< Isaías 66 >
1 Jehová dijo así: El cielo es mi trono, y la tierra estrado de mis pies: ¿Dónde quedará esta casa que me habéis edificado; y dónde quedará este lugar de mi reposo?
ख़ुदावन्द यूँ फरमाता है कि आसमान मेरा तख़्त है और ज़मीन मेरे पाँव की चौकी; तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे, और कौन सी जगह मेरी आरामगाह होगी?
2 Mi mano hizo todas estas cosas, y por ella todos estas cosas fueron, dijo Jehová: a aquel pues miraré que es pobre y abatido de espíritu, y que tiembla a mi palabra.
क्यूँकि ये सब चीजें तो मेरे हाथ ने बनाई और यूँ मौजूद हुई, ख़ुदावन्द फ़रमाता है। लेकिन मैं उस शख़्स पर निगाह करूँगा, उसी पर जो ग़रीब और शिकश्ता दिल है और मेरे कलाम से कॉप जाता है।
3 El que sacrifica buey, como si matase un hombre: el que sacrifica oveja, como si degollase un perro: el que ofrece presente, como si ofreciese sangre de puerco: el que ofrece perfume, como si bendijese la iniquidad. Y pues escogieron sus caminos, y su alma amó sus abominaciones:
“जो बैल ज़बह करता है, उसकी तरह है जो किसी आदमी को मार डालता है; और जो बर्रे की क़ुर्बानी करता है, उसके बराबर है जो कुत्ते की गर्दन काटता है; जो हदिया लाता है, जैसे सूअर का ख़ून पेश करता है; जो लुबान जलाता है, उसकी तरह है जो बुत को मुबारक कहता है। हाँ, उन्होंने अपनी अपनी राहें चुन लीं और उनके दिल उनकी नफ़रती चीज़ों से मसरूर हैं।
4 También yo escogeré sus escarnios, y traeré sobre ellos lo que temieron; porque llamé, y nadie respondió: hablé, y no oyeron; e hicieron lo malo delante de mis ojos, y escogieron lo que a mí desagrada.
मैं भी उनके लिए आफ़तों को चुन लूँगा और जिन बातों से वह डरते हैं उन पर लाऊँगा क्यूँकि जब मैंने कलाम किया तो उनहोंने न सुना; बल्कि उन्होंने वही किया जो मेरी नज़र में बुरा था, और वह चीज़ पसन्द की जिससे मैं ख़ुश न था।”
5 Oíd palabra de Jehová los que tembláis a su palabra. Vuestros hermanos, los que os aborrecen, y os niegan por causa de mi nombre, dijeron: Glorifíquese Jehová. Mas él se mostrará con vuestra alegría, y ellos serán confusos.
ख़ुदावन्द की बात सुनो, ऐ तुम जो उसके कलाम से काँपते हो; तुम्हारे भाई जो तुम से कीना रखते हैं, और मेरे नाम की ख़ातिर तुम को ख़ारिज कर देते हैं, कहते हैं, 'ख़ुदावन्द की तम्जीद करो, ताकि हम तुम्हारी ख़ुशी को देखें'; लेकिन वही शर्मिन्दा होंगे।
6 Voz de alboroto se oye de la ciudad, voz del templo, voz de Jehová que da el pago a sus enemigos.
“शहर से भीड़ का शोर! हैकल की तरफ़ से एक आवाज़! ख़ुदावन्द की आवाज़ है, जो अपने दुश्मनों को बदला देता है!
7 Antes que estuviese de parto, parió: antes que le viniesen dolores, parió hijo.
पहले इससे कि उसे दर्द लगे, उसने जन्म दिया; और इससे पहले कि उसको दर्द हो, उससे बेटा पैदा हुआ।
8 ¿Quién oyó cosa semejante? ¿Quién vio cosa semejante? ¿La tierra parirse ha en un día? ¿Nacerá toda una nación de una vez? Que Sión estuvo de parto, y parió juntamente sus hijos.
ऐसी बात किसने सुनी? ऐसी चीजें किसने देखीं? क्या एक दिन में कोई मुल्क पैदा हो सकता है? क्या एक ही साथ एक क़ौम पैदा हो जाएगी? क्यूँकि सिय्यून को दर्द लगे ही थे कि उसकी औलाद पैदा हो गई।”
9 ¿Yo que hago parir, no pariré? dijo Jehová. ¿Yo que hago engendrar, seré detenido? dice el Dios tuyo.
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं उसे विलादत के वक़्त तक लाऊँ और फिर उससे विलादत न कराऊँ? तेरा ख़ुदा फ़रमाता है, क्या मैं जो विलादत तक लाता हूँ, विलादत से बा'ज़ रख्खूँ?
10 Alegráos con Jerusalem, y gozáos con ella, todos los que la amáis: gozáos con ella de gozo, todos los que os enlutasteis por ella:
“तुम येरूशलेम के साथ ख़ुशी मनाओ और उसकी वजह से ख़ुश हो, उसके सब दोस्तो; जो उसके लिए मातम करते थे, उसके साथ बहुत ख़ुश हो;
11 Para que maméis y os hartéis de las tetas de sus consolaciones: para que ordeñéis, y os deleitéis con el resplandor de su gloria.
ताकि तुम दूध पियो और उसकी तसल्ली के पिस्तानों से सेर हो; ताकि तुम निचोड़ो और उसकी शौकत की इफ़रात से फ़ायदा उठाओ।”
12 Porque así dice Jehová: He aquí que yo extiendo sobre ella paz, como un río; y la gloria de las naciones, como un arroyo que sale de madre; y mamaréis, y sobre el lado seréis traídos, y sobre las rodillas seréis regalados.
क्यूँकि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि देख, मैं सलामती नहर की तरह, और क़ौमों की दौलत सैलाब की तरह उसके पास रवाँ करूँगा; तब तुम दूध पियोगे, और बग़ल में उठाए जाओगे और घुटनों पर कुदाए जाओगे।
13 Como el varón a quien consuela su madre, así os consolaré yo a vosotros, y sobre Jerusalem tomaréis consuelo.
जिस तरह माँ अपने बेटे को दिलासा देती है, उसी तरह मैं तुम को दिलासा दूँगा; येरूशलेम ही में तुम तसल्ली पाओगे।
14 Y veréis, y alegrarse ha vuestro corazón, y vuestros huesos, como la yerba reverdecerán; y la mano de Jehová para con sus siervos será conocida, y contra sus enemigos se airará.
और तुम देखोगे और तुम्हारा दिल ख़ुश होगा, और तुम्हारी हड्डियाँ सब्ज़ा की तरह नशोंनुमा पाएँगी, और ख़ुदावन्द का हाथ अपने बन्दों पर ज़ाहिर होगा, लेकिन उसका क़हर उसके दुश्मनों पर भड़केगा।
15 Porque he aquí que Jehová vendrá con fuego, y sus carros, como torbellino, para tornar su ira en furor; y su reprensión en llama de fuego.
क्यूँकि देखो, ख़ुदावन्द आग के साथ आएगा, और उसके रथ उड़ती धूल की तरह होंगे, ताकि अपने क़हर को जोश के साथ और अपनी तम्बीह को आग के शो'ले में ज़ाहिर करे।
16 Porque Jehová juzgará con fuego y con su espada a toda carne; y los muertos de Jehová serán multiplicados.
क्यूँकि आग से और अपनी तलवार से ख़ुदावन्द तमाम बनी आदम का मुक़ाबिला करेगा; और ख़ुदावन्द के मक़तूल बहुत से होंगे।
17 Los que se santifican, y los que se purifican en los huertos, unos tras otros: los que comen carne de puerco, y abominación, y ratón, juntamente serán talados, dice Jehová.
वह जो बाग़ों की वस्त में किसी के पीछे खड़े होने के लिए अपने आपको पाक — ओ — साफ़ करते हैं, जो सूअर का गोश्त और मकरूह चीजें और चूहे खाते हैं; ख़ुदावन्द फ़रमाता है, वह एक साथ फ़ना हो जाएँगे।
18 Porque yo entiendo sus obras y sus pensamientos: tiempo vendrá para juntar todas las naciones y las lenguas; y vendrán, y verán mi gloria.
और मैं उनके काम और उनके मन्सूबे जानता हूँ। वह वक़्त आता है कि मैं तमाम क़ौमों और अहल — ए — लुग़त को जमा' करूँगा और वह आयेंगे और मेरा जलाल देखेंगे,
19 Y pondré entre ellos seña; y enviaré de los escapados de ellos a las naciones, a Társis, a Pul, y Lud, que tiran arco, a Tubal, y a Javán, a las islas apartadas, que no oyeron de mí, ni vieron mi gloria, y publicarán mi gloria entre las naciones.
तब मैं उनके बीच एक निशान खड़ा करूँगा; और मैं उनको जो उनमें से बच निकलें, क़ौमों की तरफ़ भेजूँगा, या'नी तरसीस और पूल और लूद को जो तीरअन्दाज़ हैं, और तूबल और यावान को, और दूर के जज़ीरों को जिन्होंने मेरी शोहरत नहीं सुनी और मेरा जलाल नहीं देखा; और वह क़ौमों के बीच मेरा जलाल बयान करेंगे।
20 Y traerán a todos vuestros hermanos de entre todas las naciones por presente a Jehová, en caballos, en carros, en literas, y en mulos, y en camellos, a mi santo monte de Jerusalem, dice Jehová, de la manera que los hijos de Israel suelen traer el presente en vasos limpios a la casa de Jehová.
और ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि वह तुम्हारे सब भाइयों को तमाम क़ौमों में से घोड़ों और रथों पर, और पालकियों में और खच्चरों पर, और साँडनियों पर बिठा कर ख़ुदावन्द के हदिये के लिए येरूशलेम में मेरे पाक पहाड़ को लाएँगे, जिस तरह से बनी — इस्राईल ख़ुदावन्द के घर में पाक बर्तनों में हदिया लाते हैं।
21 Y tomaré también de ellos para sacerdotes y Levitas, dice Jehová.
और ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि मैं उनमें से भी काहिन और लावी होने के लिए लूँगा।
22 Porque como los cielos nuevos, y la tierra nueva que yo hago, permanecen delante de mí, dice Jehová, así permanecerá vuestra simiente y vuestro nombre.
“ख़ुदावन्द फ़रमाता है, जिस तरह नया आसमान और नई ज़मीन जो मैं बनाऊँगा, मेरे सामने क़ाईम रहेंगे उसी तरह तुम्हारी नसल और तुम्हारा नाम बाक़ी रहेगा।
23 Y será que de mes en mes, y de sábado en sábado vendrá toda carne a adorar delante de mí, dijo Jehová.
और यूँ होगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि एक नये चाँद से दूसरे तक, और एक सबत से दूसरे तक हर फ़र्द — ए — बशर इबादत के लिए मेरे सामने आएगा।
24 Y saldrán, y verán los cuerpos de los muertos de los varones que se rebelaron contra mí; porque su gusano nunca morirá, ni su fuego se apagará; y serán abominables a toda carne.
'और वह निकल निकल कर उन लोगों की लाशों पर जो मुझ से बाग़ी हुए नज़र करेंगे; क्यूँकि उनका कीड़ा न मरेगा और उनकी आग न बुझेगी, और वह तमाम बनी आदम के लिए नफ़रती होंगे।”