< Книга пророка Иеремии 26 >
1 В начале царства Иоакима сына Иосиина бысть слово сие от Господа:
१योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के आरम्भ में, यहोवा की ओर से यह वचन पहुँचा,
2 тако рече Господь: стани во дворе дому Господня и проповеждь всем Иудеом, входящым кланятися в дом Господень, вся словеса, яже завещах тебе проповедати им, не уйми словесе:
२“यहोवा यह कहता है: यहोवा के भवन के आँगन में खड़ा होकर, यहूदा के सब नगरों के लोगों के सामने जो यहोवा के भवन में दण्डवत् करने को आएँ, ये वचन जिनके विषय उनसे कहने की आज्ञा मैं तुझे देता हूँ कह दे; उनमें से कोई वचन मत रख छोड़।
3 негли послушают и отвратятся кийждо от пути своего злаго, и почию от зол, яже помышляю сотворити им злых ради начинаний их.
३सम्भव है कि वे सुनकर अपनी-अपनी बुरी चाल से फिरें और मैं उनकी हानि करने से पछताऊँ जो उनके बुरे कामों के कारण मैंने ठाना था।
4 И речеши: тако рече Господь: аще не послушаете Мене, еже ходити в законех Моих, яже дах пред лицем вашим,
४इसलिए तू उनसे कह, ‘यहोवा यह कहता है: यदि तुम मेरी सुनकर मेरी व्यवस्था के अनुसार जो मैंने तुम को सुनवा दी है न चलो,
5 в послушание словес отрок Моих пророков, ихже Аз посылаю к вам из утра, и послах, и не послушасте Мене,
५और न मेरे दास भविष्यद्वक्ताओं के वचनों पर कान लगाओ, (जिन्हें मैं तुम्हारे पास बड़ा यत्न करके भेजता आया हूँ, परन्तु तुम ने उनकी नहीं सुनी),
6 и дам дом сей якоже Силом, и град сей дам в клятву всем языком всея земли.
६तो मैं इस भवन को शीलो के समान उजाड़ दूँगा, और इस नगर का ऐसा सत्यानाश कर दूँगा कि पृथ्वी की सारी जातियों के लोग उसकी उपमा दे देकर श्राप दिया करेंगे।’”
7 И слышаша жерцы и лжепророцы и вси людие Иеремию глаголюща словеса сия в дому Господни.
७जब यिर्मयाह ये वचन यहोवा के भवन में कह रहा था, तब याजक और भविष्यद्वक्ता और सब साधारण लोग सुन रहे थे।
8 И бысть, егда Иеремиа преста глаголати вся, елика завеща ему Господь глаголати всем людем, и яша Иеремию жерцы и лжепророцы и вси людие, глаголюще: смертию да умрет,
८जब यिर्मयाह सब कुछ जिसे सारी प्रजा से कहने की आज्ञा यहोवा ने दी थी कह चुका, तब याजकों और भविष्यद्वक्ताओं और सब साधारण लोगों ने यह कहकर उसको पकड़ लिया, “निश्चय तुझे प्राणदण्ड मिलेगा!
9 яко прорече имеием Господним, глаголя: якоже Силом будет сей дом, и град сей опустеет от живущих. И собрашася вси людие на Иеремию в дому Господни.
९तूने क्यों यहोवा के नाम से यह भविष्यद्वाणी की ‘यह भवन शीलो के समान उजाड़ हो जाएगा, और यह नगर ऐसा उजड़ेगा कि उसमें कोई न रह जाएगा’?” इतना कहकर सब साधारण लोगों ने यहोवा के भवन में यिर्मयाह के विरुद्ध भीड़ लगाई।
10 И слышаша князи Иудины словеса сия, и взыдоша от дому царева в дом Господень и седоша во преддверии врат дому Господня новых.
१०यहूदा के हाकिम ये बातें सुनकर, राजा के भवन से यहोवा के भवन में चढ़ आए और उसके नये फाटक में बैठ गए।
11 И реша жерцы и лжепророцы князем и всем людем, глаголюще: суд смертный человеку сему, яко прорече на сей град, якоже слышасте во ушы ваши.
११तब याजकों और भविष्यद्वक्ताओं ने हाकिमों और सब लोगों से कहा, “यह मनुष्य प्राणदण्ड के योग्य है, क्योंकि इसने इस नगर के विरुद्ध ऐसी भविष्यद्वाणी की है जिसे तुम भी अपने कानों से सुन चुके हो।”
12 И рече Иеремиа ко всем князем и ко всем людем, глаголя: Господь посла мя прорещи на дом сей и на град сей вся словеса, яже слышасте:
१२तब यिर्मयाह ने सब हाकिमों और सब लोगों से कहा, “जो वचन तुम ने सुने हैं, उसे यहोवा ही ने मुझे इस भवन और इस नगर के विरुद्ध भविष्यद्वाणी की रीति पर कहने के लिये भेज दिया है।
13 и ныне лучшыя сотворите пути вашя и дела ваша и послушайте гласа Господа Бога вашего, и престанет Господь от зол, яже глагола на вы:
१३इसलिए अब अपना चाल चलन और अपने काम सुधारो, और अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानो; तब यहोवा उस विपत्ति के विषय में जिसकी चर्चा उसने तुम से की है, पछताएगा।
14 и се, аз в руках ваших, сотворите ми якоже угодно и якоже лучше вам является:
१४देखो, मैं तुम्हारे वश में हूँ; जो कुछ तुम्हारी दृष्टि में भला और ठीक हो वही मेरे साथ करो।
15 но разумеюще да уразумеете, яко аще убиете мя, кровь неповинну дадите сами на ся и на град сей и на живущыя в нем: яко поистинне посла мя Господь к вам глаголати во ушы ваши вся словеса сия.
१५पर यह निश्चय जानो, कि यदि तुम मुझे मार डालोगे, तो अपने को और इस नगर को और इसके निवासियों को निर्दोष के हत्यारे बनाओगे; क्योंकि सचमुच यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास यह सब वचन सुनाने के लिये भेजा है।”
16 И реша князи и вси людие ко жерцем и ко лжепророком: несть человеку сему суд смертный, яко во имя Господа нашего глагола к нам.
१६तब हाकिमों और सब लोगों ने याजकों और नबियों से कहा, “यह मनुष्य प्राणदण्ड के योग्य नहीं है क्योंकि उसने हमारे परमेश्वर यहोवा के नाम से हम से कहा है।”
17 И восташа мужие от старейшин земских и реша всему собору людскому, глаголюще:
१७तब देश के पुरनियों में से कितनों ने उठकर प्रजा की सारी मण्डली से कहा,
18 Михеа Морафитский бе пророчествуя во дни Езекии царя Иудина и рече всем людем Иудиным, глаголя: тако рече Господь: Сион яко нива изорется, и Иерусалим яко в путь непроходный будет, и гора храма будет в луг дубравный.
१८“यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में मोरेशेतवासी मीका भविष्यद्वाणी कहता था, उसने यहूदा के सारे लोगों से कहा: ‘सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा और यरूशलेम खण्डहर हो जाएगा, और भवनवाला पर्वत जंगली स्थान हो जाएगा।’
19 Еда убивая уби его Езекиа царь Иудин и вси людие Иудины? Не убояшалися убо Господа? И понеже помолишася лицу Господню, и почи Господь от зол, яже глаголаше на ня: и мы сотворихом злобы велики на душы нашя.
१९क्या यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने या किसी यहूदी ने उसको कहीं मरवा डाला? क्या उस राजा ने यहोवा का भय न माना ओर उससे विनती न की? तब यहोवा ने जो विपत्ति उन पर डालने के लिये कहा था, उसके विषय क्या वह न पछताया? ऐसा करके हम अपने प्राणों की बड़ी हानि करेंगे।”
20 И бе человек прорицая именем Господним, Уриа сын Самеов от Кариафиарима, и прорече на град сей и о земли сей по всем словесем Иеремииным.
२०फिर शमायाह का पुत्र ऊरिय्याह नामक किर्यत्यारीम का एक पुरुष जो यहोवा के नाम से भविष्यद्वाणी कहता था उसने भी इस नगर और इस देश के विरुद्ध ठीक ऐसी ही भविष्यद्वाणी की जैसी यिर्मयाह ने अभी की है।
21 И слыша царь Иоаким и вси князи вся словеса его и искаху убити его: и слыша Уриа и убояся, и бежа и прииде во Египет.
२१जब यहोयाकीम राजा और उसके सब वीरों और सब हाकिमों ने उसके वचन सुने, तब राजा ने उसे मरवा डालने का यत्न किया; और ऊरिय्याह यह सुनकर डर के मारे मिस्र को भाग गया।
22 И посла царь Иоаким мужы во Египет, Елдафана сына Ахорова и мужы с ним во Египет,
२२तब यहोयाकीम राजा ने मिस्र को लोग भेजे अर्थात् अकबोर के पुत्र एलनातान को कितने और पुरुषों के साथ मिस्र को भेजा।
23 и изведоша его оттуду и приведоша его ко царю, и порази его мечем и вверже его во гроб сынов людий своих.
२३वे ऊरिय्याह को मिस्र से निकालकर यहोयाकीम राजा के पास ले आए; और उसने उसे तलवार से मरवाकर उसकी लोथ को साधारण लोगों की कब्रों में फिंकवा दिया।
24 Обаче рука Ахикама сына Сафаниина бе со Иеремиею, еже не предати его в руце людий, да не убиют его.
२४परन्तु शापान का पुत्र अहीकाम यिर्मयाह की सहायता करने लगा और वह लोगों के वश में वध होने के लिये नहीं दिया गया।