< مَتھِح 19 >
اَنَنْتَرَمْ ایتاسُ کَتھاسُ سَماپْتاسُ یِیشُ رْگالِیلَپْرَدیشاتْ پْرَسْتھایَ یَرْدَنْتِیرَسْتھَں یِہُوداپْرَدیشَں پْراپْتَح۔ | 1 |
अपना कथन समाप्त करने के बाद येशु गलील प्रदेश से निकलकर यहूदिया प्रदेश के उस क्षेत्र में आ गए, जो यरदन नदी के पार है.
تَدا تَتْپَشْچاتْ جَنَنِوَہے گَتے سَ تَتْرَ تانْ نِرامَیانْ اَکَروتْ۔ | 2 |
वहां एक बड़ी भीड़ उनके पीछे हो ली और येशु ने रोगियों को स्वस्थ किया.
تَدَنَنْتَرَں پھِرُوشِنَسْتَتْسَمِیپَماگَتْیَ پارِیکْشِتُں تَں پَپْرَچّھُح، کَسْمادَپِ کارَناتْ نَرینَ سْوَجایا پَرِتْیاجْیا نَ وا؟ | 3 |
कुछ फ़रीसी येशु को परखने के उद्देश्य से उनके पास आए तथा उनसे प्रश्न किया, “क्या पत्नी से तलाक के लिए पति द्वारा प्रस्तुत कोई भी कारण वैध कहा जा सकता है?”
سَ پْرَتْیُواچَ، پْرَتھَمَمْ اِیشْوَرو نَرَتْوینَ نارِیتْوینَ چَ مَنُجانْ سَسَرْجَ، تَسْماتْ کَتھِتَوانْ، | 4 |
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या तुमने पढ़ा नहीं कि वह, जिन्होंने उनकी सृष्टि की, उन्होंने प्रारंभ ही से उन्हें नर और नारी बनाया
مانُشَح سْوَپِتَرَو پَرِتْیَجْیَ سْوَپَتْنْیامْ آسَکْشْیَتے، تَو دْوَو جَناویکانْگَو بھَوِشْیَتَح، کِمیتَدْ یُشْمابھِ رْنَ پَٹھِتَمْ؟ | 5 |
और कहा, ‘इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा तथा वे दोनों एक देह होंगे.’
اَتَسْتَو پُنَ رْنَ دْوَو تَیوریکانْگَتْوَں جاتَں، اِیشْوَرینَ یَچَّ سَمَیُجْیَتَ، مَنُجو نَ تَدْ بھِنْدْیاتْ۔ | 6 |
परिणामस्वरूप अब वे दो नहीं परंतु एक शरीर हैं. इसलिये जिन्हें स्वयं परमेश्वर ने जोड़ा है, उन्हें कोई मनुष्य अलग न करे.”
تَدانِیں تے تَں پْرَتْیَوَدَنْ، تَتھاتْوے تْیاجْیَپَتْرَں دَتّوا سْواں سْواں جایاں تْیَکْتُں وْیَوَسْتھاں مُوساح کَتھَں لِلیکھَ؟ | 7 |
यह सुन उन्होंने येशु से पूछा, “तो फिर मोशेह की व्यवस्था में यह प्रबंध क्यों है कि तलाक पत्र देकर पत्नी को छोड़ दिया जाए?”
تَتَح سَ کَتھِتَوانْ، یُشْماکَں مَنَساں کاٹھِنْیادْ یُشْمانْ سْواں سْواں جایاں تْیَکْتُمْ اَنْوَمَنْیَتَ کِنْتُ پْرَتھَمادْ ایشو وِدھِرْناسِیتْ۔ | 8 |
येशु ने उन पर यह सच स्पष्ट किया, “तुम्हारे हृदय की कठोरता के कारण ही मोशेह ने तुम्हारे लिए तुम्हारी पत्नी से तलाक की अनुमति दी थी. प्रारंभ ही से यह प्रबंध नहीं था.
اَتو یُشْمانَہَں وَدامِ، وْیَبھِچارَں وِنا یو نِجَجایاں تْیَجیتْ اَنْیانْچَ وِوَہیتْ، سَ پَرَدارانْ گَچّھَتِ؛ یَشْچَ تْیَکْتاں نارِیں وِوَہَتِ سوپِ پَرَداریشُ رَمَتے۔ | 9 |
तुमसे मेरा कहना है कि जो कोई व्यभिचार के अतिरिक्त किसी अन्य कारण से अपनी पत्नी से तलाक कर लेता है और अन्य स्त्री से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है.”
تَدا تَسْیَ شِشْیاسْتَں بَبھاشِرے، یَدِ سْوَجایَیا ساکَں پُںسَ ایتادرِکْ سَمْبَنْدھو جایَتے، تَرْہِ وِوَہَنَمیوَ نَ بھَدْرَں۔ | 10 |
शिष्यों ने येशु से कहा, “यदि पति-पत्नी का संबंध ऐसा है तब तो उत्तम यही होगा कि विवाह किया ही न जाए.”
تَتَح سَ اُکْتَوانْ، ییبھْیَسْتَتْسامَرْتھْیَں آدایِ، تانْ وِنانْیَح کوپِ مَنُجَ ایتَنْمَتَں گْرَہِیتُں نَ شَکْنوتِ۔ | 11 |
येशु ने इसके उत्तर में कहा, “यह स्थिति सब पुरुषों के लिए स्वीकार नहीं हो सकती—अतिरिक्त उनके, जिन्हें परमेश्वर ने ऐसा बनाया है,
کَتِپَیا جَنَنَکْلِیبَح کَتِپَیا نَرَکرِتَکْلِیبَح سْوَرْگَراجْیایَ کَتِپَیاح سْوَکرِتَکْلِیباشْچَ سَنْتِ، یے گْرَہِیتُں شَکْنُوَنْتِ تے گرِہْلَنْتُ۔ | 12 |
कुछ नपुंसक हैं, जो माता के गर्भ से ही ऐसे जन्मे हैं; कुछ हैं, जिन्हें मनुष्यों ने ऐसा बना दिया है तथा कुछ ने स्वर्ग-राज्य के लिए स्वयं को ऐसा बना लिया है. जो इसे समझ सकता है, समझ ले.”
اَپَرَمْ یَتھا سَ شِشُوناں گاتْریشُ ہَسْتَں دَتْوا پْرارْتھَیَتے، تَدَرْتھَں تَتْسَمِیںپَں شِشَوَ آنِییَنْتَ، تَتَ آنَیِترِنْ شِشْیاسْتِرَسْکرِتَوَنْتَح۔ | 13 |
कुछ लोग बालकों को येशु के पास लाए कि येशु उन पर हाथ रखकर उनके लिए प्रार्थना करें, मगर शिष्यों ने उन लोगों को डांटा.
کِنْتُ یِیشُرُواچَ، شِشَوو مَدَنْتِکَمْ آگَچّھَنْتُ، تانْ ما وارَیَتَ، ایتادرِشاں شِشُونامیوَ سْوَرْگَراجْیَں۔ | 14 |
यह सुन येशु ने उनसे कहा, “बालकों को यहां आने दो, उन्हें मेरे पास आने से मत रोको क्योंकि स्वर्ग-राज्य ऐसों का ही है.”
تَتَح سَ تیشاں گاتْریشُ ہَسْتَں دَتْوا تَسْماتْ سْتھاناتْ پْرَتَسْتھے۔ | 15 |
यह कहते हुए येशु ने बालकों पर हाथ रखा, इसके बाद येशु वहां से आगे चले गए.
اَپَرَمْ ایکَ آگَتْیَ تَں پَپْرَچّھَ، ہے پَرَمَگُرو، اَنَنْتایُح پْراپْتُں مَیا کِں کِں سَتْکَرْمَّ کَرْتَّوْیَں؟ (aiōnios ) | 16 |
एक व्यक्ति ने आकर येशु से प्रश्न किया, “गुरुवर, अनंत काल का जीवन प्राप्त करने के लिए मैं कौन सा अच्छा काम करूं?” येशु ने उसे उत्तर दिया. (aiōnios )
تَتَح سَ اُواچَ، ماں پَرَمَں کُتو وَدَسِ؟ وِنیشْچَرَں نَ کوپِ پَرَمَح، کِنْتُ یَدْیَنَنْتایُح پْراپْتُں وانْچھَسِ، تَرْہْیاجْناح پالَیَ۔ | 17 |
“तुम मुझसे क्यों पूछते हो कि अच्छा क्या है? उत्तम तो मात्र एक ही हैं. परंतु यदि तुम जीवन में प्रवेश की कामना करते ही हो तो आदेशों का पालन करो.”
تَدا سَ پرِشْٹَوانْ، کاح کا آجْناح؟ تَتو یِیشُح کَتھِتَوانْ، نَرَں ما ہَنْیاح، پَرَدارانْ ما گَچّھیح، ما چورَییح، مرِشاساکْشْیَں ما دَدْیاح، | 18 |
“कौन से?” उसने येशु से प्रश्न किया. उन्होंने उसे उत्तर दिया, “हत्या मत करो; व्यभिचार मत करो; चोरी मत करो; झूठी गवाही मत दो;
نِجَپِتَرَو سَںمَنْیَسْوَ، سْوَسَمِیپَواسِنِ سْوَوَتْ پْریمَ کُرُ۔ | 19 |
अपने माता-पिता का सम्मान करो तथा तुम अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम करो जैसे तुम स्वयं से करते हो.”
سَ یُوا کَتھِتَوانْ، آ بالْیادْ ایتاح پالَیامِ، اِدانِیں کِں نْیُونَماسْتے؟ | 20 |
उस युवक ने येशु को उत्तर दिया, “मैं तो इनका पालन करता रहा हूं; फिर अब भी क्या कमी है मुझमें?”
تَتو یِیشُرَوَدَتْ، یَدِ سِدّھو بھَوِتُں وانْچھَسِ، تَرْہِ گَتْوا نِجَسَرْوَّسْوَں وِکْرِییَ دَرِدْریبھْیو وِتَرَ، تَتَح سْوَرْگے وِتَّں لَپْسْیَسے؛ آگَچّھَ، مَتْپَشْچادْوَرْتِّی چَ بھَوَ۔ | 21 |
येशु ने उसे उत्तर दिया, “यदि तुम सिद्ध बनना चाहते हो तो अपनी संपत्ति को बेचकर उस राशि को निर्धनों में बांट दो और आओ, मेरे पीछे हो लो—धन तुम्हें स्वर्ग में प्राप्त होगा.”
ایتاں واچَں شْرُتْوا سَ یُوا سْوِییَبَہُسَمْپَتّے رْوِشَنَح سَنْ چَلِتَوانْ۔ | 22 |
यह सुनकर वह युवक दुःखी हो लौट गया क्योंकि वह बहुत धन का स्वामी था.
تَدا یِیشُح سْوَشِشْیانْ اَوَدَتْ، دھَنِناں سْوَرْگَراجْیَپْرَویشو مَہادُشْکَرَ اِتِ یُشْمانَہَں تَتھْیَں وَدامِ۔ | 23 |
अपने शिष्यों से उन्मुख हो येशु ने कहा, “मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूं; किसी धनी व्यक्ति का स्वर्ग-राज्य में प्रवेश कठिन है.
پُنَرَپِ یُشْمانَہَں وَدامِ، دھَنِناں سْوَرْگَراجْیَپْرَویشاتْ سُوچِیچھِدْرینَ مَہانْگَگَمَنَں سُکَرَں۔ | 24 |
वास्तव में परमेश्वर के राज्य में एक धनी के प्रवेश करने से एक ऊंट का सुई के छेद में से पार हो जाना सहज है.”
اِتِ واکْیَں نِشَمْیَ شِشْیا اَتِچَمَتْکرِتْیَ کَتھَیاماسُح؛ تَرْہِ کَسْیَ پَرِتْرانَں بھَوِتُں شَکْنوتِ؟ | 25 |
यह सुनकर शिष्य चकित हो येशु से पूछने लगे, “तो उद्धार कौन पाएगा?”
تَدا سَ تانْ درِشْدْوا کَتھَیاماسَ، تَتْ مانُشانامَشَکْیَں بھَوَتِ، کِنْتْوِیشْوَرَسْیَ سَرْوَّں شَکْیَمْ۔ | 26 |
येशु ने उनकी ओर एकटक देखते हुए उन्हें उत्तर दिया, “मनुष्य के लिए तो यह असंभव है किंतु परमेश्वर के लिए सब कुछ संभव है.”
تَدا پِتَرَسْتَں گَدِتَوانْ، پَشْیَ، وَیَں سَرْوَّں پَرِتْیَجْیَ بھَوَتَح پَشْچادْوَرْتِّنو بھَوامَ؛ وَیَں کِں پْراپْسْیامَح؟ | 27 |
इस पर पेतरॉस येशु से बोले, “देखिए, हम तो सब कुछ त्याग कर आपके पीछे हो लिए हैं. हमारा पुरस्कार क्या होगा?”
تَتو یِیشُح کَتھِتَوانْ، یُشْمانَہَں تَتھْیَں وَدامِ، یُویَں مَمَ پَشْچادْوَرْتِّنو جاتا اِتِ کارَناتْ نَوِینَسرِشْٹِکالے یَدا مَنُجَسُتَح سْوِییَیشْچَرْیَّسِںہاسَنَ اُپَویکْشْیَتِ، تَدا یُویَمَپِ دْوادَشَسِںہاسَنیشُوپَوِشْیَ اِسْراییلِییَدْوادَشَوَںشاناں وِچارَں کَرِشْیَتھَ۔ | 28 |
येशु ने सभी शिष्यों को संबोधित करते हुए कहा, “यह सच है कि उस समय, जब मनुष्य का पुत्र नये युग में अपने वैभवशाली सिंहासन पर विराजमान होगा, तुम भी, जो मेरे चेले बन गए हो, इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करते हुए बारह सिंहासनों पर विराजमान होगे.
اَنْیَچَّ یَح کَشْچِتْ مَمَ نامَکارَناتْ گرِہَں وا بھْراتَرَں وا بھَگِنِیں وا پِتَرَں وا ماتَرَں وا جایاں وا بالَکَں وا بھُومِں پَرِتْیَجَتِ، سَ تیشاں شَتَگُنَں لَپْسْیَتے، اَنَنْتایُمودھِکارِتْوَنْچَ پْراپْسْیَتِ۔ (aiōnios ) | 29 |
हर एक, जिसने मेरे लिए घर, भाई-बहन, माता-पिता, संतान या खेतों का त्याग किया है, इनसे कई गुणा प्राप्त करेगा और वह अनंत काल के जीवन का वारिस होगा (aiōnios )
کِنْتُ اَگْرِییا اَنیکے جَناح پَشْچاتْ، پَشْچاتِییاشْچانیکے لوکا اَگْرے بھَوِشْیَنْتِ۔ | 30 |
किंतु अनेक, जो पहले हैं, वे अंतिम होंगे तथा जो अंतिम हैं, वे पहले.