< Job 17 >
1 Mi alma se agota, mis días se extinguen. El sepulcro está preparado para mí.
मेरी जान तबाह हो गई मेरे दिन हो चुके क़ब्र मेरे लिए तैय्यार है।
2 No hay conmigo sino burladores, y mis ojos se fijan en su provocación.
यक़ीनन हँसी उड़ाने वाले मेरे साथ साथ हैं, और मेरी आँख उनकी छेड़छाड़ पर लगी रहती है।
3 Te ruego, deposita una fianza ante Ti mismo. ¿Quién quiere ser mi garante?
ज़मानत दे, अपने और मेरे बीच में तू ही ज़ामिन हो। कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे?
4 Porque cerraste su corazón al entendimiento. Por tanto, no los exaltarás.
क्यूँकि तूने इनके दिल को समझ से रोका है, इसलिए तू इनको सरफ़राज़ न करेगा।
5 Al que traiciona a sus amigos por recompensa, les desfallecerán los ojos a sus hijos.
जो लूट की ख़ातिर अपने दोस्तों को मुल्ज़िम ठहराता है, उसके बच्चों की आँखें भी जाती रहेंगी।
6 Pero Él me convirtió en un refrán de la gente. Soy uno a quien los hombres escupen.
उसने मुझे लोगों के लिए ज़रबुल मिसाल बना दिया हैं: और मैं ऐसा हो गया कि लोग मेरे मुँह पर थूकें।
7 Mis ojos se oscurecieron por la angustia, y todos mis miembros son como una sombra.
मेरी आँखे ग़म के मारे धुंदला गई, और मेरे सब 'आज़ा परछाईं की तरह है।
8 Los rectos se asombran de esto, y el inocente se levanta contra el impío.
रास्तबाज़ आदमी इस बात से हैरान होंगे और मा'सूम आदमी बे ख़ुदा लोगों के ख़िलाफ़ जोश में आएगा
9 Sin embargo, el justo se aferra a su camino, y el limpio de manos aumentará sus fuerzas.
तोभी सच्चा अपनी राह में साबित क़दम रहेगा और जिसके हाथ साफ़ हैं, वह ताक़तवर ही होता जाएगा
10 Pero ahora, vuelvan todos ustedes y vengan acá. Pero entre ustedes no hallaré algún sabio.
लेकिन तुम सब के सब आते हो तो आओ, मुझे तुम्हारे बीच एक भी आदमी 'अक़्लमन्द न मिलेगा।
11 Mis días pasaron. Mis planes se deshicieron, aun los anhelos de mi corazón
मेरे दिन तो बीत चुके, और मेरे मक़सद मिट गए और जो मेरे दिल में था, वह बर्बाद हुआ है।
12 que solían cambiar la noche en día. La luz está después de la oscuridad.
वह रात को दिन से बदलते हैं, वह कहतें है रोशनी तारीकी के नज़दीक है।
13 Si espero, yo sé que el Seol es mi habitación. En la tenebrosidad tengo extendida mi cama. (Sheol )
अगर में उम्मीद करूँ कि पाताल मेरा घर है, अगर मैंने अँधेरे में अपना बिछौना बिछा लिया है। (Sheol )
14 A la descomposición digo: ¡Padre mío! Y al gusano: ¡Madre mía, hermana mía!
अगर मैंने सड़ाहट से कहा है कि तू मेरा बाप है, और कीड़े से कि तू मेरी माँ और बहन है
15 ¿Dónde está entonces mi esperanza? ¿Quién verá mi bien?
तोमेरी उम्मीद कहाँ रही, और जो मेरी उम्मीद है, उसे कौन देखेगा
16 Descenderá conmigo al Seol y juntos bajaremos al polvo. (Sheol )
वह पाताल के फाटकों तक नीचे उतर जाएगी जब हम मिलकर ख़ाक में आराम पाएँगे।” (Sheol )