< Deuteronomio 12 >

1 Estos son los mandamientos y preceptos que habéis de guardar y practicar en el país que Yahvé, el Dios de vuestros padres, os ha dado para que la poseáis todos los días que viviereis sobre la tierra:
उस देश में, जो याहवेह तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर ने तुम्हें अधिकार करने के लिए दे दिया है, ये नियम और विधि तुम आजीवन—जब तक तुम इस पृथ्वी पर जीवित रहोगे, बड़ी सावधानीपूर्वक पालन करते रहोगे.
2 Destruid por completo los lugares en que los pueblos que habéis de desposeer han servido a sus dioses, sobre los altos montes, sobre los collados y bajo todo árbol frondoso.
तुम उन सारे स्थानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दोगे, जहां तुम्हारे द्वारा उन राष्ट्रों से छीने गए, उन स्थानों पर वे राष्ट्र अपने देवताओं की उपासना किया करते थे; पर्वत शिखरों पर, टीलों पर और हर एक हरे वृक्ष की छाया में.
3 Derrumbad sus altares, quebrad sus piedras de culto, quemad sus ascheras, haced pedazos las estatuas de sus dioses y borrad de aquellos lugares hasta los nombres.
तुम उनकी वेदियों को ध्वस्त कर दोगे, उनके पूज्य खंभों को चूर-चूर कर दोगे, उनकी अशेराओं का दाह कर दोगे, उनके देवताओं की उकेरी हुई मूर्तियों को काट डालोगे और उस स्थान से उनका नाम ही मिटा दोगे.
4 No haréis así con Yahvé, vuestro Dios,
तुम, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के संदर्भ में इनकी रीति के अनुसार कभी कुछ न करोगे.
5 sino que frecuentaréis el lugar que Yahvé, vuestro Dios, escogiere de entre todas vuestras tribus para poner allí su nombre y su morada. Allí irás;
मगर ज़रूरी है कि तुम याहवेह की वंदना उसी स्थान पर करोगे, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे समस्त गोत्रों को ठहराए हुए स्थानों में से चुनेंगे, कि वह वहां अपने घर के लिए अपनी प्रतिष्ठा की स्थापना करें, तुम उसी स्थान को जाओगे;
6 y allí presentaréis vuestros holocaustos y vuestros sacrificios, vuestros diezmos y las ofrendas alzadas de vuestras manos, vuestros votos y vuestras ofrendas voluntarias, y los primerizos de vuestro ganado mayor y menor.
तुम उसी स्थान पर अपनी होमबलि, अपनी बलियां अपने दसवां अंश, अपने कामों के दान, मन्‍नत्तों की भेंटें, स्वैच्छिक भेंटे और पशुओं और भेड़ों के पहिलौठे लेकर आओगे.
7 Allí comeréis ante Yahvé vuestro Dios, y os regocijaréis, vosotros y vuestras familias, por todas las obras de vuestra mano, en que Yahvé, vuestro Dios, os bendiga.
वही होगा वह स्थान, जहां तुम और तुम्हारा परिवार याहवेह तुम्हारे परमेश्वर की उपस्थिति में भोजन करोगे. वहीं तुम अपनी सारी उपलब्धियों के लिए, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा पूरी हुईं हैं, उल्लास करोगे.
8 No haréis cada cual lo que bien le parezca, como aquí hacemos ahora;
वहां तुम ऐसा कुछ भी नहीं करोगे, जो तुम आज यहां कर रहे हो. अब तक तो तुममें से हर एक को जैसा भी सही लगता था करता जाता था,
9 pues hasta ahora no habéis llegado al descanso y a la heredad que Yahvé, tu Dios, te da.
क्योंकि अब तक तुम अपने स्थायी घर, उस मीरास तक नहीं पहुंचे हो, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, जहां तुम्हें विश्राम प्राप्‍त हो सकेगा.
10 Mas pasaréis el Jordán y habitaréis en el país que Yahvé, vuestro Dios, os dará en suerte; y cuando Él os dé descanso de todos vuestros enemigos que os rodean y habitéis en seguridad,
जब तुम यरदन नदी को पार करके उस देश में निवास करने लगो, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें मीरास के लिए प्रदान कर रहे हैं, जहां वह तुम्हारे सारे निकटवर्ती शत्रुओं से तुम्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे, कि तुम्हें इस ओर से शांति प्राप्‍त हो जाए.
11 entonces en el lugar que Yahvé, vuestro Dios, elija para morada de su Nombre, allí presentaréis todo lo que yo os mando, vuestros holocaustos y vuestros sacrificios, vuestros diezmos y las ofrendas alzadas de vuestras manos y todo lo más selecto que con voto hubiereis prometido a Yahvé.
तब वह स्थान, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर अपनी प्रतिष्ठा के लिए चुनेंगे—तुम वहीं वह सब लेकर आओगे, जिसका मैं तुम्हें आदेश दे चुका हूं: होमबलियां, तुम्हारी शेष बलियां, तुम्हारे दसवां अंश, तुम्हारे हाथों के अनुदान, मन्‍नतों की भेंटें और स्वैच्छिक भेंटें.
12 Y os regocijaréis ante Yahvé, vuestro Dios, vosotros, vuestros hijos y vuestras hijas, y vuestros siervos y vuestras siervas, y el levita que mora dentro de vuestras puertas, puesto que no tiene parte ni posesión entre vosotros.
तुम याहवेह अपने परमेश्वर की उपस्थिति में उल्लास करोगे; तुम, तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां, तुम्हारे सेवक-सेविकाएं और तुम्हारे नगर की सीमा में रह रहे लेवीगोत्रज, क्योंकि तुम्हारे साथ उन्हें कुछ भी अंश अथवा मीरास बांटी नहीं गई है.
13 Guárdate de ofrecer tus holocaustos en cualquier lugar se te antoje,
सावधान रहना कि तुम अपनी इच्छा से किसी भी स्थान पर होमबलि न करने लगो;
14 sino que ofrecerás tus holocaustos en el lugar que eligiere Yahvé en una de tus tribus, y allí harás todo lo que yo te ordeno.
मगर तुम होमबलि उसी स्थान पर चढ़ाओगे, जो स्थान याहवेह तुममें से किसी एक गोत्र के स्थान में चुनेंगे और तुम वहीं वह सब करोगे, जिसका आदेश मैं तुम्हें दे रहा हूं.
15 Sin embargo, cuando quieras, podrás matar y comer carne en todas tus ciudades, según la bendición que Yahvé, tu Dios, te haya concedido. El impuro y el puro podrá comerla, del mismo modo que se come de la gacela y del ciervo.
फिर भी, तुम अपने नगर की सीमा के भीतर पशु का वध कर सकते हो, और उसके मांस का उपभोग कर सकते हो; अपनी इच्छा अनुसार, जैसा भी याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें समर्थ बनाएं, जैसा कि उनका आशीर्वाद तुम्हारे साथ है ही; तुम चाहे सांस्कारिक रीति से शुद्ध हो अथवा अशुद्ध, तुम उसका उपभोग कर सकते हो, चाहे वह हिरण हो अथवा छोटा मृग.
16 Pero no comáis sangre, la cual derramarás como agua sobre la tierra.
सिर्फ यह ध्यान रहे कि तुम इनका रक्त न खाओगे, रक्त को भूमि पर जल की तरह बहा दिया जाना ज़रूरी है.
17 No podrás comer dentro de tus puertas el diezmo de tu trigo, de tu vino y de tu aceite, ni los primerizos de tu ganado mayor y menor, ni ninguna, de las ofrendas que hayas prometido con voto, ni tus oblaciones voluntarias, ni las ofrendas alzadas por tu mano;
तुम्हारे अन्‍न, अंगूर के रस, तेल का दसवां अंश, भेड़-बकरी अथवा पशुओं के पहिलौठे, मन्नत की भेंट, तुम्हारी स्वैच्छिक भेंट और तुम्हारी हस्तकृति के अनुदान का उपभोग, तुम्हारी नगर सीमा के भीतर करना अनुमति नहीं है.
18 sino que ante Yahvé, tu Dios, en el lugar escogido por Yahvé, tu Dios, los comerás, tú, tu hijo y tu hija, tu siervo y tu sierva, y el levita que mora dentro de tus puertas; y te regocijarás ante Yahvé, tu Dios, por todas las obras de tu mano.
इनका उपभोग तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के सामने उसी स्थान पर करोगे, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर नामित करेंगे. तुम, तुम्हारी संतान, तुम्हारे सेवक-सेविकाएं और तुम्हारे नगर में निवास कर रहा लेवीगोत्रज और तुम याहवेह अपने परमेश्वर के सामने अपने सारे कामों में खुश होओगे.
19 Guárdate de desamparar al levita en todo el tiempo que vivas sobre tu tierra.
सावधान रहना कि तुम आजीवन अपने देश में उस लेवी को भुला न दो.
20 Cuando Yahvé, tu Dios, haya ensanchado tu territorio, según te tiene prometido, y tú digas: Quiero comer carne, porque tu alma tiene gana de comer carne, podrás comer carne según los deseos de tu alma.
जब याहवेह तुम्हारे परमेश्वर, तुमसे की गई अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप तुम्हारी सीमा का आवर्धन करें, वहां तुम मन में इच्छा करो, “मुझे तो मांस का भोजन करना है,” तब तुम अपनी इच्छा अनुसार ऐसा भोजन अवश्य कर सकते हो.
21 Si el lugar que escogiere Yahvé, tu Dios, para poner allí su nombre, está lejos de ti, podrás matar reses de tu ganado mayor y menor que te dé Yahvé, tu Dios, según lo que te tengo mandado, y podrás comerlas dentro de tus puertas siempre que lo desee tu alma.
यदि वह स्थान, जिसे याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने अपनी प्रतिष्ठा-स्थापना के लिए चुना है, तुम्हारे लिए बहुत दूर है, तब तो तुम अपने भेड़-बकरी या पशु में से, जो तुम्हें याहवेह द्वारा ही प्रदान किया गया है.
22 Comerás de ellas del mismo modo que se come la gacela y el ciervo. El impuro y el puro igualmente podrán comerlas.
मेरे आदेश के अनुसार पशु का वध कर सकते हो, और उसका उपभोग अपने नगर की सीमा के भीतर किसी भी स्थान पर कर सकते हो.
23 Pero guárdate de comer la sangre, porque la sangre es la vida; no comerás la vida con la carne.
सिर्फ यह ध्यान रखना कि तुम लहू का उपभोग न करोगे, क्योंकि लहू ही जीवन है. तुम मांस के साथ जीवन को नहीं खा सकते.
24 No la comerás, sino que la verterás como agua sobre la tierra.
तुम लहू का उपभोग नहीं करोगे; तुम इसे भूमि पर जल के समान उंडेल दोगे.
25 No la comerás, para que te vaya bien a ti y a tus hijos después de ti, haciendo lo que es recto a los ojos de Yahvé.
खुद अपने ही कल्याण के निमित्त और तुम्हारे बाद तुम्हारी संतान के लिए तुम लहू को नहीं खाओगे. यह करके तुम वह करोगे, जो याहवेह की दृष्टि में सही है.
26 Pero las ofrendas sagradas que tienes que ofrecer, y las que hayas prometido con voto, las tomarás e irás al lugar escogido por Yahvé,
तुम याहवेह द्वारा नामित उस स्थान पर तुम सिर्फ वे वस्तुएं लेकर जाओगे, जो तुम्हारे लिए पवित्र हैं और तुम्हारी मन्‍नत्तों से संबंधित भेंटें भी.
27 y ofrecerás tus holocaustos, la sangre y la carne, sobre el altar de Yahvé, tu Dios. La sangre de tus sacrificios será derramada sobre el altar de Yahvé, tu Dios; pero la carne es para tu comida.
तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की वेदी पर होमबलि, मांस और रक्त अर्पित करोगे. तुम्हारी बलियों का रक्त याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की वेदी पर उंडेल दिया जाएगा और तुम मांस का उपभोग कर लोगे.
28 Guarda y obedece todo esto que te ordeno, a fin de que te vaya bien a ti y a tus hijos después de ti para siempre, haciendo lo que es bueno y recto a los ojos de Yahvé, tu Dios.
बड़ी सावधानीपूर्वक मेरे इन आदेशों को सुनो, कि तुम्हारा और तुम्हारी संतान का भला हमेशा के लिए हो; क्योंकि ऐसा करने के द्वारा तुम वही कर रहे होगे, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की दृष्टि में सही है.
29 Cuando Yahvé, tu Dios, haya exterminado a los pueblos contra los cuales marchas para arrojarlos de delante de ti, y cuando los hayas arrojado y habites en su tierra,
जब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे सामने उन राष्ट्रों को नाश कर देंगे, जिन्हें तुम दूर करने जा रहे हो और उन्हें वंचित कर तुम उनके देश में बस जाने पर हो,
30 guárdate de sus seducciones; no los imites después de haberlos destruido delante de ti. Ni hagas indagaciones respecto de sus dioses, diciendo: ‘¿Cómo servían estos pueblos a sus dioses? Así lo haré también yo.’
सावधान रहना कि तुम्हारे सामने विनाश होने के बाद तुम उनका अनुसरण करने में उलझ न जाओ, कि उनके देवताओं के विषय में इस प्रकार पूछताछ न करने लगो, “ये राष्ट्र अपने देवताओं की उपासना किस प्रकार किया करते थे? हम भी वैसा ही करना चाहेंगे.”
31 No hagas tal con Yahvé, tu Dios; porque ellos hacen en honor de sus dioses toda suerte de abominaciones que Yahvé aborrece, pues hasta queman en el fuego a sus hijos y sus hijas para honrar a sus dioses.
तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति यह बिलकुल न करोगे, क्योंकि उन्होंने तो अपने देवताओं के लिए वह सब किया है, जो याहवेह की दृष्टि में घृणित है. वे तो अपने पुत्र-पुत्रियों तक को उन देवताओं के लिए दाह कर देते हैं.
32 Cuida de practicar cuanto te mando, sin añadir ni quitar nada.
तुम सावधानीपूर्वक इन आदेशों का पालन करना, जो मैं तुम्हें दे रहा हूं; इनमें न तो तुम कुछ भी संलग्न करोगे और न ही इसमें से कुछ निकालोगे.

< Deuteronomio 12 >