< Четвертая книга Царств 17 >
1 В лето второенадесять Ахаза царя Иудина, царствова Осиа сын Илы в Самарии над Израилем девять лет,
यहूदिया के राजा आहाज़ के शासन के बारहवें साल में एलाह का पुत्र होशिया शमरिया में राजा बना. उसका शासन नौ साल का था.
2 и сотвори лукавое пред очима Господнима, обаче не якоже царие Израилевы, иже беша прежде его.
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था, मगर उस सीमा तक नहीं, जैसा इस्राएल में उसके पहले के राजाओं ने किया था.
3 И взыде нань Саламанассар царь Ассирийск. И бысть ему Осиа раб и даваше ему дань.
अश्शूर के राजा शालमानेसर ने उस पर हमला कर दिया. होशिया को उसके अधीन, जागीरदार होकर उसे कर देना पड़ता था.
4 И обрете царь Ассирийск во Осии неправду, занеже посла послы к Сигору царю Египетску и не принесе дани царю Ассирийску лета того. И осади его царь Ассирийский и связа его в храмине темничней.
मगर अश्शूर के राजा को होशिया के एक षड़्यंत्र के विषय में मालूम हो गया. होशिया ने मिस्र देश के राजा सोअ से संपर्क के लिए अपने दूत भेजे थे, और उसने अपने ठहराए गए कर का भुगतान भी नहीं किया था, जैसा वह हर साल किया करता था. तब अश्शूर के राजा ने उसे बंदी बनाकर बंदीगृह में डाल दिया.
5 И прииде царь Ассирийск во всю землю (его), и взыде в Самарию, и воева ю три лета.
इसके बाद उसने सारी इस्राएल देश पर कब्जा किया, और तीन साल तक शमरिया नगर को अपनी अधीनता में रखा.
6 В лето девятое Осии взя царь Ассирийский Самарию, и заведе Израилтян во Ассирию, и посели их на Алаи и на Аворе, реках Гозанских, и в пределех Мидских.
होशिया के शासन के नवें साल में अश्शूर के राजा ने शमरिया को अपने अधिकार में ले लिया. उसने इस्राएल जनता को बंदी बनाकर अश्शूर ले जाकर वहां हालाह और हाबोर क्षेत्र में बसा दिया. ये दोनों क्षेत्र मेदिया प्रदेश के गोज़ान नदी के तट पर स्थित हैं.
7 И (сие) бысть, яко согрешиша сынове Израилевы Господу Богу своему изведшему их из земли Египетския, из под руки фараона царя Египетска, и убояшася богов инех,
यह सब इसलिये हुआ कि इस्राएल वंशजों ने याहवेह, अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया; उस परमेश्वर के विरुद्ध, जिन्होंने उन्हें मिस्र के राजा फ़रोह की बंधुआई से मुक्त कराया था. उनमें पराए देवताओं के लिए भय आ गया था.
8 и ходиша по преданием языков, ихже истреби Господь от лица сынов Израилевых, и царие Израилевы елицы сотвориша,
वे उन राष्ट्रों की प्रथाओं का पालन करने लगे थे, जिन जनताओं को याहवेह ने इस्राएल वंश के सामने से अलग कर दिया था. इसके अलावा वे इस्राएल के राजाओं द्वारा प्रचलित प्रथाओं का पालन करने लगे थे.
9 и елицы сокрыша сынове Израилевы словеса, не тако на Господа Бога своего: и создаша себе высокая во всех градех своих, от столпа стрегущих даже до града тверда,
इस्राएल के लोग याहवेह, उनके परमेश्वर के विरुद्ध गुप्त रूप से वह सब करते रहे, जो गलत था. उन्होंने अपने सारे नगरों में पहरेदारों के खंभों से लेकर गढ़नगर तक पूजा की जगहों को बनवाया.
10 и поставиша себе кумиры и Дубравы на всяцем холме высоце и под всяким древом чащным,
उन्होंने हर एक ऊंची पहाड़ी पर और हर एक हरे पेड़ के नीचे अशेराह के खंभे खड़े किए.
11 и кадяху тамо на всех высоких, якоже языцы, яже удали Господь от лица их, и сотвориша общники, и начаша яве прогневляти Господа,
वे सारे पूजा स्थलों पर धूप जलाते थे, उन्हीं जनताओं के समान, जिन्हें याहवेह ने उनके सामने से हटाकर अलग किया था. इस्राएली प्रजा दुष्टता से भरे कामों में लगी रही, जिससे याहवेह का गुस्सा भड़क उठता था.
12 и послужиша идолом, о нихже рече им Господь: не сотворите глагола сего Господеви.
वे मूर्तियों की सेवा-उपासना करते रहे, जिनके विषय में याहवेह ने उन्हें चेताया था, “तुम यह न करना.”
13 И засвидетелствова Господь во Израили и во Иуде, и руками всех пророк Своих всякаго прозорливаго, глаголя: обратитеся от путий ваших лукавых, и сохраните заповеди Моя и оправдания Моя, и весь закон, егоже заповедах отцем вашым, елика послах им руками раб Моих пророков.
फिर भी याहवेह इस्राएल और यहूदिया को हर एक भविष्यद्वक्ता और दर्शी के द्वारा इस प्रकार चेतावनी देते रहेः “व्यवस्था के अनुसार अपनी बुराइयों से फिरकर मेरे आदेशों और नियमों का पालन करो, जिनका आदेश मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था, और जिन्हें मैंने भविष्यवक्ताओं, मेरे सेवकों के माध्यम से तुम तक पहुंचाया.”
14 И не послушаша, и ожесточиша выю свою паче выи отец своих, иже не вероваша Господу Богу своему:
मगर उन्होंने इसकी अवहेलना की, और अपने हृदय कठोर कर लिए; जैसा उनके पूर्वजों ने किया था, जिनकी याहवेह, उनके परमेश्वर में कोई श्रद्धा न थी.
15 и отвергоша завет Его и оправдания, яже завеща отцем их и свидений Его, елика засвидетелствова им, не сохраниша, и идоша вслед суетных и осуетишася, и вслед языков сущих окрест их, о нихже заповеда Господь их, еже не сотворити по сему:
उन्होंने याहवेह के नियमों का तिरस्कार किया और उस वाचा को तुच्छ माना, जो याहवेह ने उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी. उन्होंने उन चेतावनियों पर ध्यान न दिया, जिनके द्वारा याहवेह ने उन्हें सचेत करना चाहा था. वे बेकार के कामों का अनुसरण करते-करते खुद भी बेकार बन गए, और अपने पड़ोसी राष्ट्रों के समान हो गए. इन्हीं राष्ट्रों के बारे में याहवेह ने उन्हें साफ़ आदेश दिया था: “उनका अनुसरण नहीं करना.”
16 и оставиша заповеди Господа Бога своего и сотвориша себе две юницы слиты, и сотвориша дубравы, и поклонишася всей силе небесней и послужиша Ваалу:
उन्होंने याहवेह, अपने परमेश्वर के सभी आदेशों को त्याग दिया, और उन्होंने अपने लिए बछड़ों की धातु की मूर्तियां, हां, दो बछड़ों की मूर्तियां ढाल लीं. उन्होंने अशेराह को बनाया और आकाश की सारी शक्तियों और बाल देवता की उपासना की.
17 и превождаху сыны своя и дщери своя чрез огнь, и волхвоваху волхвованием и вражаху: и продашася, еже творити лукавое пред очима Господнима, еже прогневати Его.
इसके बाद उन्होंने अपनी संतान को आग के बीच से होकर निकलने की प्रथा पूरी करने के लिए मजबूर किया. वे भावी कहते थे और जादू-टोना भी करते थे. उन्होंने स्वयं को वह सब करने के लिए समर्पित कर दिया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है. इससे उन्होंने याहवेह के क्रोध को भड़का दिया.
18 И разгневася Господь на Израиля зело и отрину их от лица Своего, и не остася, токмо едино колено Иудино.
फलस्वरूप याहवेह इस्राएल पर बहुत ही क्रोधित हो गए, और उन्होंने इस्राएल को अपनी नज़रों से दूर कर दिया; सिवाय यहूदाह गोत्र के.
19 И Иуда такожде не сохрани заповедий Господа Бога своего: и хождаху по оправданием Израилевым, яже сотвориша, и отвергошася Господа.
यहूदिया ने भी याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन नहीं किया. उसने उन्हीं प्रथाओं का अनुसरण किया, जिनको इस्राएल द्वारा शुरू किया गया था.
20 И разгневася Господь на все семя Израилево и поколеба я, и даде я в руки расхищающым я дондеже отверже я от лица Своего.
याहवेह ने इस्राएल के सारे वंशजों को त्याग दिया, उन्हें सताया, उन्हें लुटेरों को सौंप दिया, और अपनी दृष्टि से दूर कर दिया.
21 Яко отторжеся Израиль от дому Давидова, и поставиша себе царя Иеровоама сына Наватова: и отрину Иеровоам Израиля от Господа и введе их во грех великий.
जब याहवेह इस्राएल को दावीद के वंश से अलग कर चुके, इस्राएलियों ने नेबाथ के पुत्र यरोबोअम को राजा बनाकर प्रतिष्ठित किया. यरोबोअम ने इस्राएल से याहवेह का अनुसरण खत्म करवा दिया, और इस्राएल को अधम पाप के लिए उकसाया.
22 И хождаху сынове Израилевы по всему греху Иеровоамлю, егоже сотвори: не отступиша от него,
इस्राएली प्रजा ने वे सारे पाप किए, जो यरोबोअम ने स्वयं किए थे. इन पापों से वे कभी दूर न हुए.
23 дондеже отверже Господь Израиля от лица Своего, якоже глагола Господь рукою всех раб Своих пророков. И преселен бысть Израиль от земли своея во Ассирианы, даже до дне сего.
तब याहवेह ने उन्हें अपनी दृष्टि से दूर कर दिया, जैसा उन्होंने भविष्यवक्ताओं, अपने सेवकों, के द्वारा पहले ही घोषित कर दिया था. तब इस्राएल वंशज अपने देश से अश्शूर को बंधुआई में भेज दिए गए, वे अब तक बंधुआई में ही हैं.
24 И приведе царь Ассирийский из Вавилона иже от Хуфы и от Аиа, и от Емафа и Сепфаруима, и вселени быша во градех Самарийских вместо сынов Израилевых, и наследиша Самарию и вселишася во градех ея.
अश्शूर के राजा ने बाबेल, कूथाह, अव्वा, हामाथ और सेफरवाइम से लोगों को लाकर शमरिया के नगरों में बसा दिया, जहां इसके पहले इस्राएल का रहना था. उन्होंने शमरिया को अपने अधिकार में ले लिया, और उसके नगरों में रहने लगे.
25 И бысть в начале седения их, не убояшася Господа, и пусти на ня Господь львы, и бяху убивающе я.
उनके वहां रहने के शुरुआती सालों में उनके मन में याहवेह के प्रति भय था ही नहीं. तब याहवेह ने उनके बीच शेर भेज दिए, जिन्होंने उनमें से कुछ को अपना कौर बना लिया.
26 И реша царю Ассирийску, глаголюще: языки, ихже превел и пресадил еси во градех Самарийских, не разумеша суда Бога земли, и посла Господь на них львы, и се, суть убивающе их, яко не разумеша суда Бога земли.
इसके बारे में अश्शूर के राजा को सूचित किया गया: “जिन राष्ट्रों को आपने ले जाकर शमरिया के नगरों में बसाया है, उन्हें इस देश के देवता की विधि पता नहीं है, इसलिये उसने उनके बीच शेर भेज दिए हैं. अब देखिए वे प्रजा को मार रहे हैं, क्योंकि प्रजा को इस देश के देवता का पता नहीं है.”
27 И заповеда царь Ассирийский глаголя: отведите тамо единаго жерца от плененых, да идут и да вселятся тамо, и да просветит их судом Бога земли.
यह सुन अश्शूर के राजा ने यह आदेश दिया, “जिन पुरोहितों को बंधुआई में लाया गया है, उनमें से एक पुरोहित को वहां भेज दिया जाए, कि वह वहां जाकर वहीं रहा करे, और वहां बसे इन लोगों को उस देश के देवता की व्यवस्था की शिक्षा दे.”
28 И отведоша единаго от жерцев ихже взяша от Самарии, и седе в Вефили, и бе просвещая жрец их, яко да убоятся Господа.
तब शमरिया से निकले पुरोहितों में से एक पुरोहित बेथेल नगर में आकर निवास करने लगा, जो उन्हें याहवेह के प्रति भय रखने के विषय में शिक्षा देता था.
29 И беша творяще кийждо язык боги своя: и поставиша я во храмех на высоких, ихже сотвориша Самаряне, кийждо язык во градех своих, в нихже живяху.
मगर हर एक राष्ट्र अपने-अपने देवताओं की मूर्तियां बनाता रहा, और उन्हें अपने-अपने नगरों के पूजा स्थलों में प्रतिष्ठित करता रहा; उन पूजा स्थलों पर, जो शमरिया के मूलवासियों द्वारा बनाए गए थे. यह वे उन सभी नगरों में करते गए, जहां वे बसते जा रहे थे.
30 И мужие Вавилонстии сотвориша Сокхоф Вениф, и мужие Хуфовы сотвориша Гигель, и мужие Емафовы сотвориша Асимаф,
जो लोग बाबेल से आए थे उन्होंने सुक्कोथ-बेनोथ की मूर्ति, कूथ से आए लोगों ने नेरगल की, हामाथ से बसे हुए विदेशियों ने आषिमा की,
31 и Евее сотвориша Авлазер и Фарфак и Сепфаруим, егда сожигаху сыны своя огнем Андрамелеху и Анемелеху, богом Сепфаруимским.
अब्बी प्रवासियों ने निभाज़ और तारतक की; इसके अलावा सेफारवी प्रवासियों ने अपने बालकों को अद्राम्मेलेख और अन्नाम्मेलेख के लिए आग में बलि करने सेफरवाइम देवता की प्रथा चालू रखी.
32 И бяху боящеся Господа: и вселиша мерзости своя во храмех на высоких, ихже сотвориша в Самарии, кийждо язык во граде, в немже живяху.
हां, उन्होंने भय के कारण याहवेह के लिए सभी प्रकार के लोगों में से पुरोहित भी चुन लिए. ये पुरोहित उनके लिए पूजा की जगहों पर बलि चढ़ाया करते थे.
33 И беша боящеся Господа и сотвориша себе жерцы в высоких, и сотвориша себе в храмине высоких и Господа бояхуся, и идолом своим служаху по обычаю языков отюнудуже преселиша их.
संक्षेप में, वे याहवेह के प्रति भय रखते हुए भी अपने-अपने राष्ट्र के उन देवताओं की उपासना करते रहे, जिन राष्ट्रों से लाकर वे यहां बसाए गए थे.
34 Даже до дне сего тии творяху по обычаю их: не бояхуся Господа, и не творяху по оправданием их, и по суду их, и по закону, и по заповеди, юже заповеда Господь сыном Иаковлим, идеже и нарече имя ему Израиль.
आज तक वे अपनी-अपनी पहले की प्रथाओं में लगे हैं. वे न तो याहवेह के प्रति भय दिखाते हैं, न ही वे याहवेह द्वारा दी गई विधियों या आदेशों या नियमों या व्यवस्था का पालन करते हैं, जिनके पालन करने का आदेश याहवेह द्वारा याकोब के वंशों को दिया गया था, जिन्हें वह इस्राएल नाम से बुलाते थे,
35 И положи Господь с ними завет и заповеда им, глаголя: не убойтеся богов иных и не поклонитеся им, и не послужите им и не пожрите им:
जिनके साथ याहवेह ने वाचा स्थापित की थी, और उन्हें यह आदेश दिया था: “पराए देवताओं से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है और न ही आवश्यकता है उनके सामने झुकने की, न उन्हें बलि चढ़ाने की, और न उनकी सेवा-उपासना करने की.
36 но токмо Господеви, иже изведе вы из земли Египта крепостию великою и мышцею высокою: Того убойтеся, и Тому поклонитеся, и Тому пожрите:
हां, भय उस याहवेह के लिए रखो, जिन्होंने मिस्र देश से तुम्हें अद्धुत सामर्थ्य और बढ़ाई हुई भुजा से तुमको निकालकर यहां ले आए हैं. भय उन्हीं के प्रति बनाए रखो, वंदना के लिए उन्हीं के सामने झुको, और बलि उन्हें ही चढ़ाओ.
37 и оправдания Его, и суды Его, и закон Его, и заповеди, яже написа вам творити, храните во вся дни, и не убойтеся богов иных:
इसके अलावा जो विधियां, नियम, व्यवस्था और आदेश उन्होंने तुम्हारे लिए लिखवा दिए हैं, उन्हें तुम हमेशा पालन करते रहो. साथ ही, यह ज़रूरी नहीं कि तुम पराए देवताओं से डरो.
38 и завета, егоже завеща с вами, не забывайте: и не убойтеся богов иных,
तुम उस वाचा को न भूलना जो मैंने तुम्हारे साथ बांधी है और न पराए देवताओं का भय मानना.
39 но токмо Господа и вашего убойтеся, и Той измет вы от всех враг ваших.
तुम सिर्फ याहवेह अपने परमेश्वर का भय मानना. याहवेह ही तुम्हें तुम्हारे सारी शत्रुओं से छुटकारा दिलाएंगे.”
40 И не послушаша сего, но по обычаем своим преждним твориша.
इतना सब होने पर भी उन्होंने याहवेह की बातों पर ध्यान न दिया, वे अपने पहले के आचरण पर ही चलते रहे.
41 И бяху языцы сии боящеся Господа, и изваянным своим служаще: такожде и сынове их и сынове сынов их, якоже сотвориша отцы их, тако творят и до сего дне.
इन जातियों ने याहवेह का भय तो माना, मगर साथ ही वे अपनी गढ़ी हुई मूर्तियों की उपासना भी करते रहे. उनकी संतान भी यही करती रही. और उनके बाद उनकी संतान भी, जैसा जैसा उन्होंने अपने पिता को करते देखा, उन्होंने आज तक उसी के जैसा किया.