< Псалми 80 >

1 Пастире Израиљев, чуј! Који водиш синове Јосифове као овце, који седиш на херувимима, јави се!
प्रधान बजानेवाले के लिये: शोशन्नीमेदूत राग में आसाप का भजन हे इस्राएल के चरवाहे, तू जो यूसुफ की अगुआई भेड़ों की सी करता है, कान लगा! तू जो करूबों पर विराजमान है, अपना तेज दिखा!
2 Пред Јефремом и Венијамином и Манасијом пробуди крепост своју, и ходи да нам помогнеш.
एप्रैम, बिन्यामीन, और मनश्शे के सामने अपना पराक्रम दिखाकर, हमारा उद्धार करने को आ!
3 Боже! Поврати нас, нека засја лице Твоје да се спасемо!
हे परमेश्वर, हमको ज्यों के त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!
4 Господе, Боже над војскама! Докле ћеш се гневити кад Те моли народ Твој?
हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, तू कब तक अपनी प्रजा की प्रार्थना पर क्रोधित रहेगा?
5 Храниш их хлебом сузним, и појиш их сузама троструком мером.
तूने आँसुओं को उनका आहार बना दिया, और मटके भर भरकर उन्हें आँसू पिलाए हैं।
6 Учинио си да се око нас свађају суседи наши, и непријатељи се наши смеју међу собом.
तू हमें हमारे पड़ोसियों के झगड़ने का कारण बना देता है; और हमारे शत्रु मनमाना ठट्ठा करते हैं।
7 Боже над војскама! Поврати нас, нека засја лице Твоје да се спасемо!
हे सेनाओं के परमेश्वर, हमको ज्यों के त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा।
8 Из Мисира си пренео чокот, изагнао народе, и посадио га.
तू मिस्र से एक दाखलता ले आया; और अन्यजातियों को निकालकर उसे लगा दिया।
9 Окрчио си за њ, и он пусти жиле, и заузе сву земљу.
तूने उसके लिये स्थान तैयार किया है; और उसने जड़ पकड़ी और फैलकर देश को भर दिया।
10 Горе се покрише његовим сеном, и лозе су му као кедри Божији.
१०उसकी छाया पहाड़ों पर फैल गई, और उसकी डालियाँ महा देवदारों के समान हुई;
11 Пустио је лозе своје до мора и огранке своје до реке.
११उसकी शाखाएँ समुद्र तक बढ़ गई, और उसके अंकुर फरात तक फैल गए।
12 Зашто си му развалио ограду, да га кида ко год прође?
१२फिर तूने उसके बाड़ों को क्यों गिरा दिया, कि सब बटोही उसके फलों को तोड़ते है?
13 Горски вепар подгриза га, и пољска звер једе га.
१३जंगली सूअर उसको नाश किए डालता है, और मैदान के सब पशु उसे चर जाते हैं।
14 Боже над војскама! Обрати се, погледај с неба и види, и обиђи виноград овај,
१४हे सेनाओं के परमेश्वर, फिर आ! स्वर्ग से ध्यान देकर देख, और इस दाखलता की सुधि ले,
15 Сад овај, који је посадила десница Твоја, и сина ког си укрепио себи!
१५ये पौधा तूने अपने दाहिने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तूने अपने लिये दृढ़ की है।
16 Попаљен је огњем, исечен, од страшног погледа Твог пропаде.
१६वह जल गई, वह कट गई है; तेरी घुड़की से तेरे शत्रु नाश हो जाए।
17 Нека буде рука Твоја над човеком деснице Твоје, над сином човечијим ког си утврдио себи!
१७तेरे दाहिने हाथ के सम्भाले हुए पुरुष पर तेरा हाथ रखा रहे, उस आदमी पर, जिसे तूने अपने लिये दृढ़ किया है।
18 И нећемо одступити од Тебе, оживи нас, и име Твоје призиваћемо.
१८तब हम लोग तुझ से न मुड़ेंगे: तू हमको जिला, और हम तुझ से प्रार्थना कर सकेंगे।
19 Господе, Боже над војскама! Поврати нас, нека засја лице Твоје, да се спасемо!
१९हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हमको ज्यों का त्यों कर दे! और अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!

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