< Вторая книга Паралипоменон 7 >
1 И егда соверши Соломон моляся, и огнь сниде с небесе и пояде всесожжения и жертвы и слава Господня исполни дом:
और जब सुलेमान दुआ कर चुका तो आसमान पर से आग़ उतरी और सोख़्तनी क़ुर्बानी और ज़बीहो को भस्म कर दिया और मस्कन ख़ुदावन्द के जलाल से मा'मूर हो गया।
2 и не можаху священницы внити в храм Господнь во время оно, яко исполни слава Господня дом Господень.
और काहिन ख़ुदावन्द के घर में दाख़िल न हों सके इसलिए कि ख़ुदावन्द का घर ख़ुदावन्द के जलाल से मा'मूर था।
3 И вси сынове Израилевы видяху сходящь огнь и славу Господню на дом, и падоша ниц на землю на помост постлан камением, и поклонишася, и восхвалиша Господа, яко благ, яко во век милость Его.
और जब आग नाज़िल हुई और ख़ुदावन्द का जलाल उस घर पर छा गया तो सब बनी इस्राईल देख रहे थे, तब उन्होंने वही फ़र्श पर मुँह के बल ज़मीन तक झुक कर सिज्दा किया और ख़ुदावन्द का शुक्र अदा किया कि वह भला है क्यूँकि उसकी रहमत हमेशा है।
4 Царь же и вси людие пожроша жертвы пред Господем.
तब बादशाह और सब लोगो ने ख़ुदावन्द के आगे ज़बीहे ज़बह किए।
5 И пожре царь Соломон жертву волов двадесять и две тысящы, овец сто и двадесять тысящ, и освяти дом Божий царь и вси людие.
और सुलेमान बादशाह ने ज़रिए' हज़ार बैलों और एक लाख बीस हज़ार भेड़ बकरियों की क़ुर्बानी पेश कीं, यूँ बादशाह और सब लोगों ने ख़ुदा के घर को मख़्सूस किया।
6 Священницы же стояху на стражах своих, и левити во органы пояху песни Господни, яже сотвори Давид царь к похвалению Господа: (яко благ, ) яко во век милость Его, песни Давидовы (поюще) руками своими: и священницы пояху трубами пред ними, и весь Израиль стояше.
और काहिन अपने अपने मन्सब के मुताबिक़ खड़े थे और लावी भी ख़ुदावन्द के लिए मुसीक़ी के साज़ लिए हुए थे जिनको दाऊद बादशाह ने ख़ुदावन्द का शुक्र बजा लेन को बनाया था जब उसने उनके ज़रिए' से उसकी ता'रीफ़ की थी क्यूँकि उसकी रहमत हमेशा है और काहिन उनके आगे नरसिंगे फूंकते रहे और सब इस्राईली खड़े रहे हैं।
7 Освяти же Соломон среднее двора, иже пред церковию Господнею, принесе бо ту всесожжения и туки мирных, яко олтарь медян, егоже сотвори Соломон, не можаше вместити всесожжений и жертв и туков.
और सुलेमान ने उस सहन के बीच के हिस्से को जो ख़ुदावन्द के घर के सामने था पाक किया क्यूँकि उसने वहाँ सोख़्तनी क़ुर्बानियों और सलामती की क़ुर्बानियों की चर्बी पेश कीं क्यूँकि पीतल के उस मज़बह पर जैसे सुलेमान ने बनाया था सोख़्तनी क़ुर्बानी और नज़्र की क़ुर्बानी और चर्बी के लिए गुंजाइश न थीं।
8 И сотвори Соломон праздник во время оно седмь дний, и весь Израиль с ним, собрание велико зело от входа во Емаф даже до потока Египетска:
और सुलेमान और उसके साथ हमात के मदख़ल से मिस्र तक के सब इस्राईलियों की बहुत बड़ी जमा'अत ने उस मौक़ा पर सात दिन तक 'ईद मनाई।
9 сотвори же в день осмый торжество, понеже освящению олтаря сотвори седмь дний праздник.
और आठवे दिन उनका पाक मजमा' जमा' हुआ क्यूँकि वह सात दिन मज़बह के मख़्सूस करने में और सात दिन ईद मानाने में लगे रहे।
10 И в день двадесять третий месяца седмаго отпусти людий в жилище их веселящихся и радующихся о благих, яже сотвори Господь Давиду и Соломону и Израилю людем Своим.
और सातवे महीने की तेइसवी तारीख़ को उसने लोगों को रुख़्शत किया, ताकि वह उस नेकी की वजह से जो ख़ुदावन्द ने दाऊद और सुलेमान और अपनी क़ौम इस्राईल से की थी ख़ुश और शादमान होकर अपने ख़ेमों को जाएँ।
11 И соверши Соломон дом Господень и дом царев: и вся, елика восхоте в сердцы своем Соломон творити в дому Господни и в дому своем, благопоспешися.
यूँ सुलेमान ने ख़ुदावन्द का घर और बादशाह का घर तमाम किया और जो कुछ सुलेमान ने ख़ुदावन्द के घर में और अपने घर में बनाना चाहा उस ने उसे बख़ूबी अंजाम तक पहुँचाया।
12 И явися Господь Соломону нощию и рече ему: услышах моление твое и избрах место сие мне в дом жертвы:
और ख़ुदावन्द रात को सुलेमान पर ज़ाहिर हुआ और उससे कहा, कि मैंने तेरी दुआ सुनी और इस जगह को अपने वास्ते चुन लिया कि यह क़ुर्बानी का घर हो।
13 аще заключу небо, и дождь не излиется, и аще повелю пругом поясти древо, и аще послю губителство на люди Моя,
अगर मै आसमान को बंद कर दूँ कि बारिश न हो या टिड्डियों को हुक्म दूँ कि मुल्क को उजाड़ डालें या अपने लोगों के बीच वबा भेजूँ।
14 и аще посрамлени будут людие Мои, на нихже призвано есть имя Мое, и помолятся, и взыщут лица Моего, и отвратятся от путий своих злых: и Аз услышу с небесе и милостив буду грехом их, и изцелю землю их:
तब अगर मेरे लोग जो मरे नाम से कहलाते हैं खाकसार बनकर दुआ करें और मेरे दीदार के तालिब हों और अपनी बुरी रास्तों से फिरें तो मैं आसमान पर से सुनकर उनका गुनाह मु'आफ़ करूँगा और उनके मुल्क को बहाल कर दूँगा।
15 и ныне очи Мои будут отверсте, и уши Мои послушне к молению места сего:
अब जो दुआ इस जगह की जाएगी उस पर मेरी आँखें खुली और मेरे कान लगे रहेंगें।
16 и ныне избрах и освятих дом сей, да будет на Мое ту даже до века, и будут очи Мои и сердце Мое ту вся дни:
क्यूँकि मैंने इस घर को चुना और पाक किया कि मेरा नाम यहाँ हमेशा रहे और मेरी आँखें और मेरा दिल बराबर यहीं लगे रहेंगें।
17 ты же аще ходити будеши предо Мною, якоже ходил Давид отец твой, и сотвориши по всем, яже повелех тебе, и повеления Моя и судбы Моя сохраниши:
और तू अगर मेरे सामने वैसे ही चले जैसे तेरा बाप दाऊद चलता रहा और जो कुछ मैंने तुझे हुक्म किया उसके मुताबिक़ अम्ल करे और मेरे क़ानून और हुक्मों को माने।
18 и воздвигну престол царства твоего, якоже завещах Давиду отцу твоему глаголя: не отимется от тебе муж вождь во Израили:
तो मैं तेरे तख़्त — ए — हुकूमत को क़ाईम रखूँगा जैसा मैंने तेरे बाप दाऊद से 'अहद कर के कहा था कि इस्राईल का सरदार होने के लिए तेरे हाथ मर्द की कभी कमी न होगी।
19 аще же отвратитеся вы и оставите повеления Моя и заповеди Моя, яже предах вам, и пойдете и послужите богом иным и поклонитеся им,
लेकिन अगर तुम बरगश्ता हो जाओ और मेरे क़ानून — व — हुक्मों को जिनको मैंने तुम्हारे आगे रख्खा है छोड़ कर दो, और जाकर ग़ैर मा'बूदों की इबादत करो और उनको सिज्दा करों,
20 исторгну вас от земли, юже дах вам: и дом сей, егоже освятих имени Моему, отвергу от лица Моего и предам его в притчу и в повесть всем языком:
तो मैं उनको अपने मुल्क से जो मैंने उनको दिया है जड़ से उखाड़ डालूँगा और इस घर को मैंने अपने नाम के लिए पाक किया है अपने सामने से दूर कर दूँगा और इसको सब क़ोमों में ज़र्ब — उल — मसल और बदनाम कर दूँगा।
21 и дом сей высокий (в притчу), всяк мимоходяй его ужаснется и речет: почто сотвори Господь тако земли сей и дому сему?
और यह घर जो ऐसा आलीशान है, इसलिए हर एक जो इसके पास से गुज़रेगा हैरान होकर कहेगा कि ख़ुदावन्द ने इस मुल्क और इस घर के साथ ऐसा क्यों किया?
22 И отвещают: яко оставиша Господа Бога отец своих, иже изведе их от земли Египетския, и прияша боги чуждыя, и поклонишася им, и поработаша им, и сего ради наведе на них вся сия злая.
तब वह जवाब देंगें इसलिए कि उन्होंने ख़ुदावन्द अपने बाप दादा के ख़ुदा को जो उनको मुल्के मिस्र से निकाल लाया था छोड़ दिया और ग़ैर मा'बूदों को इख़्तियार कर के उनको सिज्दा किया और उनकी इबादत की इसीलिए ख़ुदावन्द ने उन पर यह सारी मुसीबत नाज़िल की।