< Éxodo 6 >
1 Pero el Señor le dijo a Moisés: “Ahora verás lo que le haré al Faraón. Con mi gran fuerza lo obligaré a dejarlos ir; por mi poder los enviará fuera de su país”.
तब ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, कि 'अब तू देखेगा कि मैं फ़िर'औन के साथ क्या करता हूँ, तब वह ताक़तवर हाथ की वजह से उनको जाने देगा और ताक़तवर हाथ ही की वजह से वह उनको अपने मुल्क से निकाल देगा।
2 Dios habló a Moisés y le dijo: “¡Yo soy Yahvé!
फिर ख़ुदा ने मूसा से कहा, कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
3 Me revelé como Dios Todopoderoso a Abraham, a Isaac y a Jacob, pero ellos no conocían mi nombre, ‘Yahvé’.
और मैं अब्रहाम और इस्हाक़ और या'क़ूब को ख़ुदा — ए — क़ादिर — ए — मुतलक के तौर पर दिखाई दिया, लेकिन अपने यहोवा नाम से उन पर ज़ाहिर न हुआ।
4 También confirmé mi acuerdo solemne con ellos de darles la tierra de Canaán, el país donde vivían como extranjeros.
और मैंने उनके साथ अपना 'अहद भी बाँधा है कि मुल्क — ए — कना'न जो उनकी मुसाफ़िरत का मुल्क था और जिसमें वह परदेसी थे उनको दूँगा।
5 Además he escuchado los gemidos de los israelitas que los egipcios tratan como esclavos, y no he olvidado el acuerdo que les prometí.
और मैंने बनी — इस्राईल के कराहने को भी सुन कर, जिनको मिस्रियों ने ग़ुलामी में रख छोड़ा है, अपने उस 'अहद को याद किया है।
6 “Así que di a los israelitas: ‘Yo soy el Señor y los salvaré del trabajo forzoso que les imponen los egipcios; yo los liberaré su esclavitud. Los rescataré usando mi poder e imponiendo fuertes castigos.
इसलिए तू बनी — इस्राईल से कह, कि 'मैं ख़ुदावन्द हूँ, और मैं तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकाल लूँगा और मैं तुम को उनकी ग़ुलामी से आज़ाद करूँगा, और मैं अपना हाथ बढ़ा कर और उनको बड़ी — बड़ी सज़ाएँ देकर तुम को रिहाई दूँगा।
7 Yo los convertiré en mi propio pueblo. Entonces sabrán que soy el Señor su Dios, que los rescató de la esclavitud en Egipto.
और मैं तुम को ले लूँगा कि मेरी क़ौम बन जाओ और मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँगा, और तुम जान लोगे के मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ जो तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालता हूँ।
8 Los llevaré a la tierra que prometí solemnemente darles a Abraham, Isaac y Jacob. Se las daré y será de ellos. ¡Yo soy el Señor!’”
और जिस मुल्क को अब्रहाम और इस्हाक़ और या'क़ूब को देने की क़सम मैंने खाई थी उसमें तुम को पहुँचा कर उसे तुम्हारी मीरास कर दूँगा। ख़ुदावन्द मैं हूँ।
9 Moisés le explicó esto a los israelitas, pero ellos no lo escucharon, porque estaban muy desanimados, y por el duro trabajo que se veían obligados a hacer.
और मूसा ने बनी — इस्राईल को यह बातें सुना दीं, लेकिन उन्होंने दिल की कुढ़न और ग़ुलामी की सख़्ती की वजह से मूसा की बात न सुनी।
10 El Señor le dijo a Moisés:
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा को फ़रमाया,
11 “Ve y habla con el Faraón, rey de Egipto. Dile que deje a los israelitas salir de su país”.
कि जा कर मिस्र के बादशाह फ़िर'औन से कह कि बनी — इस्राईल को अपने मुल्क में से जाने दे।
12 Pero Moisés respondió: “Ni siquiera mi propio pueblo me escucha. ¿Por qué me escucharía el Faraón, sobre todo si soy tan mal orador?”
मूसा ने ख़ुदावन्द से कहा, कि “देख, बनी — इस्राईल ने तो मेरी सुनी नहीं; तब मैं जो ना मख़्तून होंट रखता हूँ फ़िर'औन मेरी क्यूँ कर सुनेगा?”
13 Pero el Señor les habló a Moisés y a Aarón, y les dijo lo que debían hacer con respecto al pueblo de Israel y con Faraón, rey de Egipto, para sacar a los israelitas de Egipto.
तब ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को बनी — इस्राईल और मिस्र के बादशाह फ़िर'औन के हक़ में इस मज़मून का हुक्म दिया कि वह बनी — इस्राईल को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल ले जाएँ।
14 Estos eran los jefes de la familia de Israel: Los hijos de Rubén, el primogénito de Israel, eran Janoc y Falú, Jezrón y Carmi. Estas fueron las familias de Rubén.
उनके आबाई ख़ान्दानों के सरदार यह थे: रूबिन, जो इस्राईल का पहलौठा था, उसके बेटे: हनूक और फ़ल्लू और हसरोन और करमी थे; यह रूबिन के घराने थे।
15 Los hijos de Simeón fueron Jemuel, Jamín, Oad, Joaquín, Zojar y Saúl (hijo de una mujer cananea). Estas fueron las familias de Simeón.
बनी शमौन यह थे: यमूएल और यमीन और उहद और यकीन और सुहर और साऊल, जो एक कना'नी 'औरत से पैदा हुआ था; यह शमौन के घराने थे।
16 Estos fueron los nombres de los hijos de Leví según sus registros genealógicos: Gersón, Coat y Merari. Leví vivió durante 137 años.
और बनी लावी जिनसे उनकी नसल चली उनके नाम यह हैं: जैरसोन और क़िहात और मिरारी; और लावी की उम्र एक सौ सैंतीस बरस की हुई।
17 Los hijos de Gersón, por familias, fueron Libní y Simí.
बनी जैरसोन: लिबनी और सिम'ई थे; इन ही से इनके ख़ान्दान चले।
18 Los hijos de Coat fueron Amram, Izar, Hebrón y Uziel. Coat vivió durante 133 años.
और बनी क़िहात: 'अमराम और इज़हार और हबरून और 'उज़्ज़ीएल थे; और क़िहात की उम्र एक सौ तैतीस बरस की हुई।
19 Los hijos de Merari fueron Majlí y Musí. Estas eran las familias de los levitas según sus registros genealógicos.
और बनी मिरारी: महली और मूर्शी थे। लावियों के घराने जिनसे उनकी नसल चली यही थे।
20 Amram se casó con la hermana de su padre, Jocabed, y ella tuvo sus hijos Aarón y Moisés. Amram vivió durante 137 años.
और 'अमराम ने अपने बाप की बहन यूकबिद से ब्याह किया, उस 'औरत के उससे हारून और मूसा पैदा हुए; और 'अमराम की उम्र एक सौ सैंतीस बरस की हुई।
21 Los hijos de Izar fueron Coré, Neferón y Zicrí.
बनी इज़हार: क़ोरह और नफ़ज और ज़िकरी थे।
22 Los hijos de Uziel fueron Misael, Elzafán y Sitri.
और बनी उज़्ज़ीएल: मीसाएल और इलसफ़न और सितरी थे।
23 Aarón se casó con Elisabet, hija de Aminadab y hermana de Nasón. Ella tuvo sus hijos Nadab y Abiú, Eleazar e Itamar.
और हारून ने नहसोन की बहन 'अमीनदाब की बेटी इलिशीबा' से ब्याह किया; उससे नदब और अबीहू और इली'एलियाज़र और ऐतामर पैदा हुए।
24 Los hijos de Coré fueron Asir, Elcana y Abiasaf. Estas eran las familias de Coré.
और बनी क़ोरह: अस्सीर और इलाकना और अबियासफ़ थे, और यह कोरहियों के घराने थे।
25 Eleazar, hijo de Aarón, se casó con una de las hijas de Futiel, y tuvo su hijo Finés. Estos son los ancestros de las familias levitas, listados según sus clanes. Eleazar hijo de Aarón se casó con una de las hijas de Futiel, y ella dio a luz a su hijo, Finés. Estos son los jefes de las familias levitas, listados por familia.
और हारून के बेटे इली'एलियाज़र ने फूतिएल की बेटियों में से एक के साथ ब्याह किया, उससे फ़ीन्हास पैदा हुआ; लावियों के बाप — दादा के घरानों के सरदार जिनसे उनके ख़ान्दान चले यही थे।
26 Aarón y Moisés mencionados aquí son los que el Señor dijo, “Saquen a los israelitas de Egipto, divididos en sus respectivas tribus”.
यह वह हारून और मूसा हैं जिनको ख़ुदावन्द ने फ़रमाया: कि बनी — इस्राईल को उनके लश्कर के मुताबिक़ मुल्क — ए — मिस्र से निकाल ले जाओ।
27 Moisés y Aarón también fueron los que fueron a hablar con el Faraón, rey de Egipto, sobre la salida de los israelitas de Egipto.
यह वह हैं जिन्होंने मिस्र के बादशाह फ़िर'औन से कहा, कि हम बनी — इस्राईल को मिस्र से निकाल ले जाएँगे; यह वही मूसा और हारून हैं।
28 Cuando el Señor habló a Moisés en Egipto,
जब ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र में मूसा से बातें कीं तो यूँ हुआ,
29 le dijo: “Yo soy el Señor. Dile al Faraón, rey de Egipto, todo lo que te digo”
कि ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, कि मैं ख़ुदावन्द हूँ जो कुछ मैं तुझे कहूँ तू उसे मिस्र के बादशाह फ़िर'औन से कहना।
30 Pero Moisés respondió: “No soy un buen orador, ¿por qué me escucharía el Faraón?”
मूसा ने ख़ुदावन्द से कहा, कि देख, मेरे तो होटों का ख़तना नहीं हुआ। फ़िर'औन क्यूँ कर मेरी सुनेगा?