< Salmos 30 >
1 Un Salmo de David. Un Salmo para la dedicación del Templo. Quiero decirle a todos cuán bueno eres, Señor, porque me salvaste, y no dejaste que mis enemigos triunfaran sobre mí.
ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरी तम्जीद करूँगा; क्यूँकि तूने मुझे सरफ़राज़ किया है; और मेरे दुश्मनों को मुझ पर खु़श होने न दिया।
2 Señor, mi Dios, te pedí ayuda, y me has sanado.
ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा!, मैंने तुझ से फ़रियाद की और तूने मुझे शिफ़ा बख़्शी।
3 Señor, me rescataste de la tumba, me trajiste de vuelta a la vida, salvándome de ir al hoyo de la muerte. (Sheol )
ऐ ख़ुदावन्द, तू मेरी जान को पाताल से निकाल लाया है; तूने मुझे ज़िन्दा रख्खा है कि क़ब्र में न जाऊँ। (Sheol )
4 ¡Tú que confías en el Señor, canta alabanzas a él, agradece por su santo carácter!
ख़ुदावन्द की सिताइश करो, ऐ उसके पाक लोगों! और उसके पाकीज़गी को याद करके शुक्रगुज़ारी करो।
5 Porque su furia solo dura un momento, pero su favor dura toda la vida. Puedes pasar la noche llorando, pero la felicidad viene con la mañana.
क्यूँकि उसका क़हर दम भर का है, उसका करम उम्र भर का। रात को शायद रोना पड़े पर सुबह को ख़ुशी की नौबत आती है।
6 Cuando las cosas iban bien dije, “¡Nada me hará temblar!”
मैंने अपनी इक़बालमंदी के वक़्त यह कहा था, कि मुझे कभी जुम्बिश न होगी।
7 Señor, cuando me mostraste tu favor permanecí tan fuerte como una montaña. Pero cuando te apartaste de mí estaba aterrorizado.
ऐ ख़ुदावन्द, तूने अपने करम से मेरे पहाड़ को क़ाईम रख्खा था; जब तूने अपना चेहरा छिपाया तो मैं घबरा उठा।
8 Clamé a ti por ayuda. Le pedí ayuda al señor, diciendo:
ऐ ख़ुदावन्द, मैंने तुझ से फ़रियाद की; मैंने ख़ुदावन्द से मिन्नत की,
9 ¿Qué podrías ganar si yo muero, si me hundo en el hoyo de la muerte? ¿Podrá el polvo alabarte? ¿Podrá hablar de ti?
जब मैं क़ब्र में जाऊँ तो मेरी मौत से क्या फ़ायदा? क्या ख़ाक तेरी सिताइश करेगी? क्या वह तेरी सच्चाई को बयान करेगी?
10 Por favor escúchame, Señor, ¡Y ten misericordia de mi! Señor, eres el único que me ayuda.
सुन ले ऐ ख़ुदावन्द, और मुझ पर रहम कर; ऐ ख़ुदावन्द, तू मेरा मददगार हो।
11 Has convertido mi llanto en danza. Has quitado mis vestiduras de cilicio y me has vestido de felicidad,
तूने मेरे मातम को नाच से बदल दिया; तूने मेरा टाट उतार डाला और मुझे ख़ुशी से कमरबस्ता किया,
12 para que cante alabanzas a ti y no me quede callado. Señor mi Dios, ¡Te agradeceré por siempre!
ताकि मेरी रूह तेरी मदहसराई करे और चुप न रहे। ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, मैं हमेशा तेरा शुक्र करता रहूँगा।