< Proverbios 27 >

1 No te jactes de lo que harás mañana, porque no sabes lo que traerá el día.
भावी कल तुम्हारे गर्व का विषय न हो, क्योंकि तुम यह नहीं जानते कि दिन में क्या घटनेवाला है.
2 Deja que los demás te alaben, y no te alabes a ti mismo; que lo hagan otros y no tu.
कोई अन्य तुम्हारी प्रशंसा करे तो करे, तुम स्वयं न करना; कोई अन्य कोई अपरिचित तुम्हारी प्रशंसा करे तो करे, तुम स्वयं न करना, स्वयं अपने मुख से नहीं.
3 La piedra puede ser pesada, y la arena puede pesar mucho, pero la molestia causada por la gente estúpida es la mayor carga de todas.
पत्थर भारी होता है और रेत का भी बोझ होता है, किंतु इन दोनों की अपेक्षा अधिक भारी होता है मूर्ख का क्रोध.
4 La furia puede ser feroz y cruel; la ira puede ser una inundación destructiva, pero ¿quién podrá soportar los celos?
कोप में क्रूरता निहित होती है तथा रोष में बाढ़ के समान उग्रता, किंतु ईर्ष्या के समक्ष कौन ठहर सकता है?
5 La crítica abierta es mejor que el amor que no se ve.
छिपे प्रेम से कहीं अधिक प्रभावशाली है प्रत्यक्ष रूप से दी गई फटकार.
6 Los comentarios honestos de un amigo pueden herirte, pero el beso de un enemigo es mucho peor.
मित्र द्वारा किए गए घाव भी विश्वासयोग्य है, किंतु विरोधी चुम्बनों की वर्षा करता है!
7 Si estás lleno, no soportarás ni siquiera ver la miel; pero si estás hambriento, hasta la comida más amarga sabe dulce.
जब भूख अच्छी रीति से तृप्‍त की जा चुकी है, तब मधु भी अप्रिय लगने लगता है, किंतु अत्यंत भूखे व्यक्ति के लिए कड़वा भोजन भी मीठा हो जाता है.
8 Tener que salir de casa es como el ave que tiene que dejar su nido.
अपने घर से दूर चला गया व्यक्ति वैसा ही होता है जैसे अपने घोंसले से भटक चुका पक्षी.
9 El perfume y los aceites perfumados te harán sentir contento, pero el buen consejo de un amigo es aún mejor.
तेल और सुगंध द्रव्य हृदय को मनोहर कर देते हैं, उसी प्रकार सुखद होता है खरे मित्र का परामर्श.
10 No abandones a tus amigos o a los amigos de tu familia. No vayas a la casa de un familiar cuando estés en problemas. Un amigo cercano es mejor que un familiar lejano.
अपने मित्र तथा अपने माता-पिता के मित्र की उपेक्षा न करना. अपनी विपत्ति की स्थिति में अपने भाई के घर भेंट करने न जाना. दूर देश में जा बसे तुम्हारे भाई से उत्तम है तुम्हारे निकट निवास कर रहा पड़ोसी.
11 Hijo mío hazme feliz con tu sabiduría, para poder responder a los que me critiquen.
मेरे पुत्र, कैसा मनोहर होगा मेरा हृदय, जब तुम स्वयं को बुद्धिमान प्रमाणित करोगे; तब मैं अपने निंदकों को मुंह तोड़ प्रत्युत्तर दे सकूंगा.
12 Si eres prudente, verás venir el peligro y te apartarás de él; pero los necios siguen adelante y sufren las consecuencias.
चतुर व्यक्ति जोखिम को देखकर छिप जाता है, किंतु अज्ञानी आगे ही बढ़ता जाता है, और यातना सहता है.
13 Si alguno sirve como fiador de un extranjero, dejando su abrigo como garantía de pago, tómalo inmediatamente. ¡Toma todo lo que haya sido entregado como pago a favor de una mujer inmoral!
जो किसी अनजान के ऋण की ज़मानत देता है, वह अपने वस्त्र तक गंवा बैठता है; जब कोई अनजान व्यक्तियों की ज़मानत लेने लगे, तब प्रतिभूति सुरक्षा में उसका वस्त्र भी रख ले.
14 Si al levantarte cada mañana gritas un fuerte saludo a tus vecinos, ellos lo considerarán como un insulto.
यदि किसी व्यक्ति को प्रातःकाल में अपने पड़ोसी को उच्च स्वर में आशीर्वाद देता हुआ सुनो, तो उसे शाप समझना.
15 Una esposa conflictiva es tan fastidiosa como una gotera constante en un día lluvioso.
विवादी पत्नी तथा वर्षा ऋतु में लगातार वृष्टि, दोनों ही समान हैं,
16 Tratar de detenerla es como tratar de hacer que el viento se detenta, o tratar de sostener el aceite en tus manos.
उसे नियंत्रित करने का प्रयास पवन वेग को नियंत्रित करने का प्रयास जैसा, अथवा अपने दायें हाथ से तेल को पकड़ने का प्रयास जैसा.
17 Una hoja de hierro se afila con una herramienta de hierro. De la misma manera, la mente de una persona se moldea con la mente de otra.
जिस प्रकार लोहे से ही लोहे पर धार बनाया जाता है, वैसे ही एक व्यक्ति दूसरे के सुधार के लिए होते है.
18 Los que cuidan de una higuera comen su fruto, Y los que cuidan de su amo serán recompensados.
अंजीर का फल वही खाता है, जो उस वृक्ष की देखभाल करता है, वह, जो अपने स्वामी का ध्यान रखता है, सम्मानित किया जाएगा.
19 Así como el agua refleja tu rostro, tu mente refleja quién eres realmente.
जिस प्रकार जल में मुखमंडल की छाया देख सकते हैं, वैसे ही व्यक्ति का जीवन भी हृदय को प्रतिबिंबित करता है.
20 De la misma manera que la tumba y la destrucción no se satisfacen, el deseo humano nunca está satisfecho. (Sheol h7585)
मृत्यु और विनाश अब तक संतुष्ट नहीं हुए हैं, मनुष्य की आंखों की अभिलाषा भी कभी संतुष्ट नहीं होती. (Sheol h7585)
21 Así como el crisol prueba la plata, y el horno prueba el oro, las personas son probadas por la alabanza que reciben.
चांदी की परख कुठाली से तथा स्वर्ण की भट्टी से होती है, वैसे ही मनुष्य की परख उसकी प्रशंसा से की जाती है.
22 Incluso si se mezclan todos los tontos en un mortero, aplastándolos como al grano, no podrías deshacerte de su estupidez.
यदि तुम मूर्ख को ओखली में डालकर मूसल से अनाज के समान भी कूटो, तुम उससे उसकी मूर्खता को अलग न कर सकोगे.
23 Debes conocer bien el estado de tu rebaño y cuidar bien de tus manadas,
अनिवार्य है कि तुम्हें अपने पशुओं की स्थिति का यथोचित ज्ञान हो, अपने पशुओं का ध्यान रखो;
24 porque la riqueza no dura para siempre. Es una corona que anda por generaciones.
क्योंकि, न तो धन-संपत्ति चिरकालीन होती है, और न यह कहा जा सकता है कि राजपाट आगामी सभी पीढ़ियों के लिए सुनिश्चित हो गया.
25 Cuando se corte el heno y comience a crecer la nueva hierba, cuando se recoja el forraje de las montañas;
जब सूखी घास एकत्र की जा चुकी हो और नई घास अंकुरित हो रही हो, जब पर्वतों से जड़ी-बूटी एकत्र की जाती है,
26 cuando los corderos hayan provisto la lana para hacer ropa, y la venta de las cabras haya provisto dinero para el campo,
तब मेमनों से तुम्हारे वस्त्रों की आवश्यकता की पूर्ति होगी, और तुम बकरियों के मूल्य से खेत मोल ले सकोगे,
27 habrá suficiente leche de tus cabras para alimentarte tu, tu familia y tus siervas.
बकरियों के दूध इतना भरपूर होगा कि वह तुम्हारे संपूर्ण परिवार के लिए पर्याप्‍त भोजन रहेगा; तुम्हारी सेविकाओं की ज़रूरत भी पूर्ण होती रहेगी.

< Proverbios 27 >