< པྲེརིཏཱཿ 13 >
1 ཨཔརཉྩ བརྞབྦཱཿ, ཤིམོན྄ ཡཾ ནིགྲཾ ཝདནྟི, ཀུརཱིནཱིཡལཱུཀིཡོ ཧེརོདཱ རཱཛྙཱ སཧ ཀྲྀཏཝིདྱཱབྷྱཱསོ མིནཧེམ྄, ཤཽལཤྩཻཏེ ཡེ ཀིཡནྟོ ཛནཱ བྷཝིཥྱདྭཱདིན ཨུཔདེཥྚཱརཤྩཱནྟིཡཁིཡཱནགརསྠམཎྜལྱཱམ྄ ཨཱསན྄,
१अन्ताकिया की कलीसिया में कई भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; अर्थात् बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और चौथाई देश के राजा हेरोदेस का दूधभाई मनाहेम और शाऊल।
2 ཏེ ཡདོཔཝཱསཾ ཀྲྀཏྭེཤྭརམ྄ ཨསེཝནྟ ཏསྨིན྄ སམཡེ པཝིཏྲ ཨཱཏྨཱ ཀཐིཏཝཱན྄ ཨཧཾ ཡསྨིན྄ ཀརྨྨཎི བརྞབྦཱཤཻལཽ ནིཡུཀྟཝཱན྄ ཏཏྐརྨྨ ཀརྟྟུཾ ཏཽ པྲྀཐཀ྄ ཀུརུཏ།
२जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, “मेरे लिये बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैंने उन्हें बुलाया है।”
3 ཏཏསྟཻརུཔཝཱསཔྲཱརྠནཡོཿ ཀྲྀཏཡོཿ སཏོསྟེ ཏཡོ རྒཱཏྲཡོ རྷསྟཱརྤཎཾ ཀྲྀཏྭཱ ཏཽ ཝྱསྲྀཛན྄།
३तब उन्होंने उपवास और प्रार्थना करके और उन पर हाथ रखकर उन्हें विदा किया।
4 ཏཏཿ པརཾ ཏཽ པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ པྲེརིཏཽ སནྟཽ སིལཱུཀིཡཱནགརམ྄ ཨུཔསྠཱཡ སམུདྲཔཐེན ཀུཔྲོཔདྭཱིཔམ྄ ཨགཙྪཏཱཾ།
४अतः वे पवित्र आत्मा के भेजे हुए सिलूकिया को गए; और वहाँ से जहाज पर चढ़कर साइप्रस को चले।
5 ཏཏཿ སཱལཱམཱིནགརམ྄ ཨུཔསྠཱཡ ཏཏྲ ཡིཧཱུདཱིཡཱནཱཾ བྷཛནབྷཝནཱནི གཏྭེཤྭརསྱ ཀཐཱཾ པྲཱཙཱརཡཏཱཾ; ཡོཧནཔི ཏཏྶཧཙརོ྅བྷཝཏ྄།
५और सलमीस में पहुँचकर, परमेश्वर का वचन यहूदियों के आराधनालयों में सुनाया; और यूहन्ना उनका सेवक था।
6 ཨིཏྠཾ ཏེ ཏསྱོཔདྭཱིཔསྱ སཪྻྭཏྲ བྷྲམནྟཿ པཱཕནགརམ྄ ཨུཔསྠིཏཱཿ; ཏཏྲ སུཝིཝེཙཀེན སརྫིཡཔཽལནཱམྣཱ ཏདྡེཤཱདྷིཔཏིནཱ སཧ བྷཝིཥྱདྭཱདིནོ ཝེཤདྷཱརཱི བཪྻཱིཤུནཱམཱ ཡོ མཱཡཱཝཱི ཡིཧཱུདཱི ཨཱསཱིཏ྄ ཏཾ སཱཀྵཱཏ྄ པྲཱཔྟཝཏཿ།
६और उस सारे टापू में से होते हुए, पाफुस तक पहुँचे। वहाँ उन्हें बार-यीशु नामक एक जादूगर मिला, जो यहूदी और झूठा भविष्यद्वक्ता था।
7 ཏདྡེཤཱདྷིཔ ཨཱིཤྭརསྱ ཀཐཱཾ ཤྲོཏུཾ ཝཱཉྪན྄ པཽལབརྞབྦཽ ནྱམནྟྲཡཏ྄།
७वह हाकिम सिरगियुस पौलुस के साथ था, जो बुद्धिमान पुरुष था। उसने बरनबास और शाऊल को अपने पास बुलाकर परमेश्वर का वचन सुनना चाहा।
8 ཀིནྟྭིལུམཱ ཡཾ མཱཡཱཝིནཾ ཝདནྟི ས དེཤཱདྷིཔཏིཾ དྷརྨྨམཱརྒཱད྄ བཧིརྦྷཱུཏཾ ཀརྟྟུམ྄ ཨཡཏཏ།
८परन्तु एलीमास जादूगर ने, (क्योंकि यही उसके नाम का अर्थ है) उनका सामना करके, हाकिम को विश्वास करने से रोकना चाहा।
9 ཏསྨཱཏ྄ ཤོལོ྅རྠཱཏ྄ པཽལཿ པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ པརིཔཱུརྞཿ སན྄ ཏཾ མཱཡཱཝིནཾ པྲཏྱནནྱདྲྀཥྚིཾ ཀྲྀཏྭཱཀཐཡཏ྄,
९तब शाऊल ने जिसका नाम पौलुस भी है, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर उसकी ओर टकटकी लगाकर कहा,
10 ཧེ ནརཀིན྄ དྷརྨྨདྭེཥིན྄ ཀཽཊིལྱདུཥྐརྨྨཔརིཔཱུརྞ, ཏྭཾ ཀིཾ པྲབྷོཿ སཏྱཔཐསྱ ཝིཔཪྻྱཡཀརཎཱཏ྄ ཀདཱཔི ན ནིཝརྟྟིཥྱསེ?
१०“हे सारे कपट और सब चतुराई से भरे हुए शैतान की सन्तान, सकल धार्मिकता के बैरी, क्या तू प्रभु के सीधे मार्गों को टेढ़ा करना न छोड़ेगा?
11 ཨདྷུནཱ པརམེཤྭརསྟཝ སམུཙིཏཾ ཀརིཥྱཏི ཏེན ཀཏིཔཡདིནཱནི ཏྭམ྄ ཨནྡྷཿ སན྄ སཱུཪྻྱམཔི ན དྲཀྵྱསི། ཏཏྐྵཎཱད྄ རཱཏྲིཝད྄ ཨནྡྷཀཱརསྟསྱ དྲྀཥྚིམ྄ ཨཱཙྪཱདིཏཝཱན྄; ཏསྨཱཏ྄ ཏསྱ ཧསྟཾ དྷརྟྟུཾ ས ལོཀམནྭིཙྪན྄ ཨིཏསྟཏོ བྷྲམཎཾ ཀྲྀཏཝཱན྄།
११अब देख, प्रभु का हाथ तुझ पर पड़ा है; और तू कुछ समय तक अंधा रहेगा और सूर्य को न देखेगा।” तब तुरन्त धुंधलापन और अंधेरा उस पर छा गया, और वह इधर-उधर टटोलने लगा ताकि कोई उसका हाथ पकड़कर ले चले।
12 ཨེནཱཾ གྷཊནཱཾ དྲྀཥྚྭཱ ས དེཤཱདྷིཔཏིཿ པྲབྷཱུཔདེཤཱད྄ ཝིསྨིཏྱ ཝིཤྭཱསཾ ཀྲྀཏཝཱན྄།
१२तब हाकिम ने जो कुछ हुआ था, देखकर और प्रभु के उपदेश से चकित होकर विश्वास किया।
13 ཏདནནྟརཾ པཽལསྟཏྶངྒིནཽ ཙ པཱཕནགརཱཏ྄ པྲོཏཾ ཙཱལཡིཏྭཱ པམྥུལིཡཱདེཤསྱ པརྒཱིནགརམ྄ ཨགཙྪན྄ ཀིནྟུ ཡོཧན྄ ཏཡོཿ སམཱིཔཱད྄ ཨེཏྱ ཡིརཱུཤཱལམཾ པྲཏྱཱགཙྪཏ྄།
१३पौलुस और उसके साथी पाफुस से जहाज खोलकर पंफूलिया के पिरगा में आए; और यूहन्ना उन्हें छोड़कर यरूशलेम को लौट गया।
14 པཤྩཱཏ྄ ཏཽ པརྒཱིཏོ ཡཱཏྲཱཾ ཀྲྀཏྭཱ པིསིདིཡཱདེཤསྱ ཨཱནྟིཡཁིཡཱནགརམ྄ ཨུཔསྠཱཡ ཝིཤྲཱམཝཱརེ བྷཛནབྷཝནཾ པྲཝིཤྱ སམུཔཱཝིཤཏཱཾ།
१४और पिरगा से आगे बढ़कर पिसिदिया के अन्ताकिया में पहुँचे; और सब्त के दिन आराधनालय में जाकर बैठ गए।
15 ཝྱཝསྠཱབྷཝིཥྱདྭཱཀྱཡོཿ པཋིཏཡོཿ སཏོ རྷེ བྷྲཱཏརཽ ལོཀཱན྄ པྲཏི ཡུཝཡོཿ ཀཱཙིད྄ ཨུཔདེཤཀཐཱ ཡདྱསྟི ཏརྷི ཏཱཾ ཝདཏཾ ཏཽ པྲཏི ཏསྱ བྷཛནབྷཝནསྱཱདྷིཔཏཡཿ ཀཐཱམ྄ ཨེཏཱཾ ཀཐཡིཏྭཱ པྲཻཥཡན྄།
१५व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक से पढ़ने के बाद आराधनालय के सरदारों ने उनके पास कहला भेजा, “हे भाइयों, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो।”
16 ཨཏཿ པཽལ ཨུཏྟིཥྛན྄ ཧསྟེན སངྐེཏཾ ཀུཪྻྭན྄ ཀཐིཏཝཱན྄ ཧེ ཨིསྲཱཡེལཱིཡམནུཥྱཱ ཨཱིཤྭརཔརཱཡཎཱཿ སཪྻྭེ ལོཀཱ ཡཱུཡམ྄ ཨཝདྷདྡྷཾ།
१६तब पौलुस ने खड़े होकर और हाथ से इशारा करके कहा, “हे इस्राएलियों, और परमेश्वर से डरनेवालों, सुनो
17 ཨེཏེཥཱམིསྲཱཡེལློཀཱནཱམ྄ ཨཱིཤྭརོ྅སྨཱཀཾ པཱུཪྻྭཔརུཥཱན྄ མནོནཱིཏཱན྄ ཀཏྭཱ གྲྀཧཱིཏཝཱན྄ ཏཏོ མིསརི དེཤེ པྲཝསནཀཱལེ ཏེཥཱམུནྣཏིཾ ཀྲྀཏྭཱ ཏསྨཱཏ྄ སྭཱིཡབཱཧུབལེན ཏཱན྄ བཧིཿ ཀྲྀཏྭཱ སམཱནཡཏ྄།
१७इन इस्राएली लोगों के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुन लिया, और जब ये मिस्र देश में परदेशी होकर रहते थे, तो उनकी उन्नति की; और बलवन्त भुजा से निकाल लाया।
18 ཙཏྭཱརིཾཤདྭཏྶརཱན྄ ཡཱཝཙྩ མཧཱཔྲཱནྟརེ ཏེཥཱཾ བྷརཎཾ ཀྲྀཏྭཱ
१८और वह कोई चालीस वर्ष तक जंगल में उनकी सहता रहा,
19 ཀིནཱནྡེཤཱནྟཪྻྭརྟྟཱིཎི སཔྟརཱཛྱཱནི ནཱཤཡིཏྭཱ གུཊིཀཱཔཱཏེན ཏེཥུ སཪྻྭདེཤེཥུ ཏེབྷྱོ྅དྷིཀཱརཾ དཏྟཝཱན྄།
१९और कनान देश में सात जातियों का नाश करके उनका देश लगभग साढ़े चार सौ वर्ष में इनकी विरासत में कर दिया।
20 པཉྩཱཤདདྷིཀཙཏུཿཤཏེཥུ ཝཏྶརེཥུ གཏེཥུ ཙ ཤིམཱུཡེལྦྷཝིཥྱདྭཱདིཔཪྻྱནྟཾ ཏེཥཱམུཔརི ཝིཙཱརཡིཏྲྀན྄ ནིཡུཀྟཝཱན྄།
२०इसके बाद उसने शमूएल भविष्यद्वक्ता तक उनमें न्यायी ठहराए।
21 ཏཻཤྩ རཱཛྙི པྲཱརྠིཏེ, ཨཱིཤྭརོ བིནྱཱམཱིནོ ཝཾཤཛཱཏསྱ ཀཱིཤཿ པུཏྲཾ ཤཽལཾ ཙཏྭཱརིཾཤདྭརྵཔཪྻྱནྟཾ ཏེཥཱམུཔརི རཱཛཱནཾ ཀྲྀཏཝཱན྄།
२१उसके बाद उन्होंने एक राजा माँगा; तब परमेश्वर ने चालीस वर्ष के लिये बिन्यामीन के गोत्र में से एक मनुष्य अर्थात् कीश के पुत्र शाऊल को उन पर राजा ठहराया।
22 པཤྩཱཏ྄ ཏཾ པདཙྱུཏཾ ཀྲྀཏྭཱ ཡོ མདིཥྚཀྲིཡཱཿ སཪྻྭཱཿ ཀརིཥྱཏི ཏཱདྲྀཤཾ མམ མནོབྷིམཏམ྄ ཨེཀཾ ཛནཾ ཡིཤཡཿ པུཏྲཾ དཱཡཱུདཾ པྲཱཔྟཝཱན྄ ཨིདཾ པྲམཱཎཾ ཡསྨིན྄ དཱཡཱུདི ས དཏྟཝཱན྄ ཏཾ དཱཡཱུདཾ ཏེཥཱམུཔརི རཱཛཏྭཾ ཀརྟྟུམ྄ ཨུཏྤཱདིཏཝཱན།
२२फिर उसे अलग करके दाऊद को उनका राजा बनाया; जिसके विषय में उसने गवाही दी, ‘मुझे एक मनुष्य, यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरी सारी इच्छा पूरी करेगा।’
23 ཏསྱ སྭཔྲཏིཤྲུཏསྱ ཝཱཀྱསྱཱནུསཱརེཎ ཨིསྲཱཡེལློཀཱནཱཾ ནིམིཏྟཾ ཏེཥཱཾ མནུཥྱཱཎཱཾ ཝཾཤཱད྄ ཨཱིཤྭར ཨེཀཾ ཡཱིཤུཾ (ཏྲཱཏཱརམ྄) ཨུདཔཱདཡཏ྄།
२३उसी के वंश में से परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार इस्राएल के पास एक उद्धारकर्ता, अर्थात् यीशु को भेजा।
24 ཏསྱ པྲཀཱཤནཱཏ྄ པཱུཪྻྭཾ ཡོཧན྄ ཨིསྲཱཡེལློཀཱནཱཾ སནྣིདྷཽ མནཿཔརཱཝརྟྟནརཱུཔཾ མཛྫནཾ པྲཱཙཱརཡཏ྄།
२४जिसके आने से पहले यूहन्ना ने सब इस्राएलियों को मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार किया।
25 ཡསྱ ཙ ཀརྨྨཎོ བྷཱརཾ པྲཔྟཝཱན྄ ཡོཧན྄ ཏན྄ ནིཥྤཱདཡན྄ ཨེཏཱཾ ཀཐཱཾ ཀཐིཏཝཱན྄, ཡཱུཡཾ མཱཾ ཀཾ ཛནཾ ཛཱནཱིཐ? ཨཧམ྄ ཨབྷིཥིཀྟཏྲཱཏཱ ནཧི, ཀིནྟུ པཤྱཏ ཡསྱ པཱདཡོཿ པཱདུཀཡོ རྦནྡྷནེ མོཙཡིཏུམཔི ཡོགྱོ ན བྷཝཱམི ཏཱདྲྀཤ ཨེཀོ ཛནོ མམ པཤྩཱད྄ ཨུཔཏིཥྛཏི།
२५और जब यूहन्ना अपनी सेवा पूरी करने पर था, तो उसने कहा, ‘तुम मुझे क्या समझते हो? मैं वह नहीं! वरन् देखो, मेरे बाद एक आनेवाला है, जिसके पाँवों की जूती के बन्ध भी मैं खोलने के योग्य नहीं।’
26 ཧེ ཨིབྲཱཧཱིམོ ཝཾཤཛཱཏཱ བྷྲཱཏརོ ཧེ ཨཱིཤྭརབྷཱིཏཱཿ སཪྻྭལོཀཱ ཡུཥྨཱན྄ པྲཏི པརིཏྲཱཎསྱ ཀཐཻཥཱ པྲེརིཏཱ།
२६“हे भाइयों, तुम जो अब्राहम की सन्तान हो; और तुम जो परमेश्वर से डरते हो, तुम्हारे पास इस उद्धार का वचन भेजा गया है।
27 ཡིརཱུཤཱལམྣིཝཱསིནསྟེཥཱམ྄ ཨདྷིཔཏཡཤྩ ཏསྱ ཡཱིཤོཿ པརིཙཡཾ ན པྲཱཔྱ པྲཏིཝིཤྲཱམཝཱརཾ པཋྱམཱནཱནཱཾ བྷཝིཥྱདྭཱདིཀཐཱནཱམ྄ ཨབྷིཔྲཱཡམ྄ ཨབུདྡྷྭཱ ཙ ཏསྱ ཝདྷེན ཏཱཿ ཀཐཱཿ སཕལཱ ཨཀུཪྻྭན྄།
२७क्योंकि यरूशलेम के रहनेवालों और उनके सरदारों ने, न उसे पहचाना, और न भविष्यद्वक्ताओं की बातें समझी; जो हर सब्त के दिन पढ़ी जाती हैं, इसलिए उसे दोषी ठहराकर उनको पूरा किया।
28 པྲཱཎཧནནསྱ ཀམཔི ཧེཏུམ྄ ཨཔྲཱཔྱཱཔི པཱིལཱཏསྱ ནིཀཊེ ཏསྱ ཝདྷཾ པྲཱརྠཡནྟ།
२८उन्होंने मार डालने के योग्य कोई दोष उसमें न पाया, फिर भी पिलातुस से विनती की, कि वह मार डाला जाए।
29 ཏསྨིན྄ ཡཱཿ ཀཐཱ ལིཁིཏཱཿ སནྟི ཏདནུསཱརེཎ ཀརྨྨ སམྤཱདྱ ཏཾ ཀྲུཤཱད྄ ཨཝཏཱཪྻྱ ཤྨཤཱནེ ཤཱཡིཏཝནྟཿ།
२९और जब उन्होंने उसके विषय में लिखी हुई सब बातें पूरी की, तो उसे क्रूस पर से उतार कर कब्र में रखा।
30 ཀིནྟྭཱིཤྭརཿ ཤྨཤཱནཱཏ྄ ཏམུདསྠཱཔཡཏ྄,
३०परन्तु परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया,
31 པུནཤྩ གཱལཱིལཔྲདེཤཱད྄ ཡིརཱུཤཱལམནགརཾ ཏེན སཱརྡྡྷཾ ཡེ ལོཀཱ ཨཱགཙྪན྄ ས བཧུདིནཱནི ཏེབྷྱོ དརྴནཾ དཏྟཝཱན྄, ཨཏསྟ ཨིདཱནཱིཾ ལོཀཱན྄ པྲཏི ཏསྱ སཱཀྵིཎཿ སནྟི།
३१और वह उन्हें जो उसके साथ गलील से यरूशलेम आए थे, बहुत दिनों तक दिखाई देता रहा; लोगों के सामने अब वे ही उसके गवाह हैं।
32 ཨསྨཱཀཾ པཱུཪྻྭཔུརུཥཱཎཱཾ སམཀྵམ྄ ཨཱིཤྭརོ ཡསྨིན྄ པྲཏིཛྙཱཏཝཱན྄ ཡཐཱ, ཏྭཾ མེ པུཏྲོསི ཙཱདྱ ཏྭཱཾ སམུཏྠཱཔིཏཝཱནཧམ྄།
३२और हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में जो पूर्वजों से की गई थी, यह सुसमाचार सुनाते हैं,
33 ཨིདཾ ཡདྭཙནཾ དྭིཏཱིཡགཱིཏེ ལིཁིཏམཱསྟེ ཏད྄ ཡཱིཤོརུཏྠཱནེན ཏེཥཱཾ སནྟཱནཱ ཡེ ཝཡམ྄ ཨསྨཱཀཾ སནྣིདྷཽ ཏེན པྲཏྱཀྵཱི ཀྲྀཏཾ, ཡུཥྨཱན྄ ཨིམཾ སུསཾཝཱདཾ ཛྙཱཔཡཱམི།
३३कि परमेश्वर ने यीशु को जिलाकर, वही प्रतिज्ञा हमारी सन्तान के लिये पूरी की; जैसा दूसरे भजन में भी लिखा है, ‘तू मेरा पुत्र है; आज मैं ही ने तुझे जन्माया है।’
34 པརམེཤྭརེཎ ཤྨཤཱནཱད྄ ཨུཏྠཱཔིཏཾ ཏདཱིཡཾ ཤརཱིརཾ ཀདཱཔི ན ཀྵེཥྱཏེ, ཨེཏསྨིན྄ ས སྭཡཾ ཀཐིཏཝཱན྄ ཡཐཱ དཱཡཱུདཾ པྲཏི པྲཏིཛྙཱཏོ ཡོ ཝརསྟམཧཾ ཏུབྷྱཾ དཱསྱཱམི།
३४और उसके इस रीति से मरे हुओं में से जिलाने के विषय में भी, कि वह कभी न सड़े, उसने यह कहा है, ‘मैं दाऊद पर की पवित्र और अटल कृपा तुम पर करूँगा।’
35 ཨེཏདནྱསྨིན྄ གཱིཏེ྅པི ཀཐིཏཝཱན྄། སྭཀཱིཡཾ པུཎྱཝནྟཾ ཏྭཾ ཀྵཡིཏུཾ ན ཙ དཱསྱསི།
३५इसलिए उसने एक और भजन में भी कहा है, ‘तू अपने पवित्र जन को सड़ने न देगा।’
36 དཱཡཱུདཱ ཨཱིཤྭརཱབྷིམཏསེཝཱཡཻ ནིཛཱཡུཥི ཝྱཡིཏེ སཏི ས མཧཱནིདྲཱཾ པྲཱཔྱ ནིཛཻཿ པཱུཪྻྭཔུརུཥཻཿ སཧ མིལིཏཿ སན྄ ཨཀྵཱིཡཏ;
३६“क्योंकि दाऊद तो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने समय में सेवा करके सो गया, और अपने पूर्वजों में जा मिला, और सड़ भी गया।
37 ཀིནྟུ ཡམཱིཤྭརཿ ཤྨཤཱནཱད྄ ཨུདསྠཱཔཡཏ྄ ས ནཱཀྵཱིཡཏ།
३७परन्तु जिसको परमेश्वर ने जिलाया, वह सड़ने नहीं पाया।
38 ཨཏོ ཧེ བྷྲཱཏརཿ, ཨནེན ཛནེན པཱཔམོཙནཾ བྷཝཏཱིཏི ཡུཥྨཱན྄ པྲཏི པྲཙཱརིཏམ྄ ཨཱསྟེ།
३८इसलिए, हे भाइयों; तुम जान लो कि यीशु के द्वारा पापों की क्षमा का समाचार तुम्हें दिया जाता है।
39 ཕལཏོ མཱུསཱཝྱཝསྠཡཱ ཡཱུཡཾ ཡེབྷྱོ དོཥེབྷྱོ མུཀྟཱ བྷཝིཏུཾ ན ཤཀྵྱཐ ཏེབྷྱཿ སཪྻྭདོཥེབྷྱ ཨེཏསྨིན྄ ཛནེ ཝིཤྭཱསིནཿ སཪྻྭེ མུཀྟཱ བྷཝིཥྱནྟཱིཏི ཡུཥྨཱབྷི རྫྙཱཡཏཱཾ།
३९और जिन बातों से तुम मूसा की व्यवस्था के द्वारा निर्दोष नहीं ठहर सकते थे, उन्हीं सबसे हर एक विश्वास करनेवाला उसके द्वारा निर्दोष ठहरता है।
40 ཨཔརཉྩ། ཨཝཛྙཱཀཱརིཎོ ལོཀཱཤྩཀྵུརུནྨཱིལྱ པཤྱཏ། ཏཐཻཝཱསམྦྷཝཾ ཛྙཱཏྭཱ སྱཱཏ ཡཱུཡཾ ཝིལཛྫིཏཱཿ། ཡཏོ ཡུཥྨཱསུ ཏིཥྛཏྶུ ཀརིཥྱེ ཀརྨྨ ཏཱདྲྀཤཾ། ཡེནཻཝ ཏསྱ ཝྲྀཏྟཱནྟེ ཡུཥྨབྷྱཾ ཀཐིཏེ྅པི ཧི། ཡཱུཡཾ ན ཏནྟུ ཝྲྀཏྟཱནྟཾ པྲཏྱེཥྱཐ ཀདཱཙན༎
४०इसलिए चौकस रहो, ऐसा न हो, कि जो भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखित है, तुम पर भी आ पड़े:
41 ཡེཡཾ ཀཐཱ བྷཝིཥྱདྭཱདིནཱཾ གྲནྠེཥུ ལིཁིཏཱསྟེ སཱཝདྷཱནཱ བྷཝཏ ས ཀཐཱ ཡཐཱ ཡུཥྨཱན྄ པྲཏི ན གྷཊཏེ།
४१‘हे निन्दा करनेवालों, देखो, और चकित हो, और मिट जाओ; क्योंकि मैं तुम्हारे दिनों में एक काम करता हूँ; ऐसा काम, कि यदि कोई तुम से उसकी चर्चा करे, तो तुम कभी विश्वास न करोगे।’”
42 ཡིཧཱུདཱིཡབྷཛནབྷཝནཱན྄ ནིརྒཏཡོསྟཡོ རྦྷིནྣདེཤཱིཡཻ ཪྻཀྵྱམཱཎཱ པྲཱརྠནཱ ཀྲྀཏཱ, ཨཱགཱམིནི ཝིཤྲཱམཝཱརེ྅པི ཀཐེཡམ྄ ཨསྨཱན྄ པྲཏི པྲཙཱརིཏཱ བྷཝཏྭིཏི།
४२उनके बाहर निकलते समय लोग उनसे विनती करने लगे, कि अगले सब्त के दिन हमें ये बातें फिर सुनाई जाएँ।
43 སབྷཱཡཱ བྷངྒེ སཏི བཧཝོ ཡིཧཱུདཱིཡལོཀཱ ཡིཧཱུདཱིཡམཏགྲཱཧིཎོ བྷཀྟལོཀཱཤྩ བརྞབྦཱཔཽལཡོཿ པཤྩཱད྄ ཨཱགཙྪན྄, ཏེན ཏཽ ཏཻཿ སཧ ནཱནཱཀཐཱཿ ཀཐཡིཏྭེཤྭརཱནུགྲཧཱཤྲཡེ སྠཱཏུཾ ཏཱན྄ པྲཱཝརྟྟཡཏཱཾ།
४३और जब आराधनालय उठ गई तो यहूदियों और यहूदी मत में आए हुए भक्तों में से बहुत से पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिए; और उन्होंने उनसे बातें करके समझाया, कि परमेश्वर के अनुग्रह में बने रहो।
44 པརཝིཤྲཱམཝཱརེ ནགརསྱ པྲཱཡེཎ སཪྻྭེ ལཱཀཱ ཨཱིཤྭརཱིཡཱཾ ཀཐཱཾ ཤྲོཏུཾ མིལིཏཱཿ,
४४अगले सब्त के दिन नगर के प्रायः सब लोग परमेश्वर का वचन सुनने को इकट्ठे हो गए।
45 ཀིནྟུ ཡིཧཱུདཱིཡལོཀཱ ཛནནིཝཧཾ ཝིལོཀྱ ཨཱིརྵྱཡཱ པརིཔཱུརྞཱཿ སནྟོ ཝིཔརཱིཏཀཐཱཀཐནེནེཤྭརནིནྡཡཱ ཙ པཽལེནོཀྟཱཾ ཀཐཱཾ ཁཎྜཡིཏུཾ ཙེཥྚིཏཝནྟཿ།
४५परन्तु यहूदी भीड़ को देखकर ईर्ष्या से भर गए, और निन्दा करते हुए पौलुस की बातों के विरोध में बोलने लगे।
46 ཏཏཿ པཽལབརྞབྦཱཝཀྵོབྷཽ ཀཐིཏཝནྟཽ པྲཐམཾ ཡུཥྨཱཀཾ སནྣིདྷཱཝཱིཤྭརཱིཡཀཐཱཡཱཿ པྲཙཱརཎམ྄ ཨུཙིཏམཱསཱིཏ྄ ཀིནྟུཾ ཏདགྲཱཧྱཏྭཀརཎེན ཡཱུཡཾ སྭཱན྄ ཨནནྟཱཡུཥོ྅ཡོགྱཱན྄ དརྴཡཐ, ཨེཏཏྐཱརཎཱད྄ ཝཡམ྄ ཨནྱདེཤཱིཡལོཀཱནཱཾ སམཱིཔཾ གཙྪཱམཿ། (aiōnios )
४६तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, “अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परन्तु जबकि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो अब, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं। (aiōnios )
47 པྲབྷུརསྨཱན྄ ཨིཏྠམ྄ ཨཱདིཥྚཝཱན྄ ཡཐཱ, ཡཱཝཙྩ ཛགཏཿ སཱིམཱཾ ལོཀཱནཱཾ ཏྲཱཎཀཱརཎཱཏ྄། མཡཱནྱདེཤམདྷྱེ ཏྭཾ སྠཱཔིཏོ བྷཱུཿ པྲདཱིཔཝཏ྄༎
४७क्योंकि प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है, ‘मैंने तुझे अन्यजातियों के लिये ज्योति ठहराया है, ताकि तू पृथ्वी की छोर तक उद्धार का द्वार हो।’”
48 ཏདཱ ཀཐཱམཱིདྲྀཤཱིཾ ཤྲུཏྭཱ བྷིནྣདེཤཱིཡཱ ཨཱཧླཱདིཏཱཿ སནྟཿ པྲབྷོཿ ཀཐཱཾ དྷནྱཱཾ དྷནྱཱམ྄ ཨཝདན྄, ཡཱཝནྟོ ལོཀཱཤྩ པརམཱཡུཿ པྲཱཔྟིནིམིཏྟཾ ནིརཱུཔིཏཱ ཨཱསན྄ ཏེ ཝྱཤྭསན྄། (aiōnios )
४८यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया। (aiōnios )
49 ཨིཏྠཾ པྲབྷོཿ ཀཐཱ སཪྻྭེདེཤཾ ཝྱཱཔྣོཏ྄།
४९तब प्रभु का वचन उस सारे देश में फैलने लगा।
50 ཀིནྟུ ཡིཧཱུདཱིཡཱ ནགརསྱ པྲདྷཱནཔུརུཥཱན྄ སམྨཱནྱཱཿ ཀཐིཔཡཱ བྷཀྟཱ ཡོཥིཏཤྩ ཀུཔྲཝྲྀཏྟིཾ གྲཱཧཡིཏྭཱ པཽལབརྞབྦཽ ཏཱཌཡིཏྭཱ ཏསྨཱཏ྄ པྲདེཤཱད྄ དཱུརཱིཀྲྀཏཝནྟཿ།
५०परन्तु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्त्रियों को और नगर के प्रमुख लोगों को भड़काया, और पौलुस और बरनबास पर उपद्रव करवाकर उन्हें अपनी सीमा से बाहर निकाल दिया।
51 ཨཏཿ ཀཱརཎཱཏ྄ ཏཽ ནིཛཔདདྷཱུལཱིསྟེཥཱཾ པྲཱཏིཀཱུལྱེན པཱཏཡིཏྭེཀནིཡཾ ནགརཾ གཏཽ།
५१तब वे उनके सामने अपने पाँवों की धूल झाड़कर इकुनियुम को चले गए।
52 ཏཏཿ ཤིཥྱགཎ ཨཱནནྡེན པཝིཏྲེཎཱཏྨནཱ ཙ པརིཔཱུརྞོབྷཝཏ྄།
५२और चेले आनन्द से और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते रहे।