< 2 Samuel 2 >
1 Después de esto consultó David a Yahvé, diciendo: “¿Subiré a alguna de las ciudades de Judá?” Yahvé le respondió: “Sube.” Y preguntó David: “¿A dónde subiré?” Respondió Yahvé: “A Hebrón.”
और इसके बा’द ऐसा हुआ कि दाऊद ने ख़ुदावन्द से पूछा कि “क्या मैं यहूदाह के शहरों में से किसी में चला जाऊँ।” ख़ुदावन्द ने उस से कहा, “ज़ा।” दाऊद ने कहा, किधर जाऊँ “उस ने फ़रमाया, हब्रून को।”
2 Subió, pues, allá David con sus dos mujeres, Ahinoam la jesreelita, y Abigail de Carmel, mujer de Nabal.
इसलिए दाऊद अपनी दोनों बीवियों यज़र’एली अख़नूअम और कर्मिली नाबाल की बीवी अबीजेल के साथ वहाँ गया।
3 David mandó que subiesen también los hombres que tenía consigo cada uno con su familia; y habitaron en las ciudades de Hebrón.
और दाऊद अपने साथ के आदमियों को भी एक एक घराने समेत वहाँ ले गया और वह हब्रून के शहरों में रहने लगे।
4 Vinieron entonces los hombres de Judá y ungieron allí a David por rey sobre la casa de Judá. Fue dicho a David: “Los hombres de Jabés-Galaad han dado sepultura a Saúl.”
तब यहूदाह के लोग आए और वहाँ उन्होंने दाऊद को मसह करके यहूदाह के ख़ानदान का बादशाह बनाया, और उन्होंने दाऊद को बताया कि यबीस जिल’आद के लोगों ने साऊल को दफ़न किया था।
5 Por eso David envió mensajeros a los hombres de Jabés-Galaad, para decirles: “¡Benditos seáis de Yahvé! por cuanto habéis hecho esta obra para con Saúl, vuestro señor, dándole sepultura.
इसलिए दाऊद ने यबीस जिल'आद के लोगों के पास क़ासिद रवाना किए और उनको कहला भेजा कि ख़ुदावन्द की तरफ़ से तुम मुबारक हो इसलिए कि तुमने अपने मालिक साऊल पर यह एहसान किया और उसे दफ़न किया।
6 ¡Ahora pues, que use Yahvé con vosotros de misericordia y de fidelidad! y yo también os recompensaré esta buena acción que habéis hecho.
इसलिए ख़ुदावन्द तुम्हारे साथ रहमत और सच्चाई को अमल में लाये और मैं भी तुमको इस नेकी का बदला दूँगा इसलिए कि तुमने यह काम किया है।
7 Y ahora cobren fuerza vuestras manos, y sed valientes; pues muerto ya Saúl, vuestro señor, la casa de Judá me ha ungido a mí por rey suyo.”
तब तुम्हारे बाज़ू ताक़तवर हों और तुम दिलेर रहो क्यूँकि तुम्हारा मालिक साऊल मर गया और यहूदाह के घराने ने मसह कर के मुझे अपना बादशाह बनाया है।
8 Abner, hijo de Ner, jefe del ejército de Saúl, tomó a Isbóset, hijo de Saúl y lo llevó a Mahanaim,
लेकिन नेर के बेटे अबनेर ने जो साऊल के लशकर का सरदार था साऊल के बेटे इश्बोसत को लेकर उसे महनायम में पहुँचाया।
9 donde lo hizo rey sobre Galaad, sobre los asureos, sobre Jesreel, sobre Efraím, sobre Benjamín y sobre todo Israel.
और उसे जिल’आद और आशरयों और यज़र'एल और इफ़्राईम और बिनयामीन और तमाम इस्राईल का बादशाह बनाया।
10 Isbóset, hijo de Saúl, tenía cuarenta años cuando comenzó a reinar sobre Israel, y reinó dos años. Solo la casa de Judá seguía a David.
और साऊल के बेटे इश्बोसत की उम्र चालीस बरस की थी जब वह इस्राईल का बादशाह हुआ और उसने दो बरस बादशाही की लेकिन यहूदाह के घराने ने दाऊद की पैरवी की।
11 El tiempo que reinó David en Hebrón sobre la casa de Judá, fue de siete años y seis meses.
और दाऊद हब्रून में बनी यहूदाह पर सात बरस छ: महीने तक हाकिम रहा।
12 Abner, hijo de Ner, y los siervos de Isbóset, hijo de Saúl, salieron de Mahanaim para Gabaón.
फिर नेर का बेटा अबनेर और साऊल के बेटे इश्बोसत के ख़ादिम महनायम से जिब’ऊन में आए।
13 También Joab, hijo de Sarvia, y los soldados de David, se pusieron en marcha, y los encontraron junto al estanque de Gabaón, donde acamparon, los unos de un lado del estanque, y los otros del otro lado.
और ज़रोयाह का बेटा योआब और दाऊद के मुलाज़िम निकले और जिब’ऊन के तालाब पर उनसे मिले और दोनों अलग अलग बैठ गये, एक तालाब की इस तरफ़ और दूसरा तालाब की दूसरी तरफ़।
14 Dijo entonces Abner a Joab: “Levántense los jóvenes para escaramuzar delante de nosotros.” Joab respondió: “Que se levanten.”
तब अबनेर ने योआब से कहा, ज़रा यह जवान उठकर हमारे सामने एक दूसरे का मुक़ाबला करें, योआब ने कहा “ठीक।”
15 Se levantaron y avanzaron en igual número: doce de Benjamín, por parte de Isbóset, hijo de Saúl, y doce del ejército de David.
तब वह उठकर ता’दाद के मुताबिक़ आमने सामने हुए या’नी साऊल के बेटे इश्बोसत और बिनयामीन की तरफ़ से बारह जवान और दाऊद के ख़ादिमों में से बारह आदमी।
16 Y asiendo cada uno a su adversario por la cabeza, le atravesó con la espada el costado, de manera que cayeron todos juntos; y fue llamado aquel sitio Helcat-Hasurim; está vecino a Gabaón.
और उन्होंने एक दूसरे का सिर पकड़ कर अपनी अपनी तलवार अपने मुख़ालिफ़ के पेट में भोंक दी, इसलिए वह एक ही साथ गिरे इसलिए वह जगह हल्क़त हस्सोरीम कहलाई वह जिब’ऊन में है।
17 Y hubo aquel día una batalla muy reñida, en la cual Abner y los hombres de Israel fueron vencidos por el ejército de David.
और उस रोज़ बड़ी सख्त़ लड़ाई हुई और अबनेर और इस्राईल के लोगों ने दाऊद के ख़ादिमों से शिकस्त खाई।
18 Estaban allí los tres hijos de Sarvia: Joab, Abisai y Asael. Asael era ligero de pies como una gacela del campo.
और ज़रोयाह के तीनों बेटे योआब, और अबीशै और असाहील वहाँ मौजूद थे और असाहील जंगली हिरन की तरह दौड़ता था।
19 Y persiguió Asael a Abner, sin desviarse ni a la derecha, ni a la izquierda en la persecución de Abner.
और असाहील ने अबनेर का पीछा किया और अबनेर का पीछा करते वक़्त वह दहने या बाएं हाथ न मुड़ा।
20 Abner volvió la cara hacia atrás, y dijo: “¿Eres tú Asael?” El respondió: “Yo soy.”
तब अबनेर ने अपने पीछे नज़र करके उससे कहा, ऐ असाहील क्या तू है। उसने कहा, हाँ।
21 Y le dijo Abner: “Tuerce o a la derecha o a la izquierda, y acomete a uno de los muchachos y toma sus despojos.” Pero Asael no quiso apartarse de en pos de él.
अबनेर ने उससे कहा, “अपनी दहनी या बायीं तरफ़ मुड़ जा और जवानों में से किसी को पकड़ कर उसके हथियार लूट ले।” लेकिन 'असाहेल उसका पीछा करने से बाज़ न आया।
22 Segunda vez dijo Abner a Asael: “Apártate de en pos de mí. ¿Por qué he de derribarte por tierra? ¿Cómo podría yo después alzar mi rostro delante de Joab, tu hermano?”
अबनेर ने असाहील से फिर कहा, “मेरा पीछा करने से बाज़ रह मैं कैसे तुझे ज़मीन पर मार कर डाल दूँ क्यूँकि फिर मैं तेरे भाई योआब को क्या मुँह दिखाऊंगा।”
23 Mas él rehusó apartarse. Entonces Abner le hirió con la extremidad de la lanza, en el abdomen; y le salió la lanza por detrás, de manera que allí cayó, y allí mismo murió. Y todos los que llegaban al sitio donde Asael había caído muerto, se detenían.
इस पर भी उसने मुड़ने से इनकार किया, अबनेर ने अपने भाले के पिछले सिरे से उसके पेट पर ऐसा मारा कि वह पार हो गया तब वह वहाँ गिरा और उसी जगह मर गया और ऐसा हुआ कि जितने उस जगह आए जहाँ 'असाहील गिर कर मरा था वह वहीं खड़े रह गये।
24 Mas Joab y Abisai persiguieron a Abner, y al ponerse el sol llegaron al collado de Ama, que está frente a Gíah, en el camino del desierto de Gabaón.
लेकिन योआब और अबीशै अबनेर का पीछा करते रहे और जब वह कोह — ए — अम्मा जो दश्त — ए — जिबऊन के रास्ते में जियाह के मुक़ाबिल है पहुँचे तो सूरज डूब गया।
25 Entonces se reunieron los hijos de Benjamín en pos de Abner, y formando un solo tropel se apostaron en la cima de un collado.
और बनी बिनयमीन अबनेर के पीछे इकट्ठे हुए और एक झुण्ड बन गए और एक पहाड़ की चोटी पर खड़े हुए।
26 Y llamando Abner a Joab, dijo: “¿Ha de devorar la espada para siempre? ¿No sabes que al fin vendrá amargura? ¿Hasta cuándo, pues, tardarás en decir al pueblo que deje de perseguir a sus hermanos?”
तब अबनेर ने योआब को पुकार कर कहा, “क्या तलवार हमेशा तक हलाक करती रहे? क्या तू नहीं जानता कि इसका अंजाम कड़वाहट होगा? तू कब लोगों को हुक्म देगा कि अपने भाइयों का पीछा छोड़ कर लौट जायें।”
27 Respondió Joab: “¡Vive Dios! que si tú no hubieras hablado, el pueblo no habría cesado de perseguir a sus hermanos hasta mañana.”
योआब ने कहा, “ज़िन्दा ख़ुदा की क़सम अगर तू न बोला होता तो लोग सुबह ही को ज़रूर चले जाते और अपने भाइयों का पीछा न करते।”
28 Entonces Joab tocó la trompeta, y se detuvo todo el pueblo, y no persiguieron más a Israel, sino que desistieron de guerra.
फिर योआब ने नरसिंगा फूँका और सब लोग ठहर गये और इस्राईल का पीछा फिर न किया और न फिर लड़े
29 Abner y sus gentes marcharon toda aquella noche por el Araba y después de pasar el Jordán, atravesaron todo el Bitrón, y llegaron a Mahanaim.
और अबनेर और उसके लोग उस सारी रात मैदान चले, और यरदन के पार हुए, और सब बितारोन से गुज़र कर महनायम में आ पहुँचे।
30 Cuando Joab dejó de perseguir a Abner y reunió toda su gente, faltaron de las tropas de David diez y nueve hombres, además de Asael.
और योआब अबनेर का पीछा छोड़ कर लौटा, और उसने जो सब आदमियों को जमा' किया, तो दाऊद के मुलाज़िमो में से उन्नीस आदमी और 'असाहील कम निकले।
31 Por su parte, las tropas de David habían herido de muerte a trescientos sesenta nombres de los benjaminitas y de los hombres de Abner.
लेकिन दाऊद के मुलाज़िमों ने बिनयमीन में से और अबनेर के लोगों में से इतने मार दिए कि तीन सौ साठ आदमी मर गये।
32 Llevaron a Asael y lo sepultaron en el sepulcro de su padre en Betlehem. Joab y sus hombres marcharon toda la noche y al rayar el día llegaron a Hebrón.
और उन्होंने 'असाहील को उठा कर उसे उसके बाप की क़ब्र में जो बैतलहम में थी दफ़न किया और योआब और उसके लोग सारी रात चले और हब्रून पहुँच कर उनको दिन निकला।