< Jovanu 10 >
1 Zaista, zaista vam kažem: ko ne ulazi na vrata u tor ovèij nego prelazi na drugom mjestu on je lupež i hajduk;
अहं युष्मानतियथार्थं वदामि, यो जनो द्वारेण न प्रविश्य केनाप्यन्येन मेषगृहं प्रविशति स एव स्तेनो दस्युश्च।
2 A koji ulazi na vrata jest pastir ovcama:
यो द्वारेण प्रविशति स एव मेषपालकः।
3 Njemu vratar otvora, i ovce glas njegov slušaju, i svoje ovce zove po imenu, i izgoni ih;
दौवारिकस्तस्मै द्वारं मोचयति मेषगणश्च तस्य वाक्यं शृणोति स निजान् मेषान् स्वस्वनाम्नाहूय बहिः कृत्वा नयति।
4 I kad svoje ovce istjera, ide pred njima, i ovce idu za njim, jer poznaju glas njegov.
तथा निजान् मेषान् बहिः कृत्वा स्वयं तेषाम् अग्रे गच्छति, ततो मेषास्तस्य शब्दं बुध्यन्ते, तस्मात् तस्य पश्चाद् व्रजन्ति।
5 A za tuðinom neæe da idu, nego bježe od njega, jer ne poznaju glasa tuðega.
किन्तु परस्य शब्दं न बुध्यन्ते तस्मात् तस्य पश्चाद् व्रजिष्यन्ति वरं तस्य समीपात् पलायिष्यन्ते।
6 Ovu prièu kaza im Isus, ali oni ne razumješe šta to bijaše što im kaza.
यीशुस्तेभ्य इमां दृष्टान्तकथाम् अकथयत् किन्तु तेन कथितकथायास्तात्पर्य्यं ते नाबुध्यन्त।
7 Tada im reèe Isus opet: zaista, zaista vam kažem: ja sam vrata k ovcama.
अतो यीशुः पुनरकथयत्, युष्मानाहं यथार्थतरं व्याहरामि, मेषगृहस्य द्वारम् अहमेव।
8 Svi koliko ih god doðe prije mene lupeži su i hajduci; ali ih ovce ne poslušaše.
मया न प्रविश्य य आगच्छन् ते स्तेना दस्यवश्च किन्तु मेषास्तेषां कथा नाशृण्वन्।
9 Ja sam vrata; ko uðe kroza me spašæe se, i uæi æe i iziæi æe, i pašu æe naæi.
अहमेव द्वारस्वरूपः, मया यः कश्चित प्रविशति स रक्षां प्राप्स्यति तथा बहिरन्तश्च गमनागमने कृत्वा चरणस्थानं प्राप्स्यति।
10 Lupež ne dolazi ni za što drugo nego da ukrade i ubije i pogubi; ja doðoh da imaju život i izobilje.
यो जनस्तेनः स केवलं स्तैन्यबधविनाशान् कर्त्तुमेव समायाति किन्त्वहम् आयु र्दातुम् अर्थात् बाहूल्येन तदेव दातुम् आगच्छम्।
11 Ja sam pastir dobri; pastir dobri dušu svoju polaže za ovce,
अहमेव सत्यमेषपालको यस्तु सत्यो मेषपालकः स मेषार्थं प्राणत्यागं करोति;
12 A najamnik, koji nije pastir, kome nijesu ovce svoje, vidi vuka gdje ide, i ostavlja ovce, i bježi: i vuk razgrabi ovce i raspudi ih;
किन्तु यो जनो मेषपालको न, अर्थाद् यस्य मेषा निजा न भवन्ति, य एतादृशो वैतनिकः स वृकम् आगच्छन्तं दृष्ट्वा मेजव्रजं विहाय पलायते, तस्माद् वृकस्तं व्रजं धृत्वा विकिरति।
13 A najamnik bježi, jer je najamnik i ne mari za ovce.
वैतनिकः पलायते यतः स वेतनार्थी मेषार्थं न चिन्तयति।
14 Ja sam pastir dobri i znam svoje, i moje mene znaju.
अहमेव सत्यो मेषपालकः, पिता मां यथा जानाति, अहञ्च यथा पितरं जानामि,
15 Kao što mene zna otac i ja znam oca; i dušu svoju polažem za ovce.
तथा निजान् मेषानपि जानामि, मेषाश्च मां जानान्ति, अहञ्च मेषार्थं प्राणत्यागं करोमि।
16 I druge ovce imam koje nijesu iz ovoga tora, i one mi valja dovesti; i èuæe glas moj, i biæe jedno stado i jedan pastir.
अपरञ्च एतद् गृहीय मेषेभ्यो भिन्ना अपि मेषा मम सन्ति ते सकला आनयितव्याः; ते मम शब्दं श्रोष्यन्ति तत एको व्रज एको रक्षको भविष्यति।
17 Zato me otac ljubi, jer ja dušu svoju polažem da je opet uzmem.
प्राणानहं त्यक्त्वा पुनः प्राणान् ग्रहीष्यामि, तस्मात् पिता मयि स्नेहं करोति।
18 Niko je ne otima od mene, nego je ja sam od sebe polažem. Vlast imam položiti je i vlast imam uzeti je opet. Ovu sam zapovijest primio od oca svojega.
कश्चिज्जनो मम प्राणान् हन्तुं न शक्नोति किन्तु स्वयं तान् समर्पयामि तान् समर्पयितुं पुनर्ग्रहीतुञ्च मम शक्तिरास्ते भारमिमं स्वपितुः सकाशात् प्राप्तोहम्।
19 Tada opet postade raspra meðu Jevrejima za ove rijeèi.
अस्मादुपदेशात् पुनश्च यिहूदीयानां मध्ये भिन्नवाक्यता जाता।
20 Mnogi od njih govorahu: u njemu je ðavo, i poludio je; šta ga slušate?
ततो बहवो व्याहरन् एष भूतग्रस्त उन्मत्तश्च, कुत एतस्य कथां शृणुथ?
21 Drugi govorahu: ove rijeèi nijesu ludoga; zar može ðavo slijepima oèi otvorati?
केचिद् अवदन् एतस्य कथा भूतग्रस्तस्य कथावन्न भवन्ति, भूतः किम् अन्धाय चक्षुषी दातुं शक्नोति?
22 A bijaše tada praznik obnovljenja u Jerusalimu, i bješe zima.
शीतकाले यिरूशालमि मन्दिरोत्सर्गपर्व्वण्युपस्थिते
23 I hodaše Isus u crkvi po trijemu Solomunovu.
यीशुः सुलेमानो निःसारेण गमनागमने करोति,
24 A Jevreji ga opkoliše, i govorahu mu: dokle æeš muèiti duše naše? Ako si ti Hristos kaži nam slobodno.
एतस्मिन् समये यिहूदीयास्तं वेष्टयित्वा व्याहरन् कति कालान् अस्माकं विचिकित्सां स्थापयिष्यामि? यद्यभिषिक्तो भवति तर्हि तत् स्पष्टं वद।
25 Isus im odgovori: ja vam kazah, pa ne vjerujete. Djela koja tvorim ja u ime oca svojega ona svjedoèe za me.
तदा यीशुः प्रत्यवदद् अहम् अचकथं किन्तु यूयं न प्रतीथ, निजपितु र्नाम्ना यां यां क्रियां करोमि सा क्रियैव मम साक्षिस्वरूपा।
26 Ali vi ne vjerujete; jer nijeste od mojijeh ovaca, kao što vam kazah.
किन्त्वहं पूर्व्वमकथयं यूयं मम मेषा न भवथ, कारणादस्मान् न विश्वसिथ।
27 Ovce moje slušaju glas moj, i ja poznajem njih, i za mnom idu.
मम मेषा मम शब्दं शृण्वन्ति तानहं जानामि ते च मम पश्चाद् गच्छन्ति।
28 I ja æu im dati život vjeèni, i nikad neæe izginuti, i niko ih neæe oteti iz ruke moje. (aiōn , aiōnios )
अहं तेभ्योऽनन्तायु र्ददामि, ते कदापि न नंक्ष्यन्ति कोपि मम करात् तान् हर्त्तुं न शक्ष्यति। (aiōn , aiōnios )
29 Otac moj koji mi ih dade veæi je od sviju; i niko ih ne može oteti iz ruke oca mojega.
यो मम पिता तान् मह्यं दत्तवान् स सर्व्वस्मात् महान्, कोपि मम पितुः करात् तान् हर्त्तुं न शक्ष्यति।
अहं पिता च द्वयोरेकत्वम्।
31 A Jevreji opet uzeše kamenje da ga ubiju.
ततो यिहूदीयाः पुनरपि तं हन्तुं पाषाणान् उदतोलयन्।
32 Isus im odgovori: mnoga vam dobra djela javih od oca svojega; za koje od onijeh djela bacate kamenje na me?
यीशुः कथितवान् पितुः सकाशाद् बहून्युत्तमकर्म्माणि युष्माकं प्राकाशयं तेषां कस्य कर्म्मणः कारणान् मां पाषाणैराहन्तुम् उद्यताः स्थ?
33 Odgovoriše mu Jevreji govoreæi: za dobro djelo ne bacamo kamenja na te, nego za hulu na Boga, što ti, èovjek buduæi, gradiš se Bog.
यिहूदीयाः प्रत्यवदन् प्रशस्तकर्म्महेतो र्न किन्तु त्वं मानुषः स्वमीश्वरम् उक्त्वेश्वरं निन्दसि कारणादस्मात् त्वां पाषाणैर्हन्मः।
34 Isus im odgovori: ne stoji li napisano u zakonu vašemu: ja rekoh: bogovi ste?
तदा यीशुः प्रत्युक्तवान् मया कथितं यूयम् ईश्वरा एतद्वचनं युष्माकं शास्त्रे लिखितं नास्ति किं?
35 Ako one nazva bogovima kojima rijeè Božija bi, i pismo se ne može pokvariti;
तस्माद् येषाम् उद्देशे ईश्वरस्य कथा कथिता ते यदीश्वरगणा उच्यन्ते धर्म्मग्रन्थस्याप्यन्यथा भवितुं न शक्यं,
36 Kako vi govorite onome kojega otac posveti i posla na svijet: hulu na Boga govoriš, što rekoh: ja sam sin Božij?
तर्ह्याहम् ईश्वरस्य पुत्र इति वाक्यस्य कथनात् यूयं पित्राभिषिक्तं जगति प्रेरितञ्च पुमांसं कथम् ईश्वरनिन्दकं वादय?
37 Ako ne tvorim djela oca svojega ne vjerujte mi.
यद्यहं पितुः कर्म्म न करोमि तर्हि मां न प्रतीत;
38 Ako li tvorim, ako meni i ne vjerujete, djelima mojima vjerujte, da poznate i vjerujete da je otac u meni i ja u njemu.
किन्तु यदि करोमि तर्हि मयि युष्माभिः प्रत्यये न कृतेऽपि कार्य्ये प्रत्ययः क्रियतां, ततो मयि पितास्तीति पितर्य्यहम् अस्मीति च क्षात्वा विश्वसिष्यथ।
39 Tada opet gledahu da ga uhvate; ali im se izmaèe iz ruku.
तदा ते पुनरपि तं धर्त्तुम् अचेष्टन्त किन्तु स तेषां करेभ्यो निस्तीर्य्य
40 I otide opet preko Jordana na ono mjesto gdje Jovan prije kršæavaše; i osta ondje.
पुन र्यर्द्दन् अद्यास्तटे यत्र पुर्व्वं योहन् अमज्जयत् तत्रागत्य न्यवसत्।
41 I mnogi doðoše k njemu i govorahu: Jovan ne uèini nijednoga èuda, ali sve što kaza Jovan za ovoga istina bješe.
ततो बहवो लोकास्तत्समीपम् आगत्य व्याहरन् योहन् किमप्याश्चर्य्यं कर्म्म नाकरोत् किन्त्वस्मिन् मनुष्ये या यः कथा अकथयत् ताः सर्व्वाः सत्याः;
42 I mnogi vjerovaše ga ondje.
तत्र च बहवो लोकास्तस्मिन् व्यश्वसन्।