiación;
ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा;
83 y para sacrificio de paz, dos bueyes, cinco carneros, cinco machos cabríos, cinco corderos de un año. Esta fue la ofrenda de Ahira, hijo de Enán.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए दो बैल, पाँच मेंढे, पाँच बकरे, पाँच नर यकसाला बर्रे। यह 'एनान के बेटे अख़ीरा' का हदिया था।
84 Esta fue la dedicación del altar, el día que fue ungido, por los príncipes de Israel: doce platos de plata, doce jarros de plata, doce cucharros de oro.
मज़बह के मम्सूह होने के दिन जो हदिये उसकी तक़दीस के लिए इस्राईली रईसों की तरफ़ से पेश करे गए वह यही थे: या'नी चाँदी के बारह तबाक़, चाँदी के बारह कटोरे, सोने के बारह चम्मच।
85 Cada plato de ciento treinta siclos, cada jarro de setenta; toda la plata de los vasos, dos mil cuatrocientos siclos, al siclo del santuario.
चाँदी का हर तबाक़ वज़न में एक सौ तीस मिस्क़ाल और हर एक कटोरा सत्तर मिस्क़ाल का था। इन बर्तनों की सारी चाँदी हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से दो हज़ार चार सौ मिस्क़ाल थी।
86 Los doce cucharros de oro llenos de incienso, de diez siclos cada cucharro, al peso del santuario; todo el oro de los cucharros, ciento veinte siclos.
ख़ुशबू से भरे हुए सोने के बारह चम्मच जो हैकल की मिस्क़ाल की तौल के मुताबिक़ वज़न में दस — दस मिस्क़ाल के थे, इन चम्मचों का सारा सोना एक सौ बीस मिस्क़ाल था। सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए कुल बारह बछड़े, बारह मेंढे, बारह नर यक — साला बर्रे अपनी — अपनी नज़्र की क़ुर्बानी के साथ थे; और ख़ता की क़ुर्बानी के लिए बारह बकरे थे;
87 Todos los bueyes para holocausto, doce becerros; doce los carneros, doce los corderos de un año, con su presente; y doce los machos cabríos, para expiación.
सोख़्तनी क़ुर्बानी के लिए कुल बारह बछड़े, बारह मेंढे, बारह नर यक — साला बर्रे अपनी — अपनी नज़्र की क़ुर्बानी के साथ थे; और ख़ता की क़ुर्बानी के लिए बारह बकरे थे;
88 Y todos los bueyes del sacrificio de la paz veinticuatro novillos, sesenta los carneros, sesenta los machos cabríos, sesenta los corderos de un año. Esta fue la dedicación del altar, después que fue ungido.
और सलामती की क़ुर्बानी के लिए कुल चौबीस बैल, साठ मेंढे, साठ बकरे, साठ नर यक — साला बर्रे थे। मज़बह की तक़दीस के लिए जब वह मम्सूह हुआ इतना हदिया पेश करा गया।
89 Y cuando entraba Moisés en el tabernáculo del testimonio, para hablar con El, oía la voz del que le hablaba de encima de la cubierta que estaba sobre el arca del testimonio, de entre los dos querubines; y hablaba con él.
और जब मूसा ख़ुदा से बातें करने को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में गया, तो उसने सरपोश पर से जो शहादत के सन्दूक़ के ऊपर था, दोनों करूबियों के बीच से वह आवाज़ सुनी जो उससे मुख़ातिब थी; और उसने उससे बातें की।

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