< Второзаконие 1 >
1 Сия словеса, яже глагола Моисей всему Израилю об ону страну Иордана, в пустыни на запады, близ Чермнаго моря, между Фараном и Тофолом, и Ловоном и Авлоном и златыми рудами:
मोशेह द्वारा सारे इस्राएल को कहे गए वचन, जो यरदन के पूर्व निर्जन प्रदेश—अराबाह—में दिये गये, जो सूफ के सामने के मैदान में पारान, तोफेल, लाबान, हाज़ोरौथ और दी-ज़ाहाब के पास है.
2 единонадесяти дний от Хорива путь чрез гору Сиир даже до Кадис-Варни.
(होरेब पर्वत से सेईर पर्वत होते हुए कादेश-बरनेअ तक यात्रा में सिर्फ ग्यारह दिन ही लगते हैं.)
3 И бысть в четыредесятое лето, в первыйнадесять месяц, в первый день месяца глагола Моисей ко всем сыном Израилевым, по всему елико заповеда ему Господь к ним,
चालीसवें साल के, ग्यारहवें महीने के पहले दिन मोशेह ने इस्राएलियों को वह सब कह दिया, जिसका आदेश उन्हें याहवेह से मिला था.
4 по убиении Сиона царя Аморрейска, жившаго во Есевоне, и Ога царя Васанска, жившаго во Астарофе и во Едраине,
इस समय वह हेशबोनवासी अमोरियों के राजा सीहोन और अश्तारोथ और एद्रेइ के शासक बाशान के राजा ओग को हरा चुके थे.
5 об ону страну Иордана в земли Моавли, нача Моисей изясняти закон сей, глаголя:
जब वे यरदन के पूर्व मोआब देश में ही थे, मोशेह ने व्यवस्था की व्याख्या करना यह कहते हुए शुरू किया कि:
6 Господь Бог наш глагола нам в Хориве, глаголя: да довлеет вам жити в горе сей:
होरेब पर्वत पर याहवेह हमारे परमेश्वर ने यह कहा था, “पूरी हुई इस पर्वत पर तुम्हारी शांति.
7 обратитеся и воздвигнитеся вы, и внидите в гору Аморрейску, и ко всем населником Аравы, в гору и поле, и к югу и в приморскую землю Ханааню, и во Антиливан, даже до реки великия, реки Евфрата:
अब अपनी यात्रा शुरू करो. तुम्हें अमोरियों के पहाड़ी प्रदेश, अराबाह के पास के सारे क्षेत्रों को जो पर्वतों और नेगेव की घाटियों और सागर के किनारे के इलाकों तक, कनानियों के देश और महानद फरात तक फैले हुए लबानोन की ओर निशाना करना है.
8 видите, предах пред вами землю, вшедше наследите землю, еюже клятся Господь отцем вашым, Аврааму и Исааку и Иакову, дати ю им и семени их по них.
यह समझ लो, कि मैंने यह ज़मीन तुम्हारे सामने रख दी है. इसमें प्रवेश करो और उस ज़मीन पर अपना अधिकार कर लो, जिसे देने की प्रतिज्ञा मैं, याहवेह ने, तुम्हारे पूर्वज अब्राहाम, यित्सहाक और याकोब से और उनके बाद उनके घराने से की थी.”
9 И рекох к вам во время оно глаголя: не возмогу един водити вас:
उसी समय मैं तुम पर यह प्रकट कर चुका था, “मुझमें यह सामर्थ्य नहीं कि मैं अकेला तुम्हारा भार उठा सकूं.
10 Господь Бог ваш умножил вы есть, и се, есте днесь яко звезды небесныя множеством:
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारी गिनती इस हद्द तक बढ़ा दी है, कि अब तुम्हीं देख लो, कि तुम आकाश के तारों के समान अनगिनत हो चुके हो.
11 Господь Бог отец ваших да приложит вам, яко да будете тысящами сугубо, и да благословит вас, яко же глагола вам:
याहवेह, तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर तुम्हारी गिनती में हज़ार गुणा और बढ़ाकर तुम्हें समृद्ध बना दें; ठीक जैसी प्रतिज्ञा उन्होंने तुमसे की है!
12 како возмогу един носити труды вашя и тяжести вашя и пререкания ваша?
मैं अकेला ही कैसे तुम्हारा बोझ और तुम्हारे विवादों के बोझ को उठा सकता हूं?
13 Изберите себе мужы мудры и уметелны и смысленны в племенех ваших, и поставлю их над вами старейшины вам.
अपने ही गोत्रों में से बुद्धिमान, समझदार और अनुभवी व्यक्तियों को चुन लो, तो मैं उन्हें तुम्हारे लिए मुखिया बना दूंगा.”
14 И отвещасте ми и рекосте: добро слово, еже глаголал еси сотворити.
तुम्हारा उत्तर था, “आपका प्रस्ताव बढ़िया है.”
15 И взях от вас мужы мудры и уметелны и смысленны, и поставих их владети над вами тысященачалники и стоначалники, и пятьдесятоначалники и десятоначалники, и писмовводители судиям вашым.
फिर मैंने तुम्हारे गोत्रों के अध्यक्षों को, जो बुद्धिमान और अनुभवी व्यक्ति थे, तुम्हारे लिए अगुए बना दिये. इन्हें हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास तथा दस-दस लोगों के समूह के ऊपर अधिकारी नियुक्त किए.
16 И заповедах судиям вашым во время оно, глаголя: разслушайте посреде братий ваших, и судите праведно посреде мужа и посреде брата его и посреде пришелца его:
उसी समय मैंने तुम्हारे न्यायाध्यक्षों को ये आदेश दिए: “अपनी जाति के लोगों के विवाद ध्यान से सुनो और उन्हें निष्पक्ष न्याय दो, चाहे यह विवाद दो सहजातियों के बीच हो या किसी सजातीय और उनके बीच रह रहे परदेशी के बीच.
17 да не познаете лица в суде, малому и великому судиши, и не устыдишися лица человеча, яко суд Божий есть: и речь, яже аще жестока будет у вас, донесете ю ко мне, и услышу ю.
न्याय में पक्षपात कभी न हो. सामान्य और विशेष का विवाद तुम एक ही नज़रिए से करोगे. तुम्हें किसी भी मनुष्य का भय न हो, क्योंकि न्याय परमेश्वर का है. वे विवाद, जो कठिन महसूस हों, तुम मेरे सामने लाओगे, ताकि मैं खुद उन्हें सुनूं.”
18 И заповедах вам во время оно вся словеса, яже сотворите.
तुम्हें क्या-क्या करना है, यह मैं तुम पर पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं.
19 И воздвигшеся от Хорива, проидохом всю пустыню великую и страшную ону, юже видесте, путь горы Аморрейски, якоже заповеда нам Господь Бог наш: и приидохом до Кадис-Варни.
ठीक जैसा आदेश याहवेह हमारे परमेश्वर ने दिया था, हमने होरेब पर्वत से कूच किया और उस विशाल और भयानक निर्जन प्रदेश से होते हुए, जो खुद तुमने अमोरियों के पर्वतीय क्षेत्र के मार्ग पर देखा था; हम कादेश-बरनेअ पहुंच गए.
20 И рекох вам: приидосте до горы Аморрейски, юже Господь Бог наш дает вам:
मैंने तुम्हें सूचित किया, “तुम अमोरियों के पर्वतीय प्रदेश में आ पहुंचे हो, जो याहवेह, हमारे परमेश्वर हमें देने पर हैं.
21 видите, предаде Господь Бог ваш пред лицем вашим землю: вшедше наследите, якоже глагола Господь Бог отец ваших вам: небойтеся, ни ужасайтеся.
देख लो, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने यह ज़मीन तुम्हारे सामने रख दी है. आगे बढ़ो और उस पर अधिकार कर लो. यही तो याहवेह, तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर ने तुमसे कह रखा है. तुम न तो भयभीत होना और न ही निराश.”
22 И приидосте ко мне вси и рекосте: да послем мужы пред нами, и да соглядают нам землю, и да поведят нам ответ, путь, имже дойдем ея, и грады, в няже внидем.
यह सुन तुम सभी मेरे पास आ गए और मेरे सामने यह प्रस्ताव रखा, “सही होगा कि हम अपने पहले वहां कुछ व्यक्तियों को उस देश का पता करने के उद्देश्य से भेज दें, कि वे उस देश का समाचार लेकर हमें सही स्थिति बताएं, ताकि हम सही रास्ते से उन नगरों में प्रवेश कर सकें.”
23 И угодно бысть слово предо мною, и поях от вас дванадесять мужей, мужа единаго от коегождо племене.
यह प्रस्ताव मुझे सही लगा. मैंने हर एक गोत्र से एक-एक व्यक्ति लेकर तुममें से बारह व्यक्ति चुन दिए.
24 И обратившеся взыдоша на гору, и приидоша до дебри Грезновныя, и соглядаша ю:
वे पर्वतीय प्रदेश की ओर चले गए. वे एशकोल घाटी में जा पहुंचे और उसका भेद ले लिया.
25 и взяша в руце свои от плода земли и принесоша к нам, и глаголаху: блага земля, юже Господь Бог наш дает нам.
इसके बाद उन्होंने उस देश के कुछ फल इकट्ठे किए और वे हमें दिखाने के लिए ले आए. वे जो विवरण लेकर आए थे, वह इस प्रकार था: “वह देश जो याहवेह, हमारे परमेश्वर हमें देने जा रहे हैं, वास्तव में एक बढ़िया देश है.”
26 И не восхотесте взыти, но преслушасте глаголгол Господа Бога вашего:
फिर भी तुम आगे बढ़ने के लिए तैयार न हुए, बल्कि तुमने तो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेश के विरुद्ध विद्रोह ही कर दिया.
27 и возроптасте в кущах своих и рекосте: ненависти ради изведе ны Господь из земли Египетския предати нас в руки Аморрейския, потребити нас:
तुम अपने-अपने शिविर में यह कहते हुए बड़बड़ाते रहे, “क्योंकि याहवेह को हमसे घृणा है, इसलिये तो वह हमें मिस्र देश से यहां ले आए हैं, कि हमें अमोरियों के द्वारा नाश करवा दें.
28 камо мы взыдем? Братия же вашя отвратиша сердца ваша, глаголюще: язык велик и мног и крепчае нас, и грады велицы и ограждени даже до небесе, но и сыны Исполинов видехом тамо.
हम वहां कैसे जा सकते हैं? हमारे बंधुओं ने तो यह सूचित कर हमारा मनोबल खत्म कर दिया है, ‘वहां के निवासी डीलडौल में हमसे बहुत बड़े और शक्तिमान हैं. नगर विशाल हैं और शहरपनाहें गगन को चूमती हैं, इसके अलावा हमने वहां अनाक के वंशज भी देखे हैं.’”
29 И глаголах к вам: не ужасайтеся, ниже убойтеся от них:
फिर मैंने तुम्हें आश्वस्त किया, “न तो इससे हैरान हो जाओ और न डरो.
30 Господь Бог ваш предходяй пред лицем вашим, Той повоюет их с вами, по всему елико сотвори вам в земли Египетстей пред очима вашима,
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर, जो तुम्हारे अगुए हैं, खुद तुम्हारी ओर से युद्ध करेंगे; ठीक जैसा उन्होंने तुम्हारे देखते ही देखते मिस्र देश में तुम्हारे लिए किया था.
31 и в пустыни сей, юже видесте: яко воспита тебе Господь Бог твой, якоже некий человек питает сына своего, по всему пути в оньже ходисте, дондеже приидосте на место сие.
और निर्जन प्रदेश में भी, जहां तुमने देख लिया, कि कैसे याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर पूरे मार्ग में, जिस पर चलते हुए तुम यहां तक आ पहुंचे हो, इस रीति से तुम्हें उठाए रहा, जिस प्रकार कोई व्यक्ति अपने पुत्र को उठाता है.”
32 И в словеси сем не веровасте Господеви Богу вашему,
मगर इतना सब होने पर भी, तुमने याहवेह, अपने परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया,
33 иже предходит пред вами в путь избрати вам место, путеводя вас огнем нощию, показуя вам путь, имже ити по нем, и облаком во дни.
जो तुम्हारे ही मार्ग पर तुम्हारे आगे-आगे चलते हुए जा रहे हैं, कि तुम्हारे लिए ऐसा सही स्थान तय करें, जहां तुम पड़ाव डाल सको. वह रात में तो आग के द्वारा और दिन में बादल के द्वारा तुम्हारे मार्गदर्शक हुआ करते थे.
34 И услыша Господь (Бог) глас словес ваших, и разгневався клятся, глаголя:
याहवेह ने तुम्हारी बड़बड़ाहट सुन ली. वह क्रोधित हो गए और तब उन्होंने यह शपथ ली:
35 аще узрит кто от мужей сих землю благую сию, еюже Аз кляхся отцем их,
“इस बुरी पीढ़ी में से एक भी व्यक्ति उस अच्छे देश को देख न सकेगा, जिसकी प्रतिज्ञा मैंने तुम्हारे पूर्वजों से की थी,
36 разве Халев сын Иефонниин, сей узрит ю, и сему дам землю, на нюже взыде, и сыном его, понеже прилежит Господеви.
सिवाय येफुन्नेह के पुत्र कालेब के; वह इस देश में प्रवेश करेगा. उसे और उसकी संतान को मैं यह देश दे दूंगा, जिस पर उसके कदम पड़े थे; क्योंकि उसका मन पूरी तरह याहवेह के प्रति विश्वासयोग्य बना रहा है.”
37 И на мя разгневася Господь вас ради, глаголя: ниже ты внидеши тамо:
तुम्हारे कारण याहवेह मुझ पर ही क्रोधित हो गए और उन्होंने मुझसे कहा, “तुम भी उस देश में प्रवेश न करोगे.
38 Иисус сын Навин, иже стоит пред тобою, сей внидет тамо: сего укрепи, яко сей даст ю в наследие Израилю:
मगर नून का पुत्र यहोशू, जो तुम्हारा सेवक है, उस देश में प्रवेश करेगा. तुम उसकी हिम्मत बनाए रखो. वही इस्राएल को उस देश पर अधिकार करने के लिए प्रेरित करेगा.
39 и отрочата ваша, о нихже глаголасте, яко в пленении имут быти, и всяко отроча младо, еже не весть днесь добра или зла, сии внидут тамо, и сим дам ю, и сии наследят ю:
इनके अलावा तुम्हारे बालक, जिनके लिए तुम यह कहते रहे हो, कि वे तो उनके शिकार हो जाएंगे, और तुम्हारी वह संतान, जिन्हें आज सही गलत का पता ही नहीं है, उस देश में प्रवेश करेंगी; मैं उन्हें यह देश दे दूंगा और वे इस पर अधिकार कर लेंगे.
40 и вы обратившеся ополчистеся в пустыню, путем к Чермному морю.
मगर तुम मुड़कर लाल सागर पथ पर निर्जन प्रदेश की ओर लौट जाओ.”
41 И отвещасте и рекосте мне: согрешихом пред Господем Богом нашим: мы шедше повоюем, по всему елико заповеда Господь Бог наш нам. И вземше кийждо орудия ратная своя и собравшеся взыдосте на гору.
तब तुमने मेरे सामने यह स्वीकार किया, “हमने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है; अब हम पहाड़ी प्रदेश पर चढ़ेंगे, और ठीक जैसा आदेश याहवेह हमारे परमेश्वर ने दिया है, उन जातियों से युद्ध करेंगे.” तुममें से हर एक ने हथियार धारण कर लिए. तुम्हें तो पहाड़ी क्षेत्र में जाकर हमला करना सरल प्रतीत हो रहा था.
42 И рече Господь ко мне: рцы им: не восходите, ниже ратуйте, несмь бо с вами, и да не будете сотрени пред враги вашими.
मगर मुझे याहवेह की ओर से यह आदेश मिला: “उनसे यह कहो, ‘न तो वहां जाना और न ही उनसे युद्ध करना, क्योंकि इसमें मैं तुम्हारे साथ नहीं हूं; नहीं तो तुम अपने शत्रुओं द्वारा हरा दिए जाओगे.’”
43 И глаголах к вам, и не послушасте мене: и преступисте слово Господне, и понудившеся взыдосте на гору.
इसलिये मैंने तुम्हारे सामने ये बातें रख दीं, मगर तुमने इसकी उपेक्षा करके याहवेह के आदेश के विरुद्ध विद्रोह कर दिया. अपने हठ में तुम उस पर्वतीय क्षेत्र में पहुंच गए.
44 И изыде Аморрей живущий на горе той противу вам, и прогна вас, аки бы пчелы творили, и уязвляху вас от Сиира даже до Ермы.
उस क्षेत्र के अमोरी बाहर निकल आए और तुम्हें इस रीति से खदेड़ दिया मानो तुम्हारे पीछे मधुमक्खियां लगी हों. वे तो तुम्हें सेईर से होरमाह तक कुचलते गए.
45 (И возвратистеся, ) и седше плакасте пред Господем, и не послуша Господь гласа вашего, ниже внят вам:
तुम लौट आए और याहवेह के सामने रोते रहे; मगर याहवेह पर तुम्हारे इस रोने का कोई असर न पड़ा.
46 и седесте в Кадисе дни многи, елики дни тогда седесте.
फलस्वरूप तुम्हें कादेश में ही लंबे समय तक ठहरना पड़ा. ऐसे ही रहे वहां तुम्हारे दिन.