< 2 Crónicas 17 >
1 Su hijo Josafat reinó en su lugar y se fortaleció contra Israel.
आसा के स्थान पर उसका पुत्र यहोशाफ़ात शासक बना. उसने इस्राएल राज्य के विरुद्ध अपनी स्थिति मजबूत बना ली.
2 Destacó tropas en todas las ciudades fortificadas de Judá y colocó guarniciones en la tierra de Judá y en las ciudades de Efraín que su padre Asa capturó.
उसने यहूदिया के सभी गढ़ नगरों में सेना की टुकड़िया ठहरा दीं और यहूदिया और एफ्राईम में उसने सैनिकों की छावनियां बना दीं, जो उसके पिता आसा ने अधिकार में कर लिए थे.
3 Yavé estuvo con Josafat, porque anduvo en los procedimientos de su antepasado David. No acudió a los baales,
याहवेह यहोशाफ़ात की ओर थे क्योंकि वह अपने पिता के शुरुआती समय की नीतियों का अनुसरण करता रहा. उसने बाल की पूजा कभी नहीं की,
4 sino acudió al ʼElohim de su padre. Anduvo en sus Mandamientos y no según las obras de Israel.
बल्कि वह अपने पिता के परमेश्वर की ही खोज करता रहा, उन्हीं के आदेशों का पालन करता रहा. उसने वह सब कभी न किया, जो इस्राएल राज्य ने किया था.
5 Yavé confirmó el reino en su mano. Todo Judá dio presentes a Josafat, y tuvo riqueza y honores en abundancia.
फलस्वरूप याहवेह ने राज्य को उसके हाथ में स्थिर किया. पूरे यहूदिया राज्य की प्रजा राजा को भेंट दिया करती थी. राजा समृद्ध और सम्मान्य होता गया.
6 Su corazón se animó en los caminos de Yavé, y quitó de Judá los lugares altos y las Aseras.
याहवेह की नीतियों के प्रति वह बहुत ही उत्साही था. उसने यहूदिया राज्य में से सारे ऊंचे स्थानों पर बनी वेदियां और अशेराह देवी के खंभे नाश कर दिए.
7 En el tercer año de su reinado, [el rey Josafat] envió a sus magistrados Ben-hail, Abdías, Zacarías, Natanael y Micaías, a enseñar en las ciudades de Judá.
अपने शासन के तीसरे साल में उसने यहूदिया के नगरों में शिक्षा फैलाने के उद्देश्य से अपने ये अधिकारी भेज दिए: बेन-हाइल, ओबदिया, ज़करयाह, नेथानेल और मीकायाह.
8 Envió con ellos a los levitas Semaías, Netanías, Zebadías, Asael, Semiramot, Jonatán, Adonías, Tobías, Tobadonías y a los sacerdotes Elisama y Joram.
इनके साथ लेवी शेमायाह, नेथनियाह, ज़ेबादिया, आसाहेल, शेमिरामोथ, योनातन, अदोनियाह, तोबियाह और तोबादोनियाह. ये सभी लेवी थे. इनके साथ पुरोहित एलीशामा और यहोराम भी भेजे गए थे.
9 Ellos enseñaron en Judá y llevaban consigo el Rollo de la Ley de Yavé. Recorrieron todas las ciudades de Judá y enseñaban al pueblo.
इनके साथ याहवेह की व्यवस्था की पुस्तक थी. यहूदिया में उन्होंने इससे शिक्षा दी; उन्होंने सारे यहूदिया राज्य में घूमते हुए प्रजा को शिक्षा प्रदान की.
10 El pavor de Yavé cayó sobre todos los reinos de las tierras que estaban alrededor de Judá, y no hicieron guerra contra Josafat.
यहूदिया के पास के सभी राष्ट्रों में याहवेह का आतंक फैल चुका था. फलस्वरूप उन्होंने कभी यहोशाफ़ात पर हमला नहीं किया.
11 Algunos de los filisteos llevaban a Josafat presentes y plata como tributo. También los árabes le llevaron rebaños: 7.700 carneros y 7.700 machos cabríos.
कुछ फिलिस्तीनी तक यहोशाफ़ात को भेंट और चांदी चढ़ाया करते थे. अरब देश के लोगों ने उसके लिए सात हज़ार, सात सौ मेढ़े और सात हज़ार, सात सौ बकरे भेंट में दिए.
12 Josafat llegó a ser muy grande. Edificó en Judá fortalezas y ciudades de almacenamiento.
तब यहोशाफ़ात दिन पर दिन उन्नत होता चला गया. उसने यहूदिया राज्य में गढ़ और भंडार नगर बनाए.
13 Además tuvo muchas provisiones en las ciudades de Judá, y hombres de guerra muy valientes en Jerusalén.
यहूदिया में उसने बड़े भंडार घर बनवाकर रखे थे, साथ ही उसने येरूशलेम में योद्धा और वीर व्यक्ति चुनकर रखे थे.
14 Éste era el número de ellos, según sus casas paternas: de los comandantes de millares de Judá, el jefe era Adnas, con 300.000 guerreros valientes;
उनके पूर्वजों के परिवारों के अनुसार उनकी गिनती इस प्रकार थी: यहूदिया से एक हज़ार अधिकारी प्रधान: अदनाह तीन हज़ार कुशल सैनिकों का सेनापति था;
15 le seguía el jefe Johanán, con 280.000;
येहोहानन दो लाख अस्सी हज़ार का सेनापति था;
16 luego Amasías, hijo de Zicri, quien se ofreció voluntariamente a Yavé, con 200.000 hombres valientes;
ज़ीकरी का पुत्र अमासियाह अपनी इच्छा से याहवेह की सेवा कर रहा था. उसने दो लाख कुशल सैनिकों का नेतृत्व किया.
17 de Benjamín, Eliada, hombre muy valiente, y con él 200.000 que llevaban arco y escudo;
बिन्यामिन क्षेत्र से: एक वीर योद्धा था एलियादा और उसके साथ थे दो लाख सैनिक, जो धनुष और ढाल से लैस थे;
18 y a continuación, Jozabad, con 180.000 hombres equipados para la guerra.
उसके बाद था योज़ाबाद उसके साथ एक लाख अस्सी हज़ार युद्ध के लिए तैयार सैनिक थे.
19 Éstos eran los que servían al rey, aparte de los que el rey destacó en las ciudades fortificadas por todo Judá.
ये सभी सारे यहूदिया में बने गढ़ नगरों में राजा द्वारा नियुक्त सैनिकों के अलावा राजा की सेवा में लगे थे.