< Deuteronomio 5 >

1 Moisés llamó a todo Israel y les dijo: “Escucha, Israel, los estatutos y las ordenanzas que hoy les hablo en sus oídos, para que los aprendan y cuiden de cumplirlos.”
फिर मूसा ने सब इस्रराईलियों को बुलावा कर उनको कहा, ऐ इस्राईलियो। तुम उन आईन और अहकाम को सुन लो, जिनको मैं आज तुमको सुनाता हूँ, ताकि तुम उनको सीख कर उन पर 'अमल करो।
2 Yahvé, nuestro Dios, hizo un pacto con nosotros en Horeb.
ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने होरिब में हमसे एक 'अहद बाँधा।
3 Yahvé no hizo este pacto con nuestros padres, sino con nosotros, que somos todos los que estamos aquí vivos hoy.
ख़ुदावन्द ने यह 'अहद हमारे बाप — दादा से नहीं, बल्कि ख़ुद हम सब से जो यहाँ आज के दिन जीते हैं बाँधा।
4 Yahvé habló con ustedes cara a cara en el monte, en medio del fuego,
ख़ुदावन्द ने तुमसे उस पहाड़ पर, आमने — सामने आग के बीच में से बातें कीं।
5 (yo me interpuse entre Yahvé y ustedes en ese momento, para mostrarles la palabra de Yahvé; porque vosotros tuvisteis miedo a causa del fuego y no subieron al monte) diciendo,
उस वक़्त मैं तुम्हारे और ख़ुदावन्द के बीच खड़ा हुआ ताकि ख़ुदावन्द का कलाम तुम पर ज़ाहिर करूँ क्यूँकि तुम आग की वजह से डरे हुए थे और पहाड़ पर न चढ़े।
6 “Yo soy Yahvé, tu Dios, que te sacó de la tierra de Egipto, de la casa de la esclavitud.
तब उसने कहा, 'ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा, जो तुझको मुल्क — ए — मिस्र या'नी ग़ुलामी के घर से निकाल लाया, मैं हूँ।
7 “No tendréis otros dioses delante de mí.
'मेरे आगे तू और मा'बूदों को न मानना।
8 “No te harás ninguna imagen tallada, ni ninguna semejanza de lo que está arriba en el cielo, ni de lo que está abajo en la tierra, ni de lo que está en las aguas debajo de la tierra.
'तू अपने लिए कोई तराशी हुई मूरत न बनाना, न किसी चीज़ की सूरत बनाना जो ऊपर आसमान में या नीचे ज़मीन पर या ज़मीन के नीचे पानी में है।
9 No te inclinarás ante ellas, ni las servirás, porque yo, Yahvé vuestro Dios, soy un Dios celoso, que visita la iniquidad de los padres en los hijos y en la tercera y cuarta generación de los que me odian
तू उनके आगे सिज्दा न करना और न उनकी इबादत करना, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा ग़य्यूर ख़ुदा हूँ। और जो मुझसे 'अदावत रखते हैं उनकी औलाद को तीसरी और चौथी नसल तक बाप — दादा की बदकारी की सज़ा देता हूँ
10 y que muestra bondad amorosa a miles de los que me aman y guardan mis mandamientos.
और हज़ारों पर जो मुझसे मुहब्बत रखते और मेरे हुक्मों को मानते हैं, रहम करता हूँ।
11 “No harás mal uso del nombre de Yahvé, tu Dios; porque Yahvé no declarará inocente al que haga mal uso de su nombre.
'तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का नाम बेफ़ायदा न लेना; क्यूँकि ख़ुदावन्द उसको जो उसका नाम बेफ़ायदा लेता है, बेगुनाह न ठहराएगा।
12 “Observa el día de reposo, para santificarlo, como te lo ordenó Yahvé vuestro Dios.
'तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्म के मुताबिक़ सबत के दिन को याद करके पाक मानना।
13 Trabajarás seis días y harás todo tu trabajo;
छ: दिन तक तू मेहनत करके अपना सारा काम — काज करना;
14 pero el séptimo día es sábado para Yahvé vuestro Dios, en el cual no harás ningún trabajo, ni tú, ni tu hijo, ni tu hija, ni tu siervo, ni tu sierva, ni tu buey, ni tu asno, ni ninguno de tus animales, ni tu extranjero que esté dentro de tus puertas; para que tu siervo y tu sierva descansen como tú.
लेकिन सातवाँ दिन ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा का सबत है उसमें न तू कोई काम करे, न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा ग़ुलाम, न तेरी लौंडी, न तेरा बैल, न तेरा गधा, न तेरा और कोई जानवर और न कोई मुसाफ़िर जो तेरे फाटकों के अन्दर हों; ताकि तेरा ग़ुलाम और तेरी लौंडी भी तेरी तरह आराम करें।
15 Recordarás que fuiste siervo en la tierra de Egipto, y que el Señor tu Dios te sacó de allí con mano poderosa y brazo extendido. Por eso el Señor, tu Dios, te ordenó que guardes el día de reposo.
और याद रखना कि तू मुल्क — ए — मिस्र में ग़ुलाम था, और वहाँ से ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा अपने ताक़तवर हाथ और बलन्द बाज़ू से तुझको निकाल लाया; इसलिए ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको सबत के दिन को मानने का हुक्म दिया।
16 “Honra a tu padre y a tu madre, como te ha ordenado Yahvé vuestro Dios, para que tus días se alarguen y te vaya bien en la tierra que Yahvé vuestro Dios te da.
'अपने बाप और अपनी माँ की 'इज़्ज़त करना, जैसा ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझे हुक्म दिया है; ताकि तेरी उम्र दराज़ हो और जो तेरा मुल्क ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदातुझे देता है उसमें तेरा भला हो।
17 “No matarás.
तू ख़ून न करना।
18 “No cometerás adulterio.
'तू ज़िना न करना।
19 “No robarás.
“तू चोरी न करना।
20 “No darás falso testimonio contra tu prójimo.
'तू अपने पड़ोसी के ख़िलाफ़ झूठी गवाही न देना।
21 “No codiciarás la mujer de tu prójimo. Tampoco desearás la casa de tu prójimo, ni su campo, ni su siervo, ni su sierva, ni su buey, ni su asno, ni nada que sea de tu prójimo”.
'तू अपने पड़ोसी की बीवी का लालच न करना, और न अपने पड़ोसी के घर, या उसके खेत, या ग़ुलाम, या लौंडी, या बैल, या गधे, या उसकी किसी और चीज़ का ख़्वाहिश मन्द होना।
22 El Señor dijo estas palabras a toda tu asamblea en la montaña, en medio del fuego, de la nube y de la espesa oscuridad, con una gran voz. No añadió nada más. Las escribió en dos tablas de piedra y me las dio.
“यही बातें ख़ुदावन्द ने उस पहाड़ पर, आग और घटा और ज़ुलमत में से तुम्हारी सारी जमा'अत को बलन्द आवाज़ से कहीं, और इससे ज़्यादा और कुछ न कहा और इन ही को उसने पत्थर की दो तख़्तियों पर लिखा और उनको मेरे सुपुर्द किया।
23 Cuando oísteis la voz en medio de las tinieblas, mientras la montaña ardía en fuego, os acercasteis a mí, todos los jefes de vuestras tribus y vuestros ancianos;
'और जब वह पहाड़ आग से दहक रहा था, और तुमने वह आवाज़ अन्धेरे में से आती सुनी तो तुम और तुम्हारे क़बीलों के सरदार और बुज़ुर्ग मेरे पास आए।
24 y dijisteis: “He aquí que el Señor, nuestro Dios, nos ha mostrado su gloria y su grandeza, y hemos oído su voz en medio del fuego. Hoy hemos visto que Dios habla con el hombre, y él vive.
और तुम कहने लगे, कि ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने अपनी शौकत और 'अज़मत हमको दिखाई, और हमने उसकी आवाज़ आग में से आती सुनी; आज हमने देख लिया के ख़ुदावन्द इंसान से बातें करता है तो भी इंसान ज़िन्दा रहता है।
25 Ahora, pues, ¿por qué hemos de morir? Porque este gran fuego nos consumirá. Si seguimos oyendo la voz de Yahvé, nuestro Dios, moriremos.
इसलिए अब हम क्यूँ अपनी जान दें? क्यूँकि ऐसी बड़ी आग हमको भसम कर देगी, अगर हम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की आवाज़ फिर सुनें तो मर ही जाएँगे।
26 Porque ¿quién hay de toda carne que haya oído la voz del Dios vivo hablando desde el medio del fuego, como nosotros, y haya vivido?
क्यूँकि ऐसा कौन सा बशर है जिसने ज़िन्दा ख़ुदा की आवाज़ हमारी तरह आग में से आती सुनी हो और फिर भी ज़िन्दा रहा?
27 Acércate y escucha todo lo que diga Yahvé nuestro Dios, y cuéntanos todo lo que te diga Yahvé nuestro Dios; y lo oiremos y lo haremos.”
इसलिए तू ही नज़दीक जाकर जो कुछ ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा कहे उसे सुन ले, और तू ही वह बातें जो ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा तुझ से कहे हमको बताना; और हम उसे सुनेंगे और उस पर 'अमल करेंगे।
28 Yahvé oyó la voz de tus palabras cuando me hablaste; y Yahvé me dijo: “He oído la voz de las palabras de este pueblo que te han dicho. Han dicho bien todo lo que han dicho.
“और जब तुम मुझसे गुफ़्तगू कर रहे थे तो ख़ुदावन्द ने तुम्हारी बातें सुनीं। तब ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा, कि मैंने इन लोगों की बातें, जो उन्होंने तुझ से कहीं सुनी हैं; जो कुछ उन्होंने कहा ठीक कहा।
29 ¡Oh, si hubiera en ellos un corazón tal que me temieran y guardaran siempre todos mis mandamientos, para que les fuera bien a ellos y a sus hijos para siempre!
काश उनमें ऐसा ही दिल हो ताकि वह मेरा ख़ौफ़ मान कर हमेशा मेरे सब हुक्मों पर 'अमल करते, ताकि हमेशा उनका और उनकी औलाद का भला होता।
30 “Ve y diles: ‘Volved a vuestras tiendas’.
इसलिए तू जाकर उनसे कह दे, कि तुम अपने ख़ेमों को लौट जाओ।
31 Pero en cuanto a ti, quédate aquí junto a mí, y te diré todos los mandamientos, los estatutos y las ordenanzas que les enseñarás, para que los cumplan en la tierra que les doy en posesión.”
लेकिन तू यहीं मेरे पास खड़ा रह और मैं वह सब फ़रमान और सब आईन और अहकाम जो तुझे उनको सिखाने हैं, तुझको बताऊँगा; ताकि वह उन पर उस मुल्क में जो मैं उनको क़ब्ज़ा करने के लिए देता हूँ, 'अमल करें।
32 Por lo tanto, deberás hacer lo que el Señor, tu Dios, te ha ordenado. No te desviarás ni a la derecha ni a la izquierda.
इसलिए तुम एहतियात रखना और जैसा ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुमको हुक्म दिया है वैसा ही करना, और दहने या बाएँ हाथ को न मुड़ना।
33 Caminarás por todo el camino que Yahvé vuestro Dios te ha ordenado, para que vivas y te vaya bien, y para que prolongues tus días en la tierra que vas a poseer.
तुम उस सारे रास्ते पर जिसका हुक्म ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुमको दिया है चलना; ताकि तुम ज़िन्दा रहो और तुम्हारा भला हो, और तुम्हारी उम्र उस मुल्क में जिस पर तुम क़ब्ज़ा करोगे दराज़ हो।

< Deuteronomio 5 >