< Esdras 4 >

1 Los enemigos de Judá y Benjamín se enteraron de que los exiliados estaban construyendo un Templo para el Señor, el Dios de Israel.
जब यहूदाह और बिनयमीन के दुश्मनों ने सुना कि वह जो ग़ुलाम हुए थे, ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा के लिए हैकल को बना रहे हैं;
2 Se acercaron a Zorobabel y a los jefes de familia y les dijeron: “Por favor, dejad que os ayudemos en la construcción, porque adoramos a vuestro Dios como vosotros. De hecho, le hemos estado sacrificando desde la época de Esar-hadón, rey de Asiria, quien nos trajo aquí”.
तो वह ज़रुब्बाबुल और आबाई क़बीलों के सरदारों के पास आकर उनसे कहने लगे कि हम को भी अपने साथ बनाने दो; क्यूँकि हम भी तुम्हारे ख़ुदा के तालिब हैं जैसे तुम हो, और हम शाह — ए — असूर असरहद्दून के दिनों से जो हम को यहाँ लाया, उसके लिए क़ुर्बानी पेश करते हैं।
3 Pero Zorobabel, Jesúa y los líderes de la familia de Israel respondieron: “Ustedes no pueden compartir con nosotros la construcción de un Templo para nuestro Dios. Sólo nosotros podemos construirlo para el Señor, el Dios de Israel. Esto es lo que Ciro, el rey de Persia, nos ha ordenado hacer”.
लेकिन ज़रुब्बाबुल और यशू'अ और इस्राईल के आबाई ख़ानदानों के बाक़ी सरदारों ने उनसे कहा कि तुम्हारा काम नहीं, कि हमारे साथ हमारे ख़ुदा के लिए घर बनाओ, बल्कि हम खुद ही मिल कर ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा के लिए उसे बनाएँगे, जैसा शाह — ए — फ़ारस ख़ोरस ने हम को हुक्म किया है।
4 Entonces, los lugareños se dispusieron a intimidar a los habitantes de Judá y hacer que tuvieran demasiado miedo para seguir construyendo.
तब मुल्क के लोग यहूदाह के लोगों की मुखालिफ़त करने और बनाते वक़्त उनको तकलीफ़ देने लगे।
5 Entonces sobornaron a funcionarios para oponerse a ellos y obstruir sus planes. Esto continuó durante todo el reinado de Ciro, rey de Persia, hasta el reinado de Darío, rey de Persia.
और शाह — ए — फ़ारस ख़ोरस के जीते जी, बल्कि शाह — ए — फ़ारस दारा की सल्तनत तक उनके मक़सदों को रद करने के लिए उनके ख़िलाफ़ सलाहकारों को उजरत देते रहे।
6 Cuando Asuero se convirtió en rey, los lugareños le enviaron una acusación escrita contra el pueblo de Judá y Jerusalén.
और अख़्सूयरस के हुकूमत के ज़माने, या'नी उसकी सल्तनत के शुरू' में उन्होंने यहूदाह और येरूशलेम के बाशिन्दों की शिकायत लिख भेजी।
7 En tiempos de Artajerjes, rey de Persia, Bislam, Mitrídates, Tabeel y sus compañeros escribieron una carta a Artajerjes. La carta fue escrita en arameo y fue traducida.
फिर अरतख़शशता के दिनों में बिशलाम और मित्रदात और ताबिएल और उसके बाक़ी साथियों ने शाह — ए — फ़ारस अरतख़शशता को लिखा। उनका ख़त अरामी हुरूफ़ और अरामी ज़बान में लिखा था।
8 Rehum, el oficial al mando, y Simsai, el escriba, escribieron una carta al rey Artajerjes en la que condenaban a Jerusalén.
रहूम दीवान और शम्सी मुन्शी ने अरतख़शाशता बादशाह को येरूशलेम के ख़िलाफ़ यूँ ख़त लिखा।
9 Esto proviene de Rehum, el oficial al mando, Simsai, el escriba, y los compañeros oficiales: los jueces y funcionarios y los responsables de Persia, Erec y Babilonia, los elamitas de Susa,
इसलिए रहूम दीवान और शम्सी मुन्शी और उनके बाक़ी साथियों ने जो दीना और अफ़ार — सतका और तरफ़ीला और फ़ारस और अरक और बाबुल और सोसन और दिह और 'ऐलाम के थे,
10 y el resto del pueblo que el gran y noble Asurbanipal deportó y reasentó en las ciudades de Samaria y otros lugares al oeste del Éufrates.
और बाक़ी उन कौमों ने जिनको उस बुज़ुर्ग — ओ — शरीफ़ असनफ़्फ़र ने पार लाकर शहर — ए — सामरिया और दरिया के इस पार के बाक़ी 'इलाक़े में बसाया था, वगै़रा वग़ैरा इसको लिखा।
11 La siguiente es una copia de la carta que le enviaron: “Al rey Artajerjes, de parte de tus siervos, hombres de más allá del río Éufrates:
उस ख़त की नक़ल जो उन्होंने अरतख़शशता बादशाह के पास भेजा। ये है: “आपके ग़ुलाम, या'नी वह लोग जो दरिया पार रहते हैं, वग़ैरा।
12 “Su Majestad debe ser informado de que los judíos que vinieron de usted a nosotros han regresado a Jerusalén. Están reconstruyendo esa ciudad rebelde y malvada, completando las reparaciones de las murallas y arreglando sus cimientos.
बादशाह को मा'लूम हो कि यहूदी लोग जो हुज़ूर के पास से हमारे बीच येरूशलेम में आए हैं, वह उस बाग़ी और फ़सादी शहर को बना रहे हैं; चुनाँचे दीवारों को ख़त्म और बुनियादों की मरम्मत कर चुके हैं।
13 Su Majestad debería darse cuenta de que si esta ciudad es reconstruida y sus murallas reparadas, no pagarán impuestos, tributos o tasas, y los ingresos del rey se verán afectados.
इसलिए बादशाह को मा'लूम हो जाए कि अगर ये शहर बन जाए और फ़सील तैयार हो जाए, तो वह ख़िराज चुंगी, या महसूल नहीं देंगे और आख़िर बादशाहों को नुक्सान होगा।
14 Ahora bien, como estamos al servicio del rey y no nos parece bien que se le falte al respeto a Su Majestad, le enviamos esta carta para que esté informado,
इसलिए चूँकि हम हुज़ूर के दौलतख़ाने का नमक खाते हैं और मुनासिब नहीं कि हमारे सामने बादशाह की तहक़ीर हो, इसलिए हम ने लिखकर बादशाह को ख़बर दी है।
15 y ordenar una búsqueda en los archivos reales. Descubrirá en estos registros que se trata de una ciudad rebelde, que perjudica a los reyes y a los países, habiéndose levantado a menudo en rebelión en el pasado. Este es motivo por el cual esta ciudad había sido destruída.
ताकि हुज़ूर के बाप — दादा के दफ़्तर की किताब से मा'लूम की जाए, तो उस दफ़्तर की किताब से हुज़ूर को मा'लूम होगा और यक़ीन हो जाएगा कि ये शहर फ़ितना अंगेज है जो बादशाहों और सूबों को नुक़सान पहुँचाता रहा है; और पुराने ज़माने से उसमें फ़साद खड़ा करते रहे हैं। इसी वजह से ये शहर उजाड़ दिया गया था।
16 Queremos informar a Su Majestad de que si se reconstruye esta ciudad y se completan las murallas, perderá esta provincia al oeste del Éufrates”.
और हम बादशाह को यक़ीन दिलाते हैं कि अगर ये शहर तामीर हो और इसकी फ़सील बन जाए, तो इस सूरत में हुज़ूर का हिस्सा दरिया पार कुछ न रहेगा।”
17 El rey respondió lo siguiente “Al comandante Rehum, al escriba Simsai y a los compañeros que viven en Samaria y en otras zonas al oeste del Éufrates: Saludos.
तब बादशाह ने रहूम दीवान और शम्सी मुन्शी और उनके बाक़ी साथियों को, जो सामरिया और दरिया पार के बाक़ी मुल्क में रहते हैं यह जवाब भेजा कि “सलाम वगै़रा।
18 La carta que ustedes nos enviaron ha sido traducida y la han leído ante mí.
जो ख़त तुम ने हमारे पास भेजा, वह मेरे सामने साफ़ साफ़ पढ़ा गया।
19 He ordenado que se realice una investigación. Se ha descubierto que esta ciudad se ha levantado a menudo en rebelión contra los reyes en el pasado, promoviendo frecuentemente la insurrección y la rebelión.
और मैंने हुक्म दिया और मा'लूमात की गयी, और मा'लूम हुआ कि इस शहर ने पुराने ज़माने से बादशाहों से बग़ावत की है, और फ़ितना और फ़साद उसमें होता रहा है।
20 Poderosos reyes han gobernado en Jerusalén y en toda la zona al oeste del Éufrates, y han recibido impuestos, tributos y tasas.
और येरूशलेम में ताक़तवर बादशाह भी हुए हैं जिन्होंने दरिया पार के सारे मुल्क पर हुकूमत की है, और ख़िराज, चुंगी और महसूल उनको दिया जाता था।
21 Emitan una orden inmediata para que estos hombres dejen de trabajar. Esta ciudad no debe ser reconstruida hasta que yo lo autorice.
इसलिए तुम हुक्म जारी करो कि ये लोग काम बन्द करें और ये शहर न बने, जब तक मेरी तरफ़ से फ़रमान जारी न हों।
22 Procura no descuidar este asunto. ¿Por qué habríamos de dejar que este problema crezca y perjudique los intereses reales?”
ख़बरदार, इसमें सुस्ती न करना; बादशाहों के नुक्सान के लिए ख़राबी क्यूँ बढ़ने पाए?”
23 Tan pronto como esta carta del rey Artajerjes fue leída a Rehum, al escriba Simsai y a sus compañeros, se precipitaron hacia los judíos de Jerusalén y utilizaron su poder para obligarlos a detener los trabajos.
इसलिए जब अरतख़शशता बादशाह के ख़त की नक़ल रहूम और शम्सी मुन्शी और उनके साथियों के सामने पढ़ी गई, तो वह जल्द यहूदियों के पास येरूशलेम को गए, और अपनी ताक़त से उनको रोक दिया।
24 En consecuencia, las obras del Templo de Dios en Jerusalén se detuvieron. La paralización continuó hasta el segundo año del reinado del rey Darío de Persia.
तब ख़ुदा के घर का जो येरूशलेम में है काम बन्द हुआ, और शाह — ए — फ़ारस दारा की सल्तनत के दूसरे बरस तक बन्द रहा।

< Esdras 4 >