< Romanos 1 >

1 PABLO, siervo de Jesucristo, llamado [á ser] apóstol, apartado para el evangelio de Dios,
पौलुस को तरफ सी जो यीशु मसीह को सेवक हय, अऊर जेख परमेश्वर न प्रेरित होन लायी बुलायो गयो, अऊर परमेश्वर को ऊ सुसमाचार लायी अलग करयो गयो।
2 Que él había antes prometido por sus profetas en las santas Escrituras,
जेकी पहिलेच अपनो भविष्यवक्तावों को द्वारा पवित्र शास्त्र म घोषना कर दी गयी,
3 Acerca de su Hijo, (que fué hecho de la simiente de David según la carne;
जेको सम्बन्ध बेटा सी हय; जो शरीर को भाव सी त दाऊद को वंश सी पैदा भयो;
4 El cual fué declarado Hijo de Dios con potencia, según el espíritu de santidad, por la resurrección de los muertos), de Jesucristo Señor nuestro,
अऊर पवित्रता की आत्मा को भाव सी मरयो हुयो म सी जीन्दो होन को वजह सामर्थ को संग परमेश्वर को बेटा ठहरयो हय, यो यीशु मसीह हमरो प्रभु आय।
5 Por el cual recibimos la gracia y el apostolado, para la obediencia de la fe en todas las naciones en su nombre,
परमेश्वर द्वारा हम्ख अनुग्रह अऊर प्रेरितायी मिली कि ओको नाम को वजह सब जातियों को लोग विश्वास करे अऊर आज्ञा को पालन करे,
6 Entre las cuales sois también vosotros, llamados de Jesucristo:
येको म तुम भी सामिल हो जो रोम म रह्य हय जिन्ख परमेश्वर न यीशु मसीह को होन लायी बुलायो गयो हय।
7 A todos los que estáis en Roma, amados de Dios, llamados santos: Gracia y paz tengáis de Dios nuestro Padre, y del Señor Jesucristo.
उन सब लोगों लायी मय लिख रह्यो हय जो रोम म परमेश्वर को प्रिय हंय अऊर उन्ख परमेश्वर न अपनो लोग होन लायी बुलायो गयो हंय। हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह को तरफ सी तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति मिलती रहे।
8 Primeramente, doy gracias á mi Dios por Jesucristo acerca de todos vosotros, de que vuestra fe es predicada en todo el mundo.
पहिले मय तुम सब लायी यीशु मसीह को द्वारा अपनो परमेश्वर को धन्यवाद करू हय, कहालीकि तुम्हरो विश्वास की चर्चा पूरो जगत म होय रही हय।
9 Porque testigo me es Dios, al cual sirvo en mi espíritu en el evangelio de su Hijo, que sin cesar me acuerdo de vosotros siempre en mis oraciones,
परमेश्वर जेकी सेवा मय अपनी आत्मा सी ओको बेटा को सुसमाचार को बारे म करू हय, उच मोरो गवाह हय कि मय तुम्ख कसो तरह लगातार याद करतो रहू हय,
10 Rogando, si al fin algún tiempo haya de tener, por la voluntad de Dios, próspero viaje para ir á vosotros.
अऊर हर समय अपनी प्रार्थनावों म बिनती करू हय कि कोयी रीति सी अब तुम्हरो जवर आवन की मोरी यात्रा परमेश्वर की इच्छा सी पूरी हो।
11 Porque os deseo ver, para repartir con vosotros algún don espiritual, para confirmaros;
कहालीकि मय तुम सी मिलन की बहुत इच्छा रखू हय ताकि मय तुम्ख आत्मिक वरदान बाट सकू जेकोसी तुम मजबूत होय जावो;
12 Es á saber, para ser juntamente consolado con vosotros por la común fe vuestra y juntamente mía.
मतलब यो कि जब मय तुम्हरो बीच म रहू, त हम ऊ विश्वास को द्वारा जो मोरो म अऊर तुम म हय, एक दूसरों सी प्रोत्साहन पाये।
13 Mas no quiero, hermanos, que ignoréis que muchas veces me he propuesto ir á vosotros (empero hasta ahora he sido estorbado), para tener también entre vosotros algún fruto, como entre los demás Gentiles.
हे भाऊवों, अऊर बहिनों मय नहीं चाहऊं कि तुम येको सी अनजान रहो कि मय न बार बार तुम्हरो जवर आवनो चाह्यो, कि जसो मोख दूसरों गैरयहूदियों म फर मिल्यो, वसोच तुम म भी मिले, पर अब तक रोक्यो गयो।
14 A Griegos y á bárbaros, á sabios y á no sabios soy deudor.
मय यूनानियों अऊर गैरयूनानियों को अऊर बुद्धिमानों अऊर निर्बुद्धियों को कर्जदार आय।
15 Así que, cuanto á mí, presto estoy á anunciar el evangelio también á vosotros que estáis en Roma.
येकोलायी मय तुम्ख भी जो रोम म रह्य हय, मय सुसमाचार सुनावन लायी बहुत उत्सुक हय।
16 Porque no me avergüenzo del evangelio: porque es potencia de Dios para salud á todo aquel que cree; al Judío primeramente y también al Griego.
कहालीकि मय सुसमाचार सी नहीं लजाऊ, येकोलायी कि ऊ हर एक विश्वास करन वालो लायी, पहिले त यहूदी फिर गैरयहूदी लायी, सब लायी उद्धार को निमित्त परमेश्वर की सामर्थ हय।
17 Porque en él la justicia de Dios se descubre de fe en fe; como está escrito: Mas el justo vivirá por la fe.
कहालीकि सुसमाचार यो प्रगट करय हय कि परमेश्वर आदमियों ख अपनो प्रति सही कसो बनावय हय यो पहिले सी आखरी तक विश्वास को द्वाराच हय। जसो कि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो आदमी परमेश्वर को संग सच्चो हय ऊ लोग विश्वास को द्वारा सी जीन्दो रहेंन।”
18 Porque manifiesta es la ira de Dios del cielo contra toda impiedad é injusticia de los hombres, que detienen la verdad con injusticia:
परमेश्वर को गुस्सा त उन लोगों को पाप अऊर दुष्टता स्वर्ग सी प्रगट होवय हय, जो सच ख बुरायी सी दबायो रखय हंय।
19 Porque lo que de Dios se conoce, á ellos es manifiesto; porque Dios se lo manifestó.
येकोलायी कि परमेश्वर को ज्ञान ओको मनो म प्रगट हय, कहालीकि परमेश्वर न उन पर प्रगट करयो हय।
20 Porque las cosas invisibles de él, su eterna potencia y divinidad, se echan de ver desde la creación del mundo, siendo entendidas por las cosas que son hechas; de modo que son inexcusables: (aïdios g126)
जब सी परमेश्वर न जगत की रचना करी तब सी ओको अनदेख्यो गुन, मतलब ओकी सनातन काल की शक्ति अऊर ओको दैव्य स्वभाव यो दोयीच पूरी रीति सी साफ दिखायी देवय हय। ऊ उन चिजों ख जो परमेश्वर न रची हय हि ओख जान सकय हय, त येकोलायी उन लोगों को जवर कोयी बहाना नहाय। (aïdios g126)
21 Porque habiendo conocido á Dios, no le glorificaron como á Dios, ni dieron gracias; antes se desvanecieron en sus discursos, y el necio corazón de ellos fué entenebrecido.
यो वजह कि परमेश्वर ख जानय हय पर हि परमेश्वर को रूप म सम्मान या धन्यवाद नहीं देवय। बल्की हि अपनो बिचार म पूरी रीति सी निरर्थक अऊर उन्को खाली दिमाक अन्धारो सी भर गयो हय।
22 Diciéndose ser sabios, se hicieron fatuos,
हि अपनो आप ख बुद्धिमान समझय हय, पर हि मूर्ख बन गयो हय,
23 Y trocaron la gloria del Dios incorruptible en semejanza de imagen de hombre corruptible, y de aves, y de animales de cuatro pies, y de serpientes.
अऊर अविनाशी परमेश्वर की महिमा ख नाशवान आदमियों, अऊर पक्षिंयों, अऊर जनावरों, अऊर रेंगन वालो जन्तुवों की मूर्ति की समानता म बदल डाल्यो।
24 Por lo cual también Dios los entregó á inmundicia, en las concupiscencias de sus corazones, de suerte que contaminaron sus cuerpos entre sí mismos:
यो वजह परमेश्वर न उन्ख उन्को हर एक मन की इच्छावों को अनुसार अशुद्धता लायी छोड़ दियो कि हि आपस म अपनो शरीर को अनादर करे।
25 Los cuales mudaron la verdad de Dios en mentira, honrando y sirviendo á las criaturas antes que al Criador, el cual es bendito por los siglos. Amén. (aiōn g165)
कहालीकि उन्न परमेश्वर की सच्चायी ख बदल क झूठ बनाय डाल्यो, अऊर सृष्टि की उपासना अऊर सेवा करी, जेक परमेश्वर न बनायो, न कि ऊ सृष्टिकर्ता की जो हमेशा धन्य हय! आमीन। (aiōn g165)
26 Por esto Dios los entregó á afectos vergonzosos; pues aun sus mujeres mudaron el natural uso en el uso que es contra naturaleza:
येकोलायी परमेश्वर न उन्ख नीच कामनावों को हाथों सौंप दियो; यहां तक कि उन्की बाईयों न भी स्वाभाविक योन सम्बन्ध को बजाय अस्वभाविक योन सम्बन्ध रखन लगी।
27 Y del mismo modo también los hombres, dejando el uso natural de las mujeres, se encendieron en sus concupiscencias los unos con los otros, cometiendo cosas nefandas hombres con hombres, y recibiendo en sí mismos la recompensa que convino á su extravío.
वसोच आदमी भी बाईयों को संग स्वाभाविक व्यवहार छोड़ क आपस म कामातुर होय क जलन लग्यो, अऊर आदमियों न आदमियों को संग निर्लज काम कर क् अपनो भ्रम को ठीक फर पायो।
28 Y como á ellos no les pareció tener á Dios en [su] noticia, Dios los entregó á una mente depravada, para hacer lo que no conviene,
जब उन्न परमेश्वर ख पहिचाननो नहीं चाह्यो, त परमेश्वर न भी उन्ख उन्को निकम्मो मन पर छोड़ दियो कि हि अनुचित काम करन लग्यो जो उन्ख नहीं करनो होतो।
29 Estando atestados de toda iniquidad, de fornicación, de malicia, de avaricia, de maldad; llenos de envidia, de homicidios, de contiendas, de engaños, de malignidades;
येकोलायी हि सब तरह को अधर्म, अऊर दुष्टता, अऊर लोभ, अऊर अनैतिकता सी भर गयो; अऊर हि जलन, अऊर हत्या, अऊर झगड़ा, अऊर छल कपट, अऊर बुरायी सी भर गयो, अऊर चुगलखोर होय गयो,
30 Murmuradores, detractores, aborrecedores de Dios, injuriosos, soberbios, altivos, inventores de males, desobedientes á los padres,
अऊर एक दूसरों की बुरायी करन वालो, परमेश्वर सी निन्दा करन वालो, अऊर अय्याशी करन वालो अऊर घमण्डी अऊर अहंकारी अऊर बुरायी करन लायी हर एक रस्ता ढूंढन वालो, अऊर माय बाप की आज्ञा नहीं मानन वालो,
31 Necios, desleales, sin afecto natural, implacables, sin misericordia:
हि विवेकहीन अऊर अपनो दियो गयो वाचा तोड़न वालो अऊर एक दूसरों को प्रति अऊर निर्दयी होय गयो।
32 Que, habiendo entendido el juicio de Dios que los que hacen tales cosas son dignos de muerte, no sólo las hacen, mas aun consienten á los que las hacen.
हि त परमेश्वर की यो नियम जानय हंय कि असो काम करन वालो लोग भी मृत्यु दण्ड को लायक हंय, पर भी हि नहीं केवल उन काम करय हंय बल्की हि लोग उन्को कामों ख समर्थन करय हंय।

< Romanos 1 >