< มถิ: 3 >

1 ตทาโนํ โยหฺนฺนามา มชฺชยิตา ยิหูทียเทศสฺย ปฺรานฺตรมฺ อุปสฺถาย ปฺรจารยนฺ กถยามาส,
कालांतर में यहूदिया प्रदेश के बंजर भूमि में बपतिस्मा देनेवाला योहन आकर यह प्रचार करने लगे,
2 มนำสิ ปราวรฺตฺตยต, สฺวรฺคียราชตฺวํ สมีปมาคตมฺฯ
“मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग-राज्य पास आ गया है.”
3 ปรเมศสฺย ปนฺถานํ ปริษฺกุรุต สรฺวฺวต: ฯ ตสฺย ราชปถำศฺไจว สมีกุรุต สรฺวฺวถาฯ อิเตฺยตตฺ ปฺรานฺตเร วากฺยํ วทต: กสฺยจิทฺ รว: ๚
यह वही हैं जिनके विषय में भविष्यवक्ता यशायाह ने अपने अभिलेख में इस प्रकार संकेत दिया है: “वह आवाज, जो बंजर भूमि में पुकार-पुकारकर कह रही है, ‘प्रभु का रास्ता सीधा करो, उनका मार्ग सरल बनाओ.’”
4 เอตทฺวจนํ ยิศยิยภวิษฺยทฺวาทินา โยหนมุทฺทิศฺย ภาษิตมฺฯ โยหโน วสนํ มหางฺคโรมชํ ตสฺย กเฏา จรฺมฺมกฏิพนฺธนํ; ส จ ศูกกีฏานฺ มธุ จ ภุกฺตวานฺฯ
बपतिस्मा देनेवाले योहन का परिधान ऊंट के रोम से निर्मित वस्त्र और उसके ऊपर चमड़े का कमरबंध था, और उनका भोजन था टिड्डियां तथा जंगलीमधु.
5 ตทานีํ ยิรูศาลมฺนครนิวาสิน: สรฺเวฺว ยิหูทิเทศียา ยรฺทฺทนฺตฏินฺยา อุภยตฏสฺถาศฺจ มานวา พหิราคตฺย ตสฺย สมีเป
येरूशलेम नगर, सारे यहूदिया प्रदेश और यरदन नदी के नज़दीकी क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग उनके पास आने लगे.
6 สฺวียํ สฺวียํ ทุริตมฺ องฺคีกฺฤตฺย ตสฺยำ ยรฺทฺทนิ เตน มชฺชิตา พภูวุ: ฯ
पापों को मानने के बाद योहन उन्हें यरदन नदी में बपतिस्मा दिया करते थे.
7 อปรํ พหูนฺ ผิรูศิน: สิทูกินศฺจ มนุชานฺ มํกฺตุํ สฺวสมีปมฺ อาคจฺจฺโหฺต วิโลกฺย ส ตานฺ อภิทเธา, เร เร ภุชควํศา อาคามีน: โกปาตฺ ปลายิตุํ ยุษฺมานฺ กศฺเจติตวานฺ?
जब योहन ने देखा कि अनेक फ़रीसी और सदूकी बपतिस्मा लेने आ रहे हैं, उन्होंने उनकी उल्लाहना करते हुए कहा, “विषैले सांपों की संतान! समीप आ रहे क्रोध से भागने की चेतावनी तुम्हें किसने दे दी?
8 มน: ปราวรฺตฺตนสฺย สมุจิตํ ผลํ ผลตฯ
सच्चे मन फिराने का प्रमाण दो
9 กินฺตฺวสฺมากํ ตาต อิพฺราหีมฺ อสฺตีติ เสฺวษุ มน: สุ จีนฺตยนฺโต มา วฺยาหรตฯ ยโต ยุษฺมานฺ อหํ วทามิ, อีศฺวร เอเตภฺย: ปาษาเณภฺย อิพฺราหีม: สนฺตานานฺ อุตฺปาทยิตุํ ศกฺโนติฯ
और ऐसा मत सोचो कि आप कह सकते हैं, ‘हम तो अब्राहाम की संतान हैं!’ क्योंकि मैं तुम्हें बताता हूं कि परमेश्वर में इन पत्थरों तक से अब्राहाम की संतान पैदा करने का सामर्थ्य है.
10 อปรํ ปาทปานำ มูเล กุฐาร อิทานีมปิ ลคนฺ อาเสฺต, ตสฺมาทฺ ยสฺมินฺ ปาทเป อุตฺตมํ ผลํ น ภวติ, ส กฺฤตฺโต มเธฺย'คฺนึ นิกฺเษปฺสฺยเตฯ
कुल्हाड़ी पहले ही वृक्षों की जड़ पर रखी हुई है. हर एक पेड़, जो उत्तम फल नहीं फलता, काटा जाता और आग में झोंक दिया जाता है.
11 อปรมฺ อหํ มน: ปราวรฺตฺตนสูจเกน มชฺชเนน ยุษฺมานฺ มชฺชยามีติ สตฺยํ, กินฺตุ มม ปศฺจาทฺ ย อาคจฺฉติ, ส มตฺโตปิ มหานฺ, อหํ ตทีโยปานเหา โวฒุมปิ นหิ โยโคฺยสฺมิ, ส ยุษฺมานฺ วหฺนิรูเป ปวิตฺร อาตฺมนิ สํมชฺชยิษฺยติฯ
“मैं तो तुम्हें पश्चाताप के लिए पानी से बपतिस्मा दे रहा हूं किंतु वह, जो मेरे बाद आ रहे हैं, मुझसे अधिक शक्तिशाली हैं. मैं तो इस योग्य भी नहीं कि उनकी जूतियां उठाऊं. वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग में बपतिस्मा देंगे.
12 ตสฺย กาเร สูรฺป อาเสฺต, ส สฺวียศสฺยานิ สมฺยกฺ ปฺรโสฺผฏฺย นิชานฺ สกลโคธูมานฺ สํคฺฤหฺย ภาณฺฑาคาเร สฺถาปยิษฺยติ, กึนฺตุ สรฺวฺวาณิ วุษาณฺยนิรฺวฺวาณวหฺนินา ทาหยิษฺยติฯ
सूप उनके हाथ में है. वह अपने खलिहान को अच्छी तरह साफ़ करेंगे, गेहूं को भंडार में इकट्ठा करेंगे और भूसी को कभी न बुझनेवाली आग में भस्म कर देंगे.”
13 อนนฺตรํ ยีศุ โรฺยหนา มชฺชิโต ภวิตุํ คาลีลฺปฺรเทศาทฺ ยรฺทฺทนิ ตสฺย สมีปมฺ อาชคามฯ
येशु गलील प्रदेश से यरदन नदी पर योहन के पास आए कि उनके द्वारा बपतिस्मा लें
14 กินฺตุ โยหนฺ ตํ นิษิธฺย พภาเษ, ตฺวํ กึ มม สมีปมฺ อาคจฺฉสิ? วรํ ตฺวยา มชฺชนํ มม ปฺรโยชนมฺ อาเสฺตฯ
किंतु योहन ने इसका इनकार करते हुए कहा, “आवश्यक तो यह है कि मैं आपसे बपतिस्मा लूं. यहां तो आप मुझसे बपतिस्मा लेने आए हैं!”
15 ตทานีํ ยีศุ: ปฺรตฺยโวจตฺ; อีทานีมฺ อนุมนฺยสฺว, ยต อิตฺถํ สรฺวฺวธรฺมฺมสาธนมฺ อสฺมากํ กรฺตฺตวฺยํ, ตต: โส'นฺวมนฺยตฯ
मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “इस समय तो यही होने दो. हम दोनों के लिए परमेश्वर द्वारा निर्धारित धार्मिकता इसी रीति से पूरी करना सही है.” इस पर योहन सहमत हो गए.
16 อนนฺตรํ ยีศุรมฺมสิ มชฺชิตุ: สนฺ ตตฺกฺษณาตฺ โตยมธฺยาทฺ อุตฺถาย ชคาม, ตทา ชีมูตทฺวาเร มุกฺเต ชาเต, ส อีศฺวรสฺยาตฺมานํ กโปตวทฺ อวรุหฺย โสฺวปรฺยฺยาคจฺฉนฺตํ วีกฺษาญฺจเกฺรฯ
बपतिस्मा के बाद जैसे ही मसीह येशु जल में से बाहर आए, उनके लिए स्वर्ग खोल दिया गया और योहन ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते हुए तथा येशु पर ठहरते देखा.
17 อปรมฺ เอษ มม ปฺริย: ปุตฺร เอตสฺมินฺเนว มม มหาสนฺโตษ เอตาทฺฤศี โวฺยมชา วาคฺ พภูวฯ
उसी समय स्वर्ग से यह शब्द सुना गया, “यह मेरा पुत्र है—मेरा परम प्रिय—जिससे मैं पूरी तरह प्रसन्‍न हूं.”

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