< Números 27 >
1 Entonces llegaron las hijas de Zelofejad, hijo de Hefer, hijo de Galaad, hijo de Maquir, hijo de Manasés, de las familias de Manasés, hijo de José, los nombres de los cuales eran Maala, Noa, Hogla, Milca y Tirsa.
तब योसेफ़ के पुत्र मनश्शेह के परिवार से माखीर के पुत्र गिलआद के पुत्र हेफेर के पुत्र ज़लोफेहाद की पुत्रियां, जिनके नाम महलाह, नोहा, होगलाह, मिलकाह तथा तिरज़ाह थे,
2 Ellas se presentaron ante Moisés, el sacerdote Eleazar, los jefes y toda la congregación, en la entrada del Tabernáculo de Reunión, y dijeron:
मोशेह, एलिएज़र तथा प्रधानों एवं सारी सभा की उपस्थिति में मिलनवाले तंबू के द्वार पर एकत्र हुईं. उन्होंने यह विनती की,
3 Nuestro padre murió en el desierto. Él no estuvo en compañía de los que se reunieron contra Yavé en el grupo de Coré, sino murió por su propio pecado. No tuvo hijos varones.
“हमारे पिता की मृत्यु तो बंजर भूमि में ही हो चुकी थी. वह उनमें शामिल नहीं थे, जो कोराह के साथ मिलकर याहवेह के विरुद्ध हो गए थे, उनकी मृत्यु उन्हीं के पाप में हो गई. उनके कोई पुत्र न था.
4 ¿Por qué el nombre de nuestro padre es excluido de su familia, por no tener un hijo varón? Dennos posesión entre los hermanos de nuestro padre.
उनके कोई पुत्र न होने के कारण भला उनके परिवार में से उनका नाम क्यों मिट जाए? कृपया हमारे भाइयों के बीच में से हमें एक भाग दिया जाए.”
5 Moisés presentó su causa delante de Yavé,
फिर मोशेह ने यह विषय याहवेह के सामने रख दिया,
6 y Yavé respondió a Moisés:
तब याहवेह ने मोशेह को यह उत्तर दिया,
7 Las hijas de Zelofejad dicen bien. Les darás posesión de herencia entre los hermanos de su padre y traspasarás la heredad de su padre a ellas.
“ज़लोफेहाद की पुत्रियों ने सुसंगत विषय प्रस्तुत किए हैं. ज़रूरी है कि तुम उन्हें उनके पिता के भाइयों के बीच में एक मीरास का अंश प्रदान करो. तुम उनके पिता की मीरास उनके नाम लिख दोगे.
8 A los hijos de Israel hablarás: Cuando alguien muera sin hijo varón, traspasarán su herencia a su hija.
“तुम इस्राएल के घराने को यह भी सूचित करोगे, ‘यदि किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, जिसके कोई पुत्र ही नहीं है, तब उसकी मीरास उसकी पुत्री के नाम कर देना.
9 Si no tiene hija, darán su herencia a sus hermanos,
यदि उसके कोई पुत्री भी न हो, तब तुम उसकी मीरास उसके भाइयों के नाम कर दोगे.
10 y si no tiene hermanos, darán su herencia a los hermanos de su padre.
यदि उसके कोई भाई भी नहीं हो, तब तुम उसके पिता के भाइयों को उसकी मीरास प्रदान कर दोगे.
11 Si su padre no tiene hermanos, darán su herencia al pariente más cercano de su familia, el cual la poseerá. Esto será para los hijos de Israel un estatuto de justo juicio, como Yavé ordenó a Moisés.
यदि उसके पिता के कोई भाई भी न हो, तब तुम उसकी मीरास उसके परिवार में उसके ही निकटतम संबंधी को प्रदान कर दोगे, वह मीरास उसकी हो जाएगी. यह इस्राएल के घराने के लिए न्याय की विधि होगी, ठीक जैसा आदेश याहवेह द्वारा मोशेह को दिया गया था.’”
12 Yavé dijo a Moisés: Sube a esta montaña de Abarim, y contempla la tierra que di a los hijos de Israel.
इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “तुम इस अबारिम पर्वत पर जाओ और उस देश पर दृष्टि डाल लो, जो मैंने इस्राएल के घराने को दे दिया है.
13 Y cuando la contemples, tú también serás reunido a tu pueblo, como tu hermano Aarón fue reunido,
जब तुम इस देश को देख लोगे, तुम भी अपने भाई अहरोन के समान अपने लोगों में मिला लिए जाओगे,
14 porque fueron rebeldes a mi mandato en el desierto de Zin, en la rebelión de la congregación. No me santificaron en cuanto al agua ante los ojos de ellos. (Estas son las aguas de Meriba en Cades, en el desierto de Zin.)
इसलिये, कि तुमने ज़िन के निर्जन प्रदेश में उस सोते के पास सारी सभा के सामने उनके द्वारा पैदा की गई विद्रोह की स्थिति में मेरी पवित्रता को प्रतिष्ठित करने के मेरे आदेश के विपरीत तुमने काम किया था.” (कादेश के ज़िन के निर्जन प्रदेश में यही था वह मेरिबाह का सोता.)
15 Entonces Moisés respondió a Yavé:
फिर मोशेह ने याहवेह से विनती की,
16 Yavé, ʼElohim de los espíritus de todo ser humano, designe un varón que dirija la congregación,
“सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर, याहवेह, इस सभा के लिए एक अगुए को नियुक्त कर दें.
17 que salga y entre delante de ellos, que los saque y los introduzca, para que la congregación de Yavé no sea como ovejas que no tienen pastor.
वही उनके हक में सही रहेगा. वही उनका अगुआ होकर इस देश में प्रवेश करवाएगा, जिससे याहवेह की प्रजा की स्थिति वैसी न हो जाए, जैसी बिना चरवाहे की भेड़-बकरियों की हो जाती है.”
18 Yavé dijo a Moisés: Toma a Josué, hijo de Nun, un varón en el cual hay Espíritu, e impón tu mano sobre él.
मोशेह के लिए याहवेह का उत्तर यह था, “नून के पुत्र यहोशू पर अपना हाथ रख दो-वह एक ऐसा व्यक्ति है, जिसमें पवित्र आत्मा का वास है.
19 Lo pondrás en pie ante el sacerdote Eleazar y de toda la congregación, y lo comisionarás en presencia de ellos.
उसे पुरोहित एलिएज़र तथा सारी सभा के सामने खड़ा करना और उन सबके सामने उसे नियुक्त करना.
20 Impondrás algo de tu autoridad sobre él para que toda la congregación de los hijos de Israel le obedezca.
अपने अधिकार का एक भाग तुम उस पर दे देना, कि इस्राएल के घराने की सारी सभा में उसके प्रति आज्ञाकारिता की भावना भर जाए.
21 Además, él se pondrá en pie ante el sacerdote Eleazar y le consultará por medio del juicio del Urim delante de Yavé. Por su mandato todos los hijos de Israel, toda la congregación saldrán y entrarán.
इसके अलावा, वह पुरोहित एलिएज़र पर निर्भर रहेगा, कि एलिएज़र उरीम के द्वारा उसके लिए याहवेह की इच्छा मालूम किया करेगा. उसी के आदेश पर वे कूच करेंगे, उसी की आज्ञा पर वे प्रवेश कर सकेंगे, दोनों ही स्वयं वह तथा इस्राएली, अर्थात् सारी सभा.”
22 Moisés hizo como Yavé le mandó. Tomó a Josué y lo presentó ante el sacerdote Eleazar y toda la congregación.
मोशेह ने याहवेह की आज्ञा का पूरा-पूरा पालन किया. उन्होंने यहोशू को अपने साथ ले जाकर पुरोहित एलिएज़र तथा सारी सभा के सामने खड़ा कर दिया.
23 Luego impuso sus manos sobre él y lo comisionó, como Yavé habló por medio de Moisés.
तब मोशेह ने योशुआ पर अपने हाथ रखे और उसे उत्तराधिकारी नियुक्त किया, ठीक जैसी आज्ञा उन्हें याहवेह से प्राप्त हुई थी.