< Génesis 23 >

1 Sara vivió ciento veintisiete años. Esta fue la duración de la vida de Sara.
सारा तो एक सौ सताईस वर्ष की आयु को पहुँची; और जब सारा की इतनी आयु हुई;
2 Sara murió en Quiriat Arba (también llamada Hebrón), en la tierra de Canaán. Abraham vino a hacer duelo por Sara y a llorarla.
तब वह किर्यतअर्बा में मर गई। यह तो कनान देश में है, और हेब्रोन भी कहलाता है। इसलिए अब्राहम सारा के लिये रोने-पीटने को वहाँ गया।
3 Abraham se levantó de delante de su muerta y habló a los hijos de Het, diciendo:
तब अब्राहम शव के पास से उठकर हित्तियों से कहने लगा,
4 “Soy extranjero y forastero y vivo con vosotros. Dadme posesión de un lugar de enterramiento con vosotros, para que pueda enterrar a mi muerta delante de mí”.
“मैं तुम्हारे बीच अतिथि और परदेशी हूँ; मुझे अपने मध्य में कब्रिस्तान के लिये ऐसी भूमि दो जो मेरी निज की हो जाए, कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख से दूर करूँ।”
5 Los hijos de Het respondieron a Abraham, diciéndole:
हित्तियों ने अब्राहम से कहा,
6 “Escúchanos, mi señor. Tú eres un príncipe de Dios entre nosotros. Entierra a tu muerta en la mejor de nuestras tumbas. Ninguno de nosotros te negará su tumba. Entierra a tu muerta”.
“हे हमारे प्रभु, हमारी सुन; तू तो हमारे बीच में बड़ा प्रधान है। हमारी कब्रों में से जिसको तू चाहे उसमें अपने मृतक को गाड़; हम में से कोई तुझे अपनी कब्र के लेने से न रोकेगा, कि तू अपने मृतक को उसमें गाड़ने न पाए।”
7 Abraham se levantó y se inclinó ante el pueblo de aquella tierra, ante los hijos de Het.
तब अब्राहम उठकर खड़ा हुआ, और हित्तियों के सामने, जो उस देश के निवासी थे, दण्डवत् करके कहने लगा,
8 Habló con ellos diciendo: “Si estáis de acuerdo en que entierre a mi muerta fuera de mi vista, escuchadme y rogad por mí a Efrón, hijo de Zohar,
“यदि तुम्हारी यह इच्छा हो कि मैं अपने मृतक को गाड़कर अपनी आँख से दूर करूँ, तो मेरी प्रार्थना है, कि सोहर के पुत्र एप्रोन से मेरे लिये विनती करो,
9 para que me venda la cueva de Macpela que tiene, que está en el extremo de su campo. Por el precio completo que me la venda entre ustedes como posesión para un lugar de entierro”.
कि वह अपनी मकपेलावाली गुफा, जो उसकी भूमि की सीमा पर है; उसका पूरा दाम लेकर मुझे दे दे, कि वह तुम्हारे बीच कब्रिस्तान के लिये मेरी निज भूमि हो जाए।”
10 Efrón estaba sentado en medio de los hijos de Het. Efrón el hitita respondió a Abraham a la vista de los hijos de Het, de todos los que entraban por la puerta de su ciudad, diciendo:
१०एप्रोन तो हित्तियों के बीच वहाँ बैठा हुआ था, इसलिए जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने उसने अब्राहम को उत्तर दिया,
11 “No, señor mío, escúchame. Yo te doy el campo, y te doy la cueva que hay en él. En presencia de los hijos de mi pueblo te lo doy. Entierra a tu muerta”.
११“हे मेरे प्रभु, ऐसा नहीं, मेरी सुन; वह भूमि मैं तुझे देता हूँ, और उसमें जो गुफा है, वह भी मैं तुझे देता हूँ; अपने जातिभाइयों के सम्मुख मैं उसे तुझको दिए देता हूँ; अतः अपने मृतक को कब्र में रख।”
12 Abraham se inclinó ante el pueblo de aquella tierra.
१२तब अब्राहम ने उस देश के निवासियों के सामने दण्डवत् किया।
13 Habló a Efrón en la audiencia del pueblo de la tierra, diciendo Daré el precio del campo. Tómalo de mi parte, y enterraré allí a mi muerta”.
१३और उनके सुनते हुए एप्रोन से कहा, “यदि तू ऐसा चाहे, तो मेरी सुन उस भूमि का जो दाम हो, वह मैं देना चाहता हूँ; उसे मुझसे ले ले, तब मैं अपने मुर्दे को वहाँ गाड़ूँगा।”
14 Efrón respondió a Abraham, diciéndole:
१४एप्रोन ने अब्राहम को यह उत्तर दिया,
15 “Señor mío, escúchame. ¿Qué es un pedazo de tierra que vale cuatrocientos siclos de plata entre tú y yo? Entierra, pues, a tu muerta”.
१५“हे मेरे प्रभु, मेरी बात सुन; उस भूमि का दाम तो चार सौ शेकेल रूपा है; पर मेरे और तेरे बीच में यह क्या है? अपने मुर्दे को कब्र में रख।”
16 Abraham escuchó a Efrón. Abraham pesó a Efrón la plata que había nombrado al oír a los hijos de Het, cuatrocientos siclos de plata, según el patrón de los mercaderes corrientes.
१६अब्राहम ने एप्रोन की मानकर उसको उतना रूपा तौल दिया, जितना उसने हित्तियों के सुनते हुए कहा था, अर्थात् चार सौ ऐसे शेकेल जो व्यापारियों में चलते थे।
17 Así que el campo de Efrón, que estaba en Macpela, que estaba delante de Mamre, el campo, la cueva que había en él, y todos los árboles que había en el campo, que estaban en todos sus límites, fueron escriturados
१७इस प्रकार एप्रोन की भूमि, जो मम्रे के सम्मुख मकपेला में थी, वह गुफा समेत, और उन सब वृक्षों समेत भी जो उसमें और उसके चारों ओर सीमा पर थे,
18 a Abraham como posesión en presencia de los hijos de Het, ante todos los que entraban a la puerta de su ciudad.
१८जितने हित्ती उसके नगर के फाटक से होकर भीतर जाते थे, उन सभी के सामने अब्राहम के अधिकार में पक्की रीति से आ गई।
19 Después de esto, Abraham enterró a Sara, su esposa, en la cueva del campo de Macpela, frente a Mamre (es decir, Hebrón), en la tierra de Canaán.
१९इसके पश्चात् अब्राहम ने अपनी पत्नी सारा को उस मकपेलावाली भूमि की गुफा में जो मम्रे के अर्थात् हेब्रोन के सामने कनान देश में है, मिट्टी दी।
20 El campo y la cueva que hay en él fueron legados a Abraham por los hijos de Het como posesión para un lugar de enterramiento.
२०इस प्रकार वह भूमि गुफा समेत, जो उसमें थी, हित्तियों की ओर से कब्रिस्तान के लिये अब्राहम के अधिकार में पूरी रीति से आ गई।

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