< Joel 3 >

1 Cuando todo esto suceda, cuando y traiga a los exiliados a Jerusalén y Judá,
“उन दिनों में और उस समय पर, जब मैं यहूदिया और येरूशलेम के लोगों को बंधुआई से लौटा लाऊंगा,
2 reuniré a todas las naciones en el valle de Josafat y allí las juzgaré a favor de Israel, mi heredad, a quienes han esparcido por todas las naciones, dividiendo así a mi tierra.
तब मैं सब जाति के लोगों को इकट्ठा करूंगा और उन्हें नीचे यहोशाफ़ात की घाटी में ले आऊंगा. वहां मैं उनकी परीक्षा करूंगा उन्होंने मेरे निज भाग अर्थात् मेरे लोग इस्राएलियों के साथ जो कुछ किया, उसके लिये. क्योंकि उन्होंने मेरे लोगों को जाति-जाति के लोगों के बीच तितर-बितर कर दिया है और उन्होंने मेरे देश को बांट दिया है.
3 Lanzan suertes sobre mi pueblo. Han vendido jóvenes varones como pago por prostitutas y jóvenes mujeres como pago por vino para beber.
वे मेरे लोगों के लिये पांसा फेंकते हैं और उन्होंने वेश्याओं के बदले में लड़कों को दे दिया है; उन्होंने दाखमधु पीने के लिये लड़कियों को बेच दिया है.
4 ¿Qué quieren de mi ustedes, Tiro, Sidón y regiones de Filistea? ¿Quieren vengarse de mi? Si lo que desean es vengarse, yo me vengaré por lo que ustedes han hecho.
“हे सोर और सीदोन और फिलिस्तिया के सारे क्षेत्र के लोगों, अब तुम्हारे पास मेरे विरुद्ध में क्या है? क्या तुम उस बात का बदला चुका रहे हो, जो मैंने किया है? यदि तुम मुझे वापस बदला चुका रहे हो, तो मैं शीघ्र ही, तेजी से, तुम्हारे द्वारा किए गए कामों को वापस तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा.
5 Porque ustedes se han robado mi plata y mi oro, así como mis más preciados tesoros, para ponerlos en sus templos.
क्योंकि तुमने मेरी चांदी और मेरा सोना ले लिया है और मेरे बहुमूल्य खजानों को अपने मंदिरों में रख लिया है.
6 Ustedes vendieron al pueblo de Judá y de Jerusalén a los griegos para que fueran explulsados de sus tierras.
तुमने यहूदिया और येरूशलेम के लोगों को यूनानियों के हाथ बेच दिया, ताकि तुम उन्हें उनके देश से दूर कर सको.
7 ¡Pero tengan cuidado! Yo los sacaré de los lugares a donde ustedes los enviaron, y los traeré de regreso, y a ustedes les daré su merecido por lo que han hecho.
“देखो, मैं उन्हें उन स्थानों से लौटाकर लानेवाला हूं, जहां तुमने उन्हें बेच दिया था, और तुम्हारे किए गये कामों को वापस तुम्हारे ही सिर पर डाल दूंगा.
8 Venderé a sus hijos e hijas al pueblo de Judá, y ellos venderán a los Sabeos, una nación lejana. Yo, el Señor, he hablado.
मैं तुम्हारे बेटे और बेटियों को यहूदिया के लोगों के हाथ बेच दूंगा, और वे उन्हें बहुत दूर रहनेवाली एक जाति शबाईयों के हाथ बेच देंगे.” याहवेह ने कहा है.
9 Proclamen esto entre las naciones: “¡Prepárense para la guerra! ¡Llamen a los guerreros poderosos! ¡Que se preparen los soldados por anticipado!
जाति-जाति के लोगों के बीच यह घोषणा करो: युद्ध की तैयारी करो! योद्धाओं को आव्हान करो! लड़ने वाले सब लोग निकट आये और आक्रमण करें.
10 Forjen las puntas de las palas para el arado y hagan espadas con ellas. Conviertan sus podaderas en lanzas. Incluso los débiles deberán decir: ‘Soy un soldado fuerte!’
अपने हल की फालों को पीटकर उनकी तलवारें बना लो और अपने हंसियों को पीटकर उनकी बर्छियां बना लो. जो दुर्बल है वह कहे, “मैं बलवान हूं!”
11 Apresúrense y vengan todas las naciones de todas partes, y reúnanse aquí. ¡Trae tus Guerreros, Señor!
चारों तरफ के जाति-जाति के सब लोगों, जल्दी करके आओ, और वहां तुम इकट्‍ठे हो जाओ. हे याहवेह, अपने योद्धाओं को नीचे ले आइए!
12 Que se alisten las naciones, y vengan al valle de Josafat, porque allí me sentaré a hacer el juicio de todas las naciones.
“जाति-जाति के लोग उत्तेजित हों; और वे यहोशाफ़ात की घाटी में जाएं, क्योंकि वहां मैं चारों तरफ के जाति-जाति के सब लोगों का न्याय करने बैठूंगा.
13 “Comiencen a usar la hoz, porque la cosecha está madura. Vengan y pisen las uvas, porque la presa de vino está llena y las tinajas rebosan porque su maldad es grande.
हंसिया चलाना शुरू करो, क्योंकि फसल पक गयी है. आओ, अंगूर को रौंदो, क्योंकि अंगूर-रस का कुंड भर गया है और हौज छलक रहे हैं— उनकी दुष्टता बहुत ज्यादा है!”
14 Hay grandes multitudes en el valle del veredicto del Señor. Porque el día del Señor está cerca en el valle de su veredicto.
निर्णय की घाटी में लोगों की भीड़ ही भीड़ है! क्योंकि निर्णय की घाटी में याहवेह का दिन निकट है.
15 El sol y la luna se oscurecerán, y las estrellas dejarán de brillar.
सूर्य और चंद्रमा पर अंधकार छा गया है, और तारे चमकना बंद कर देंगे.
16 El Señor rugirá desde Sión, alzando su voz desde Jerusalén, haciendo estremecer los cielos y la tierra. Pero el Señor resguardará a su pueblo, y protegerá al pueblo de Israel.
याहवेह ज़ियोन से गरजेंगे और येरूशलेम से गर्जन सुनाई देगा; आकाश और पृथ्वी कांप उठेंगे. पर याहवेह अपने लोगों के लिए एक शरणस्थान, और इस्राएल के लोगों के लिए एक सुरक्षा गढ़ होंगे.
17 Entonces sabrán que yo, el Señor su Dios, habito en Sión, mi santo monte, y Jerusalén será para siempre un lugar sagrado, y ningún extranjero pasará por ella de nuevo.
“तब तुम जानोगे कि मैं, याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो अपने पवित्र पर्वत, ज़ियोन पर निवास करता हूं. येरूशलेम एक पवित्र स्थान होगा; परदेशी फिर कभी उस पर आक्रमण न कर पाएंगे.
18 “En ese tiempo, descenderá vino nuevo de las montañas, y las colinas producirán leche, y los cauces de Judá tendrán agua. Una fuente fluirá del Templo y regará el Valle de Sitín.
“उस दिन पहाड़ों से नई अंगूर की दाखमधु टपकेगी, और पहाड़ियों से दूध बहेगा; यहूदिया के सब दर्रों में पानी बहेगा. याहवेह के भवन से पानी का एक सोता फूट निकलेगा और शित्तीम घाटी की सिंचाई करेगा.
19 Pero Egipto se volverá desolado, y Edom será un desierto desolado, por su violencia contra Judá, porque en su tierra se derramó sangre inocente.
पर मिस्र देश उजाड़ हो जाएगा, और एदोम एक बेकार निर्जन देश, क्योंकि इन्होंने यहूदिया के लोगों पर अत्याचार किया था, और इन्होंने उनके देश में निर्दोष लोगों का खून बहाया था.
20 Judá será habitada por siempre, y Jerusalén por todas las generaciones.
यहूदिया में लोग सदा-सर्वदा निवास करते रहेंगे और येरूशलेम में लोग पीढ़ी-पीढ़ी तक रहेंगे.
21 ¿Acaso perdonaré y dejaré impune el derramamiento de sangre inocente? ¡El Señor vive en Sión!”
क्या मैं उन निर्दोष लोगों के खून का बदला लिये बिना छोड़ दूंगा? नहीं, बिलकुल नहीं.”

< Joel 3 >