< Salmos 148 >

1 Alabád a Jehová desde los cielos: alabádle en las alturas.
ख़ुदावन्द की हम्द करो! आसमान पर से ख़ुदावन्द की हम्द करो, बुलंदियों पर उसकी हम्द करो!
2 Alabádle todos sus ángeles: alabádle todos sus ejércitos.
ऐ उसके फ़िरिश्तो! सब उसकी हम्द करो। ऐ उसके लश्करो! सब उसकी हम्द करो!
3 Alabádle el sol y la luna: alabádle todas las estrellas de luz.
ऐ सूरज! ऐ चाँद! उसकी हम्द करो। ऐ नूरानी सितारों! सब उसकी हम्द करो
4 Alabádle los cielos de los cielos; y las aguas que están sobre los cielos.
ऐ फ़लक — उल — फ़लाक! उसकी हम्द करो! और तू भी ऐ फ़ज़ा पर के पानी!
5 Alaben el nombre de Jehová; porque él mandó, y fueron creadas.
यह सब ख़ुदावन्द के नाम की हम्द करें, क्यूँकि उसने हुक्म दिया और यह पैदा हो गए।
6 Y las hizo ser para siempre, por el siglo: púso les ley que no será quebrantada.
उसने इनको हमेशा से हमेशा तक के लिए क़ाईम किया है; उसने अटल क़ानून मुक़र्रर कर दिया है।
7 Alabád a Jehová, de la tierra, los dragones y todos los abismos.
ज़मीन पर से ख़ुदावन्द की हम्द करो ऐ अज़दहाओं और सब गहरे समन्दरो!
8 El fuego, y el granizo; la nieve y el vapor: el viento de tempestad que hace su palabra:
ऐ आग और ओलो! ऐ बर्फ़ और कुहर ऐ तूफ़ानी हवा! जो उसके कलाम की ता'लीम करती है।
9 Los montes, y todos los collados: el árbol de fruto, y todos los cedros:
ऐ पहाड़ो और सब टीलो! ऐ मेवादार दरख़्तो और सब देवदारो!
10 La bestia, y todo animal: lo que va arrastrando, y el ave de alas.
ऐ जानवरो और सब चौपायो! ऐ रेंगने वालो और परिन्दो!
11 Los reyes de la tierra, y todos los pueblos: los príncipes, y todos los jueces de la tierra.
ऐ ज़मीन के बादशाहो और सब उम्मतों! ऐ उमरा और ज़मीन के सब हाकिमों!
12 Los mancebos, y también las doncellas: los viejos con los mozos.
ऐ नौजवानो और कुंवारियो! ऐ बूढ़ों और बच्चो!
13 Alaben el nombre de Jehová; porque su nombre de él solo es ensalzado: su gloria es sobre tierra y cielos.
यह सब ख़ुदावन्द के नाम की हम्द करें, क्यूँकि सिर्फ़ उसी का नाम मुम्ताज़ है। उसका जलाल ज़मीन और आसमान से बुलन्द है।
14 El ensalzó el cuerno de su pueblo: aláben le todos sus misericordiosos: los hijos de Israel, el pueblo a él cercano. Alelu- Jah.
और उसने अपने सब पाक लोगों या'नी अपनी मुक़र्रब क़ौम बनी इस्राईल के फ़ख़्र के लिए, अपनी क़ौम का सींग बुलन्द किया। ख़ुदावन्द की हम्द करो!

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