< 2 Crónicas 34 >

1 Josías tenía ocho años cuando comenzó a reinar, y reinó 31 años en Jerusalén.
योशियाह के राजा बनने के समय उसकी उम्र आठ साल की थी और उसने येरूशलेम में एकतीस साल शासन किया.
2 Hizo lo recto ante Yavé y anduvo en los caminos de David su antepasado, sin apartarse ni a la derecha ni a la izquierda.
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था. अपने पूर्वज दावीद के नीतियों के पथ का आचरण करता रहा. वह इनसे न तो दाएं मुड़ा और न बाएं.
3 El año octavo de su reinado, cuando era todavía muchacho, comenzó a buscar al ʼElohim de David su antepasado. El año 12 empezó a purificar a Judá y Jerusalén de los lugares altos, las Aseras, los ídolos de talla y las imágenes de fundición.
कारण यह था कि अपने शासनकाल के आठवें साल में ही उसने अपने पूर्वज दावीद के परमेश्वर की खोज करना शुरू कर दिया. अपने शासनकाल के बारहवें साल में उसने यहूदिया और येरूशलेम को ऊंचे स्थानों पर बनाई वेदियों, अशेरा देवी की खोदी हुई और ढाली हुई मूर्तियों को हटाकर शुद्ध करना शुरू कर दिया.
4 Demolieron en su presencia los altares de los baales y destrozó las imágenes del sol que había en ellos. Quebró las Aseras, los ídolos de talla y las imágenes de fundición. Las redujo a polvo, el cual esparció sobre los sepulcros de los que ofrecieron sacrificios a ellas.
उन्होंने राजा की उपस्थिति ही में बाल देवताओं की वेदियों, धूप वेदियों को, जो उनसे ऊंचे पर थी, काट डालीं. उसने अशेरा की खोदी हुई और ढाली गई मूर्तियों को चूर-चूर कर पीस डाला और उस बुकनी को उन लोगों की कब्र पर छिड़क दिया, जो इनके लिए बलि चढ़ाते रहे थे.
5 Además quemó los huesos de los sacerdotes sobre sus altares y purificó así a Judá y a Jerusalén.
इसके बाद उसने बाल-अशेराह के पुरोहितों की अस्थियां इन्हीं वेदियों पर जलाकर यहूदिया और येरूशलेम को शुद्ध कर दिया.
6 En las ciudades de Manasés, Efraín, Simeón y Neftalí y sus alrededores,
मनश्शेह, एफ्राईम शिमओन में भी, यहां कि नफताली और उसके पास के क्षेत्रों में, उसने वेदियां गिरा दीं,
7 destruyó los altares, destrozó las Aseras y los ídolos de talla y los redujo a polvo. Taló todos las imágenes del sol por toda la tierra de Israel y regresó a Jerusalén.
अशेरा की खोदी हुई मूर्तियों को कूटकर उनका चूरा बना दिया. उसने सारे इस्राएल देश की सभी धूप वेदियों को काटकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया. यह करके वह येरूशलेम लौट गया.
8 El año 18 de su reinado, después que limpió la tierra y la Casa, envió a Safán, hijo de Azalía, a Maasías, gobernador de la ciudad, y a Joa, hijo de Joacaz, cronista, que repararan la Casa de Yavé su ʼElohim.
उसके शासनकाल के अट्ठारहवें साल में जब उसने सारे देश और भवन को शुद्ध कर लिया, उसने अज़लियाह के पुत्र शापान और नगर अध्यक्ष मआसेइयाह और अभिलेखक यहोआहाज़ के पुत्र योआह को याहवेह अपने परमेश्वर के भवन की मरम्मत की जवाबदारी सौंपी.
9 Fueron al sumo sacerdote Hilcías y le dieron el dinero recaudado en la Casa de Yavé que los levitas porteros de la entrada recibieron de mano de los de Manasés, Efraín, todo el resto de Israel, todo Judá y Benjamín y los habitantes de Jerusalén.
उन्होंने महापुरोहित हिलकियाह से भेंट की और परमेश्वर के भवन में लाई गई धनराशि उन्हें सौप दी, जो मनश्शेह, एफ्राईम और इस्राएल के भाग से और सारे यहूदिया बिन्यामिन और येरूशलेम वासियों से लेवियों और द्वारपालों द्वारा इकट्ठा की गई थी.
10 Lo entregaron en manos de los que hacían la obra, los encargados de la Casa de Yavé, quienes lo daban a los obreros que trabajaban en la Casa de Yavé para reparar y restaurar la Casa.
इसके बाद उन्होंने यह धन उन्हें सौंप दिया, जिनके ऊपर याहवेह के भवन के बनाने की जवाबदारी थी. उन्होंने यह धन उन्हें दे दिया, जो याहवेह के भवन को दोबारा बनाने और मरम्मत का काम करते थे.
11 También daban a los ebanistas y los constructores para que compraran piedra de cantería y madera, para las armazones y las vigas de los edificios destruidos por los reyes de Judá.
इन्होंने यह धन बढ़ई और राजमिस्त्रियों को दे दिया कि वे इससे संवारे हुए पत्थर और भवन की उन बल्लियों के लिए नई लकड़ी ले आएं, जो रख रखाव के बिना टूट-फूट चुकी थी, क्योंकि यहूदिया के राजाओं ने इनको नष्ट ही कर दिया था.
12 Estos hombres procedían con fidelidad en la obra. Fueron designados para dirigirlos Jahat y Abdías, levitas de los hijos de Merari, y Zacarías y Mesulam, de los hijos de los coatitas, y todos los levitas expertos en instrumentos musicales.
अधिकारियों की देखरेख में इन शिल्पियों ने विश्वासयोग्यता से अपनी जवाबदारी पूरी की, मेरारी के पुत्र लेवी याहाथ और ओबदयाह, कोहाथ के परिवार से ज़करयाह और मेशुल्लाम अधिकारी भी थे और वे सभी श्रेणी के कामों को देखते थे कुछ लेवी लेखक कुछ अधिकारी और कुछ द्वारपाल थे.
13 Supervisaban también a los cargadores y dirigían a todos los que hacían la obra en cualquier aspecto. De los levitas había escribas, funcionarios y porteros.
14 Al sacar el dinero que era llevado a la Casa de Yavé, el sacerdote Hilcías halló el Rollo de la Ley de Yavé dada por medio de Moisés.
जब वे याहवेह के भवन में लाया गया धन बाहर ला रहे थे, पुरोहित हिलकियाह को मोशेह द्वारा सौंपी गई याहवेह की व्यवस्था की पुस्तक मिली.
15 Hilcías habló al escriba Safán: ¡Hallé el Rollo de la Ley de Yavé dada por medio de Moisés!
यह देख हिलकियाह ने लेखक शापान से कहा, “याहवेह के भवन में मुझे व्यवस्था की पुस्तक मिली है.” हिलकियाह ने पुस्तक शापान को सौंप दी.
16 Safán llevó el Rollo al rey y le informó: Tus esclavos hicieron todo lo que les fue encomendado.
शापान ने पुस्तक को राजा के सामने लाते हुए उसे कहा: “जो काम आपके सेवकों को सौंपा गया था, उसे वे कर रहे हैं.
17 Sacaron el dinero que se halló en la Casa de Yavé y lo entregaron en mano de los encargados y los que hacían la obra.
याहवेह के भवन में मिला सारा धन उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को दे दिया है.”
18 El escriba Safán informó también al rey: El sacerdote Hilcías me entregó un rollo. Y Safán leyó en él delante del rey.
इसके अलावा लेखक शापान ने राजा को सूचित किया, “पुरोहित हिलकियाह ने मुझे एक पुस्तक दी है.” तब शापान ने राजा के सामने उस पुस्तक में से पढ़ा.
19 Aconteció que cuando el rey escuchó las Palabras de la Ley, rasgó sus ropas.
जब राजा ने व्यवस्था के शब्द सुने, उसने अपने वस्त्र फाड़ दिए.
20 El rey ordenó a Hilcías, a Ahicam, hijo de Safán, a Abdón, hijo de Micaía, al escriba Safán y a Asaías, esclavo del rey:
राजा ने हिलकियाह, शापान के पुत्र अहीकाम, मीकाह के पुत्र अबदोन, लेखक शापान और राजा के सेवक असाइयाह को आदेश दिया:
21 Vayan y consulten a Yavé por mí y el remanente de Israel y Judá, acerca de las Palabras del rollo que fue hallado. Porque grande es la ira de Yavé que fue derramada sobre nosotros, porque nuestros antepasados no guardaron la Palabra de Yavé para vivir según todo lo escrito en este rollo.
“जाओ, मेरे लिए, इस्राएल और यहूदिया की बाकी प्रजा की ओर से याहवेह से यह मालूम करो कि वह पुस्तक जो मिली है, उसका मतलब क्या है, क्योंकि भयंकर है हमारे लिए ठहराया गया याहवेह का क्रोध, इसलिये है कि हमारे पूर्वजों ने इसमें लिखी याहवेह की सारी शिक्षाओं का पालन नहीं किया है.”
22 Entonces Hilcías y los del rey fueron a la profetisa Hulda, esposa de Salum, hijo de Ticva, hijo de Hasrá, guardián del vestuario, quien vivía en el segundo sector de Jerusalén, y hablaron de esto con ella.
तब हिलकियाह और वे, जिन्हें राजा द्वारा आदेश दिया गया था, नबिया हुलदाह से भेंट करने गए. वह वस्त्रालय के रखवाले शल्लूम की पत्नी थी. शल्लूम तोखात का पुत्र, हस्राह का पोता था. हुलदाह का घर येरूशलेम के नए बने हुए भाग में था. उन्होंने उसके सामने यह बात रखी.
23 Ella les respondió: Yavé ʼElohim de Israel dice: Digan al varón que los envió a mí:
हुलदा ने उन्हें उत्तर दिया, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: ‘जिस व्यक्ति ने तुम्हें मुझसे मिलने के लिए भेजा है, उससे यह कहना:
24 Yavé dice: Ciertamente Yo traigo el mal sobre este lugar y sus habitantes, todas las maldiciones escritas en el rollo que fue leído ante el rey de Judá,
याहवेह का वचन यह है, “यह देखना, मैं इस स्थान पर और इसके निवासियों पर विपत्ति भेज रहा हूं. हां, वे सारे शाप, जिनका वर्णन यहूदिया प्रदेश के राजा के सम्मुख में पढ़ी गई इस पुस्तक में किया गया है.
25 por cuanto me abandonaron y quemaron incienso a otros ʼelohim, para provocarme a ira con todas las obras de sus manos. Por eso mi ira se derramará contra este lugar, y no será extinguida.
इसलिये कि उन्होंने मुझे भुला दिया है और विदेशी देवताओं के सामने धूप जलाया है, कि वे मेरे क्रोध को अपनी सभी हाथों से बनाई हुई मूर्तियों के द्वारा भड़का दें. तब इस स्थान पर मेरा क्रोध उंडेला जाएगा और याद रखना, यह शांत नहीं होगा.”’
26 Pero al rey de Judá, quien los envió a consultar a Yavé, le dirán: Yavé ʼElohim de Israel dice esto con respecto a las Palabras que escuchaste:
मगर यहूदिया के राजा, जिसने, तुम्हें मेरे पास भेजा है, कि मैं याहवेह से उनकी इच्छा पता करूं, उससे तुम यह कहना: ‘उन बातों के बारे में, जो तुमने सुनी है, इस्राएल के राजा को याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है:
27 Yo ciertamente te escuché por cuanto tu corazón se conmovió, te humillaste ante ʼElohim al escuchar sus Palabras contra este lugar y sus habitantes. Te humillaste ante Mí, rasgaste tus ropas y lloraste ante Mí, dice Yavé.
इसलिये कि तुम्हारा हृदय दीन था और तुमने जब इस स्थान के विरुद्ध और इसके निवासियों के विरुद्ध परमेश्वर के संदेश को सुनकर अपने आपको विनीत बना लिया और तुम मेरे सामने नम्र हो गए, तुमने अपने कपड़े फाड़ दिए और मेरे सामने रोते रहे, मैंने वास्तव में तुम्हारी सुन ली है. यह याहवेह ने कहा है.
28 Ciertamente te reuniré con tus antepasados y serás recogido en tu sepulcro en paz. Tus ojos no verán el mal que Yo traeré contra este lugar y sus habitantes. Y ellos dieron la respuesta al rey.
इसलिये सुनो, मैं तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों में मिला दूंगा. शान्तिपूर्ण स्थिति में तुम्हारा अंतिम संस्कार होगा. इस स्थान पर जो बुराई मेरे द्वारा भेजी जाएगी, उसे तुम्हारी आंखें न देखेंगी.’” यह संदेश उन्होंने राजा को जा सुनाया.
29 Entonces el rey ordenó que se reunieran todos los ancianos de Judá y Jerusalén.
इसके बाद राजा ने यहूदिया और येरूशलेम के पुरनियों को बुलाकर उन्हें इकट्ठा किया.
30 El rey subió a la Casa de Yavé con todos los hombres de Judá, los habitantes de Jerusalén, los sacerdotes, los levitas y todo el pueblo, desde el más grande hasta el más pequeño. Leyó a oídos de ellos todas las Palabras del rollo del Pacto que fue hallado en la Casa de Yavé.
राजा याहवेह के भवन को गया, उसके साथ यहूदिया और येरूशलेम के सभी पुरुष, पुरोहित और लेवी और साधारण से लेकर विशेष लोग भी थे. उनके सामने उसने वाचा की पुस्तक जो याहवेह के भवन में पाई गई थी, की सारी बातें पढ़ीं, जिसे सभी ने सुना.
31 El rey se puso en pie en su sitio e hizo un pacto ante Yavé para andar tras Yavé y guardar sus Mandamientos, Testimonios y Estatutos con todo su corazón y toda su alma, y practicar las Palabras del Pacto escritas en el rollo.
तब राजा अपने स्थान पर खड़ा हुआ और याहवेह के सामने यह वाचा बांधी कि वह याहवेह का ही अनुसरण करेगा, उनके आदेशों, उनकी चेतावनियों और उनकी विधियों का पालन अपने पूरे हृदय और पूरे प्राणों से करेगा, कि वह इस पुस्तक में लिखित वाचा का पालन कर सके.
32 Promovió que se comprometieran todos los que estaban en Jerusalén y Benjamín y que los habitantes de Jerusalén hicieran según el Pacto de ʼElohim, del ʼElohim de sus antepasados.
इसके अलावा उसने वहां उपस्थित येरूशलेम और बिन्यामिन वासियों से भी शपथ ली कि वे भी उसके साथ इसमें शामिल होंगे. तब येरूशलेम वासियों ने परमेश्वर की वाचा के अनुसार ही पालन किया-अपने पूर्वजों के परमेश्वर की वाचा के अनुसार.
33 Josías quitó todas las repugnancias de todas las tierras que pertenecían a los hijos de Israel y buscó que todos los que se hallaban en Israel sirvieran a Yavé su ʼElohim. En todo el tiempo que vivió Josías no se apartaron de seguir a Yavé, el ʼElohim de sus antepasados.
योशियाह ने इस्राएल के वंशजों के क्षेत्रों से सभी घृणित वस्तुएं हटा दी और इस्राएल में उपस्थित सभी को याहवेह उनके परमेश्वर की ही वंदना करने के लिए प्रेरित किया. योशियाह के पूरे जीवनकाल में वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह का अनुसरण करते रहने से भटके नहीं.

< 2 Crónicas 34 >