< ལཱུཀཿ 1 >
1 པྲཐམཏོ ཡེ སཱཀྵིཎོ ཝཱཀྱཔྲཙཱརཀཱཤྩཱསན྄ ཏེ྅སྨཱཀཾ མདྷྱེ ཡདྱཏ྄ སཔྲམཱཎཾ ཝཱཀྱམརྤཡནྟི སྨ
अनेक व्यक्तियों ने उन घटनाओं को लिखकर इकट्ठा करने का कार्य किया है, जो हमारे बीच में घटी.
2 ཏདནུསཱརཏོ྅ནྱེཔི བཧཝསྟདྭྲྀཏྟཱནྟཾ རཙཡིཏུཾ པྲཝྲྀཏྟཱཿ།
ये सबूत हमें उनसे प्राप्त हुए हैं, जो प्रारंभ ही से इनके प्रत्यक्षदर्शी और परमेश्वर के वचन के सेवक रहे.
3 ཨཏཨེཝ ཧེ མཧཱམཧིམཐིཡཕིལ྄ ཏྭཾ ཡཱ ཡཱཿ ཀཐཱ ཨཤིཀྵྱཐཱསྟཱསཱཾ དྲྀཌྷཔྲམཱཎཱནི ཡཐཱ པྲཱཔྣོཥི
मैंने स्वयं हर एक घटनाओं की शुरुआत से सावधानीपूर्वक जांच की है. इसलिये परम सम्मान्य थियोफ़िलॉस महोदय, मुझे भी यह उचित लगा कि आपके लिए मैं यह सब क्रम के अनुसार लिखूं
4 ཏདརྠཾ པྲཐམམཱརབྷྱ ཏཱནི སཪྻྭཱཎི ཛྙཱཏྭཱཧམཔི ཨནུཀྲམཱཏ྄ སཪྻྭཝྲྀཏྟཱནྟཱན྄ ཏུབྷྱཾ ལེཁིཏུཾ མཏིམཀཱརྵམ྄།
कि जो शिक्षाएं आपको दी गई हैं, आप उनकी विश्वसनीयता को जान लें.
5 ཡིཧཱུདཱདེཤཱིཡཧེརོདྣཱམཀེ རཱཛཏྭཾ ཀུཪྻྭཏི ཨབཱིཡཡཱཛཀསྱ པཪྻྱཱཡཱདྷིཀཱརཱི སིཁརིཡནཱམཀ ཨེཀོ ཡཱཛཀོ ཧཱརོཎཝཾཤོདྦྷཝཱ ཨིལཱིཤེཝཱཁྱཱ
यहूदिया प्रदेश के राजा हेरोदेस के शासनकाल में अबीयाह दल के एक पुरोहित थे, जिनका नाम ज़करयाह था. उनकी पत्नी का नाम एलिज़ाबेथ था, जो हारोन की वंशज थी.
6 ཏསྱ ཛཱཡཱ དྭཱཝིམཽ ནིརྡོཥཽ པྲབྷོཿ སཪྻྭཱཛྙཱ ཝྱཝསྠཱཤྩ སཾམནྱ ཨཱིཤྭརདྲྀཥྚཽ དྷཱརྨྨིཀཱཝཱསྟཱམ྄།
वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभी आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे.
7 ཏཡོཿ སནྟཱན ཨེཀོཔི ནཱསཱིཏ྄, ཡཏ ཨིལཱིཤེཝཱ བནྡྷྱཱ ཏཽ དྭཱཝེཝ ཝྲྀདྡྷཱཝབྷཝཏཱམ྄།
उनकी कोई संतान न थी क्योंकि एलिज़ाबेथ बांझ थी और वे दोनों ही अब बूढ़े हो चुके थे.
8 ཡདཱ སྭཔཪྻྱཱནུཀྲམེཎ སིཁརིཡ ཨཱིཤྭཱསྱ སམཀྵཾ ཡཱཛཀཱིཡཾ ཀརྨྨ ཀརོཏི
अपने दल की बारी के अनुसार जब ज़करयाह एक दिन परमेश्वर के सामने अपनी पुरोहित सेवा भेंट कर रहे थे,
9 ཏདཱ ཡཛྙསྱ དིནཔརིཔཱཡྻཱ པརམེཤྭརསྱ མནྡིརེ པྲཝེཤཀཱལེ དྷཱུཔཛྭཱལནཾ ཀརྨྨ ཏསྱ ཀརཎཱིཡམཱསཱིཏ྄།
उन्हें पुरोहितों की रीति के अनुसार पर्ची द्वारा चुनाव कर प्रभु के मंदिर में प्रवेश करने और धूप जलाने का काम सौंपा गया था.
10 ཏདྡྷཱུཔཛྭཱལནཀཱལེ ལོཀནིཝཧེ པྲཱརྠནཱཾ ཀརྟུཾ བཧིསྟིཥྛཏི
धूप जलाने के समय बाहर सभी लोगों का विशाल समूह प्रार्थना कर रहा था.
11 སཏི སིཁརིཡོ ཡསྱཱཾ ཝེདྱཱཾ དྷཱུཔཾ ཛྭཱལཡཏི ཏདྡཀྵིཎཔཱརྴྭེ པརམེཤྭརསྱ དཱུཏ ཨེཀ ཨུཔསྠིཏོ དརྴནཾ དདཽ།
तभी ज़करयाह के सामने प्रभु का एक दूत प्रकट हुआ, जो धूप वेदी की दायीं ओर खड़ा था.
12 ཏཾ དྲྀཥྚྭཱ སིཁརིཡ ཨུདྭིཝིཛེ ཤཤངྐེ ཙ།
स्वर्गदूत को देख ज़करयाह चौंक पड़े और भयभीत हो गए
13 ཏདཱ ས དཱུཏསྟཾ བབྷཱཥེ ཧེ སིཁརིཡ མཱ བྷཻསྟཝ པྲཱརྠནཱ གྲཱཧྱཱ ཛཱཏཱ ཏཝ བྷཱཪྻྱཱ ཨིལཱིཤེཝཱ པུཏྲཾ པྲསོཥྱཏེ ཏསྱ ནཱམ ཡོཧན྄ ཨིཏི ཀརིཥྱསི།
किंतु उस स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो, ज़करयाह! तुम्हारी प्रार्थना सुन ली गई है. तुम्हारी पत्नी एलिज़ाबेथ एक पुत्र जनेगी. तुम उसका नाम योहन रखना.
14 ཀིཉྩ ཏྭཾ སཱནནྡཿ སཧརྵཤྩ བྷཝིཥྱསི ཏསྱ ཛནྨནི བཧཝ ཨཱནནྡིཥྱནྟི ཙ།
तुम आनंदित और प्रसन्न होंगे तथा अनेक उसके जन्म के कारण आनंद मनाएंगे.
15 ཡཏོ ཧེཏོཿ ས པརམེཤྭརསྱ གོཙརེ མཧཱན྄ བྷཝིཥྱཏི ཏཐཱ དྲཱཀྵཱརསཾ སུརཱཾ ཝཱ ཀིམཔི ན པཱསྱཏི, ཨཔརཾ ཛནྨཱརབྷྱ པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ པརིཔཱུརྞཿ
यह बालक प्रभु की दृष्टि में महान होगा. वह दाखरस और मदिरा का सेवन कभी न करेगा तथा माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से भरा हुआ होगा.
16 སན྄ ཨིསྲཱཡེལྭཾཤཱིཡཱན྄ ཨནེཀཱན྄ པྲབྷོཿ པརམེཤྭརསྱ མཱརྒམཱནེཥྱཏི།
वह इस्राएल के वंशजों में से अनेकों को प्रभु—उनके परमेश्वर—की ओर लौटा ले आएगा.
17 སནྟཱནཱན྄ པྲཏི པིཏྲྀཎཱཾ མནཱཾསི དྷརྨྨཛྙཱནཾ པྲཏྱནཱཛྙཱགྲཱཧིཎཤྩ པརཱཝརྟྟཡིཏུཾ, པྲབྷོཿ པརམེཤྭརསྱ སེཝཱརྠམ྄ ཨེཀཱཾ སཛྫིཏཛཱཏིཾ ཝིདྷཱཏུཉྩ ས ཨེལིཡརཱུཔཱཏྨཤཀྟིཔྲཱཔྟསྟསྱཱགྲེ གམིཥྱཏི།
वह एलियाह की आत्मा और सामर्थ्य में प्रभु के आगे चलनेवाला बनकर पिताओं के हृदय संतानों की ओर तथा अनाज्ञाकारियों को धर्मी के ज्ञान की ओर फेरेगा कि एक राष्ट्र को प्रभु के लिए तैयार करें.”
18 ཏདཱ སིཁརིཡོ དཱུཏམཝཱདཱིཏ྄ ཀཐམེཏད྄ ཝེཏྶྱཱམི? ཡཏོཧཾ ཝྲྀདྡྷོ མམ བྷཱཪྻྱཱ ཙ ཝྲྀདྡྷཱ།
ज़करयाह ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “मैं कैसे विश्वास करूं—क्योंकि मैं ठहरा एक बूढ़ा व्यक्ति और मेरी पत्नी की आयु भी ढल चुकी है?”
19 ཏཏོ དཱུཏཿ པྲཏྱུཝཱཙ པཤྱེཤྭརསྱ སཱཀྵཱདྭརྟྟཱི ཛིབྲཱཡེལྣཱམཱ དཱུཏོཧཾ ཏྭཡཱ སཧ ཀཐཱཾ གདིཏུཾ ཏུབྷྱམིམཱཾ ཤུབྷཝཱརྟྟཱཾ དཱཏུཉྩ པྲེཥིཏཿ།
स्वर्गदूत ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूं. मैं नित परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूं. मुझे तुम्हें यह बताने और इस शुभ समाचार की घोषणा करने के लिए ही भेजा गया है.
20 ཀིནྟུ མདཱིཡཾ ཝཱཀྱཾ ཀཱལེ ཕལིཥྱཏི ཏཏ྄ ཏྭཡཱ ན པྲཏཱིཏམ྄ ཨཏཿ ཀཱརཎཱད྄ ཡཱཝདེཝ ཏཱནི ན སེཏྶྱནྟི ཏཱཝཏ྄ ཏྭཾ ཝཀྟུཾམཤཀྟོ མཱུཀོ བྷཝ།
और सुनो! जब तक मेरी ये बातें पूरी न हो जाए, तब तक के लिए तुम गूंगे हो जाओगे, बोलने में असमर्थ, क्योंकि तुमने मेरे वचनों पर विश्वास नहीं किया, जिसका नियत समय पर पूरा होना निश्चित है.”
21 ཏདཱནཱིཾ ཡེ ཡེ ལོཀཱཿ སིཁརིཡམཔཻཀྵནྟ ཏེ མདྷྱེམནྡིརཾ ཏསྱ བཧུཝིལམྦཱད྄ ཨཱཤྩཪྻྱཾ མེནིརེ།
बाहर ज़करयाह का इंतजार कर रहे लोग असमंजस में पड़ गए कि उन्हें मंदिर में इतनी देर क्यों हो रही है.
22 ས བཧིརཱགཏོ ཡདཱ ཀིམཔི ཝཱཀྱཾ ཝཀྟུམཤཀྟཿ སངྐེཏཾ ཀྲྀཏྭཱ ནིཿཤབྡསྟསྱཽ ཏདཱ མདྷྱེམནྡིརཾ ཀསྱཙིད྄ དརྴནཾ ཏེན པྲཱཔྟམ྄ ཨིཏི སཪྻྭེ བུབུདྷིརེ།
जब ज़करयाह बाहर आए, वह उनसे बातें करने में असमर्थ रहे. इसलिये वे समझ गए कि ज़करयाह को मंदिर में कोई दर्शन प्राप्त हुआ है. वह उनसे संकेतों द्वारा बातचीत करते रहे और मौन बने रहे.
23 ཨནནྟརཾ ཏསྱ སེཝནཔཪྻྱཱཡེ སམྤཱུརྞེ སཏི ས ནིཛགེཧཾ ཛགཱམ།
अपने पुरोहित सेवाकाल की समाप्ति पर ज़करयाह घर लौट गए.
24 ཀཏིཔཡདིནེཥུ གཏེཥུ ཏསྱ བྷཱཪྻྱཱ ཨིལཱིཤེཝཱ གརྦྦྷཝཏཱི བབྷཱུཝ
उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ ने गर्भधारण किया और यह कहते हुए पांच माह तक अकेले में रहीं,
25 པཤྩཱཏ྄ སཱ པཉྩམཱསཱན྄ སཾགོཔྱཱཀཐཡཏ྄ ལོཀཱནཱཾ སམཀྵཾ མམཱཔམཱནཾ ཁཎྜཡིཏུཾ པརམེཤྭརོ མཡི དྲྀཥྚིཾ པཱཏཡིཏྭཱ ཀརྨྨེདྲྀཤཾ ཀྲྀཏཝཱན྄།
“प्रभु ने मुझ पर यह कृपादृष्टि की है और समूह में मेरी लज्जित स्थिति से मुझे उबार लिया है.”
26 ཨཔརཉྩ ཏསྱཱ གརྦྦྷསྱ ཥཥྛེ མཱསེ ཛཱཏེ གཱལཱིལྤྲདེཤཱིཡནཱསརཏྤུརེ
छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में
27 དཱཡཱུདོ ཝཾཤཱིཡཱཡ ཡཱུཥཕྣཱམྣེ པུརུཥཱཡ ཡཱ མརིཡམྣཱམཀུམཱརཱི ཝཱགྡཏྟཱསཱིཏ྄ ཏསྱཱཿ སམཱིཔཾ ཛིབྲཱཡེལ྄ དཱུཏ ཨཱིཤྭརེཎ པྲཧིཏཿ།
एक कुंवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दावीद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम.
28 ས གཏྭཱ ཛགཱད ཧེ ཨཱིཤྭརཱནུགྲྀཧཱིཏཀནྱེ ཏཝ ཤུབྷཾ བྷཱུཡཱཏ྄ པྲབྷུཿ པརམེཤྭརསྟཝ སཧཱཡོསྟི ནཱརཱིཎཱཾ མདྷྱེ ཏྭམེཝ དྷནྱཱ།
मरियम को संबोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.”
29 ཏདཱནཱིཾ སཱ ཏཾ དྲྀཥྚྭཱ ཏསྱ ཝཱཀྱཏ ཨུདྭིཛྱ ཀཱིདྲྀཤཾ བྷཱཥཎམིདམ྄ ཨིཏི མནསཱ ཙིནྟཡཱམཱས།
इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है.
30 ཏཏོ དཱུཏོ྅ཝདཏ྄ ཧེ མརིཡམ྄ བྷཡཾ མཱཀཱརྵཱིཿ, ཏྭཡི པརམེཤྭརསྱཱནུགྲཧོསྟི།
स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं.
31 པཤྱ ཏྭཾ གརྦྦྷཾ དྷྲྀཏྭཱ པུཏྲཾ པྲསོཥྱསེ ཏསྱ ནཱམ ཡཱིཤུརིཏི ཀརིཥྱསི།
सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें.
32 ས མཧཱན྄ བྷཝིཥྱཏི ཏཐཱ སཪྻྭེབྷྱཿ ཤྲེཥྛསྱ པུཏྲ ཨིཏི ཁྱཱསྱཏི; ཨཔརཾ པྲབྷུཿ པརམེཤྭརསྟསྱ པིཏུརྡཱཡཱུདཿ སིཾཧཱསནཾ ཏསྨཻ དཱསྱཏི;
वह महान होंगे. परम प्रधान के पुत्र कहलाएंगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दावीद का सिंहासन सौंपेंगे,
33 ཏཐཱ ས ཡཱཀཱུབོ ཝཾཤོཔརི སཪྻྭདཱ རཱཛཏྭཾ ཀརིཥྱཏི, ཏསྱ རཱཛཏྭསྱཱནྟོ ན བྷཝིཥྱཏི། (aiōn )
वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.” (aiōn )
34 ཏདཱ མརིཡམ྄ ཏཾ དཱུཏཾ བབྷཱཥེ ནཱཧཾ པུརུཥསངྒཾ ཀརོམི ཏརྷི ཀཐམེཏཏ྄ སམྦྷཝིཥྱཏི?
मरियम ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “यह कैसे संभव होगा क्योंकि मैं तो कुंवारी हूं?”
35 ཏཏོ དཱུཏོ྅ཀཐཡཏ྄ པཝིཏྲ ཨཱཏྨཱ ཏྭཱམཱཤྲཱཡིཥྱཏི ཏཐཱ སཪྻྭཤྲེཥྛསྱ ཤཀྟིསྟཝོཔརི ཚཱཡཱཾ ཀརིཥྱཏི ཏཏོ ཧེཏོསྟཝ གརྦྦྷཱད྄ ཡཿ པཝིཏྲབཱལཀོ ཛནིཥྱཏེ ས ཨཱིཤྭརཔུཏྲ ཨིཏི ཁྱཱཏིཾ པྲཱཔྶྱཏི།
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेंगे तथा परम प्रधान का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा. इसलिये जो जन्म लेंगे, वह पवित्र और परमेश्वर-पुत्र कहलाएंगे.
36 ཨཔརཉྩ པཤྱ ཏཝ ཛྙཱཏིརིལཱིཤེཝཱ ཡཱཾ སཪྻྭེ བནྡྷྱཱམཝདན྄ ཨིདཱནཱིཾ སཱ ཝཱརྡྡྷཀྱེ སནྟཱནམེཀཾ གརྦྦྷེ྅དྷཱརཡཏ྄ ཏསྱ ཥཥྛམཱསོབྷཱུཏ྄།
और यह भी सुनिए आपकी परिजन एलिज़ाबेथ ने अपनी वृद्धावस्था में एक पुत्र गर्भधारण किया है. वह, जो बांझ कहलाती थी, उन्हें छः माह का गर्भ है.
37 ཀིམཔི ཀརྨྨ ནཱསཱདྷྱམ྄ ཨཱིཤྭརསྱ།
परमेश्वर के लिए असंभव कुछ भी नहीं.”
38 ཏདཱ མརིཡམ྄ ཛགཱད, པཤྱ པྲབྷེརཧཾ དཱསཱི མཧྱཾ ཏཝ ཝཱཀྱཱནུསཱརེཎ སཪྻྭམེཏད྄ གྷཊཏཱམ྄; ཨནནཏརཾ དཱུཏསྟསྱཱཿ སམཱིཔཱཏ྄ པྲཏསྠེ།
मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूं. मेरे लिए वही सब हो, जैसा आपने कहा है.” तब वह स्वर्गदूत उनके पास से चला गया.
39 ཨཐ ཀཏིཔཡདིནཱཏ྄ པརཾ མརིཡམ྄ ཏསྨཱཏ྄ པཪྻྭཏམཡཔྲདེཤཱིཡཡིཧཱུདཱཡཱ ནགརམེཀཾ ཤཱིགྷྲཾ གཏྭཱ
मरियम तुरंत यहूदिया प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के एक नगर को चली गईं.
40 སིཁརིཡཡཱཛཀསྱ གྲྀཧཾ པྲཝིཤྱ ཏསྱ ཛཱཡཱམ྄ ཨིལཱིཤེཝཱཾ སམྦོདྷྱཱཝདཏ྄།
वहां उन्होंने ज़करयाह के घर पर जाकर एलिज़ाबेथ को नमस्कार किया.
41 ཏཏོ མརིཡམཿ སམྦོདྷནཝཱཀྱེ ཨིལཱིཤེཝཱཡཱཿ ཀརྞཡོཿ པྲཝིཥྚམཱཏྲེ སཏི ཏསྱཱ གརྦྦྷསྠབཱལཀོ ནནརྟྟ། ཏཏ ཨིལཱིཤེཝཱ པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ པརིཔཱུརྞཱ སཏཱི
जैसे ही एलिज़ाबेथ ने मरियम का नमस्कार सुना, उनके गर्भ में शिशु उछल पड़ा और एलिज़ाबेथ पवित्र आत्मा से भर गईं.
42 པྲོཙྩཻརྒདིཏུམཱརེབྷེ, ཡོཥིཏཱཾ མདྷྱེ ཏྭམེཝ དྷནྱཱ, ཏཝ གརྦྦྷསྠཿ ཤིཤུཤྩ དྷནྱཿ།
वह उल्लसित शब्द में बोल उठी, “तुम सभी नारियों में धन्य हो और धन्य है तुम्हारे गर्भ का फल!
43 ཏྭཾ པྲབྷོརྨཱཏཱ, མམ ནིཝེཤནེ ཏྭཡཱ ཙརཎཱཝརྤིཏཽ, མམཱདྱ སཽབྷཱགྱམེཏཏ྄།
मुझ पर यह कैसी कृपादृष्टि हुई है, जो मेरे प्रभु की माता मुझसे भेंट करने आई हैं!
44 པཤྱ ཏཝ ཝཱཀྱེ མམ ཀརྞཡོཿ པྲཝིཥྚམཱཏྲེ སཏི མམོདརསྠཿ ཤིཤུརཱནནྡཱན྄ ནནརྟྟ།
देखो तो, जैसे ही तुम्हारा नमस्कार मेरे कानों में पड़ा, हर्षोल्लास से मेरे गर्भ में शिशु उछल पड़ा.
45 ཡཱ སྟྲཱི ཝྱཤྭསཱིཏ྄ སཱ དྷནྱཱ, ཡཏོ ཧེཏོསྟཱཾ པྲཏི པརམེཤྭརོཀྟཾ ཝཱཀྱཾ སཪྻྭཾ སིདྡྷཾ བྷཝིཥྱཏི།
धन्य है वह, जिसने प्रभु द्वारा कही हुई बातों के पूरा होने का विश्वास किया है!”
46 ཏདཱནཱིཾ མརིཡམ྄ ཛགཱད། དྷནྱཝཱདཾ པརེཤསྱ ཀརོཏི མཱམཀཾ མནཿ།
इस पर मरियम के वचन ये थे: “मेरा प्राण प्रभु की प्रशंसा करता है
47 མམཱཏྨཱ ཏཱརཀེཤེ ཙ སམུལླཱསཾ པྲགཙྪཏི།
और मेरी अंतरात्मा परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता में आनंदित हुई है,
48 ཨཀརོཏ྄ ས པྲབྷུ རྡུཥྚིཾ སྭདཱསྱཱ དུརྒཏིཾ པྲཏི། པཤྱཱདྱཱརབྷྱ མཱཾ དྷནྱཱཾ ཝཀྵྱནྟི པུརུཥཱཿ སདཱ།
क्योंकि उन्होंने अपनी दासी की दीनता की ओर दृष्टि की है. अब से सभी पीढ़ियां मुझे धन्य कहेंगी,
49 ཡཿ སཪྻྭཤཀྟིམཱན྄ ཡསྱ ནཱམཱཔི ཙ པཝིཏྲཀཾ། ས ཨེཝ སུམཧཏྐརྨྨ ཀྲྀཏཝཱན྄ མནྣིམིཏྟཀཾ།
क्योंकि सामर्थ्यी ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं. पवित्र है उनका नाम.
50 ཡེ བིབྷྱཏི ཛནཱསྟསྨཱཏ྄ ཏེཥཱཾ སནྟཱནཔཾཀྟིཥུ། ཨནུཀམྤཱ ཏདཱིཡཱ ཙ སཪྻྭདཻཝ སུཏིཥྛཏི།
उनकी दया उनके श्रद्धालुओं पर पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है.
51 སྭབཱཧུབལཏསྟེན པྲཱཀཱཤྱཏ པརཱཀྲམཿ། མནཿཀུམནྟྲཎཱསཱརྡྡྷཾ ཝིཀཱིཪྻྱནྟེ྅བྷིམཱནིནཿ།
अपने भुजबल से उन्होंने प्रतापी काम किए हैं और अभिमानियों को बिखरा दिया है.
52 སིཾཧཱསནགཏཱལློཀཱན྄ བལིནཤྩཱཝརོཧྱ སཿ། པདེཥཱུཙྩེཥུ ལོཀཱཾསྟུ ཀྵུདྲཱན྄ སཾསྠཱཔཡཏྱཔི།
परमेश्वर ने राजाओं को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया तथा विनम्रों को उठाया है.
53 ཀྵུདྷིཏཱན྄ མཱནཝཱན྄ དྲཝྱཻརུཏྟམཻཿ པརིཏརྤྱ སཿ། སཀལཱན྄ དྷནིནོ ལོཀཱན྄ ཝིསྲྀཛེད྄ རིཀྟཧསྟཀཱན྄།
उन्होंने भूखों को उत्तम पदार्थों से तृप्त किया तथा सम्पन्नों को खाली लौटा दिया.
54 ཨིབྲཱཧཱིམི ཙ ཏདྭཾཤེ ཡཱ དཡཱསྟི སདཻཝ ཏཱཾ། སྨྲྀཏྭཱ པུརཱ པིཏྲྀཎཱཾ ནོ ཡཐཱ སཱཀྵཱཏ྄ པྲཏིཤྲུཏཾ། (aiōn )
उन्होंने अपने सेवक इस्राएल की सहायता अपनी उस करुणा के स्मरण में की,
55 ཨིསྲཱཡེལྶེཝཀསྟེན ཏཐོཔཀྲིཡཏེ སྭཡཾ༎
जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा-सर्वदा रहेगी.” (aiōn )
56 ཨནནྟརཾ མརིཡམ྄ པྲཱཡེཎ མཱསཏྲཡམ྄ ཨིལཱིཤེཝཡཱ སཧོཥིཏྭཱ ཝྱཱགྷུཡྻ ནིཛནིཝེཤནཾ ཡཡཽ།
लगभग तीन माह एलिज़ाबेथ के साथ रहकर मरियम अपने घर लौट गईं.
57 ཏདནནྟརམ྄ ཨིལཱིཤེཝཱཡཱཿ པྲསཝཀཱལ ཨུཔསྠིཏེ སཏི སཱ པུཏྲཾ པྲཱསོཥྚ།
एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया.
58 ཏཏཿ པརམེཤྭརསྟསྱཱཾ མཧཱནུགྲཧཾ ཀྲྀཏཝཱན྄ ཨེཏཏ྄ ཤྲུཏྭཱ སམཱིཔཝཱསིནཿ ཀུཊུམྦཱཤྩཱགཏྱ ཏཡཱ སཧ མུམུདིརེ།
जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनंद में सम्मिलित हो गए.
59 ཏཐཱཥྚམེ དིནེ ཏེ བཱལཀསྱ ཏྭཙཾ ཚེཏྟུམ྄ ཨེཏྱ ཏསྱ པིཏྲྀནཱམཱནུརཱུཔཾ ཏནྣཱམ སིཁརིཡ ཨིཏི ཀརྟྟུམཱིཥུཿ།
आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़करयाह पुकारने लगे.
60 ཀིནྟུ ཏསྱ མཱཏཱཀཐཡཏ྄ ཏནྣ, ནཱམཱསྱ ཡོཧན྄ ཨིཏི ཀརྟྟཝྱམ྄།
किंतु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”
61 ཏདཱ ཏེ ཝྱཱཧརན྄ ཏཝ ཝཾཤམདྷྱེ ནཱམེདྲྀཤཾ ཀསྱཱཔི ནཱསྟི།
इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”
62 ཏཏཿ པརཾ ཏསྱ པིཏརཾ སིཁརིཡཾ པྲཏི སངྐེཏྱ པཔྲཙྪུཿ ཤིཤོཿ ཀིཾ ནཱམ ཀཱརིཥྱཏེ?
तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं?
63 ཏཏཿ ས ཕལཀམེཀཾ ཡཱཙིཏྭཱ ལིལེཁ ཏསྱ ནཱམ ཡོཧན྄ བྷཝིཥྱཏི། ཏསྨཱཏ྄ སཪྻྭེ ཨཱཤྩཪྻྱཾ མེནིརེ།
ज़करयाह ने एक लेखन पट्ट मंगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए.
64 ཏཏྐྵཎཾ སིཁརིཡསྱ ཛིཧྭཱཛཱཌྱེ྅པགཏེ ས མུཁཾ ཝྱཱདཱཡ སྤཥྚཝརྞམུཙྩཱཪྻྱ ཨཱིཤྭརསྱ གུཎཱནུཝཱདཾ ཙཀཱར།
उसी क्षण उनकी आवाज लौट आई. उनकी जीभ के बंधन खुल गए और वह परमेश्वर की स्तुति करने लगे.
65 ཏསྨཱཙྩཏུརྡིཀྶྠཱཿ སམཱིཔཝཱསིལོཀཱ བྷཱིཏཱ ཨེཝམེཏཱཿ སཪྻྭཱཿ ཀཐཱ ཡིཧཱུདཱཡཱཿ པཪྻྭཏམཡཔྲདེཤསྱ སཪྻྭཏྲ པྲཙཱརིཏཱཿ།
सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धा भाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी.
66 ཏསྨཱཏ྄ ཤྲོཏཱརོ མནཿསུ སྠཱཔཡིཏྭཱ ཀཐཡཱམྦབྷཱུཝུཿ ཀཱིདྲྀཤོཡཾ བཱལོ བྷཝིཥྱཏི? ཨཐ པརམེཤྭརསྟསྱ སཧཱཡོབྷཱུཏ྄།
निःसंदेह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”
67 ཏདཱ ཡོཧནཿ པིཏཱ སིཁརིཡཿ པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ པརིཔཱུརྞཿ སན྄ ཨེཏཱདྲྀཤཾ བྷཝིཥྱདྭཱཀྱཾ ཀཐཡཱམཱས།
पवित्र आत्मा से भरकर उनके पिता ज़करयाह इस प्रकार भविष्यवाणियों का वर्णानुभाषण करना शुरू किया:
68 ཨིསྲཱཡེལཿ པྲབྷུ ཪྻསྟུ ས དྷནྱཿ པརམེཤྭརཿ། ཨནུགྲྀཧྱ ནིཛཱལློཀཱན྄ ས ཨེཝ པརིམོཙཡེཏ྄།
“धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया.
69 ཝིཔཀྵཛནཧསྟེབྷྱོ ཡཐཱ མོཙྱཱམཧེ ཝཡཾ། ཡཱཝཛྫཱིཝཉྩ དྷརྨྨེཎ སཱརལྱེན ཙ ནིརྦྷཡཱཿ།
उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दावीद के वंश में एक उद्धारकर्ता पैदा किया है,
70 སེཝཱམཧཻ ཏམེཝཻཀམ྄ ཨེཏཏྐཱརཎམེཝ ཙ། སྭཀཱིཡཾ སུཔཝིཏྲཉྩ སཾསྨྲྀཏྱ ནིཡམཾ སདཱ།
(जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) (aiōn )
71 ཀྲྀཔཡཱ པུརུཥཱན྄ པཱུཪྻྭཱན྄ ནིཀཥཱརྠཱཏྟུ ནཿ པིཏུཿ། ཨིབྲཱཧཱིམཿ སམཱིཔེ ཡཾ ཤཔཐཾ ཀྲྀཏཝཱན྄ པུརཱ།
शत्रुओं तथा उन सबसे, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा
72 ཏམེཝ སཕལཾ ཀརྟྟཾ ཏཐཱ ཤཏྲུགཎསྱ ཙ། ཨྲྀཏཱིཡཱཀཱརིཎཤྩཻཝ ཀརེབྷྱོ རཀྵཎཱཡ ནཿ།
कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें;
73 སྲྀཥྚེཿ པྲཐམཏཿ སྭཱིཡཻཿ པཝིཏྲཻ རྦྷཱཝིཝཱདིབྷིཿ། (aiōn )
वही वाचा, जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी:
74 ཡཐོཀྟཝཱན྄ ཏཐཱ སྭསྱ དཱཡཱུདཿ སེཝཀསྱ ཏུ།
वह हमें हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे,
75 ཝཾཤེ ཏྲཱཏཱརམེཀཾ ས སམུཏྤཱདིཏཝཱན྄ སྭཡམ྄།
कि हम पवित्रता और धार्मिकता में निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें.
76 ཨཏོ ཧེ བཱལཀ ཏྭནྟུ སཪྻྭེབྷྱཿ ཤྲེཥྛ ཨེཝ ཡཿ། ཏསྱཻཝ བྷཱཝིཝཱདཱིཏི པྲཝིཁྱཱཏོ བྷཝིཥྱསི། ཨསྨཱཀཾ ཙརཎཱན྄ ཀྵེམེ མཱརྒེ ཙཱལཡིཏུཾ སདཱ། ཨེཝཾ དྷྭཱནྟེ྅རྠཏོ མྲྀཏྱོཤྪཱཡཱཡཱཾ ཡེ ཏུ མཱནཝཱཿ།
“और बालक तुम, मेरे पुत्र, परम प्रधान परमेश्वर के भविष्यवक्ता कहलाओगे; क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे,
77 ཨུཔཝིཥྚཱསྟུ ཏཱནེཝ པྲཀཱཤཡིཏུམེཝ ཧི། ཀྲྀཏྭཱ མཧཱནུཀམྤཱཾ ཧི ཡཱམེཝ པརམེཤྭརཿ།
तुम परमेश्वर की प्रजा को उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे.
78 ཨཱུརྡྭྭཱཏ྄ སཱུཪྻྱམུདཱཡྻཻཝཱསྨབྷྱཾ པྲཱདཱཏྟུ དརྴནཾ། ཏཡཱནུཀམྤཡཱ སྭསྱ ལོཀཱནཱཾ པཱཔམོཙནེ།
हमारे परमेश्वर की अत्यधिक कृपा के कारण, स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय होगा,
79 པརིཏྲཱཎསྱ ཏེབྷྱོ ཧི ཛྙཱནཝིཤྲཱཎནཱཡ ཙ། པྲབྷོ རྨཱརྒཾ པརིཥྐརྟྟུཾ ཏསྱཱགྲཱཡཱི བྷཝིཥྱསི༎
उन पर, जो अंधकार और मृत्यु की छाया में हैं; कि इसके द्वारा हमारा मार्गदर्शन शांति के मार्ग पर हो.”
80 ཨཐ བཱལཀཿ ཤརཱིརེཎ བུདྡྷྱཱ ཙ ཝརྡྡྷིཏུམཱརེབྷེ; ཨཔརཉྩ ས ཨིསྲཱཡེལོ ཝཾཤཱིཡལོཀཱནཱཾ སམཱིཔེ ཡཱཝནྣ པྲཀཊཱིབྷཱུཏསྟཱསྟཱཝཏ྄ པྲཱནྟརེ ནྱཝསཏ྄།
बालक योहन का विकास होता गया तथा वह आत्मिक रूप से भी बलवंत होते गए. इस्राएल के सामने सार्वजनिक रूप से प्रकट होने के पहले वह बंजर भूमि में निवास करते रहे.