< Књига пророка Исаије 29 >
1 Тешко Арилу, Арилу, граду где је стајао Давид. Додајте годину на годину, нека кољу жртве празничне.
१हाय, अरीएल, अरीएल, हाय उस नगर पर जिसमें दाऊद छावनी किए हुए रहा! वर्ष पर वर्ष जोड़ते जाओ, उत्सव के पर्व अपने-अपने समय पर मनाते जाओ।
2 Али ћу притеснити Арила, и биће жалост и туга, јер ће ми бити као Арил.
२तो भी मैं तो अरीएल को सकेती में डालूँगा, वहाँ रोना पीटना रहेगा, और वह मेरी दृष्टि में सचमुच अरीएल सा ठहरेगा।
3 Јер ћу те опколити војском, и стегнућу те опкопима и подигнућу супрот теби куле.
३मैं चारों ओर तेरे विरुद्ध छावनी करके तुझे कोटों से घेर लूँगा, और तेरे विरुद्ध गढ़ भी बनाऊँगा।
4 Те ћеш оборен говорити са земље и из праха ћеш муцати, и глас ће ти бити са земље као у бајача и из праха ћеш шапћући говорити.
४तब तू गिराकर भूमि में डाला जाएगा, और धूल पर से बोलेगा, और तेरी बात भूमि से धीमी-धीमी सुनाई देगी; तेरा बोल भूमि पर से प्रेत का सा होगा, और तू धूल से गुनगुनाकर बोलेगा।
5 А мноштво непријатеља твојих биће као ситан прах и мноштво насилника као плева кад се размеће; и то ће бити зачас, изненада.
५तब तेरे परदेशी बैरियों की भीड़ सूक्ष्म धूल के समान, और उन भयानक लोगों की भीड़ भूसे के समान उड़ाई जाएगी।
6 Господ над војскама походиће га громом и трусом и хуком великом, вихором и буром и пламеном огњеним који прождире.
६सेनाओं का यहोवा अचानक बादल गरजाता, भूमि को कँपाता, और महाध्वनि करता, बवण्डर और आँधी चलाता, और नाश करनेवाली अग्नि भड़काता हुआ उसके पास आएगा।
7 И мноштво свих народа који војују на Арил и сви који ударају на њ и на зидове његове и који га притешњују, биће као утвара ноћна у сну.
७और जातियों की सारी भीड़ जो अरीएल से युद्ध करेगी, और जितने लोग उसके और उसके गढ़ के विरुद्ध लड़ेंगे और उसको सकेती में डालेंगे, वे सब रात के देखे हुए स्वप्न के समान ठहरेंगे।
8 Биће као кад гладан сни да једе, па кад се пробуди а душа му празна; или кад сни жедан да пије, па кад се пробуди, а он изнемогао и душа му жедна; тако ће бити мноштво свих народа што војују на гору сионску.
८और जैसा कोई भूखा स्वप्न में तो देखता है कि वह खा रहा है, परन्तु जागकर देखता है कि उसका पेट भूखा ही है, या कोई प्यासा स्वप्न में देखें की वह पी रहा है, परन्तु जागकर देखता है कि उसका गला सूखा जाता है और वह प्यासा मर रहा है; वैसी ही उन सब जातियों की भीड़ की दशा होगी जो सिय्योन पर्वत से युद्ध करेंगी।
9 Станите и чудите се; вапијте и вичите: Пијани су, али не од вина; посрћу, али не од силовитог пића.
९ठहर जाओ और चकित हो! भोग-विलास करो और अंधे हो जाओ! वे मतवाले तो हैं, परन्तु दाखमधु से नहीं, वे डगमगाते तो हैं, परन्तु मदिरा पीने से नहीं!
10 Јер је Господ излио на вас дух тврдог сна и затворио вам очи, ослепио пророке и видеоце, главаре ваше.
१०यहोवा ने तुम को भारी नींद में डाल दिया है और उसने तुम्हारी नबीरूपी आँखों को बन्द कर दिया है और तुम्हारे दर्शीरूपी सिरों पर परदा डाला है।
11 И свака утвара биће вам као речи у запечаћеној књизи, коју дају човеку који зна читати говорећи: Читај то; а он рече: Не могу, јер је запечаћено.
११इसलिए सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहरबन्द की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पढ़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, “इसे पढ़”, और वह कहे, “मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहरबन्द की हुई है।”
12 Или да дају књигу оном који не зна читати говорећи: Читај то; а он рече: Не знам читати.
१२तब वही पुस्तक अनपढ़ को यह कहकर दी जाए, “इसे पढ़,” और वह कहे, “मैं तो अनपढ़ हूँ।”
13 Зато рече Господ: Што се овај народ приближује устима својим и уснама својим поштује ме, а срце им далеко стоји од мене, и страх којим ме се боје заповест је људска којој су научени,
१३प्रभु ने कहा, “ये लोग जो मुँह से मेरा आदर करते हुए समीप आते परन्तु अपना मन मुझसे दूर रखते हैं, और जो केवल मनुष्यों की आज्ञा सुन सुनकर मेरा भय मानते हैं,
14 Зато ћу ево још радити чудесно с тим народом, чудесно и дивно, и мудрост мудрих његових погинуће и разум разумних нестаће.
१४इस कारण सुन, मैं इनके साथ अद्भुत काम वरन् अति अद्भुत और अचम्भे का काम करूँगा; तब इनके बुद्धिमानों की बुद्धि नष्ट होगी, और इनके प्रवीणों की प्रवीणता जाती रहेगी।”
15 Тешко онима који дубоко сакривају од Господа намеру, који раде у мраку и говоре: Ко нас види? И ко нас зна?
१५हाय उन पर जो अपनी युक्ति को यहोवा से छिपाने का बड़ा यत्न करते, और अपने काम अंधेरे में करके कहते हैं, “हमको कौन देखता है? हमको कौन जानता है?”
16 Наопаке мисли ваше нису ли као као лончарски? Говори ли дело за оног који га је начинио: Није ме начинио? И лонац говори ли за оног који га је начинио: Не разуме?
१६तुम्हारी कैसी उलटी समझ है! क्या कुम्हार मिट्टी के तुल्य गिना जाएगा? क्या बनाई हुई वस्तु अपने कर्ता के विषय कहे “उसने मुझे नहीं बनाया,” या रची हुई वस्तु अपने रचनेवाले के विषय कहे, “वह कुछ समझ नहीं रखता?”
17 Неће ли се доскора и Ливан претворити у поље, и поље се узимати за шуму?
१७क्या अब थोड़े ही दिनों के बीतने पर लबानोन फिर फलदाई बारी न बन जाएगा, और फलदाई बारी जंगल न गिनी जाएगी?
18 И у тај ће дан глуви чути речи у књизи, и из таме и мрака видеће очи слепих.
१८उस समय बहरे पुस्तक की बातें सुनने लगेंगे, और अंधे जिन्हें अभी कुछ नहीं सूझता, वे देखने लगेंगे।
19 И кротки ће се веома радовати у Господу, и ништи између људи веселиће се са Свеца Израиљевог.
१९नम्र लोग यहोवा के कारण फिर आनन्दित होंगे, और दरिद्र मनुष्य इस्राएल के पवित्र के कारण मगन होंगे।
20 Јер насилника неће бити, и нестаће подсмевача, и истребиће се сви који гледају да чине безакоње,
२०क्योंकि उपद्रवी फिर न रहेंगे और ठट्ठा करनेवालों का अन्त होगा, और जो अनर्थ करने के लिये जागते रहते हैं,
21 Који окривљују човека за реч, и мећу замку оном који кара на вратима, и обарају праведног лажју.
२१जो मनुष्यों को बातों में फँसाते हैं, और जो सभा में उलाहना देते उनके लिये फंदा लगाते, और धर्म को व्यर्थ बात के द्वारा बिगाड़ देते हैं, वे सब मिट जाएँगे।
22 Зато Господ, који је откупио Аврама, овако говори за дом Јаковљев: Неће се више Јаков постидети, нити ће му лице побледети.
२२इस कारण अब्राहम का छुड़ानेवाला यहोवा, याकूब के घराने के विषय यह कहता है, “याकूब को फिर लज्जित होना न पड़ेगा, उसका मुख फिर नीचा न होगा।
23 Јер кад види усред себе децу своју, дело руку мојих, тада ће они светити име моје, светиће Свеца Јаковљевог и бојаће се Бога Израиљевог.
२३क्योंकि जब उसके सन्तान मेरा काम देखेंगे, जो मैं उनके बीच में करूँगा, तब वे मेरे नाम को पवित्र ठहराएँगे, वे याकूब के पवित्र को पवित्र मानेंगे, और इस्राएल के परमेश्वर का अति भय मानेंगे।
24 И који лутају духом оразумиће се, и викачи ће примити науку.
२४उस समय जिनका मन भटका हो वे बुद्धि प्राप्त करेंगे, और जो कुड़कुड़ाते हैं वह शिक्षा ग्रहण करेंगे।”