< 2 Samuel 9 >

1 David preguntó: ¿Quedó alguien de la casa de Saúl a quien yo muestre bondad por amor a Jonatán?
दाऊद ने पूछा, “क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिसको मैं योनातान के कारण प्रीति दिखाऊँ?”
2 Había un esclavo de la casa de Saúl de nombre Siba, al cual llevaron ante David. El rey le dijo: ¿Eres tú Siba? Y él contestó: Tu esclavo.
शाऊल के घराने का सीबा नामक एक कर्मचारी था, वह दाऊद के पास बुलाया गया; और जब राजा ने उससे पूछा, “क्या तू सीबा है?” तब उसने कहा, हाँ, “तेरा दास वही है।”
3 El rey le preguntó: ¿No queda alguno de la casa de Saúl a quien yo muestre la bondad de ʼElohim? Y Siba respondió al rey: Aún queda un hijo de Jonatán, lisiado de ambos pies.
राजा ने पूछा, “क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिसको मैं परमेश्वर की सी प्रीति दिखाऊँ?” सीबा ने राजा से कहा, “हाँ, योनातान का एक बेटा तो है, जो लँगड़ा है।”
4 El rey le preguntó: ¿Dónde está? Y Siba dijo al rey: Mira, está en Lodebar, en casa de Maquir, hijo de Amiel.
राजा ने उससे पूछा, “वह कहाँ है?” सीबा ने राजा से कहा, “वह तो लोदबार नगर में, अम्मीएल के पुत्र माकीर के घर में रहता है।”
5 El rey David ordenó traerlo de la casa de Maquir, hijo de Amiel, en Lodebar.
तब राजा दाऊद ने दूत भेजकर उसको लोदबार से, अम्मीएल के पुत्र माकीर के घर से बुलवा लिया।
6 Cuando Mefi-boset, hijo de Jonatán, hijo de Saúl, llegó ante David, cayó sobre su rostro y se postró. David preguntó: ¿Mefi-boset? Y él respondió: Aquí está tu esclavo.
जब मपीबोशेत, जो योनातान का पुत्र और शाऊल का पोता था, दाऊद के पास आया, तब मुँह के बल गिरकर दण्डवत् किया। दाऊद ने कहा, “हे मपीबोशेत!” उसने कहा, “तेरे दास को क्या आज्ञा?”
7 Entonces David le dijo: No temas, porque ciertamente te mostraré bondad por amor a Jonatán tu abuelo. Te devolveré toda la tierra de tu padre Saúl, y comerás siempre a mi mesa.
दाऊद ने उससे कहा, “मत डर; तेरे पिता योनातान के कारण मैं निश्चय तुझको प्रीति दिखाऊँगा, और तेरे दादा शाऊल की सारी भूमि तुझे फेर दूँगा; और तू मेरी मेज पर नित्य भोजन किया कर।”
8 Él se postró y dijo: ¿Quién es tu esclavo para que te fijes en un perro muerto como yo?
उसने दण्डवत् करके कहा, “तेरा दास क्या है, कि तू मुझे ऐसे मरे कुत्ते की ओर दृष्टि करे?”
9 El rey llamó entonces a Siba, esclavo de Saúl, y le dijo: Todo lo que fue de Saúl y de toda su casa lo entrego al nieto de tu ʼadón.
तब राजा ने शाऊल के कर्मचारी सीबा को बुलवाकर उससे कहा, “जो कुछ शाऊल और उसके समस्त घराने का था वह मैंने तेरे स्वामी के पोते को दे दिया है।
10 Tú, tus hijos y tus esclavos cultivarán la tierra para él, y le llevarán [el producto] para que el nieto de tu ʼadón tenga alimento. Sin embargo, Mefi-boset, el nieto de tu ʼadón, comerá siempre pan en mi mesa. Y Siba tenía 15 hijos y 20 esclavos.
१०अब से तू अपने बेटों और सेवकों समेत उसकी भूमि पर खेती करके उसकी उपज ले आया करना, कि तेरे स्वामी के पोते को भोजन मिला करे; परन्तु तेरे स्वामी का पोता मपीबोशेत मेरी मेज पर नित्य भोजन किया करेगा।” और सीबा के तो पन्द्रह पुत्र और बीस सेवक थे।
11 Siba dijo al rey: Conforme a todo lo que mi ʼadón el rey ordena a su esclavo, así hará. Y Mefi-boset comía en la mesa como uno de los hijos del rey.
११सीबा ने राजा से कहा, “मेरा प्रभु राजा अपने दास को जो-जो आज्ञा दे, उन सभी के अनुसार तेरा दास करेगा।” दाऊद ने कहा, “मपीबोशेत राजकुमारों के समान मेरी मेज पर भोजन किया करे।”
12 Mefi-boset tenía un hijo pequeño llamado Micaía. Todos los que vivían en la casa de Siba eran esclavos de Mefi-boset.
१२मपीबोशेत के भी मीका नामक एक छोटा बेटा था। और सीबा के घर में जितने रहते थे वे सब मपीबोशेत की सेवा करते थे।
13 Pero Mefi-boset, que estaba lisiado de ambos pies, vivía en Jerusalén, porque comía siempre a la mesa del rey.
१३मपीबोशेत यरूशलेम में रहता था; क्योंकि वह राजा की मेज पर नित्य भोजन किया करता था। और वह दोनों पाँवों का विकलांग था।

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