< Псалтирь 25 >
1 К Тебе, Господи, воздвигох душу мою, Боже мой, на Тя уповах, да не постыжуся во век, ниже да посмеютмися врази мои:
ऐ ख़ुदावन्द! मैं अपनी जान तेरी तरफ़ उठाता हूँ।
2 ибо вси терпящии Тя не постыдятся.
ऐ मेरे ख़ुदा, मैंने तुझ पर भरोसा किया है, मुझे शर्मिन्दा न होने दे: मेरे दुश्मन मुझ पर ख़ुशी न मनाएँ।
3 Да постыдятся беззаконнующии вотще.
बल्कि जो तेरे मुन्तज़िर हैं उनमें से कोई शर्मिन्दा न होगा; लेकिन जो नाहक़ बेवफ़ाई करते हैं वही शर्मिन्दा होंगे।
4 Пути Твоя, Господи, скажи ми и стезям Твоим научи мя.
ऐ ख़ुदावन्द, अपनी राहें मुझे दिखा; अपने रास्ते मुझे बता दे।
5 Настави мя на истину Твою и научи мя: яко Ты еси Бог спас мой, и Тебе терпех весь день.
मुझे अपनी सच्चाई पर चला और ता'लीम दे, क्यूँकि तू मेरा नजात देने वाला ख़ुदा है; मैं दिन भर तेरा ही मुन्तज़िर रहता हूँ।
6 Помяни щедроты Твоя, Господи, и милости Твоя, яко от века суть.
ऐ ख़ुदावन्द, अपनी रहमतों और शफ़क़तों को याद फ़रमा; क्यूँकि वह शुरू' से हैं।
7 Грех юности моея и неведения моего не помяни: по милости Твоей помяни мя Ты, ради благости Твоея, Господи.
मेरी जवानी की ख़ताओं और मेरे गुनाहों को याद न कर; ऐ ख़ुदावन्द, अपनी नेकी की ख़ातिर अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे याद फ़रमा।
8 Благ и прав Господь, сего ради законоположит согрешающым на пути.
ख़ुदावन्द नेक और रास्त है; इसलिए वह गुनहगारों को राह — ए — हक़ की ता'लीम देगा।
9 Наставит кроткия на суд, научит кроткия путем Своим.
वह हलीमों को इन्साफ़ की हिदायत करेगा, हाँ, वह हलीमों को अपनी राह बताएगा।
10 Вси путие Господни милость и истина, взыскающым завета Его и свидения Его.
जो ख़ुदावन्द के 'अहद और उसकी शहादतों को मानते हैं, उनके लिए उसकी सब राहें शफ़क़त और सच्चाई हैं।
11 Ради имене Твоего, Господи, и очести грех мой, мног бо есть.
ऐ ख़ुदावन्द, अपने नाम की ख़ातिर मेरी बदकारी मु'आफ़ कर दे क्यूँकि वह बड़ी है।
12 Кто есть человек бояйся Господа? Законоположит ему на пути, егоже изволи.
वह कौन है जो ख़ुदावन्द से डरता है? ख़ुदावन्द उसको उसी राह की ता'लीम देगा जो उसे पसंद है।
13 Душа его во благих водворится, и семя его наследит землю.
उसकी जान राहत में रहेगी, और उसकी नसल ज़मीन की वारिस होगी।
14 Держава Господь боящихся Его, и завет Его явит им.
ख़ुदावन्द के राज़ को वही जानते हैं जो उससे डरते हैं, और वह अपना 'अहद उनको बताएगा।
15 Очи мои выну ко Господу, яко Той исторгнет от сети нозе мои.
मेरी आँखें हमेशा ख़ुदावन्द की तरफ़ लगी रहती हैं, क्यूँकि वही मेरा पाँव दाम से छुड़ाएगा।
16 Призри на мя и помилуй мя, яко единород и нищь есмь аз.
मेरी तरफ़ मुतवज्जिह हो और मुझ पर रहम कर, क्यूँकि मैं बेकस और मुसीबत ज़दा हूँ।
17 Скорби сердца моего умножишася, от нужд моих изведи мя.
मेरे दिल के दुख बढ़ गए, तू मुझे मेरी तकलीफ़ों से रिहाई दे।
18 Виждь смирение мое и труд мой, и остави вся грехи моя.
तू मेरी मुसीबत और जॉफ़िशानी को देख, और मेरे सब गुनाह मु'आफ़ फ़रमा।
19 Виждь враги моя, яко умножишася, и ненавидением неправедным возненавидеша мя.
मेरे दुश्मनों को देख क्यूँकि वह बहुत हैं और उनको मुझ से सख़्त 'अदावत है।
20 Сохрани душу мою и избави мя, да не постыжуся, яко уповах на Тя.
मेरी जान की हिफ़ाज़त कर, और मुझे छुड़ा; मुझे शर्मिन्दा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तुझ ही पर है।
21 Незлобивии и правии прилепляхуся мне, яко потерпех Тя, Господи.
दियानतदारी और रास्तबाज़ी मुझे सलामत रख्खें, क्यूँकि मुझे तेरी ही आस है।
22 Избави, Боже, Израиля от всех скорбей его.
ऐ ख़ुदा, इस्राईल को उसके सब दुखों से छुड़ा ले।