< Éxodo 13 >
1 Y JEHOVÁ habló á Moisés, diciendo:
और ख़ुदावन्द ने मूसा को फ़रमाया, कि।
2 Santifícame todo primogénito, cualquiera que abre matriz entre los hijos de Israel, así de los hombres como de los animales: mío es.
“सब पहलौठों को या'नी जो बनी — इस्राईल में, चाहे इंसान हो चाहे हैवान पहलौठे बच्चे हों उनको मेरे लिए पाक ठहरा क्यूँकि वह मेरे हैं।”
3 Y Moisés dijo al pueblo: Tened memoria de aqueste día, en el cual habéis salido de Egipto, de la casa de servidumbre; pues Jehová os ha sacado de aquí con mano fuerte: por tanto, no comeréis leudado.
और मूसा ने लोगों से कहा, कि “तुम इस दिन को याद रखना जिस में तुम मिस्र से जो ग़ुलामी का घर है निकले, क्यूँकि ख़ुदावन्द अपनी ताक़त से तुम को वहाँ से निकाल लाया; इसमें ख़मीरी रोटी खाई न जाए।
4 Vosotros salís hoy en el mes de Abib.
तुम अबीब के महीने में आज के दिन निकले हो।
5 Y cuando Jehová te hubiere metido en la tierra del Cananeo, y del Hetheo, y del Amorrheo, y del Hebeo, y del Jebuseo, la cual juró á tus padres que te daría, tierra que destila leche y miel, harás este servicio en aqueste mes.
फिर जब ख़ुदावन्द तुझ को कना'नियों और हित्तियों और अमोरियों और हव्वियों और यबूसियों के मुल्क में पहुँचा दे जिसे तुझ को देने की क़सम उसने तेरे बाप दादा से खाई थी और जिसमें दूध और शहद बहता है, तो तू इसी महीने में यह इबादत किया करना।
6 Siete días comerás por leudar, y el séptimo día será fiesta á Jehová.
सात दिन तक तो तू बेख़मीरी रोटी खाना और सातवें दिन ख़ुदावन्द की 'ईद मनाना।
7 Por los siete días se comerán los panes sin levadura; y no se verá contigo leudado, ni levadura en todo tu término.
बेख़मीरी रोटी सातों दिन खाई जाए, और ख़मीरी रोटी तेरे पास दिखाई भी न दे और न तेरे मुल्क की हदों में कहीं कुछ ख़मीर नज़र आए।
8 Y contarás en aquel día á tu hijo, diciendo: Hácese esto con motivo de lo que Jehová hizo conmigo cuando me sacó de Egipto.
और तू उस दिन अपने बेटे को यह बताना, कि इस दिन को मैं उस काम की वजह से मानता हूँ जो ख़ुदावन्द ने मेरे लिए उस वक़्त किया जब मैं मुल्क — ए — मिस्र से निकला।
9 Y serte ha como una señal sobre tu mano, y como una memoria delante de tus ojos, para que la ley de Jehová esté en tu boca; por cuanto con mano fuerte te sacó Jehová de Egipto.
और यही तेरे पास जैसे तेरे हाथ में एक निशान और तेरी दोनों आँखों के सामने एक यादगार ठहरे, ताकि ख़ुदावन्द की शरी'अत तेरी ज़बान पर हो; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने तुझ को अपनी ताक़त से मुल्क — ए — मिस्र से निकाला।
10 Por tanto, tú guardarás este rito en su tiempo de año en año.
तब तू इस रिवायत को इसी वक़्त — ए — मु'अय्यन में हर साल माना करना।
11 Y cuando Jehová te hubiere metido en la tierra del Cananeo, como te ha jurado á ti y á tus padres, y cuando te la hubiere dado,
“और जब ख़ुदावन्द उस क़सम के मुताबिक़, जो उसने तुझ से और तेरे बाप दादा से खाई, तुझ को कना'नियों के मुल्क में पहुँचा कर वह मुल्क तुझ को दे दे।
12 Harás pasar á Jehová todo lo que abriere la matriz, asimismo todo primerizo que abriere la matriz de tus animales: los machos serán de Jehová.
तो तू पहलौटे बच्चों को और जानवरों के पहलौठों को ख़ुदावन्द के लिए अलग कर देना। सब नर बच्चे ख़ुदावन्द के होंगे।
13 Mas todo primogénito de asno redimirás con un cordero; y si no lo redimieres, le degollarás: asimismo redimirás todo humano primogénito de tus hijos.
और गधे के पहले बच्चे के फ़िदिये में बर्रा देना, और अगर तू उसका फ़िदिया न दे तो उसकी गर्दन तोड़ डालना। और तेरे बेटों में जितने पहलौठे हों उन सबका फ़िदिया तुझ को देना होगा।
14 Y cuando mañana te preguntare tu hijo, diciendo: ¿Qué es esto? decirle has: Jehová nos sacó con mano fuerte de Egipto, de casa de servidumbre;
और जब अगले ज़माने में तेरा बेटा तुझसे सवाल करे, कि 'यह क्या है?” तो तू उसे यह जवाब देना, 'ख़ुदावन्द हम को मिस्र से जो ग़ुलामी का घर है अपनी ताक़त से निकाल लाया।
15 Y endureciéndose Faraón en no dejarnos ir, Jehová mató en la tierra de Egipto á todo primogénito, desde el primogénito humano hasta el primogénito de la bestia: y por esta causa yo sacrifico á Jehová todo primogénito macho, y redimo todo primogénito de mis hijos.
और जब फ़िर'औन ने हम को जाने देना न चाहा, तो ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र में इंसान और हैवान दोनों के पहलौठे मार दिए। इसलिए मैं जानवरों के सब नर बच्चों को जो अपनी अपनी माँ के रिहम को खोलते हैं ख़ुदावन्द के आगे क़ुर्बानी करता हूँ, लेकिन अपने बेटों के सब पहलौठों का फ़िदिया देता हूँ।
16 Serte ha, pues, como una señal sobre tu mano, y por una memoria delante de tus ojos; ya que Jehová nos sacó de Egipto con mano fuerte.
और यह तेरे हाथ पर एक निशान और तेरी पेशानी पर टीकों की तरह हों, क्यूँकि ख़ुदावन्द अपने ताक़त से हम को मिस्र से निकाल लाया।”
17 Y luego que Faraón dejó ir al pueblo, Dios no los llevó por el camino de la tierra de los Filisteos, que estaba cerca; porque dijo Dios: Que quizá no se arrepienta el pueblo cuando vieren la guerra, y se vuelvan á Egipto:
और जब फ़िर'औन ने उन लोगों को जाने की इजाज़त दे दी तो ख़ुदा इनको फ़िलिस्तियों के मुल्क के रास्ते से नहीं ले गया, अगरचे उधर से नज़दीक पड़ता; क्यूँकि ख़ुदा ने कहा, ऐसा न हो कि यह लोग लड़ाई — भिड़ाई देख कर पछताने लगें और मिस्र को लौट जाएँ।
18 Mas hizo Dios al pueblo que rodease por el camino del desierto del mar Bermejo. Y subieron los hijos de Israel de Egipto armados.
बल्कि ख़ुदा इनको चक्कर खिला कर बहर — ए — कु़लजु़म के वीरान के रास्ते से ले गया और बनी — इस्राईल मुल्क — ए — मिस्र से हथियार बन्द निकले थे।
19 Tomó también consigo Moisés los huesos de José, el cual había juramentado á los hijos de Israel, diciendo: Dios ciertamente os visitará, y haréis subir mis huesos de aquí con vosotros.
और मूसा यूसुफ़ की हड्डियों को साथ लेता गया, क्यूँकि उसने बनी — इस्राईल से यह कह कर, कि ख़ुदा ज़रूर तुम्हारी ख़बर लेगा इस बात की सख़्त क़सम ले ली थी, कि तुम यहाँ से मेरी हड्डियाँ अपने साथ लेते जाना।
20 Y partidos de Succoth, asentaron campo en Etham, á la entrada del desierto.
और उन्होंने सुक्कात से रवाना करके वीराने के किनारे ईताम में ख़ेमा लगाया।
21 Y Jehová iba delante de ellos de día en una columna de nube, para guiarlos por el camino; y de noche en una columna de fuego para alumbrarles; á fin de que anduviesen de día y de noche.
और ख़ुदावन्द उनको दिन को रास्ता दिखाने के लिए बादल के सुतून में और रात को रौशनी देने के लिए आग के सुतून में हो कर उनके आगे — आगे चला करता था, ताकि वह दिन और रात दोनों में चल सके।
22 Nunca se partió de delante del pueblo la columna de nube de día, ni de noche la columna de fuego.
वह बादल का सुतून दिन को और आग का सुतून रात को उन लोगों के आगे से हटता न था।