< یوہَنَح 7 >

تَتَح پَرَں یِہُودِییَلوکاسْتَں ہَنْتُں سَمَیہَنْتَ تَسْمادْ یِیشُ رْیِہُوداپْرَدیشے پَرْیَّٹِتُں نیچّھَنْ گالِیلْ پْرَدیشے پَرْیَّٹِتُں پْرارَبھَتَ۔ 1
इन बातों के बाद मसीह येशु गलील प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में यात्रा करने लगे. वह यहूदिया प्रदेश में जाना नहीं चाहते थे क्योंकि यहूदी अगुए उनकी हत्या की ताक में थे.
کِنْتُ تَسْمِنْ سَمَیے یِہُودِییاناں دُوشْیَواسَناموتْسَوَ اُپَسْتھِتی 2
यहूदियों का एक पर्व—झोपड़ियों का उत्सव—पास था.
تَسْیَ بھْراتَرَسْتَمْ اَوَدَنْ یانِ کَرْمّانِ تْوَیا کْرِیَنْتے تانِ یَتھا تَوَ شِشْیاح پَشْیَنْتِ تَدَرْتھَں تْوَمِتَح سْتھانادْ یِہُودِییَدیشَں وْرَجَ۔ 3
मसीह येशु के भाइयों ने उनसे कहा, “यहूदिया चले जाओ जिससे तुम्हारे चेले तुम्हारे इन कामों को देख सकें;
یَح کَشْچِتْ سْوَیَں پْرَچِکاشِشَتِ سَ کَداپِ گُپْتَں کَرْمَّ نَ کَروتِ یَدِیدرِشَں کَرْمَّ کَروشِ تَرْہِ جَگَتِ نِجَں پَرِچایَیَ۔ 4
ख्याति चाहनेवाला व्यक्ति अपने काम गुप्‍त में नहीं करता. जब तुम ये काम करते ही हो तो स्वयं को संसार पर प्रकट कर दो.”
یَتَسْتَسْیَ بھْراتَروپِ تَں نَ وِشْوَسَنْتِ۔ 5
मसीह येशु के भाइयों तक को उनमें विश्वास नहीं था.
تَدا یِیشُسْتانْ اَووچَتْ مَمَ سَمَیَ اِدانِیں نوپَتِشْٹھَتِ کِنْتُ یُشْماکَں سَمَیَح سَتَتَمْ اُپَتِشْٹھَتِ۔ 6
इस पर मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हारा सही समय तो कभी भी आ सकता है किंतु मेरा सही समय अभी नहीं आया.
جَگَتو لوکا یُشْمانْ رِتِییِتُں نَ شَکْرُوَنْتِ کِنْتُ مامیوَ رِتِییَنْتے یَتَسْتیشاں کَرْمانِ دُشْٹانِ تَتْرَ ساکْشْیَمِدَمْ اَہَں دَدامِ۔ 7
संसार तुमसे घृणा नहीं कर सकता—वह मुझसे घृणा करता है क्योंकि मैं यह प्रकट करता हूं कि उसके काम बुरे हैं.
اَتَایوَ یُویَمْ اُتْسَوےسْمِنْ یاتَ ناہَمْ اِدانِیمْ اَسْمِنُّتْسَوے یامِ یَتو مَمَ سَمَیَ اِدانِیں نَ سَمْپُورْنَح۔ 8
तुम पर्व में जाओ. मैं अभी नहीं जाऊंगा क्योंकि मेरा समय अभी तक पूरा नहीं हुआ है.”
اِتِ واکْیَمْ اُکْتّوا سَ گالِیلِ سْتھِتَوانْ 9
यह कहकर मसीह येशु गलील प्रदेश में ही ठहरे रहे.
کِنْتُ تَسْیَ بھْراترِشُ تَتْرَ پْرَسْتھِتیشُ سَتْسُ سوپْرَکَٹَ اُتْسَوَمْ اَگَچّھَتْ۔ 10
अपने भाइयों के झोपड़ियों के उत्सव में चले जाने के बाद वे भी गुप्‍त रूप से वहां गए.
اَنَنْتَرَمْ اُتْسَوَمْ اُپَسْتھِتا یِہُودِییاسْتَں مرِگَیِتْواپرِچّھَنْ سَ کُتْرَ؟ 11
उत्सव में कुछ यहूदी अगुए मसीह येशु को खोजते हुए पूछताछ कर रहे थे, “कहां है वह?”
تَتو لوکاناں مَدھْیے تَسْمِنْ ناناوِدھا وِوادا بھَوِتُمْ آرَبْدھَوَنْتَح۔ کیچِدْ اَووچَنْ سَ اُتَّمَح پُرُشَح کیچِدْ اَووچَنْ نَ تَتھا وَرَں لوکاناں بھْرَمَں جَنَیَتِ۔ 12
यद्यपि मसीह येशु के विषय में लोगों में बड़ा विवाद हो रहा था—कुछ कह रहे थे, “वह भला व्यक्ति है.” और कुछ का कहना था, “नहीं, वह भरमानेवाला है—सबके साथ छल करता है.”
کِنْتُ یِہُودِییاناں بھَیاتْ کوپِ تَسْیَ پَکْشے سْپَشْٹَں ناکَتھَیَتْ۔ 13
तौभी कोई भी व्यक्ति यहूदियों के भय के कारण मसीह येशु के विषय में खुलकर बात नहीं करता था.
تَتَح پَرَمْ اُتْسَوَسْیَ مَدھْیَسَمَیے یِیشُ رْمَنْدِرَں گَتْوا سَمُپَدِشَتِ سْمَ۔ 14
जब उत्सव के मध्य मसीह येशु मंदिर में जाकर शिक्षा देने लगे,
تَتو یِہُودِییا لوکا آشْچَرْیَّں جْناتْواکَتھَیَنْ ایشا مانُشو نادھِیتْیا کَتھَمْ ایتادرِشو وِدْوانَبھُوتْ؟ 15
यहूदी अगुए चकित होकर कहने लगे, “यह व्यक्ति बिना पढ़े ज्ञानी कैसे बन गया?”
تَدا یِیشُح پْرَتْیَووچَدْ اُپَدیشویَں نَ مَمَ کِنْتُ یو ماں پْریشِتَوانْ تَسْیَ۔ 16
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यह शिक्षा मेरी नहीं परंतु उनकी है, जिन्होंने मुझे भेजा है.
یو جَنو نِدیشَں تَسْیَ گْرَہِیشْیَتِ مَموپَدیشو مَتّو بھَوَتِ کِمْ اِیشْوَرادْ بھَوَتِ سَ گَنَسْتَجّناتُں شَکْشْیَتِ۔ 17
यदि कोई व्यक्ति उनकी इच्छा पूरी करने के लिए प्रण करे तो उसे यह मालूम हो जाएगा कि यह शिक्षा परमेश्वर की ओर से है या मेरी ओर से.
یو جَنَح سْوَتَح کَتھَیَتِ سَ سْوِییَں گَورَوَمْ اِیہَتے کِنْتُ یَح پْریرَیِتُ رْگَورَوَمْ اِیہَتے سَ سَتْیَوادِی تَسْمِنْ کوپْیَدھَرْمّو ناسْتِ۔ 18
वह, जो अपने ही विचार प्रस्तुत करता है, अपना ही आदर चाहता है, परंतु वह, जो अपने भेजनेवाले का आदर चाहता है, वह बिलकुल सच्चा है और उसमें कोई छल नहीं.
مُوسا یُشْمَبھْیَں وْیَوَسْتھاگْرَنْتھَں کِں نادَداتْ؟ کِنْتُ یُشْماکَں کوپِ تاں وْیَوَسْتھاں نَ سَماچَرَتِ۔ ماں ہَنْتُں کُتو یَتَدھْوے؟ 19
क्या मोशेह ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? फिर भी तुममें से कोई उसका पालन नहीं करता. मेरी हत्या की ताक में क्यों हो तुम?”
تَدا لوکا اَوَدَنْ تْوَں بھُوتَگْرَسْتَسْتْواں ہَنْتُں کو یَتَتے؟ 20
भीड़ ने उत्तर दिया, “कौन तुम्हारी हत्या करना चाहता है? तुम दुष्टात्मा से पीड़ित हो.”
تَتو یِیشُرَووچَدْ ایکَں کَرْمَّ مَیاکارِ تَسْمادْ یُویَں سَرْوَّ مَہاشْچَرْیَّں مَنْیَدھْوے۔ 21
मसीह येशु ने कहा, “मैंने शब्बाथ पर एक चमत्कार किया और तुम सब क्रोधित हो गए.
مُوسا یُشْمَبھْیَں تْوَکْچھیدَوِدھِں پْرَدَدَو سَ مُوساتو نَ جاتَح کِنْتُ پِترِپُرُشیبھْیو جاتَح تینَ وِشْرامَوارےپِ مانُشاناں تْوَکْچھیدَں کُرُتھَ۔ 22
मोशेह ने तुम्हें ख़तना विधि दी—परंतु इसको आरंभ करनेवाले मोशेह नहीं, हमारे गोत्रपिता हैं—जिसके अनुसार तुम शब्बाथ पर भी ख़तना करते हो.
اَتَایوَ وِشْرامَوارے مَنُشْیاناں تْوَکْچھیدے کرِتے یَدِ مُوساوْیَوَسْتھامَنْگَنَں نَ بھَوَتِ تَرْہِ مَیا وِشْرامَوارے مانُشَح سَمْپُورْنَرُوپینَ سْوَسْتھوکارِ تَتْکارَنادْ یُویَں کِں مَہْیَں کُپْیَتھَ؟ 23
तुम शब्बाथ पर भी ख़तना करते हो कि मोशेह की व्यवस्था भंग न हो, तो तुम लोग इससे गुस्से में क्यों हो कि मैंने शब्बाथ पर किसी को पूरी तरह स्वस्थ किया?
سَپَکْشَپاتَں وِچارَمَکرِتْوا نْیایَّں وِچارَں کُرُتَ۔ 24
तुम्हारा न्याय बाहरी रूप पर नहीं परंतु सच्चाई पर आधारित हो.”
تَدا یِرُوشالَمْ نِواسِنَح کَتِپَیَجَنا اَکَتھَیَنْ اِمے یَں ہَنْتُں چیشْٹَنْتے سَ ایوایَں کِں نَ؟ 25
येरूशलेम निवासियों में से कुछ ने यह प्रश्न किया, “क्या यह वही नहीं, वे जिसकी हत्या की ताक में हैं?
کِنْتُ پَشْیَتَ نِرْبھَیَح سَنْ کَتھاں کَتھَیَتِ تَتھاپِ کِمَپِ اَ وَدَنْتْییتے اَیَمیوابھِشِکْتّو بھَوَتِیتِ نِشْچِتَں کِمَدھِپَتَیو جانَنْتِ؟ 26
परंतु देखो, वह भीड़ से खुलकर, बिना डर के बातें करता है और अधिकारी कुछ भी नहीं कहते! कहीं ऐसा तो नहीं कि अधिकारियों को मालूम हो गया है कि यही वास्तव में मसीह हैं?
مَنُجویَں کَسْماداگَمَدْ اِتِ وَیَں جانومَح کِنْتْوَبھِشِکْتَّ آگَتے سَ کَسْماداگَتَوانْ اِتِ کوپِ جْناتُں نَ شَکْشْیَتِ۔ 27
इस व्यक्ति की पृष्ठभूमि हमें मालूम है, किंतु जब मसीह प्रकट होंगे तो किसी को यह मालूम नहीं होगा कि वह कहां के हैं.”
تَدا یِیشُ رْمَدھْییمَنْدِرَمْ اُپَدِشَنْ اُچَّیحکارَمْ اُکْتَّوانْ یُویَں کِں ماں جانِیتھَ؟ کَسْماچّاگَتوسْمِ تَدَپِ کِں جانِیتھَ؟ ناہَں سْوَتَ آگَتوسْمِ کِنْتُ یَح سَتْیَوادِی سَایوَ ماں پْریشِتَوانْ یُویَں تَں نَ جانِیتھَ۔ 28
मंदिर में शिक्षा देते हुए मसीह येशु ने ऊंचे शब्द में कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहां से आया हूं. सच यह है कि मैं स्वयं नहीं आया. जिन्होंने मुझे भेजा है, वह सच्चा है किंतु तुम उन्हें नहीं जानते,
تَمَہَں جانے تیناہَں پْریرِتَ اَگَتوسْمِ۔ 29
मैं उन्हें जानता हूं क्योंकि उन्हीं में से मैं हूं और मुझे उन्हीं ने भेजा है.”
تَسْمادْ یِہُودِییاسْتَں دھَرْتُّمْ اُدْیَتاسْتَتھاپِ کوپِ تَسْیَ گاتْرے ہَسْتَں نارْپَیَدْ یَتو ہیتوسْتَدا تَسْیَ سَمَیو نوپَتِشْٹھَتِ۔ 30
यह सुनकर उन्होंने मसीह येशु को बंदी बनाना चाहा किंतु किसी ने उन पर हाथ न डाला क्योंकि उनका समय अब तक नहीं आया था.
کِنْتُ بَہَوو لوکاسْتَسْمِنْ وِشْوَسْیَ کَتھِتَوانْتوبھِشِکْتَّپُرُشَ آگَتْیَ مانُشَسْیاسْیَ کْرِیابھْیَح کِمْ اَدھِکا آشْچَرْیّاح کْرِیاح کَرِشْیَتِ؟ 31
फिर भी भीड़ में से अनेकों ने मसीह येशु में विश्वास रखा तथा विचार-विमर्श करने लगे, “क्या प्रकट होने पर मसीह इस व्यक्ति से अधिक अद्भुत चिह्न प्रदर्शित करेंगे?”
تَتَح پَرَں لوکاسْتَسْمِنْ اِتّھَں وِوَدَنْتے پھِرُوشِنَح پْرَدھانَیاجَکانْچیتِ شْرُتَوَنْتَسْتَں دھرِتْوا نیتُں پَداتِگَنَں پْریشَیاماسُح۔ 32
फ़रीसियों ने भीड़ को इस विषय में आपस में विचार-विमर्श करते हुए सुन लिया. इसलिये मसीह येशु को बंदी बनाने के लिए प्रधान पुरोहितों व फ़रीसियों ने मंदिर के पहरेदारों को भेजा.
تَتو یِیشُرَوَدَدْ اَہَمْ اَلْپَدِنانِ یُشْمابھِح سارْدّھَں سْتھِتْوا مَتْپْریرَیِتُح سَمِیپَں یاسْیامِ۔ 33
मसीह येशु ने उनसे कहा, “थोड़े समय के लिए मैं तुम्हारे साथ हूं, उसके बाद मैं अपने भेजनेवाले के पास लौट जाऊंगा.
ماں مرِگَیِشْیَدھْوے کِنْتُودّیشَں نَ لَپْسْیَدھْوے رَتْرَ سْتھاسْیامِ تَتْرَ یُویَں گَنْتُں نَ شَکْشْیَتھَ۔ 34
तुम मुझे खोजोगे किंतु पाओगे नहीं क्योंकि जहां मैं होऊंगा, तुम वहां नहीं आ सकते.”
تَدا یِہُودِییاح پَرَسْپَرَں وَکْتُّماریبھِرے اَسْیودّیشَں نَ پْراپْسْیامَ ایتادرِشَں کِں سْتھانَں یاسْیَتِ؟ بھِنَّدیشے وِکِیرْناناں یِہُودِییاناں سَنِّدھِمْ ایشَ گَتْوا تانْ اُپَدیکْشْیَتِ کِں؟ 35
इस पर यहूदी अगुए विचार-विमर्श करने लगे, “यह व्यक्ति कहां जाने पर है कि हम उसे खोज नहीं पाएंगे? क्या यह यूनानियों के मध्य प्रवासी यहूदियों में बसना चाहता है कि यूनानियों को भी शिक्षा दे?
نو چیتْ ماں گَویشَیِشْیَتھَ کِنْتُودّیشَں نَ پْراپْسْیَتھَ ایشَ کودرِشَں واکْیَمِدَں وَدَتِ؟ 36
यह क्या कह रहा है कि तुम मुझे खोजोगे और नहीं पाओगे क्योंकि जहां मैं होऊंगा तुम वहां नहीं आ सकते?”
اَنَنْتَرَمْ اُتْسَوَسْیَ چَرَمےہَنِ اَرْتھاتْ پْرَدھانَدِنے یِیشُرُتِّشْٹھَنْ اُچَّیحکارَمْ آہْوَیَنْ اُدِتَوانْ یَدِ کَشْچِتْ ترِشارْتّو بھَوَتِ تَرْہِ مَمانْتِکَمْ آگَتْیَ پِوَتُ۔ 37
उत्सव के अंतिम दिन, जब उत्सव चरम सीमा पर होता है, मसीह येशु ने खड़े होकर ऊंचे शब्द में कहा, “यदि कोई प्यासा है तो मेरे पास आए और पिए.
یَح کَشْچِنْمَیِ وِشْوَسِتِ دھَرْمَّگْرَنْتھَسْیَ وَچَنانُسارینَ تَسْیابھْیَنْتَرَتومرِتَتویَسْیَ سْروتاںسِ نِرْگَمِشْیَنْتِ۔ 38
जो मुझमें विश्वास करता है, जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: उसके अंदर से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगीं.”
یے تَسْمِنْ وِشْوَسَنْتِ تَ آتْمانَں پْراپْسْیَنْتِیتْیَرْتھے سَ اِدَں واکْیَں وْیاہرِتَوانْ ایتَتْکالَں یاوَدْ یِیشُ رْوِبھَوَں نَ پْراپْتَسْتَسْماتْ پَوِتْرَ آتْما نادِییَتَ۔ 39
यह उन्होंने पवित्र आत्मा के विषय में कहा था, जिन्हें उन पर विश्वास करनेवाले प्राप्‍त करने पर थे. पवित्र आत्मा अब तक उतरे नहीं थे क्योंकि मसीह येशु अब तक महिमा को न पहुंचे थे.
ایتاں وانِیں شْرُتْوا بَہَوو لوکا اَوَدَنْ اَیَمیوَ نِشْچِتَں سَ بھَوِشْیَدْوادِی۔ 40
यह सब सुनकर भीड़ में से कुछ ने कहा, “सचमुच यह व्यक्ति ही वह भविष्यवक्ता है.”
کیچِدْ اَکَتھَیَنْ ایشَایوَ سوبھِشِکْتَّح کِنْتُ کیچِدْ اَوَدَنْ سوبھِشِکْتَّح کِں گالِیلْ پْرَدیشے جَنِشْیَتے؟ 41
कुछ अन्य ने कहा, “यह मसीह हैं.” परंतु कुछ ने कहा, “मसीह का आना गलील से तो नहीं होगा न?
سوبھِشِکْتّو دایُودو وَںشے دایُودو جَنْمَسْتھانے بَیتْلیہَمِ پَتَّنے جَنِشْیَتے دھَرْمَّگْرَنْتھے کِمِتّھَں لِکھِتَں ناسْتِ؟ 42
क्या पवित्र शास्त्र के अनुसार मसीह का आना दावीद के वंश और उनके नगर बेथलेहेम से न होगा?”
اِتّھَں تَسْمِنْ لوکاناں بھِنَّواکْیَتا جاتا۔ 43
इस प्रकार मसीह येशु के कारण भीड़ में मतभेद हो गया.
کَتِپَیَلوکاسْتَں دھَرْتُّمْ اَیچّھَنْ تَتھاپِ تَدْوَپُشِ کوپِ ہَسْتَں نارْپَیَتْ۔ 44
कुछ उन्हें बंदी बनाना चाहते थे फिर भी किसी ने भी उन पर हाथ न डाला.
اَنَنْتَرَں پاداتِگَنے پْرَدھانَیاجَکاناں پھِرُوشِنانْچَ سَمِیپَماگَتَوَتِ تے تانْ اَپرِچّھَنْ کُتو ہیتوسْتَں نانَیَتَ؟ 45
संतरियों के लौटने पर प्रधान पुरोहितों और फ़रीसियों ने उनसे पूछा, “तुम उसे लेकर क्यों नहीं आए?”
تَدا پَداتَیَح پْرَتْیَوَدَنْ سَ مانَوَ اِوَ کوپِ کَداپِ نوپادِشَتْ۔ 46
संतरियों ने उत्तर दिया, “ऐसा बतानेवाला हमने आज तक नहीं सुना.”
تَتَح پھِرُوشِنَح پْراووچَنْ یُویَمَپِ کِمَبھْرامِشْٹَ؟ 47
तब फ़रीसियों ने कटाक्ष किया, “कहीं तुम भी तो उसके बहकावे में नहीं आ गए?
اَدھِپَتِیناں پھِرُوشِنانْچَ کوپِ کِں تَسْمِنْ وْیَشْوَسِیتْ؟ 48
क्या प्रधानों या फ़रीसियों में से किसी ने भी उसमें विश्वास किया है?
یے شاسْتْرَں نَ جانَنْتِ تَ اِمےدھَمَلوکاایوَ شاپَگْرَسْتاح۔ 49
व्यवस्था से अज्ञान भीड़ तो वैसे ही शापित है.”
تَدا نِکَدِیمَناما تیشامیکو یَح کْشَنَدایاں یِیشوح سَنِّدھِمْ اَگاتْ سَ اُکْتَّوانْ 50
तब निकोदेमॉस ने, जो प्रधानों में से एक थे तथा मसीह येशु से पहले मिल चुके थे, उनसे कहा,
تَسْیَ واکْیے نَ شْرُتے کَرْمَّنِ چَ نَ وِدِتے سْماکَں وْیَوَسْتھا کِں کَنْچَنَ مَنُجَں دوشِیکَروتِ؟ 51
“क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्ति की सुने बिना और उसकी गतिविधि जाने बिना उसे अपराधी घोषित करती है?”
تَتَسْتے وْیاہَرَنْ تْوَمَپِ کِں گالِیلِییَلوکَح؟ وِوِچْیَ پَشْیَ گَلِیلِ کوپِ بھَوِشْیَدْوادِی نوتْپَدْیَتے۔ 52
इस पर उन्होंने निकोदेमॉस से पूछा, “कहीं तुम भी तो गलीली नहीं हो? शास्त्रों का मनन करो और देखो कि किसी भी भविष्यवक्ता का आना गलील प्रदेश से नहीं होता.”
تَتَح پَرَں سَرْوّے سْوَں سْوَں گرِہَں گَتاح کِنْتُ یِیشُ رْجَیتُنَنامانَں شِلوچَّیَں گَتَوانْ۔ 53
[वे सभी अपने-अपने घर लौट गएं].

< یوہَنَح 7 >