< San Lucas 12 >
1 EN esto, juntándose muchas gentes, tanto que unos á otros se hollaban, comenzó á decir á sus discípulos, primeramente: Guardaos de la levadura de los Fariseos, que es hipocresía.
इतनै म्ह जिब हजारां की भीड़ लाग्गी, उरै ताहीं के वे एक-दुसरे पै पड़ण लाग्गे थे, तो यीशु नै सारया तै पैहल्या अपणे चेल्यां तै यो कह्या, “फरीसियाँ कै कपट रूपी खमीर तै चौकन्ने रहो।
2 Porque nada hay encubierto, que no haya de ser descubierto; ni oculto, que no haya de ser sabido.
कुछ ढकया कोनी, जो उघाड़या न्ही जावैगा, ना कुछ लुहक्या सै, जिसका बेरा न्ही पटै।
3 Por tanto, las cosas que dijisteis en tinieblas, á la luz serán oídas; y lo que hablasteis al oído en las cámaras, será pregonado en los terrados.
इस करकै जो कुछ थमनै अन्धेरे म्ह कह्या सै, वो उजाळै म्ह सुण्या जावैगा, अर जो थमनै कोठड़ियाँ म्ह चुपके-चुपके कह्या सै, वो छात पै तै प्रचार करया जावैगा।
4 Mas os digo, amigos míos: No temáis de los que matan el cuerpo, y después no tienen más que hacer.
“मै थारे तै जो मेरे साथी सो कहूँ सूं, के जो देह नै घात करै सै पर उसतै ज्यादा और कुछ न्ही कर सकदे, उनतै ना डरियो।
5 Mas os enseñaré á quién temáis: temed á aquel que después de haber quitado la vida, tiene poder de echar en la Gehenna: así os digo: á éste temed. (Geenna )
मै थमनै समझाऊँ सूं के थमनै किसतै डरणा चाहिये, घात करण कै बाद, जिस ताहीं नरक म्ह गेरण का हक सै, उस्से तै डरियो। हाँ, मै थारे तै कहूँ सूं उस्से तै डरियो। (Geenna )
6 ¿No se venden cinco pajarillos por dos blancas? pues ni uno de ellos está olvidado delante de Dios.
के दो पिस्या की पाँच गौरैयाँ (एक छोट्टी चिड़ियाँ) न्ही बिकदी? फेरभी परमेसवर उन म्ह तै एक नै भी कोनी भुल्दा।
7 Y aun los cabellos de vuestra cabeza están todos contados. No temáis pues: de más estima sois que muchos pajarillos.
थारे सिर के एक-एक बाळ भी गिणे होड़े सै, इस करकै डरो मतना, थम घणी गौरैयाँ तै बढ़कै सो।”
8 Y os digo que todo aquel que me confesare delante de los hombres, también el Hijo del hombre le confesará delante de los ángeles de Dios;
“मै थारे तै कहूँ सूं जो कोए माणसां कै स्याम्ही मन्नै मान लेवैगा, उसनै मै माणस का बेट्टा भी परमेसवर कै सुर्गदूत्तां कै स्याम्ही मान लेऊँगा।
9 Mas el que me negare delante de los hombres, será negado delante de los ángeles de Dios.
पर जो माणसां कै स्याम्ही मेरा इन्कार करैगा, उसका भी परमेसवर कै सुर्गदूत्तां कै स्याम्ही इन्कार करया जावैगा।”
10 Y todo aquel que dice palabra contra el Hijo del hombre, le será perdonado; mas al que blasfemare contra el Espíritu Santo, no le será perdonado.
जो कोए मुझ माणस कै बेट्टे कै बिरोध म्ह कोए बात कहवै, उसका वो कसूर माफ कर दिया जावैगा, पर जो पवित्र आत्मा की बुराई करै, उसका वो कसूर माफ कोनी करया जावैगा।
11 Y cuando os trajeren á las sinagogas, y á los magistrados y potestades, no estéis solícitos cómo ó qué hayáis de responder, ó qué hayáis de decir;
जिब माणस थमनै आराधनालयाँ अर हाकिमां अर अधिकारियां कै स्याम्ही ल्यावै, तो फिक्र ना करियो के हम किस तरियां तै, या के जवाब देवां, या के कहवागें।
12 Porque el Espíritu Santo os enseñará en la misma hora lo que será necesario decir.
क्यूँके पवित्र आत्मा उस्से बखत थमनै सीखा देगा के, के कहणा चाहिये।
13 Y díjole uno de la compañía: Maestro, di á mi hermano que parta conmigo la herencia.
फेर भीड़ म्ह तै एक नै यीशु तै कह्या, “हे गुरु, मेरे भाई तै कह के बाप कै जमीन-जायदाद नै मेरै गेल्या बांड लेवै।”
14 Mas él le dijo: Hombre, ¿quién me puso por juez ó partidor sobre vosotros?
उसनै उसतै कह्या, “हे भले माणस, किसनै मेरै ताहीं थारा जमीन-जायदाद बटवारा करण आळा न्यायी बणा दिया सै?”
15 Y díjoles: Mirad, y guardaos de toda avaricia; porque la vida del hombre no consiste en la abundancia de los bienes que posee.
अर यीशु नै उनतै कह्या, “चौकन्ने रहो, अर सारी तरियां कै लोभ-लालच तै खुद नै बचाकै राक्खो, क्यूँके किसे का जीवन उसकै घणी जमीन-जायदाद तै कोनी होंदा।”
16 Y refirióles una parábola, diciendo: La heredad de un hombre rico había llevado mucho;
यीशु नै उनतै एक उदाहरण देकै कह्या, “किसे साहूकार की धरती म्ह घणी पैदावार होई।”
17 Y él pensaba dentro de sí, diciendo: ¿Qué haré, porque no tengo donde juntar mis frutos?
फेर वो अपणे मन म्ह विचार करण लाग्या, मै के करुँ? क्यूँके मेरै धोरै जगहां कोनी जित्त अपणी उपज वैगरा धरुँ।
18 Y dijo: Esto haré: derribaré mis alfolíes, y los edificaré mayores, y allí juntaré todos mis frutos y mis bienes;
अर उसनै कह्या, मै न्यू करुँगा मै अपणे नाज के गोदाम नै तोड़कै, उनतै नाज के और बड़े गोदाम बणाऊँगा, अर उड़ै अपणा सारा नाज अर धन धरुँगा,
19 Y diré á mi alma: Alma, muchos bienes tienes almacenados para muchos años; repósate, come, bebe, huélgate.
अर अपणे-आप तै कहूँगा, के तेरे धोरै घणे साल खात्तर घणा धन धरया सै, चैन कर, खा, पी, मौज कर।
20 Y díjole Dios: Necio, esta noche vuelven á pedir tu alma; y lo que has prevenido, ¿de quién será?
पर परमेसवर नै उसतै कह्या, हे बेकूफ, तू इस्से रात मर जावैगा, फेर जो कुछ तन्नै कठ्ठा करया सै, वो किसका होगा?
21 Así es el que hace para sí tesoro, y no es rico en Dios.
“इस्से तरियां वो माणस भी सै, जो अपणे खात्तर धन कठ्ठा करै सै, पर परमेसवर की निगांह म्ह साहूकार कोनी।”
22 Y dijo á sus discípulos: Por tanto os digo: No estéis afanosos de vuestra vida, qué comeréis; ni del cuerpo, qué vestiréis.
फेर यीशु नै अपणे चेल्यां तै कह्या, “इस करकै मै थमनै कहूँ सूं, अपणे जीवन के खात्तर या चिंता ना करो के हम के खावांगें, ना अपणी देह की के, के पैहरागें।
23 La vida más es que la comida, y el cuerpo que el vestido.
क्यूँके जीवन खाणे तै बढ़कै सै, अर देह लत्यां तै बढ़कै सै।
24 Considerad los cuervos, que ni siembran, ni siegan; que ni tienen cillero, ni alfolí; y Dios los alimenta. ¿Cuánto de más estima sois vosotros que las aves?
काग्गां पै ध्यान द्यो, वे ना बोवै सै, ना काटै सै, अर ना उनके भण्डार अर गोदाम होवै सै, फेरभी परमेसवर उननै पाळै सै। थारी किम्मत पंछियाँ तै बाध सै।”
25 ¿Y quién de vosotros podrá con afán añadir á su estatura un codo?
थारे म्ह तै इसा कौण सै, जो चिंता करण तै अपणी उम्र का एक पल भी बढ़ा सकै सै?
26 Pues si no podéis aun lo que es menos, ¿para qué estaréis afanosos de lo demás?
इस करकै जै थम अपणी जिन्दगी म्ह छोट्टे-छोट्टे काम भी न्ही कर सकदे, तो जिन्दगी की बड़ी-बड़ी बात्तां खात्तर क्यातै फिक्र करो सो?
27 Considerad los lirios, cómo crecen: no labran, ni hilan; y os digo, que ni Salomón con toda su gloria se vistió como uno de ellos.
“जंगळी फूल्लां पै ध्यान करो, के वे किस तरियां बढ़ै सै, वे मेहनत करकै अपणे खात्तर लत्तें कोनी बणाते। तोभी मै थारे तै कहूँ सूं, के राजा सुलैमान भी, अपणे सारे शानों-शोकत म्ह, उन म्ह तै, किसे के समान लत्ते पैहरे होए कोनी था।
28 Y si así viste Dios á la hierba, que hoy está en el campo, y mañana es echada en el horno; ¿cuánto más á vosotros, [hombres] de poca fe?
इस करकै जै परमेसवर मैदान की घास नै, जो आज सै अर काल बाड़ म्ह झोक्की जावैगी, इसे लत्तें पहरावै सै, तो हे बिश्वास म्ह कमजोर माणसों, वो थारी चिन्ता क्यूँ न्ही करैगा?
29 Vosotros, pues, no procuréis qué hayáis de comer, ó qué hayáis de beber; ni estéis en ansiosa perplejidad.
अर थम इस बात की टोह् म्ह ना रहो के, के खावांगें अर के पीवागें, अर शक ना करो।
30 Porque todas estas cosas buscan las gentes del mundo; que vuestro Padre sabe que necesitáis estas cosas.
क्यूँके परमेसवर ताहीं ना जाणण आळे लोग, इन सारी चिज्जां की टोह् म्ह रहवै सै: पर थारा सुर्गीय पिता जाणै सै, के थमनै इन चिज्जां की जरूरत सै।
31 Mas procurad el reino de Dios, y todas estas cosas os serán añadidas.
पर परमेसवर कै राज्य की खोज करो तो ये चीज भी थमनै मिल ज्यागीं।”
32 No temáis, manada pequeña; porque al Padre ha placido daros el reino.
“हे छोट्टे टोळ, मतना डरै, क्यूँके थारे सुर्गीय पिता नै न्यू भाया सै, के थमनै अपणा राज्य देवै।
33 Vended lo que poseéis, y dad limosna; haceos bolsas que no se envejecen, tesoro en los cielos que nunca falta; donde ladrón no llega, ni polilla corrompe.
अपणा धन बेचकै दान कर द्यो, अर अपणे खात्तर इसे बटुए बणाओ, जो पुराणे कोनी होन्दे, यानिके परमेसवर नै खुश करण आळे भले काम करकै सुर्ग म्ह इसा धन कठ्ठा करो जो खतम कोनी होन्दा, अर जिसकै धोरै चोर कोनी जान्दा, अर कीड़ा कोनी बिगाड़दा।
34 Porque donde está vuestro tesoro, allí también estará vuestro corazón.
क्यूँके जड़ै थारा धन सै, उड़ै थारा मन भी लाग्या रहवैगा।”
35 Estén ceñidos vuestros lomos, y vuestras antorchas encendidas;
“हमेशा परमेसवर के काम्मां खात्तर तैयार रहों, अर थम प्रभु के आण खात्तर, दीवे जळा कै तैयार रहों,
36 Y vosotros semejantes á hombres que esperan cuando su señor ha de volver de las bodas; para que cuando viniere y llamare, luego le abran.
अर थम उन माणसां कै बरगे बणो, जो अपणे माल्लिक की बाट देखते रहवै सै, के वो ब्याह तै कद बोहड़ैगा, ताके जिब आकै दरबाजा खटखटावै, तो जिब्बे उसकै खात्तर खोल द्यो।
37 Bienaventurados aquellos siervos, á los cuales cuando el Señor viniere, hallare velando: de cierto os digo, que se ceñirá, y hará que se sienten á la mesa, y pasando les servirá.
धन्य सै वे नौक्कर जो माल्लिक के बोहड़ण की बाट देखते होए तैयार रहवै सै, मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, के माल्लिक भी खुद एक नौक्कर की तरियां उन ताहीं खाणा खुआण खात्तर बिठावैगा, अर खुद उनकी सेवा-पाणी करैगा।
38 Y aunque venga á la segunda vigilia, y aunque venga á la tercera vigilia, y [los] hallare así, bienaventurados son los tales siervos.
जै वो आध्धी रात नै या उसकै बाद आकै उन ताहीं तैयार पावै, तो वे नौक्कर धन्य सै।
39 Esto empero sabed, que si supiese el padre de familia á qué hora había de venir el ladrón, velaría ciertamente, y no dejaría minar su casa.
पर न्यू जाण ल्यो, के जै घर का माल्लिक नै बेरा हो, के चोर ठीक किस घड़ी आवैगा तो वो तैयार रहन्दा, अर अपणे घर म्ह चोरी न्ही होण देन्दा।
40 Vosotros pues también, estad apercibidos; porque á la hora que no pensáis, el Hijo del hombre vendrá.
थम भी मेरे बोहड़ के आण खात्तर तैयार रहो, क्यूँके जिस घड़ी कै बारै म्ह थम सोचदे भी कोनी, उस्से घड़ी मै माणस का बेट्टा सुर्ग तै आ जाऊँगा।”
41 Entonces Pedro le dijo: Señor, ¿dices esta parábola á nosotros, ó también á todos?
फेर पतरस बोल्या, “हे प्रभु, के यो उदाहरण तन्नै म्हारै खात्तर दिया से या सारया खात्तर दिया सै।”
42 Y dijo el Señor: ¿Quién es el mayordomo fiel y prudente, al cual el señor pondrá sobre su familia, para que á tiempo les dé su ración?
प्रभु नै जवाब दिया, “वो बिश्वास जोग्गा अर अकलमंद भण्डारी कौण सै, जिसका माल्लिक उस ताहीं नौक्कर-चाकरां पै सरदार ठैहरावै, के उननै बखत पै खाणा देवै।”
43 Bienaventurado aquel siervo, al cual, cuando el señor viniere, hallare haciendo así.
धन्य सै वो नौक्कर, जिस ताहीं उसका माल्लिक आकै इसाए करदा पावै।
44 En verdad os digo, que él le pondrá sobre todos sus bienes.
मै थमनै साच्ची कहूँ सूं, वो उस ताहीं अपणी सारी धन-सम्पत्ति का माल्लिक बणावैगा।
45 Mas si el tal siervo dijere en su corazón: Mi señor tarda en venir: y comenzare á herir á los siervos y á las criadas, y á comer y á beber y á embriagarse;
पर जै वो नौक्कर सोच्चण लाग्गै के मेरा माल्लिक आण म्ह वार कर रह्या सै, उसके साथ के नौक्कर नौकराणियाँ ताहीं मारण लागज्या अर खाण-पीण अर दारूबाज होण लाग्गे।
46 Vendrá el señor de aquel siervo el día que no espera, y á la hora que no sabe, y le apartará, y pondrá su parte con los infieles.
तो उस नौक्कर का माल्लिक इसे दिन आवैगा, जिब वो उसकी बाट देख्दा ना हो, अर इसे बखत म्ह आवैगा जिसका उसनै ना बेरा हो, अर उसनै भारी सजा देकै उसकी गिणती बिश्वास लायक माणसां म्ह कोनी करी जावैगी।
47 Porque el siervo que entendió la voluntad de su señor, y no se apercibió, ni hizo conforme á su voluntad, será azotado mucho.
वो नौक्कर घणा छितैगा, जो अपणे माल्लिक की मर्जी जाणै था, अर तैयार न्ही रह्या अर ना उसकी मर्जी कै मुताबिक चाल्या।
48 Mas el que no entendió, é hizo cosas dignas de azotes, será azotado poco: porque á cualquiera que fué dado mucho, mucho será vuelto á demandar de él; y al que encomendaron mucho, más le será pedido.
पर हरेक वो नौक्कर जो अपणे माल्लिक की मर्जी नै कोनी जाणै, फेर इसा काम करै सै जो मार खाण के लायक सै, वो कम छितैगा। इस करकै जिस ताहीं घणा दिया गया सै, उसतै घणा माँगया जावैगा, अर जिस ताहीं घणा सौप्या सै, उसतै घणा लिया जावैगा।
49 Fuego vine á meter en la tierra: ¿y qué quiero, si ya está encendido?
“मै धरती पै आग लाण नै आया सूं, अर कितना आच्छा होन्दा, के या इस्से बखत सुलग जान्दी!
50 Empero de bautismo me es necesario ser bautizado: y ¡cómo me angustio hasta que sea cumplido!
मन्नै तो एक बड़ी भारी बिप्दा का बपतिस्मा लेणा सै, अर जिब ताहीं वो ना हो ले जद ताहीं मै इस्से बिप्दा म्ह रहूँगा!
51 ¿Pensáis que he venido á la tierra á dar paz? No, os digo; mas disensión.
के थम समझो सो के मै धरती पै मिलाप करवाण आया सूं? मै थमनै कहूँ सूं, ना, बल्के न्यारे करण आया सूं।
52 Porque estarán de aquí adelante cinco en una casa divididos; tres contra dos, y dos contra tres.
क्यूँके इब तै एक घर म्ह पाँच माणस आप्पस म्ह बिरोध राक्खैगें, तीन जन जो मेरे पै बिश्वास न्ही करते, वो उन दो जन का बिरोध्द करैगें जो मेरे पै बिश्वास राक्खै सै।
53 El padre estará dividido contra el hijo, y el hijo contra el padre; la madre contra la hija, y la hija contra la madre; la suegra contra su nuera, y la nuera contra su suegra.
पिता बेट्टे तै, अर बेट्टा बाप तै बिरोध राक्खैगा, माँ बेट्टी तै, अर बेट्टी माँ तै, सास्सू बहू तै, अर बहू सास्सू तै बिरोध राक्खैगी।”
54 Y decía también á las gentes: Cuando veis la nube que sale del poniente, luego decís: Agua viene; y es así.
यीशु नै भीड़ तै कह्या, “जिब थम बाद्दळ नै पश्चिम तै उठदे देक्खो सो, तो जिब्बे कहो सो के मिह आवैगा, अर न्यूए होवै सै,
55 Y cuando sopla el austro, decís: Habrá calor; y lo hay.
अर जिब दक्षिणी हवा चाल्दी देक्खो सो, तो कहो सो के बड़ी गर्मी पड़ैगी, अर न्यूए हो सै।
56 ¡Hipócritas! Sabéis examinar la faz del cielo y de la tierra; ¿y cómo no reconocéis este tiempo?
हे कपटियों! थम धरती अर अकास कै रूप-रंग म्ह भेद जाण सको सो, पर परमेसवर जो इस युग म्ह करण लागरया सै उसका भेद क्यातै न्ही जाणदे?
57 ¿Y por qué aun de vosotros mismos no juzgáis lo que es justo?
“थम खुद फैसला क्यातै कोनी कर लेंदे के ठीक सै?”
58 Pues cuando vas al magistrado con tu adversario, procura en el camino librarte de él; porque no te arrastre al juez, y el juez te entregue al alguacil, y el alguacil te meta en la cárcel.
जिब तू अपणे बैरी कै गेल्या हाकिम कै धोरै जावै सै, तो राही म्ह उसतै छुटण की कोशिश करले, इसा ना हो के वो तन्नै न्यायाधीश कै धोरै घसीट कै ले जावै, अर न्यायाधीश तन्नै सिपाही के हवालै करदे अर सिपाही तन्नै जेळ म्ह गेर दे।
59 Te digo que no saldrás de allá, hasta que hayas pagado hasta el último maravedí.
मै तेरे तै कहूँ सूं के जिब ताहीं तू पाई-पाई न्ही भर देवैगा, तब तक जेळ तै छुटण न्ही पावैगा।