< Isaías 60 >

1 ¡Levántate, resplandece, porque llegó tu Luz! ¡La gloria de Yavé resplandeció sobre ti!
उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है।
2 En verdad, la tenebrosidad cubrirá la tierra, densa oscuridad, a los pueblos. Pero Yavé resplandecerá sobre ti, y aparecerá su gloria sobre ti.
देख, पृथ्वी पर तो अंधियारा और राज्य-राज्य के लोगों पर घोर अंधकार छाया हुआ है; परन्तु तेरे ऊपर यहोवा उदय होगा, और उसका तेज तुझ पर प्रगट होगा।
3 Los gentiles acudirán a tu luz, los reyes, al resplandor de tu amanecer.
जाति-जाति तेरे पास प्रकाश के लिये और राजा तेरे आरोहण के प्रताप की ओर आएँगे।
4 Levanta tus ojos alrededor y mira. Todos ellos se reunieron y vinieron a ti. Tus hijos vendrán de lejos y tus hijas serán traídas en brazos.
अपनी आँखें चारों ओर उठाकर देख; वे सब के सब इकट्ठे होकर तेरे पास आ रहे हैं; तेरे पुत्र दूर से आ रहे हैं, और तेरी पुत्रियाँ हाथों-हाथ पहुँचाई जा रही हैं।
5 Entonces verás y resplandecerás. Tu corazón se maravillará y se regocijará porque vuelve a ti la abundancia del mar. La riqueza de las naciones viene a ti.
तब तू इसे देखेगी और तेरा मुख चमकेगा, तेरा हृदय थरथराएगा और आनन्द से भर जाएगा; क्योंकि समुद्र का सारा धन और जाति-जाति की धन-सम्पत्ति तुझको मिलेगी।
6 Una multitud de camellos te cubrirá, dromedarios de Madián y de Efa. Vendrán todos los de Sabá. Traerán oro e incienso, y proclamarán las alabanzas de Yavé.
तेरे देश में ऊँटों के झुण्ड और मिद्यान और एपा देशों की साँड़नियाँ इकट्ठी होंगी; शेबा के सब लोग आकर सोना और लोबान भेंट लाएँगे और यहोवा का गुणानुवाद आनन्द से सुनाएँगे।
7 Serán reunidos para ti todos los rebaños de Cedar, los carneros de Nebaiot te servirán. Subirán como ofrenda agradable sobre mi altar, y glorificaré el esplendor de mi Casa.
केदार की सब भेड़-बकरियाँ इकट्ठी होकर तेरी हो जाएँगी, नबायोत के मेढ़े तेरी सेवा टहल के काम में आएँगे; मेरी वेदी पर वे ग्रहण किए जाएँगे और मैं अपने शोभायमान भवन को और भी प्रतापी कर दूँगा।
8 ¿Quiénes son éstos que vuelan como nubes, y como palomas a su palomar?
ये कौन हैं जो बादल के समान और अपने दरबों की ओर उड़ते हुए कबूतरों के समान चले आते हैं?
9 Ciertamente, las costas esperarán en Mí. Las naves de Tarsis vendrán a la cabeza. Traerán a tus hijos de lejos con su plata y su oro por causa del Nombre de Yavé tu ʼElohim y del Santo de Israel, Quien te llenó de esplendor.
निश्चय द्वीप मेरी ही बाट देखेंगे, पहले तो तर्शीश के जहाज आएँगे, कि तेरे पुत्रों को सोने- चाँदी समेत तेरे परमेश्वर यहोवा अर्थात् इस्राएल के पवित्र के नाम के निमित्त दूर से पहुँचाए, क्योंकि उसने तुझे शोभायमान किया है।
10 Extranjeros reedificarán tus muros, y sus reyes te servirán. Aunque te castigué en mi furor, en mi buena voluntad tendré misericordia de ti.
१०परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएँगे, और उनके राजा तेरी सेवा टहल करेंगे; क्योंकि मैंने क्रोध में आकर तुझे दुःख दिया था, परन्तु अब तुझ से प्रसन्न होकर तुझ पर दया की है।
11 Tus puertas estarán continuamente abiertas. No serán cerradas de día ni de noche, para que las riquezas de las naciones sean traídas a ti, y sus reyes conducidos a ti.
११तेरे फाटक सदैव खुले रहेंगे; दिन और रात वे बन्द न किए जाएँगे जिससे जाति-जाति की धन-सम्पत्ति और उनके राजा बन्दी होकर तेरे पास पहुँचाए जाएँ।
12 Porque la nación o el reino que no te sirva perecerá. Esa nación será completamente destruida.
१२क्योंकि जो जाति और राज्य के लोग तेरी सेवा न करें वे नष्ट हो जाएँगे; हाँ ऐसी जातियाँ पूरी रीति से सत्यानाश हो जाएँगी।
13 Vendrá a ti el esplendor del Líbano con el ciprés, el abeto y el pino, para hermosear el lugar de mi Santuario. Yo haré esplendoroso el estrado de mis pies.
१३लबानोन का वैभव अर्थात् सनोवर और देवदार और चीड़ के पेड़ एक साथ तेरे पास आएँगे कि मेरे पवित्रस्थान को सुशोभित करें; और मैं अपने चरणों के स्थान को महिमा दूँगा।
14 Los hijos de los que te afligieron vendrán encorvados a ti, y los que te escarnecieron se postrarán a las plantas de tus pies. Te llamarán Ciudad de Yavé, Sion del Santo de Israel.
१४तेरे दुःख देनेवालों की सन्तान तेरे पास सिर झुकाए हुए आएँगी; और जिन्होंने तेरा तिरस्कार किया सब तेरे पाँवों पर गिरकर दण्डवत् करेंगे; वे तेरा नाम यहोवा का नगर, इस्राएल के पवित्र का सिय्योन रखेंगे।
15 Aunque fuiste abandonada y aborrecida, sin que nadie transitara por ti, Yo te convierto en esplendor perpetuo, el gozo de todas las generaciones.
१५तू जो त्यागी गई और घृणित ठहरी, यहाँ तक कि कोई तुझ में से होकर नहीं जाता था, इसके बदले मैं तुझे सदा के घमण्ड का और पीढ़ी-पीढ़ी के हर्ष का कारण ठहराऊँगा।
16 Mamarás la leche de las naciones y el pecho de los reyes. Entenderás que Yo, Yavé, soy tu Salvador, tu Redentor, el Fuerte de Jacob.
१६तू जाति-जाति का दूध पी लेगी, तू राजाओं की छातियाँ चूसेगी; और तू जान लेगी कि मैं यहोवा तेरा उद्धारकर्ता और तेरा छुड़ानेवाला, याकूब का सर्वशक्तिमान हूँ।
17 En lugar de bronce, te traeré oro. En lugar de hierro, te traeré plata. En lugar de madera, bronce. En lugar de piedras, hierro. Te daré la paz como administrador, y la justicia como supervisor.
१७मैं पीतल के बदले सोना, लोहे के बदले चाँदी, लकड़ी के बदले पीतल और पत्थर के बदले लोहा लाऊँगा। मैं तेरे हाकिमों को मेल-मिलाप और तेरे चौधरियों को धार्मिकता ठहराऊँगा।
18 No se oirá más en tu tierra: ¡Violencia! Ni dentro de tus fronteras: ¡Ruina! ¡Destrucción! Tus muros se llamarán Salvación, y tus puertas Alabanza.
१८तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरी सीमाओं के भीतर उत्पात या अंधेर की चर्चा न सुनाई पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी।
19 El sol nunca jamás te servirá como luz de día, ni el resplandor de la luna te alumbrará. Yavé será tu Luz perpetua. El ʼElohim tuyo será tu Esplendor.
१९फिर दिन को सूर्य तेरा उजियाला न होगा, न चाँदनी के लिये चन्द्रमा परन्तु यहोवा तेरे लिये सदा का उजियाला और तेरा परमेश्वर तेरी शोभा ठहरेगा।
20 Tu sol no se ocultará jamás, ni menguará tu luna, porque Yavé será tu Luz perpetua. Los días de tu luto terminarán.
२०तेरा सूर्य फिर कभी अस्त न होगा और न तेरे चन्द्रमा की ज्योति मलिन होगी; क्योंकि यहोवा तेरी सदैव की ज्योति होगा और तेरे विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे।
21 Tu pueblo, todos ellos justos, heredarán para siempre la tierra, retoños de mi plantío, obra de mis manos, para que Yo sea glorificado.
२१तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रगट हो।
22 El más pequeño equivaldrá a 1.000, y el menor a una nación poderosa. Yo, Yavé, apresuraré esto en su tiempo.
२२छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सबसे दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा। मैं यहोवा हूँ; ठीक समय पर यह सब कुछ शीघ्रता से पूरा करूँगा।

< Isaías 60 >