< ۱ تِیمَتھِیَح 5 >

تْوَں پْراچِینَں نَ بھَرْتْسَیَ کِنْتُ تَں پِتَرَمِوَ یُونَشْچَ بھْراترِنِوَ 1
अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति को अपमान के भाव से न डांटो किंतु उसे पिता मानकर उससे विनती करो. अपने से कम उम्र के व्यक्ति को भाई,
ورِدّھاح سْتْرِیَشْچَ ماترِنِوَ یُوَتِیشْچَ پُورْنَشُچِتْوینَ بھَگِنِیرِوَ وِنَیَسْوَ۔ 2
अधिक उम्र की स्त्रियों को माता तथा कम उम्र की स्त्रियों को निर्मल भाव से बहन मानो.
اَپَرَں سَتْیَوِدھَواح سَمَّنْیَسْوَ۔ 3
असमर्थ विधवाओं का सम्मान करो.
کَسْیاشْچِدْ وِدھَوایا یَدِ پُتْراح پَوتْرا وا وِدْیَنْتے تَرْہِ تے پْرَتھَمَتَح سْوِییَپَرِجَنانْ سیوِتُں پِتْروح پْرَتْیُپَکَرْتُّنْچَ شِکْشَنْتاں یَتَسْتَدیویشْوَرَسْیَ ساکْشادْ اُتَّمَں گْراہْیَنْچَ کَرْمَّ۔ 4
परंतु यदि किसी विधवा के पुत्र-पौत्र हों तो वे सबसे पहले अपने ही परिवार के प्रति अपने कर्तव्य-पालन द्वारा परमेश्वर के भक्त होना सीखें तथा अपने माता-पिता के उपकारों का फल दें क्योंकि परमेश्वर को यही भाता है.
اَپَرَں یا نارِی سَتْیَوِدھَوا ناتھَہِینا چاسْتِ سا اِیشْوَرَسْیاشْرَیے تِشْٹھَنْتِی دِوانِشَں نِویدَنَپْرارْتھَنابھْیاں کالَں یاپَیَتِ۔ 5
वह, जो वास्तव में विधवा है तथा जो अकेली रह गई है, परमेश्वर पर ही आश्रित रहती है और दिन-रात परमेश्वर से विनती तथा प्रार्थना करने में लवलीन रहती है.
کِنْتُ یا وِدھَوا سُکھَبھوگاسَکْتا سا جِیوَتْیَپِ مرِتا بھَوَتِ۔ 6
पर वह विधवा, जिसकी जीवनशैली निर्लज्जता भरी है, जीते जी मरी हुई है.
اَتَایوَ تا یَدْ اَنِنْدِتا بھَوییُوسْتَدَرْتھَمْ ایتانِ تْوَیا نِدِشْیَنْتاں۔ 7
तुम उन्हें ऊपर बताए गए निर्देश भी दो कि वे निर्दोष रहें.
یَدِ کَشْچِتْ سْوَجاتِییانْ لوکانْ وِشیشَتَح سْوِییَپَرِجَنانْ نَ پالَیَتِ تَرْہِ سَ وِشْواسادْ بھْرَشْٹو پْیَدھَمَشْچَ بھَوَتِ۔ 8
यदि कोई अपने परिजनों, विशेषकर अपने परिवार की चिंता नहीं करता है, उसने विश्वास का त्याग कर दिया है और वह अविश्वासी व्यक्ति से भी तुच्छ है.
وِدھَواوَرْگے یَسْیا گَنَنا بھَوَتِ تَیا شَشْٹِوَتْسَریبھْیو نْیُونَوَیَسْکَیا نَ بھَوِتَوْیَں؛ اَپَرَں پُورْوَّمْ ایکَسْوامِکا بھُوتْوا 9
उसी विधवा का पंजीकरण करो जिसकी आयु साठ वर्ष से अधिक हो तथा जिसका एक ही पति रहा हो;
سا یَتْ شِشُپوشَنیناتِتھِسیوَنینَ پَوِتْرَلوکاناں چَرَنَپْرَکْشالَنینَ کْلِشْٹانامْ اُپَکارینَ سَرْوَّوِدھَسَتْکَرْمّاچَرَنینَ چَ سَتْکَرْمَّکَرَناتْ سُکھْیاتِپْراپْتا بھَویتْ تَدَپْیاوَشْیَکَں۔ 10
जो अपने भले कामों के लिए सुनाम हो; जिसने अपनी संतान का उत्तम पालन पोषण किया हो; आतिथ्य सत्कार किया हो; पवित्र लोगों के चरण धोए हों; दीन-दुःखियों की सहायता की हो तथा सब प्रकार के भले कामों में लीन रही हो.
کِنْتُ یُوَتِی رْوِدھَوا نَ گرِہانَ یَتَح کھْرِیشْٹَسْیَ وَیپَرِیتْیینَ تاساں دَرْپے جاتے تا وِواہَمْ اِچّھَنْتِ۔ 11
तुलना में कम आयु की विधवाओं के नाम न लिखना क्योंकि काम-वासना प्रबल होने पर वे मसीह से दूर हो दूसरे विवाह की कामना करने लगेंगी.
تَسْماچَّ پُورْوَّدھَرْمَّں پَرِتْیَجْیَ دَنْڈَنِییا بھَوَنْتِ۔ 12
न्याय-दंड ही उनकी नियति होगी क्योंकि उन्होंने पंजीकरण से संबंधित अपनी पूर्व शपथ तोड़ दी है.
اَنَنْتَرَں تا گرِہادْ گرِہَں پَرْیَّٹَنْتْیَ آلَسْیَں شِکْشَنْتے کیوَلَمالَسْیَں نَہِ کِنْتْوَنَرْتھَکالاپَں پَرادھِکارَچَرْچّانْچاپِ شِکْشَمانا اَنُچِتانِ واکْیانِ بھاشَنْتے۔ 13
इसके अलावा वे आलसी रहने लगती हैं तथा घर-घर घूमा करती हैं. वे न केवल आलसी रहती हैं परंतु बाकियों के कामों में हस्तक्षेप करती तथा दूसरों की बुराई में आनंद लेती हैं, तथा वे बातें बोलती है, जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिये.
اَتو مَمیچّھییَں یُوَتْیو وِدھَوا وِواہَں کُرْوَّتامْ اَپَتْیَوَتْیو بھَوَنْتُ گرِہَکَرْمَّ کُرْوَّتانْچیتّھَں وِپَکْشایَ کِمَپِ نِنْدادْوارَں نَ دَدَتُ۔ 14
इसलिये मैं चाहता हूं कि कम आयु की विधवाएं विवाह करें, संतान पैदा करें, गृहस्थी सम्भालें तथा विरोधियों को निंदा का कोई अवसर न दें.
یَتَ اِتَح پُورْوَّمْ اَپِ کاشْچِتْ شَیَتانَسْیَ پَشْچادْگامِنْیو جاتاح۔ 15
कुछ हैं, जो पहले ही मुड़कर शैतान की शिष्य बन चुकी हैं.
اَپَرَں وِشْواسِنْیا وِشْواسِنو وا کَسْیاپِ پَرِواراناں مَدھْیے یَدِ وِدھَوا وِدْیَنْتے تَرْہِ سَ تاح پْرَتِپالَیَتُ تَسْماتْ سَمِتَو بھارے ناروپِتے سَتْیَوِدھَواناں پْرَتِپالَنَں کَرْتُّں تَیا شَکْیَتے۔ 16
यदि किसी विश्वासी परिवार में आश्रित विधवाएं हैं तो वही उसकी सहायता करे कि उसका बोझ कलीसिया पर न पड़े, कि कलीसिया ऐसों की सहायता कर सके, जो वास्तव में असमर्थ हैं.
یے پْرانْچَح سَمِتِں سَمْیَگْ اَدھِتِشْٹھَنْتِ وِشیشَتَ اِیشْوَرَواکْیینوپَدیشینَ چَ یے یَتْنَں وِدَدھَتے تے دْوِگُنَسْیادَرَسْیَ یوگْیا مانْیَنْتاں۔ 17
जो कलीसिया के प्राचीन अपनी ज़िम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वाह करते हैं, वे दुगने सम्मान के अधिकारी हैं विशेषकर वे, जो वचन सुनाने में तथा शिक्षा देने के काम में परिश्रम करते हैं.
یَسْماتْ شاسْتْرے لِکھِتَمِدَماسْتے، تْوَں شَسْیَمَرْدَّکَورِشَسْیاسْیَں ما بَدھانیتِ، اَپَرَمَپِ کارْیَّکرِدْ ویتَنَسْیَ یوگْیو بھَوَتِیتِ۔ 18
पवित्र शास्त्र का लेख है, “दांवनी करते बैल के मुख को मुखबन्धनी न बांधना,” तथा “मज़दूर अपने मज़दूरी का हकदार है.”
دْوَو تْرِینْ وا ساکْشِنو وِنا کَسْیاچِتْ پْراچِینَسْیَ وِرُدّھَمْ اَبھِیوگَسْتْوَیا نَ گرِہْیَتاں۔ 19
किसी भी कलीसिया-प्राचीन के विरुद्ध दो या तीन गवाहों के बिना कोई भी आरोप स्वीकार न करो.
اَپَرَں یے پاپَماچَرَنْتِ تانْ سَرْوّیشاں سَمَکْشَں بھَرْتْسَیَسْوَ تیناپَریشامَپِ بھِیتِ رْجَنِشْیَتے۔ 20
वे, जो पाप में लीन हैं, सबके सामने उनकी उल्लाहना करो, जिससे कि अन्य लोगों में भय रहे.
اَہَمْ اِیشْوَرَسْیَ پْرَبھو رْیِیشُکھْرِیشْٹَسْیَ مَنونِیتَدِوْیَدُوتانانْچَ گوچَرے تْوامْ اِدَمْ آجْناپَیامِ تْوَں کَسْیاپْیَنُرودھینَ کِمَپِ نَ کُرْوَّنَ وِناپَکْشَپاتَمْ ایتانَ وِدھِینْ پالَیَ۔ 21
मैं परमेश्वर, मसीह येशु तथा चुने हुए स्वर्गदूतों के सामने तुम्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपता हूं कि बिना किसी पक्षपात के इन आदेशों का पालन करो. पक्षपात के भाव में कुछ भी न किया जाए.
کَسْیاپِ مُورْدّھِ ہَسْتاپَرْنَں تْوَرَیا ماکارْشِیح۔ پَرَپاپانانْچاںشِی ما بھَوَ۔ سْوَں شُچِں رَکْشَ۔ 22
किसी को दीक्षा देने में उतावली न करो. अन्यों के पाप में सहभागी न हो जाओ. स्वयं को पवित्र बनाए रखो.
اَپَرَں تَوودَرَپِیڈایاح پُنَح پُنَ دُرْبَّلَتایاشْچَ نِمِتَّں کیوَلَں تویَں نَ پِوَنْ کِنْچِنْ مَدْیَں پِوَ۔ 23
अब से सिर्फ जल ही तुम्हारा पेय न रहे परंतु अपने उदर तथा बार-बार हो रहे रोगों के कारण थोड़ी मात्रा में दाखरस का सेवन भी करते रहना.
کیشانْچِتْ مانَواناں پاپانِ وِچاراتْ پُورْوَّں کیشانْچِتْ پَشْچاتْ پْرَکاشَنْتے۔ 24
कुछ व्यक्तियों के पाप प्रकट हैं और उनके पाप पहले ही न्याय-प्रक्रिया तक पहुंच जाते हैं, पर शेष के उनके पीछे-पीछे आते हैं.
تَتھَیوَ سَتْکَرْمّانْیَپِ پْرَکاشَنْتے تَدَنْیَتھا سَتِ پْرَچّھَنّانِ سْتھاتُں نَ شَکْنُوَنْتِ۔ 25
इसी प्रकार अच्छे काम भी प्रकट हैं और जो नहीं हैं, वे छिपाए नहीं जा सकते.

< ۱ تِیمَتھِیَح 5 >