< มถิ: 27 >
1 ปฺรภาเต ชาเต ปฺรธานยาชกโลกปฺราจีนา ยีศุํ หนฺตุํ ตตฺปฺรติกูลํ มนฺตฺรยิตฺวา
१जब भोर हुई, तो सब प्रधान याजकों और लोगों के प्राचीनों ने यीशु के मार डालने की सम्मति की।
2 ตํ พทฺวฺวา นีตฺวา ปนฺตียปีลาตาขฺยาธิเป สมรฺปยามาสุ: ฯ
२और उन्होंने उसे बाँधा और ले जाकर पिलातुस राज्यपाल के हाथ में सौंप दिया।
3 ตโต ยีโศ: ปรกเรวฺวรฺปยิตา ยิหูทาสฺตตฺปฺราณาทณฺฑาชฺญำ วิทิตฺวา สนฺตปฺตมนา: ปฺรธานยาชกโลกปฺราจีนานำ สมกฺษํ ตาสฺตฺรีํศนฺมุทฺรา: ปฺรติทายาวาทีตฺ,
३जब उसके पकड़वानेवाले यहूदा ने देखा कि वह दोषी ठहराया गया है तो वह पछताया और वे तीस चाँदी के सिक्के प्रधान याजकों और प्राचीनों के पास फेर लाया।
4 เอตนฺนิราโคนรปฺราณปรกรารฺปณาตฺ กลุษํ กฺฤตวานหํฯ ตทา ต อุทิตวนฺต: , เตนาสฺมากํ กึ? ตฺวยา ตทฺ พุธฺยตามฺฯ
४और कहा, “मैंने निर्दोषी को मृत्यु के लिये पकड़वाकर पाप किया है?” उन्होंने कहा, “हमें क्या? तू ही जाने।”
5 ตโต ยิหูทา มนฺทิรมเธฺย ตา มุทฺรา นิกฺษิปฺย ปฺรสฺถิตวานฺ อิตฺวา จ สฺวยมาตฺมานมุทฺพพนฺธฯ
५तब वह उन सिक्कों को मन्दिर में फेंककर चला गया, और जाकर अपने आपको फांसी दी।
6 ปศฺจาตฺ ปฺรธานยาชกาสฺตา มุทฺรา อาทาย กถิตวนฺต: , เอตา มุทฺรา: โศณิตมูลฺยํ ตสฺมาทฺ ภาณฺฑาคาเร น นิธาตวฺยา: ฯ
६प्रधान याजकों ने उन सिक्कों को लेकर कहा, “इन्हें, भण्डार में रखना उचित नहीं, क्योंकि यह लहू का दाम है।”
7 อนนฺตรํ เต มนฺตฺรยิตฺวา วิเทศินำ ศฺมศานสฺถานาย ตาภิ: กุลาลสฺย เกฺษตฺรมกฺรีณนฺฯ
७अतः उन्होंने सम्मति करके उन सिक्कों से परदेशियों के गाड़ने के लिये कुम्हार का खेत मोल ले लिया।
8 อโต'ทฺยาปิ ตตฺสฺถานํ รกฺตกฺเษตฺรํ วทนฺติฯ
८इस कारण वह खेत आज तक लहू का खेत कहलाता है।
9 อิตฺถํ สติ อิสฺราเยลียสนฺตาไน รฺยสฺย มูลฺยํ นิรุปิตํ, ตสฺย ตฺรึศนฺมุทฺรามานํ มูลฺยํ
९तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था वह पूरा हुआ “उन्होंने वे तीस सिक्के अर्थात् उस ठहराए हुए मूल्य को (जिसे इस्राएल की सन्तान में से कितनों ने ठहराया था) ले लिया।
10 มำ ปฺรติ ปรเมศฺวรสฺยาเทศาตฺ เตภฺย อาทียต, เตน จ กุลาลสฺย เกฺษตฺรํ กฺรีตมิติ ยทฺวจนํ ยิริมิยภวิษฺยทฺวาทินา โปฺรกฺตํ ตตฺ ตทาสิธฺยตฺฯ
१०और जैसे प्रभु ने मुझे आज्ञा दी थी वैसे ही उन्हें कुम्हार के खेत के मूल्य में दे दिया।”
11 อนนฺตรํ ยีเศา ตทธิปเต: สมฺมุข อุปติษฺฐติ ส ตํ ปปฺรจฺฉ, ตฺวํ กึ ยิหูทียานำ ราชา? ตทา ยีศุสฺตมวทตฺ, ตฺวํ สตฺยมุกฺตวานฺฯ
११जब यीशु राज्यपाल के सामने खड़ा था, तो राज्यपाल ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” यीशु ने उससे कहा, “तू आप ही कह रहा है।”
12 กินฺตุ ปฺรธานยาชกปฺราจีไนรภิยุกฺเตน เตน กิมปิ น ปฺรตฺยวาทิฯ
१२जब प्रधान याजक और पुरनिए उस पर दोष लगा रहे थे, तो उसने कुछ उत्तर नहीं दिया।
13 ตต: ปีลาเตน ส อุทิต: , อิเม ตฺวตฺปฺรติกูลต: กติ กติ สากฺษฺยํ ททติ, ตตฺ ตฺวํ น ศฺฤโณษิ?
१३इस पर पिलातुस ने उससे कहा, “क्या तू नहीं सुनता, कि ये तेरे विरोध में कितनी गवाहियाँ दे रहे हैं?”
14 ตถาปิ ส เตษาเมกสฺยาปิ วจส อุตฺตรํ โนทิตวานฺ; เตน โส'ธิปติ รฺมหาจิตฺรํ วิทามาสฯ
१४परन्तु उसने उसको एक बात का भी उत्तर नहीं दिया, यहाँ तक कि राज्यपाल को बड़ा आश्चर्य हुआ।
15 อนฺยจฺจ ตนฺมหกาเล'ธิปเตเรตาทฺฤศี ราติราสีตฺ, ปฺรชา ยํ กญฺจน พนฺธินํ ยาจนฺเต, ตเมว ส โมจยตีติฯ
१५और राज्यपाल की यह रीति थी, कि उस पर्व में लोगों के लिये किसी एक बन्दी को जिसे वे चाहते थे, छोड़ देता था।
16 ตทานีํ พรพฺพานามา กศฺจิตฺ ขฺยาตพนฺธฺยาสีตฺฯ
१६उस समय बरअब्बा नामक उन्हीं में का, एक नामी बन्धुआ था।
17 ตต: ปีลาตสฺตตฺร มิลิตานฺ โลกานฺ อปฺฤจฺฉตฺ, เอษ พรพฺพา พนฺธี ขฺรีษฺฏวิขฺยาโต ยีศุศฺไจตโย: กํ โมจยิษฺยามิ? ยุษฺมากํ กิมีปฺสิตํ?
१७अतः जब वे इकट्ठा हुए, तो पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम किसको चाहते हो, कि मैं तुम्हारे लिये छोड़ दूँ? बरअब्बा को, या यीशु को जो मसीह कहलाता है?”
18 ไตรีรฺษฺยยา ส สมรฺปิต อิติ ส ชฺญาตวานฺฯ
१८क्योंकि वह जानता था कि उन्होंने उसे डाह से पकड़वाया है।
19 อปรํ วิจาราสโนปเวศนกาเล ปีลาตสฺย ปตฺนี ภฺฤตฺยํ ปฺรหิตฺย ตไสฺม กถยามาส, ตํ ธารฺมฺมิกมนุชํ ปฺรติ ตฺวยา กิมปิ น กรฺตฺตวฺยํ; ยสฺมาตฺ ตตฺกฺฤเต'ทฺยาหํ สฺวปฺเน ปฺรภูตกษฺฏมลเภฯ
१९जब वह न्याय की गद्दी पर बैठा हुआ था तो उसकी पत्नी ने उसे कहला भेजा, “तू उस धर्मी के मामले में हाथ न डालना; क्योंकि मैंने आज स्वप्न में उसके कारण बहुत दुःख उठाया है।”
20 อนนฺตรํ ปฺรธานยาชกปฺราจีนา พรพฺพำ ยาจิตฺวาทาตุํ ยีศุญฺจ หนฺตุํ สกลโลกานฺ ปฺราวรฺตฺตยนฺฯ
२०प्रधान याजकों और प्राचीनों ने लोगों को उभारा, कि वे बरअब्बा को माँग लें, और यीशु को नाश कराएँ।
21 ตโต'ธิปติสฺตานฺ ปฺฤษฺฏวานฺ, เอตโย: กมหํ โมจยิษฺยามิ? ยุษฺมากํ เกจฺฉา? เต โปฺรจุ รฺพรพฺพำฯ
२१राज्यपाल ने उनसे पूछा, “इन दोनों में से किसको चाहते हो, कि तुम्हारे लिये छोड़ दूँ?” उन्होंने कहा, “बरअब्बा को।”
22 ตทา ปีลาต: ปปฺรจฺฉ, ตรฺหิ ยํ ขฺรีษฺฏํ วทนฺติ, ตํ ยีศุํ กึ กริษฺยามิ? สรฺเวฺว กถยามาสุ: , ส กฺรุเศน วิธฺยตำฯ
२२पिलातुस ने उनसे पूछा, “फिर यीशु को जो मसीह कहलाता है, क्या करूँ?” सब ने उससे कहा, “वह क्रूस पर चढ़ाया जाए।”
23 ตโต'ธิปติรวาทีตฺ, กุต: ? กึ เตนาปราทฺธํ? กินฺตุ เต ปุนรุไจ รฺชคทุ: , ส กฺรุเศน วิธฺยตำฯ
२३राज्यपाल ने कहा, “क्यों उसने क्या बुराई की है?” परन्तु वे और भी चिल्ला चिल्लाकर कहने लगे, “वह क्रूस पर चढ़ाया जाए।”
24 ตทา นิชวากฺยมคฺราหฺยมภูตฺ, กลหศฺจาปฺยภูตฺ, ปีลาต อิติ วิโลกฺย โลกานำ สมกฺษํ โตยมาทาย กเรา ปฺรกฺษาลฺยาโวจตฺ, เอตสฺย ธารฺมฺมิกมนุษฺยสฺย โศณิตปาเต นิรฺโทโษ'หํ, ยุษฺมาภิเรว ตทฺ พุธฺยตำฯ
२४जब पिलातुस ने देखा, कि कुछ बन नहीं पड़ता परन्तु इसके विपरीत उपद्रव होता जाता है, तो उसने पानी लेकर भीड़ के सामने अपने हाथ धोए, और कहा, “मैं इस धर्मी के लहू से निर्दोष हूँ; तुम ही जानो।”
25 ตทา สรฺวฺวา: ปฺรชา: ปฺรตฺยโวจนฺ, ตสฺย โศณิตปาตาปราโธ'สฺมากมฺ อสฺมตฺสนฺตานานาญฺโจปริ ภวตุฯ
२५सब लोगों ने उत्तर दिया, “इसका लहू हम पर और हमारी सन्तान पर हो!”
26 ตต: ส เตษำ สมีเป พรพฺพำ โมจยามาส ยีศุนฺตุ กษาภิราหตฺย กฺรุเศน เวธิตุํ สมรฺปยามาสฯ
२६इस पर उसने बरअब्बा को उनके लिये छोड़ दिया, और यीशु को कोड़े लगवाकर सौंप दिया, कि क्रूस पर चढ़ाया जाए।
27 อนนฺตรมฺ อธิปเต: เสนา อธิปเต รฺคฺฤหํ ยีศุมานีย ตสฺย สมีเป เสนาสมูหํ สํชคฺฤหุ: ฯ
२७तब राज्यपाल के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारे सैनिक उसके चारों ओर इकट्ठा किए।
28 ตตเสฺต ตสฺย วสนํ โมจยิตฺวา กฺฤษฺณโลหิตวรฺณวสนํ ปริธาปยามาสุ:
२८और उसके कपड़े उतारकर उसे लाल चोगा पहनाया।
29 กณฺฏกานำ มุกุฏํ นิรฺมฺมาย ตจฺฉิรสิ ททุ: , ตสฺย ทกฺษิณกเร เวตฺรเมกํ ทตฺตฺวา ตสฺย สมฺมุเข ชานูนิ ปาตยิตฺวา, เห ยิหูทียานำ ราชนฺ, ตุภฺยํ นม อิตฺยุกฺตฺวา ตํ ติรศฺจกฺรุ: ,
२९और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे उपहास में उड़ाने लगे, “हे यहूदियों के राजा नमस्कार!”
30 ตตสฺตสฺย คาเตฺร นิษฺฐีวํ ทตฺวา เตน เวเตฺรณ ศิร อาชฆฺนุ: ฯ
३०और उस पर थूका; और वही सरकण्डा लेकर उसके सिर पर मारने लगे।
31 อิตฺถํ ตํ ติรสฺกฺฤตฺย ตทฺ วสนํ โมจยิตฺวา ปุนรฺนิชวสนํ ปริธาปยาญฺจกฺรุ: , ตํ กฺรุเศน เวธิตุํ นีตวนฺต: ฯ
३१जब वे उसका उपहास कर चुके, तो वह चोगा उस पर से उतारकर फिर उसी के कपड़े उसे पहनाए, और क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले चले।
32 ปศฺจาตฺเต พหิรฺภูย กุรีณียํ ศิโมนฺนามกเมกํ วิโลกฺย กฺรุศํ โวฒุํ ตมาททิเรฯ
३२बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नामक एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले।
33 อนนฺตรํ คุลฺคลฺตามฺ อรฺถาตฺ ศิรสฺกปาลนามกสฺถานมุ ปสฺถาย เต ยีศเว ปิตฺตมิศฺริตามฺลรสํ ปาตุํ ททุ: ,
३३और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात् खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुँचकर
34 กินฺตุ ส ตมาสฺวาทฺย น ปเปาฯ
३४उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उसने चखकर पीना न चाहा।
35 ตทานีํ เต ตํ กฺรุเศน สํวิธฺย ตสฺย วสนานิ คุฏิกาปาเตน วิภชฺย ชคฺฤหุ: , ตสฺมาตฺ, วิภชนฺเต'ธรียํ เม เต มนุษฺยา: ปรสฺปรํฯ มทุตฺตรียวสฺตฺรารฺถํ คุฏิกำ ปาตยนฺติ จ๚ ยเทตทฺวจนํ ภวิษฺยทฺวาทิภิรุกฺตมาสีตฺ, ตทา ตทฺ อสิธฺยตฺ,
३५तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिए।
36 ปศฺจาตฺ เต ตโตฺรปวิศฺย ตทฺรกฺษณกรฺวฺวณิ นิยุกฺตาสฺตสฺถุ: ฯ
३६और वहाँ बैठकर उसका पहरा देने लगे।
37 อปรมฺ เอษ ยิหูทียานำ ราชา ยีศุริตฺยปวาทลิปิปตฺรํ ตจฺฉิรส อูรฺทฺเวฺว โยชยามาสุ: ฯ
३७और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि “यह यहूदियों का राजा यीशु है।”
38 ตตสฺตสฺย วาเม ทกฺษิเณ จ เทฺวา ไจเรา เตน สากํ กฺรุเศน วิวิธุ: ฯ
३८तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएँ क्रूसों पर चढ़ाए गए।
39 ตทา ปานฺถา นิชศิโร ลาฑยิตฺวา ตํ นินฺทนฺโต ชคทุ: ,
३९और आने-जानेवाले सिर हिला-हिलाकर उसकी निन्दा करते थे।
40 เห อีศฺวรมนฺทิรภญฺชก ทินตฺรเย ตนฺนิรฺมฺมาต: สฺวํ รกฺษ, เจตฺตฺวมีศฺวรสุตสฺตรฺหิ กฺรุศาทวโรหฯ
४०और यह कहते थे, “हे मन्दिर के ढानेवाले और तीन दिन में बनानेवाले, अपने आपको तो बचा! यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ।”
41 ปฺรธานยาชกาธฺยาปกปฺราจีนาศฺจ ตถา ติรสฺกฺฤตฺย ชคทุ: ,
४१इसी रीति से प्रधान याजक भी शास्त्रियों और प्राचीनों समेत उपहास कर करके कहते थे,
42 โส'นฺยชนานาวตฺ, กินฺตุ สฺวมวิตุํ น ศกฺโนติฯ ยทีสฺราเยโล ราชา ภเวตฺ, ตรฺหีทานีเมว กฺรุศาทวโรหตุ, เตน ตํ วยํ ปฺรเตฺยษฺยาม: ฯ
४२“इसने दूसरों को बचाया, और अपने आपको नहीं बचा सकता। यह तो ‘इस्राएल का राजा’ है। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें।
43 ส อีศฺวเร ปฺรตฺยาศามกโรตฺ, ยทีศฺวรสฺตสฺมินฺ สนฺตุษฺฏสฺตรฺหีทานีเมว ตมเวตฺ, ยต: ส อุกฺตวานฺ อหมีศฺวรสุต: ฯ
४३उसने परमेश्वर का भरोसा रखा है, यदि वह इसको चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्योंकि इसने कहा था, कि ‘मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ।’”
44 เยา เสฺตเนา สากํ เตน กฺรุเศน วิทฺเธา เตา ตทฺวเทว ตํ นินินฺทตุ: ฯ
४४इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे उसकी निन्दा करते थे।
45 ตทา ทฺวิตียยามาตฺ ตฺฤตียยามํ ยาวตฺ สรฺวฺวเทเศ ตมิรํ พภูว,
४५दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अंधेरा छाया रहा।
46 ตฺฤตียยาเม "เอลี เอลี ลามา ศิวกฺตนี", อรฺถาตฺ มทีศฺวร มทีศฺวร กุโต มามตฺยากฺษี: ? ยีศุรุจฺไจริติ ชคาทฯ
४६तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “एली, एली, लमा शबक्तनी?” अर्थात् “हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?”
47 ตทา ตตฺร สฺถิตา: เกจิตฺ ตตฺ ศฺรุตฺวา พภาษิเร, อยมฺ เอลิยมาหูยติฯ
४७जो वहाँ खड़े थे, उनमें से कितनों ने यह सुनकर कहा, “वह तो एलिय्याह को पुकारता है।”
48 เตษำ มธฺยาทฺ เอก: ศีฆฺรํ คตฺวา สฺปญฺชํ คฺฤหีตฺวา ตตฺรามฺลรสํ ทตฺตฺวา นเลน ปาตุํ ตไสฺม ทเทาฯ
४८उनमें से एक तुरन्त दौड़ा, और पनसोख्ता लेकर सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया।
49 อิตเร'กถยนฺ ติษฺฐต, ตํ รกฺษิตุมฺ เอลิย อายาติ นเวติ ปศฺยาม: ฯ
४९औरों ने कहा, “रह जाओ, देखें, एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।”
50 ยีศุ: ปุนรุไจราหูย ปฺราณานฺ ชเหาฯ
५०तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिए।
51 ตโต มนฺทิรสฺย วิจฺเฉทวสนมฺ อูรฺทฺวฺวาทโธ ยาวตฺ ฉิทฺยมานํ ทฺวิธาภวตฺ,
५१तब, मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया: और धरती डोल गई और चट्टानें फट गईं।
52 ภูมิศฺจกมฺเป ภูธโรวฺยทีรฺยฺยต จฯ ศฺมศาเน มุกฺเต ภูริปุณฺยวตำ สุปฺตเทหา อุทติษฺฐนฺ,
५२और कब्रें खुल गईं, और सोए हुए पवित्र लोगों के बहुत शव जी उठे।
53 ศฺมศานาทฺ วหิรฺภูย ตทุตฺถานาตฺ ปรํ ปุณฺยปุรํ คตฺวา พหุชนานฺ ทรฺศยามาสุ: ฯ
५३और उसके जी उठने के बाद वे कब्रों में से निकलकर पवित्र नगर में गए, और बहुतों को दिखाई दिए।
54 ยีศุรกฺษณาย นิยุกฺต: ศตเสนาปติสฺตตฺสงฺคินศฺจ ตาทฺฤศีํ ภูกมฺปาทิฆฏนำ ทฺฤษฺฏฺวา ภีตา อวทนฺ, เอษ อีศฺวรปุโตฺร ภวติฯ
५४तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भूकम्प और जो कुछ हुआ था, देखकर अत्यन्त डर गए, और कहा, “सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था!”
55 ยา พหุโยษิโต ยีศุํ เสวมานา คาลีลสฺตตฺปศฺจาทาคตาสฺตาสำ มเธฺย
५५वहाँ बहुत सी स्त्रियाँ जो गलील से यीशु की सेवा करती हुईं उसके साथ आईं थीं, दूर से देख रही थीं।
56 มคฺทลีนี มริยมฺ ยากูโพฺยโศฺย รฺมาตา ยา มริยมฺ สิพทิยปุตฺรโย รฺมาตา จ โยษิต เอตา ทูเร ติษฺฐนฺโตฺย ททฺฤศุ: ฯ
५६उनमें मरियम मगदलीनी और याकूब और योसेस की माता मरियम और जब्दी के पुत्रों की माता थीं।
57 สนฺธฺยายำ สตฺยมฺ อริมถิยานครสฺย ยูษผฺนามา ธนี มนุโช ยีโศ: ศิษฺยตฺวาตฺ
५७जब साँझ हुई तो यूसुफ नामक अरिमतियाह का एक धनी मनुष्य जो आप ही यीशु का चेला था, आया।
58 ปีลาตสฺย สมีปํ คตฺวา ยีโศ: กายํ ยยาเจ, เตน ปีลาต: กายํ ทาตุมฺ อาทิเทศฯ
५८उसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा। इस पर पिलातुस ने दे देने की आज्ञा दी।
59 ยูษผฺ ตตฺกายํ นีตฺวา ศุจิวสฺเตฺรณาจฺฉาทฺย
५९यूसुफ ने शव को लेकर उसे साफ चादर में लपेटा।
60 สฺวารฺถํ ไศเล ยตฺ ศฺมศานํ จขาน, ตนฺมเธฺย ตตฺกายํ นิธาย ตสฺย ทฺวาริ วฺฤหตฺปาษาณํ ทเทาฯ
६०और उसे अपनी नई कब्र में रखा, जो उसने चट्टान में खुदवाई थी, और कब्र के द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़काकर चला गया।
61 กินฺตุ มคฺทลีนี มริยมฺ อนฺยมริยมฺ เอเต สฺตฺริเยา ตตฺร ศฺมศานสมฺมุข อุปวิวิศตุ: ฯ
६१और मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम वहाँ कब्र के सामने बैठी थीं।
62 ตทนนฺตรํ นิสฺตาโรตฺสวสฺยาโยชนทินาตฺ ปเร'หนิ ปฺรธานยาชกา: ผิรูศินศฺจ มิลิตฺวา ปีลาตมุปาคตฺยากถยนฺ,
६२दूसरे दिन जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान याजकों और फरीसियों ने पिलातुस के पास इकट्ठे होकर कहा।
63 เห มเหจฺฉ ส ปฺรตารโก ชีวน อกถยตฺ, ทินตฺรยาตฺ ปรํ ศฺมศานาทุตฺถาสฺยามิ ตทฺวากฺยํ สฺมราโม วยํ;
६३“हे स्वामी, हमें स्मरण है, कि उस भरमानेवाले ने अपने जीते जी कहा था, कि मैं तीन दिन के बाद जी उठूँगा।
64 ตสฺมาตฺ ตฺฤตียทินํ ยาวตฺ ตตฺ ศฺมศานํ รกฺษิตุมาทิศตุ, โนเจตฺ ตจฺฉิษฺยา ยามินฺยามาคตฺย ตํ หฺฤตฺวา โลกานฺ วทิษฺยนฺติ, ส ศฺมศานาทุทติษฺฐตฺ, ตถา สติ ปฺรถมภฺรานฺเต: เศษียภฺรานฺติ รฺมหตี ภวิษฺยติฯ
६४अतः आज्ञा दे कि तीसरे दिन तक कब्र की रखवाली की जाए, ऐसा न हो कि उसके चेले आकर उसे चुरा ले जाएँ, और लोगों से कहने लगें, कि वह मरे हुओं में से जी उठा है: तब पिछला धोखा पहले से भी बुरा होगा।”
65 ตทา ปีลาต อวาทีตฺ, ยุษฺมากํ สมีเป รกฺษิคณ อาเสฺต, ยูยํ คตฺวา ยถา สาธฺยํ รกฺษยตฯ
६५पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम्हारे पास पहरेदार तो हैं जाओ, अपनी समझ के अनुसार रखवाली करो।”
66 ตตเสฺต คตฺวา ตทฺทูรปาษาณํ มุทฺรางฺกิตํ กฺฤตฺวา รกฺษิคณํ นิโยชฺย ศฺมศานํ รกฺษยามาสุ: ฯ
६६अतः वे पहरेदारों को साथ लेकर गए, और पत्थर पर मुहर लगाकर कब्र की रखवाली की।